समक्ष न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम महोबा
परिवाद सं0-37/2013 उपस्थित- श्री जनार्दन कुमार गोयल, अध्यक्ष,
डा0 सिद्धेश्वर अवस्थी, सदस्य,
श्रीमती नीला मिश्रा, सदस्य
श्रीमती रामदेवी पत्नी स्व0 ज्ञानी निवासी मुहल्ला भैरवगंज, श्रीनगर परगना व तहसील व जिला महोबा ....परिवादी
बनाम
1.मैनेजर,द ओरिएण्टल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड, रीजनल आफिस ४३, हजरतगंज, लखनऊ।
2.जिलाधिकारी, महोबा। .....विपक्षीगण
निर्णय
श्री जनार्दन कुमार गोयल,अध्यक्ष द्वारा उदधोषित
परिवादिनी द्वारा यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध इस आधार पर प्रस्तुत किया गया है कि परिवादिनी के पति ज्ञानी कृषक मजदूर किसान थे । दिनांक 23-10-2010 को मोरंग खदान में अचानक मिट़टी गिरने से परिवादिनी के पति दब गये और उनकी मृत्यु हो गयी । घटना की सूचना थाना श्रीनगर जिला महोबा में दी गयी । इलाज हेतु महोबा अस्पताल लाये गये । जहां पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया । पोस्टमार्टम दिनांक 24-10-2010 को कराया गया । ग्राम पंचायत को मृत्यु की सूचना दी गयी । दिनांक 08-11-2010 को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया । परिवादिनी के दो अव्यस्क पुत्र व एक पुत्री है । किसान दुर्घटना बीमा का पैसा अभी तक नहीं दिया गया है, जबकि इसकी सूचना और सभी कागजात विपक्षीगण को उपलब्ध करा दिये गये । विपक्षी संख्या-०२ द्वारा बीमा सम्बन्धी पत्रावली दिनांक 07-12-2010 को बीमा कम्पनी को भेज दी गयी । परिवादिनी के पति कृषक थे । बीमा राशि प्राप्त न होने से परिवादिनी को मानसिक व आर्थिक कष्ट हुआ इसलिये परिवादिनी द्वारा यह परिवाद 1,00,000/- रूपये बीमा की धनराशि, 50,000/- रूपये मानसिक कष्ट के लिये एवं 10,000/- रूपये परिवाद व्यय हेतु दिलाये जाने हेतु यह परिवाद प्रस्तुत किया गया ।
विपक्षी संख्या-01 ने जबावदावा प्रस्तुत किया और कथन किया गया कि परिवादिनी विपक्षी संख्या-01 की उपभोक्ता नहीं है और परिवादिनी को कोई वाद का हेतुक उत्पन्न नहीं हुआ है । परिवाद कालबाधित है । विपक्षी संख्या-02 द्वारा दावे के साथ सम्बन्धित आवश्यक प्रपत्र दावा फार्म, एफ0आई0आर0, मृत्यु प्रमाण पत्र, खतौनी, पंचनामा, आरोप पत्र आदि आवश्यक प्रपत्र नहीं भेजे गये हैं । विपक्षी संख्या-01 ने कोई सेवा में त्रुटि नहीं की, विपक्षी संख्या-01 द्वारा उ0प्र0 सरकार के माध्यम से बीमा पॉलिसी की शर्तों के आधार पर बीमा किया गया था । पॉलिसी की शर्तों के उल्लंघन पर विपक्षी संख्या-01 का कोई उत्तरदायित्व नहीं बनता। परिवादिनी ने पंजीक़त किसान दुर्घटना बीमा योजना के अन्तर्गत कोई धनराशि विपक्षी सं0-1 के यहॉ जमा नही की। परिवादिनी के पति की दुर्घटना में म़त्यु नहीं हुई थी, मात्र क्लेम पाने हेतु मिटटी गिरने और उसके नीचे दबने से मुत्यु होना कहा गया है।अत: परिवादिनी विपक्षी सं0-1 से केाई बीमा धनराशि प्राप्त करने की अधिकारी नहीं है।
विपक्षी सं0-2 के जबाबदावा अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को लाभ दिये जाने हेतु कृषक दुर्घटना बीमा योजना चलायी गयी थी, जिसके प्रीमियम की धनराशि उ0प्र0सरकार द्वारा अदा की जाती है । कृषक द्वारा कोई प्रीमियम अदा नहीं किया जाता है और न ही कृषकों से कोई प्रीमियम लिया जाता है । परिवादिनी का दावा दि003.12.2010 को राजस्व अधिकारियों द्वारा जिलाधिकारी कार्यालय भेजा गया जिसमें 23.10.2010 को खदान धसकने से कृषक ज्ञानी की मृत्यु होने की बात उल्लिखित थी । दावे के साथ खतौनी,प्रथम सूचना रिपोर्ट,पोस्टमार्टम रिपोर्ट,पंचनामा,मतदाता पहचान पत्र आदि संलग्न थे । विपक्षी सं02 द्वारा 07.12.2010 को विपक्षी सं01 को दावा निस्तारण हेतु भेजा गया लेकिन विपक्षी सं01 ने अभी तक दावा का कोई निस्तारण नहीं किया । उ0प्र0सरकार व विपक्षी सं01 के मध्य दि0 19.11.2009 को अनुबंध हुआ था । अनुबंध के नियम 22 ए में यह व्यवस्था थी कि बीमा दावों का भुगतान बीमा कंपनी द्वारा एक माह में अदा किया जायेगा अन्यथा 1000/-रू0 प्रति सप्ताह प्रति दावा की दर से पेनाल्टी बीमा कंपनी को भुगतना पडेगा । बीमा कंपनी द्वारा भुगतान न करने पर समिति द्वारा 28 सप्ताह का 1000/-रू0 प्रति सप्ताह की दर से 28,000/-रू0 पेनाल्टी लगाई गई लेकिन फिर भी उनके द्वारा कोई भुगतान नहीं किया गया । समिति का निर्णय दि0 29.07.2011 को विपक्षी सं0 1 को भेजा गया । अनुस्मारक पत्र दि0 20.09.11,16.08.2012 को भेजने के बावजूद विपक्षी सं01 द्वारा दावे का निस्तारण/भुगतान नहीं किया गया । इस प्रकार विपक्षी सं02 की सेवा में कोई त्रुटि नहीं है और परिवादिनी उनकी उपभोक्ता नहीं है ।
परिवादिनी की और से अभिलेखीय साक्ष्य में श्रीमती रामदेवी का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया ।
विपक्षी सं01 द्वारा अभिलेखीय साक्ष्य के अतिरिक्त मनोरंजन द्विवेदी मण्डलीय प्रबंधक विधि का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया ।
विपक्षी सं02 की और से अभिलेखीय साक्ष्य के अतिरिक्त विंध्यवासिनी राय, उप जिलाधिकारी,महोबा का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया ।
पत्रावली का अवलोकन किया गया व पक्षकारों के अधिवक्तागण के तर्क सुने गये ।
पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों से यह सिद्ध होता है कि ज्ञानी पंजीकृत किसान था । खतौनी की प्रतिलिपि 11ग में ज्ञानी पंजीकृत किसान है,इसमें उसकी मृत्यु के बाद उसके अवयस्क पुत्र व उसकी पत्नी रामदेवी का नाम दर्ज हुआ है । परिवादिनी की और से थाना श्रीनगर जिला-महोबा में दि023.10.2010 को प्रथम सूचना रिपोर्ट कराई,जो रपट नं0 27 में दर्ज है । पोस्टमार्टम रिपोर्ट 7ग,मृत्यु प्रमाण पत्र 9ग, परिवार रजिस्टर की नकल 10ग प्रस्तुत किया गया है,जिससे यह स्पष्ट होता है कि दि0 23.10.10 को ज्ञानी की मृत्यु खदान में मिटटी का टीला धसने पर दब जाने के कारण आई चोटों से हुई । उ0प्र0सरकार व विपक्षी सं01 बीमा कंपनी के मध्य दि0 29.11.2009 को पंजीकृत किसान के संबंध में जनता पर्सनल एक्सीडेंट पोलिसी निष्पादित हुई । मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग दि018.12.2009 जो 19.11.2009 तक प्रभावी है की प्रतिलिपि परिवादी या विपक्षीगण ने प्रस्तुत की है । ज्ञानी पंजीकृत किसान था जिसकी मृत्यु दि023.10.10 को हुई । विपक्षी सं02 ने समस्त औपचारिकतायें पूर्ण करने के उपरांत दि007.12.10 को बीमा कंपनी विपक्षी सं01 को भेजा,जिसके साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट,पंचनामा,मृत्यु प्रमाण पत्र,खतौनी इत्यादि अभिलेख संलग्न किये गये लेकिन विपक्षी सं01 ने न तो क्लेम का निस्तारण किया गया और न भुगतान किया गया । विपक्षी सं01 की और से यह तर्क दिया गया कि परिवादिनी का परिवाद कालबाधित है लेकिन यह परिवाद दि0 22.04.2013 को प्रस्तुत किया गया है । विपक्षी सं01 ने अभी तक क्लेम निस्तारित नहीं किया इसलिये क्लेम अनिस्तारित होने के कारण परिवाद अवधि से बाधित नहीं है । विपक्षी सं01 द्वारा यह तर्क दिया गया कि परिवादिनी उपभोक्ता नहीं है और उसने कोई प्रीमियम राशि नहीं दी । लेकिन उ0प्र0सरकार ने किसानों के हित के लिये यह योजना प्रारंभ की गई जिसका प्रीमियम उ0प्र0 सरकार द्वारा दिया जाता है किसानों द्वारा नहीं । विपक्षी सं01 ने स्वयं अनुबंध अभिलेख 31ग प्रस्तुत की है जिसमें व्यक्तिगत रूप से किसान द्वारा कोई धनराशि देने का उल्लेख नहीं है । सभी वे किसान जो पंजीकृत किसान हैं और योजना की परिधि में आते हैं । विपक्षी सं01 की और से यह तर्क दिया गया कि विपक्षी सं02 ने पालिसी की शर्तों के अनुसार क्लेम प्रस्तुत नहीं किया । जबकि विपक्षी सं02 द्वारा स्पष्ट कथन किया गया है कि दि0 07.12.2010 को समस्त औपचारिकतायें पूर्ण कर विपक्षी सं01 को क्लेम भेजा गया था लेकिन उनके द्वारा कोई निस्तारण नहीं किया गया । इस पर विपक्षी सं02 समिति द्वारा विपक्षी सं01 पर 1000/-रू0 प्रति सप्ताह की दर से 28000/-रू0 पेनाल्टी भी लगाई गई। इस प्रकार विपक्षी सं01 द्वारा क्लेम का कोई निस्तारण न करके सेवा में त्रुटि की है । परिवादिनी उक्त योजना के अनुसार ज्ञानी की दुर्घटना में मृत्यु के फलस्वरूप 1,00,000/-रू0 पाने की अधिकारिणी है । यदि विपक्षी सं01 द्वारा समय से उक्त धनराशि परिवादिनी को समय से भुगतान कर दी जाती तो वह उसका उपयोग कर पाती,जिससे उसको मानसिक कष्ट हुआ और उसे परिवाद प्रस्तुत करना पडा ।
आदेश
परिवादिनी का परिवाद विपक्षी सं01 के विरूद्ध इस प्रकार स्वीकार किया जाता है कि विपक्षी सं01 पंजीकृत किसान ज्ञानी की मृत्यु पर 1,00,000/-रू0 बीमित धनराशि परिवाद योजित करने की तिथि 22.03.2013 से भुगतान की तिथि तक 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से ब्याज सहित परिवादिनी को प्रदान करे तथा मानसिक कष्ट की क्षति के रूप में 2,500/-रू0 व परिवाद व्यय के रूप में 2,500/-रू0 एक माह के अंदर भुगतान करें । अन्यथा परिवादी विपक्षी सं01 से उक्त धनराशि विधि अनुसार वसूल पाने का अधिकारी होगा ।
परिवाद विपक्षी सं02 के विरूद्ध निरस्त किया जाता है ।
(डा0सिद्धेश्वर अवस्थी) (श्रीमती नीला मिश्रा) (जनार्दन कुमार गोयल)
सदस्य, सदस्या, अध्यक्ष,
जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा।
04.04.2016 04.04.2016 04.04.2016
यह निर्णय हमारे द्वारा आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित,दिनांकित एवं उद़घोषित किया गया।
(डा0सिद्धेश्वर अवस्थी) (श्रीमती नीला मिश्रा) (जनार्दन कुमार गोयल)
सदस्य, सदस्या, अध्यक्ष,
जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा।
04.04.2016 04.04.2016 04.04.2016