Uttar Pradesh

Chanduali

CC/21/2014

DEVI SHANKAR - Complainant(s)

Versus

Oriental Ins.co.LTD - Opp.Party(s)

18 Oct 2014

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/21/2014
 
1. DEVI SHANKAR
VILL&PO-SHIKARGANJ DSTI-CHANDAULI
...........Complainant(s)
Versus
1. Oriental Ins.co.LTD
Hatua Market Lahurabir Varanasi
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. jagdishwar Singh PRESIDENT
 HON'BLE MR. Markandey singh MEMBER
 HON'BLE MRS. Munni Devi Maurya MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, चन्दौली।
परिवाद संख्या 21                               सन् 2014ई0
देवीशंकर पुत्र श्री रामचन्दर निवासी ग्राम व पो0 शिकारगंज जिला चन्दौली।
                                      ...........परिवादी                                                                                                                                   बनाम
1- वरिष्ठ मण्डलीय प्रबन्धक दि ओरियेण्टल इश्योरेंस कम्पनी लि0 मण्डलीय कार्यालय प्रथम तल हथुआ मार्केट चेतगंज वाराणसी।
2-  शाखा प्रबन्धक उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक लि0 शाखा चकिया जिला चन्दौली।
                                            .............................विपक्षीगण
उपस्थितिः-
माननीय श्री जगदीश्वर सिंह, अध्यक्ष
माननीया श्रीमती मुन्नी देवी मौर्या सदस्या
माननीय श्री मारकण्डेय सिंह, सदस्य
                               निर्णय
द्वारा श्री जगदीश्वर सिंह,अध्यक्ष
1-    परिवादी द्वारा यह परिवाद विपक्षीगण से मृतक भैस की बीमा धनराशि मु0 20000/-मय 15 प्रतिशत ब्याज के साथ,मु0 2000/-दवा इलाज तथा मु0 10000/- मानसिक क्षति एवं मु0 2000/-वाद व्यय दिलाये जाने हेतुु प्रस्तुत किया गया है।
2-    परिवाद पत्र में संक्षेप में कथन किया गया है कि  परिवादी ने अपने जीविकोपार्जन हेतु सामान्य डेयरी योजना के अन्र्तगत विपक्षी संख्या 2 से ऋण लेकर भैस क्रय किया था। तदोपरान्त उक्त भैस का स्वास्थ्य परीक्षण पशु चिकित्साधिकारी शिकारगंज से कराने के उपरान्त भैस का बीमा मु0 20000/-का  विपक्षी संख्या 2 के माध्यम से  कराया जिसका छल्ला क्रमांक 53617 है। परिवादी के उपरोक्त छल्ला क्रमांक की भैस दिनांक 11-2-2013 को बीमार हुई जिसका इलाज के दौरान ही दिनांक 11-2-2013 को समय लगभग 8 बजे मृत्यु हो गयी। बीमित भैस का शव परीक्षण चकिया के पशुचिकित्साधिकारी के द्वारा दिनांक 11-2-2013 को ही किया गया। परिवादी ने मृत भैस की सूचना लिखित रूप से दिनांक 11-2-2013 को विपक्षी संख्या 1 व 2 को दिया, तथा विपक्षी संख्या 1 के द्वारा मांग किये गये सम्पूर्ण आवश्यक कागजात मय कान का छल्ला सहित उपलब्ध करा दिया। परिवादी को मृतक भैस के दावे के भुगतान हेतु विपक्षी संख्या 1 द्वारा कई बार अपने कार्यालय में बुलाया लेकिन दावे का भुगतान नहीं किया गया । दिनांक 18-4-2013 को विपक्षी संख्या 1 का एक पत्र दावा के निरस्तीकरण का परिवादी को प्राप्त हुआ। तदोपरान्त विपक्षी संख्या 1 द्वारा परिवादी के मृतक भैस का दावा निरस्त करने पर यह परिवाद प्रस्तुत किया गया है।
3-    विपक्षीगण को जबाबदावा हेतु पंजीकृत डाक के माध्यम से नोटिस भेजी गयी थी जो उनके ऊपर विधिवत तामिल हुई लेकिन निर्धारित तिथि पर विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं आये एवं न ही जबाबदावा प्रस्तुत किये इसलिए मुकदमा एक पक्षीय सुने जाने का आदेश दिनांक 7-7-2014 को पारित किया गया है। एक
                                                                                   2
 पक्षीय सुनवाई के आदेश को निरस्त किये जाने हेतु विपक्षी संख्या 1 की ओर से आवेदन पत्र दिया गया जो आदेश दिनांक 8-9-2014 द्वारा इस शर्त के साथ स्वीकार किया गया कि विपक्षी संख्या 1 मु0 200/- हर्जा एक सप्ताह के अन्दर परिवादी को अदा कर दें, अन्यथा एक पक्षीय सुनवाई का आदेश निरस्त किये जाने के संदर्भ में प्रस्तुत आवेदन निरस्त समझा जायेगा। विपक्षी संख्या 1 की ओर से उक्त निर्धारित अवधि में हर्जा नहीं दिया गया। अतः आदेश दिनांक 26-9-2014 द्वारा मुकदमा पूर्वत एक पक्षीय सुने जाने का आदेश पारित हुआ तथा एक पक्षीय बहस हेतु पत्रावली 17-10-2014 को  नियत की गयी । दिनांक 17-10-2014 को पत्रावली जब पेश हुई तो परिवादी के अधिवक्ता उपस्थित आये तथा उनकी एक पक्षीय बहस को सुना गया तथा पत्रावली  निर्णय हेतु दिनांक 18-10-2014 की तिथि नियत कर दी गयी। बाद में विपक्षी संख्या 1 के अधिवक्ता उपस्थित आये तथा दिनांक 26-9-2014 के आदेश को निरस्त किये जाने हेतु आवेदन पत्र दिये जो निरस्त कर दिया गया। विपक्षी संख्या 1 की ओर से लिखित बहस भी दिया गया जिस पर विचार करने का निवेदन किया गया लेकिन इस संदर्भ में कोई विधि व्यवस्था प्रस्तुत नहीं की गयी कि एक पक्षीय सुनवाई के मामले में बहस के बाद जब पत्रावली निर्णय हेतु नियत हो तो विपक्षी के लिखित बहस पर विचार किया जा सकता है।
4-    परिवादी की ओर से अपने कथन के समर्थन में सूची से बीमा कम्पनी का नो क्लेम पत्र कागज संख्या 4/1,पशु मृत्यु प्रमाण पत्र 4/2, विपक्षी संख्या 1 को परिवादी द्वारा भेजे गये प्रार्थना पत्र की छायाप्रति 4/3,पशु शव परीक्षण 4/4,शाखा प्रबन्घक उ0प्र0सह0ग्राम विकास बैंक लि0 का पत्र 4/6,पशु चिकित्साधिकारी का स्वास्थ्य प्रमाण पत्र 4/7,बीमा पालिसी 4/8ता 4/9 दाखिल  किया गया है एवं शपथ पत्र कागज संख्या 9/2 प्रस्तुत करके शपथ पत्र पर कहा गया है कि उपरोक्त दाखिल सभी कागजात सही है।
5-    हम लोगों द्वारा परिवाद के कथनों पर और प्रस्तुत उपरोक्त साक्ष्य शपथ पत्र पर विचार किया गया।
6-    परिवादी का कथन है कि उसने सामान्य डेयरी योजना के अन्र्तगत अपने जीविकोपार्जन हेतु विपक्षी संख्या 2 से ऋण लेकर भैस खरीदा था, इसके पश्चात शिकारगंज के पशुचिकित्साधिकारी से  भैस का स्वास्थ्य परीक्षण कराया और भैसों के कान में छल्ला पहनाया गया जिसमे मृतक भैस के कान का छल्ला क्रमांक 53617 है। परिवादी की ओर से पालिसी शिड्यूल की छायाप्रति कागज संख्या 4/8 ता 4/9 प्रस्तुत किया गया है जिसके परिशीलन से पाया जाता है कि विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा दिनांक 13-2-2012 को परिवादी के दो भैसों का कुल बीमा मु0 40000/- का किया गया था जिसमे एक भैस के कान के छल्ला का टैग नम्बर 53617 व दूसरी भैस के कान का छल्ला नम्बर 53632 था। उपरोक्त बीमा की अवधि दिनांक 13-2-2012 से दिनांक 12-2-2013 की आधी रात्रि तक रही। परिवादी का कथन है कि टैग नम्बर 53617 वाली भैस बीमा अवधि के अन्दर
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 दिनांक 11-2-2013 को बीमार पड़ी और उसी दिन उसकी मृत्यु हो गयी। परिवादी का यह भी कथन है कि भैस के मृत्यु हो जाने के बाद उसी दिन उनसे पशु चिकित्साधिकारी चकिया को सूचना दिया जिन्होंने आकर दिनांक 11-2-2013 को उक्त मृतक भैस के शव का परीक्षण किया तथा शव परीक्षण रिर्पोट तैयार किया और पशुदावा एवं मृत्यु प्रमाण पत्र पर भी अपना हस्ताक्षर किया। परिवादी ने उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी चकिया जिला चन्दौली द्वारा पशु शव परीक्षण प्रतिवेदन की छायाप्रति कागज संख्या 4/4 दाखिल किया है जिससे पाया जाता है कि मृतक भैस का टैग नं0 53617 था जिसकी मृत्यु दिनांक 11-2-2013 को 8 बजे सुबह में हुई तथा उसी दिन सांयकाल 4 बजे पशु चिकित्साधिकारी ने मृतक भैस का शव परीक्षण किया। परिवादी ने वरिष्ठ मण्डलीय प्रबन्धक दि ओरियेण्टल इश्योरेंस कम्पनी लि0 मण्डलीय कार्यालय प्रथम तल हथुआ मार्केट चेतगंज वाराणसी को मृतक भैस की सूचना देते हुए बीमा पालिसी के अन्र्तगत क्लेम देने हेतु आवेदन पत्र प्रेषित किया था जिसकी छायाप्रति कागज संख्या 4/5 पत्रावली में दाखिल किया  है। बीमा की धनराशि के लिए यह दावा शाखा प्रबन्धक उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक लि0 शाखा चकिया जिला चन्दौली एवं पशु चिकित्साधिकारी चकिया जिला चन्दौली के माध्यम से भेजा गया था जिसमे पशु दावा एवं मृत्यु प्रमाण पत्र कागज संख्या 4/2 व अन्य सम्बन्धित प्रलेख हस्ताक्षर करके व मुहर लगाकर बीमा कम्पनी को प्रेषित किया गया है।  विपक्षी बीमा कम्पनी परिवादी के दावे को निरस्त करते हुए इसकी सूचना दिनांक 18-4-2013 को प्रेषित किया जिसकी छायाप्रति कागज संख्या 4/1 पत्रावली में उपलब्ध है इसके परिशीलन से पाया जाता है कि विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा मात्र इस आधार पर परिवादी के मृतक भैस का बीमा धनराशि का दावा निरस्त कर दिया गया है कि भैस की बीमा अवधि दिनांक 13-2-2012 से दिनांक 12-2-2013 तक है तथा बीमा कम्पनी को पशु के मृत्यु की सूचना बीमा अवधि समाप्त होने के बाद दिनांक 13-2-2013 को प्राप्त हुआ है।
7-    हम लोगों के विचार से उपरोक्त आधार पर बीमा कम्पनी ने बिल्कुल गैर कानूनी ढंग से एवं मनमाना ढंग से परिवादी के मृतक भैस के संदर्भ में बीमा धनराशि का दावा खण्डित कर दिया है। प्रस्तुत प्रलेखों से यह प्रमाणित है कि मृतक भैस की बीमा अवधि दिनांक 13-2-2012 से दिनांक 12-2-2013 की मध्य रात्रि तक रही है तथा बीमा अवधि के अन्दर अर्थात बीमा अवधि दिनांक 12-2-2013 को समाप्त होने के एक दिन पहले दिनांक 11-2-2013 को परिवादी के बीमित भैस की मृत्यु हुई है। दिनांक 11-2-2013 को ही परिवादी ने पशु चिकित्साधिकारी चकिया जिला चन्दौली को सूचित करके मृतक भैस  का शव परीक्षण कराया और रिर्पोट तैयार कराया फिर परिवादी ने मृतक भैस की सूचना दूसरे दिन बीमा अवधि के समाप्ति के पूर्व ही ऋण देने वाले बैंक विपक्षी संख्या 2 के माध्यम से सभी आवश्यक प्रलेखों को तैयार कराकर बीमा कम्पनी को प्रेषित कर दिया जो एक दिन बाद ही दिनांक 13-2-2013 को प्राप्त हो गया। इस प्रकार बीमा कम्पनी को मृतक भैस की सूचना देने में अथवा बीमा पालिसी के तहत दावा प्रस्तुत करने में परिवादी की ओर से कोई विलम्ब नहीं किया गया है। जब भैस की
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 मृत्यु बीमा की अवधि  के दौरान दिनांक 11-2-2013 को होना प्रमाणित है तो ऐसी स्थिति में इस आधार पर बीमा दावा खारिज किये जाने का कोई औचित्य नहीं रहा कि बीमा कम्पनी को दावा, बीमा अवधि दिनांक 12-2-2013 को समाप्त होने के बाद दिनांक 13-2-2013 को प्राप्त हुआ। जब भैस बीमा अवधि समाप्त होने के एक दिन पहले दिनांक 11-2-2013 को बीमार होने के कारण मर गयी तो दो दिन के भीतर ही दिनांक 13-2-2013 को विपक्षी बीमा कम्पनी को दावा प्राप्त हो गया तो ऐसा कोई प्राविधान नहीं है कि बीमा की अवधि समाप्त होने के एक-दो दिन पूर्व अगर बीमित भैस की मृत्यु हो जाती है तो बीमा की तिथि बीतने के बाद मृतक भैस के संदर्भ में दावा प्रस्तुत नहीं किया जा सकता है। तद्नुसार हम लोगों द्वारा पाया जाता है कि परिवादी के मृतक भैस के संदर्भ में प्रस्तुत दावा को विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा बिल्कुल मनमाना ढंग से खारिज कर दिया है। दावा खारिज कर दिये जाने के वजह से परिवादी को शारीरिक,मानसिक परेशानी हुई तथा उसे परिवाद प्रस्तुत करने के लिए बाध्य होना पड़ा। अतःउचित हर्जा और वाद व्यय के साथ परिवादी का दावा स्वीकार किये जाने योग्य है।
                               आदेश
    प्रस्तुत परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षी संख्या 1 बीमा कम्पनी को आदेश दिया जाता है कि वह इस निर्णय की तिथि से एक माह के अन्दर परिवादी को मृतक भैस की बीमा धनराशि मु0 20000/-(बीस हजार) तथा इस पर परिवाद प्रस्तुतीकरण की तिथि से आइन्दा भुगतान की तिथि तक 10 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज व शारीरिक,मानसिक क्षति के रूप में मु0 5,000/-(पांच हजार) एवं वाद व्यय के रूप में मु0 2000/-(दो हजार) का भुगतान करें।

(मारकण्डेय सिंह)               (मुन्नी देबी मौर्या)                   (जगदीश्वर सिंह)
   सदस्य                        सदस्या                           अध्यक्ष
                                                           दिनांक 18-10-2014

 

 
 
[HON'BLE MR. jagdishwar Singh]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Markandey singh]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. Munni Devi Maurya]
MEMBER

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