Rajasthan

Ajmer

CC/217/2013

TEJVEER DEHIYA - Complainant(s)

Versus

ORIENTAL INS COMPANY - Opp.Party(s)

ADV OMNARAYAN PALARIYA

27 Sep 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/217/2013
 
1. TEJVEER DEHIYA
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. ORIENTAL INS COMPANY
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Vinay Kumar Goswami PRESIDENT
  Naveen Kumar MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 27 Sep 2016
Final Order / Judgement

जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण,         अजमेर

डा. तेजवीर दहिया, सिगमा डाईगोनिस्टिक एवं सी.टी/एम.आर.आई.स्केन सेंटर,रिलायन्स फ्रैष के सामने, सागर विहार काॅलोनी, वैषाली नगर, अजमेर-305001
                                                -         प्रार्थी


                            बनाम

1. प्रबन्धक, दी ओरियण्टल इन्ष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, पंजीकृत मुख्य कार्यालय- ए-25/27, आसफ अली रोड़, नई दिल्ली- 110002
2. प्रबन्धक, दी ओरियण्टल इन्ष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड,(भारतीय साधारण बीमा निगम की सहायककम्पनी) मण्डलीय कार्यालय(कोड संख्या 242100)गणेष भवन, महात्मा गांधी मार्ग, अजमेर-305001 

                                                -       अप्रार्थीगण 
                 परिवाद संख्या 217/2013  

                            समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी       अध्यक्ष
                 2. श्रीमती ज्योति डोसी       सदस्या
3. नवीन कुमार               सदस्य

                           उपस्थिति
                  1.श्री ओम प्रकाष पालडिया, अधिवक्ता, प्रार्थी
                  2.श्री राजेष जैन,  अधिवक्ता अप्रार्थीगण 

                              
मंच द्वारा           :ः- निर्णय:ः-      दिनांकः- 06.10.2016
 
1.       प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार  हंै कि उसकी सी.टी. स्केन मषीन जो अप्रार्थी बीमा कम्पनी के यहां  जरिए बीमा पाॅलिसी संख्या 242100/44/2012/2 के तहत  रू. 29,12,000/- में बीमित थी, के दिनंाक 1.2.2012 को खराब हो जाने पर इसकी सूचना अप्रार्थी बीमा कम्पनी को देते हुए उसकी मरम्मत में खर्च हुई राषि रू. 14,30,000/-  का क्लेम समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए पेष किया ।  अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा  परिवाद की चरण संख्या 7,8 9 में वर्णित विभिन्न दिनांकों के जरिए मांगे गए  दस्तावेजात भी उपलब्ध करा दिए इसके बावजूद दिनांक 23.2.2013 को नोटिस भी दिया गया  किन्तु अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने क्लेम अदा नहीं कर सेवा में कमी की है । प्रार्थी ने परिवाद प्रस्तुत कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में प्रार्थी ने स्वयं का षपथपत्र पेष किया है ।  
2.       अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने  प्रारम्भिक आपत्ति प्रस्तुत करते हुए  प्रार्थी के पक्ष में प्रष्नगत बीमा पाॅलिसी जारी किए जाने के तथ्य को स्वीकार करते हुए दर्षाया है कि  प्रष्नगत बीमा पाॅलिसी के ैचमबपंस म्गबसनेपवद जव ेमबजपवद .1 के तहत  प्रार्थी का क्लेम  उक्त परिधि में नहीं आने के कारण  व बीमा कम्पनी के सर्कुलर  दिनंाक 10.7.2001 के अनुसार  क्लेम भुगतान योग्य नहीं  है ।  आगे यह भी दर्षाया है कि  प्रार्थी की सी.टी. स्केन मषीन में 1,23,736 एक्सपोजर्स होना पाया गया जबकि  40,000 से अधिक  पर मषीन की संबंधित ट्यूब की ।बजनंस टंसनम     या क्मचतमबपंजमक टंसनम ’’ जीरों ’’ हो जाती है । इस कारण भी प्रार्थी का क्लेम भुगतान योग्य नहीं पाया गया ।  प्रार्थी का क्लेम प्राप्त होने पर युनाईटेड टेक्नीकल सर्विसेज से सर्वे करवाए जाने पर उन्होने  रू. 5,34,826/- की क्षति आंकलित की । जब सर्वेयर को  बीमा कम्पनी के सर्कूलर दिनांक 10.7.2001 से अवगत करया तो उन्होने अपनी ।ककमदकनउध्नचकंजपवद ंेेमेेउमदज तमचवतज एसेसमेंट जीरो आंकलित की । इस प्रकार प्रार्थी का क्लेम भुगतान योग्य नहीं पाया गया । अपने मदवार जवाब में भी इन्हीं तथ्यों का समावेष करते हुए  परिवाद खारिज किए जाने की प्रार्थना की है ।  जवाब के समर्थन में  श्री संजय टण्डन, वरिष्ठ  मण्डलीय प्रबन्धक का षपथपत्र पेष हुआ है । 
3.       प्रार्थी का तर्क रहा है कि प्रषनगत सी.टी.स्केन मषीन का अप्रार्थी बीमा कम्पनी से बीमित होने की अवधि के दौरान दिनांक 1.2.2012 को उक्त मषीन के खराब हो जाने पर इसकी सूचना उसी दिन बीमा कम्पनी को दी गई व स्वयं के स्तर पर रिपेयरिंग करवा कर पूरा भुगतान अदा किए जाने के साथ साथ बीमा कम्पनी को क्लेम फार्म भरते हुए भुगतान किए जाने का निवेदन किया गया  एवं उनके द्वारा बार बार सूचना व दस्तावेज मांगे जाने व इसकी पूर्ति किए जाने के बाद भी क्लेम  का भुगतान नहीं किया गया है व परेषान किया गया है । बेवजह पत्र व्यवहार कर  इस प्रकार का व्यवहार बीमा कम्पनी के  दुर्भावनापूर्ण आषय का प्रकट करता है ।  नोटिस दिए जाने के बावजूद भी उक्त भुगतान नहीं किया गया है । बीमा कम्पनी का यह कृत्य पूर्णतया उपभोक्ता हितों के विरूद्व है । उनकी लापरवाही व सेवा में कमी के उपरान्त  उनकेे कृत्य को ध्यान में रखते हुए क्लेम स्वीकार किए जाने योग्य है । 
4.           बीमा कम्पनी की ओर से  मौखिक  एव ंलिखित बहस में प्रमुख रूप से उक्त तर्को का खण्डन किया गया व बताया गया कि बीमा संविदा प्रार्थी व अप्रार्थी बीमा कम्पनी के मध्य हुई है तथा उक्त पाॅलिसी की षर्तो के तहत  ैचमबपंस म्गबसनेपवद जव ेमबजपवद.1 के तहत क्लेम उक्त परिधि में आने  के कारण भुगतान योग्य नहीं पाया गया है  । अतः खारिज किया गया है। 
5.    हमने परस्पर तर्क सुन लिए हैं  एवं पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों का भी ध्यानपूर्वक अवलोकन कर लिया है । 
6.    स्वीकृत रूप से प्रार्थी द्वारा अपं्रार्थी बीमा कम्पनी से पाॅलिसी संख्या 242100/44/2012/2  दिनंाक 13.7.2011 से 12.7.2012 तक की अवधि के लिए ली गई थी व एक मुष्त प्रीमियम  राषि रू. 38,115/- का नगद भुगतान किया गया । उक्त सी.टी. स्केन  मषीन दिनंाक 1.12.2012 को खराब होना अभिकथित है । प्रार्थी द्वारा उक्त आई खराबी के फलस्वरूप रिपेयर किए जानंे के बाद रिपेयर राषि के रूप में पहला कोटेषन रू. 9,45,000/- का बीमा कम्पनी को दिया गया है । इसके अनुसार रू.  14,30,000/-  की माॅग की गई । बीमा कम्पनी द्वारा उक्त खराबी के संदर्भ में युनाईटेड टेक्निकल सर्विसेज द्वारा सर्वे करवाया गया है व सर्वेयर की रिपोर्ट के अनुसार उक्त खराबी के फलस्वरूप क्षतिपूर्ति की राषि रू. 5,34,826/-  आंकी गई है । बीमा कम्पनी की ओर से यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया है कि उक्त आंकी गई राषि के संदर्भ में जब  संबंधित सर्वेयर को परिपत्र दिनांक 10.7.2001 से अवगत कराया गया तो पाया गया कि संबंधित  मषीन के एक्सपोजर्स जो 1,23, 736 थे , जो कि  40,000 से  कहीं ज्यादा थे । इस कारण ।बजनंस टंसनम या क्मचतमबपंजमक टंसनम ’’0’’ प्रतिषत  की अर्थात 100 प्रतिषत  क्मचतमबपंजपवद ंचचसपबंइसम  थी । इस कारण  बीमा कम्पनी की जवाबदेही उक्त सर्वेयर अनुसार षून्य थी । बीमा कम्पनी ने सर्वेयर की रिपोर्ट  के संदर्भ में प्रस्तुत कोटेषन का अवलेाकन किया है । इसके अनुसार प्रष्नगत सी.टी. स्केन  मषीन की एक्स-रे ट्यूब में किसी प्रकार की कोई खराबी आई है तथा इसमें  खर्चे बाबत् राषि का उल्लेख किया गया है । यदि हम विवाद की जड़ में प्रार्थी द्वारा उक्त मषीन के संदर्भ में ली गई पालिसी व इसकी षर्तो का अवलोकन करें तो पाॅलिसी की षर्तो में ैचमबपंस म्गबसनेपवद जव ेमबजपवद .1 के  तहत क्लाॅज (ब्)(प) महत्वपूर्ण व उल्लेखनीय है, जो निम्न अनुसार है -
 ’’ स्वेे व िवत कंउंहम जव इनसइे अंसअमेए जनइमे ए तपइइवदेएनिेमेऐमंसेएइमसजेएूपतमेए बींपदेए तनइइमत जलतमेए मगबींदहमंइसम जववसे मदहतंअमक बलसपदकमतेए वइरमबजेए उंकम व िहसंेेए चवतबमसंपद वत बमतंउपबे ेपमअमे वत ंिइपतबेएवत ंदल वचमतंजपदह उमकपं;मण्हण् स्नइतपबंजपदह वपसएनिमसएबीमउपबंसेद्ध     ’’
7.    कहने का तात्पर्य यह है कि यदि प्रार्थी का क्लेम उक्त परिधि में आता है तो ऐसा क्लेम भुगतान योग्य नहीं होगा । सी.टी.स्केन  जैसी तकनीकी मषीन की खराबी के संबंध में  आंकलन हेतु  बीमा कम्पनी द्वारा ऐसी जानकारी रखने वाले सर्वेयर की नियुक्ति हुई है तथा  उसने अपनी रिपोर्ट में क्षति के आंकलन के साथ साथ बीमा कम्पनी के उक्त वर्णित सरक्यूलर का अवलोकन करने के बाद पाया है कि प्रष्नगत सी.टी.स्केन मषीन में एक्स-रे एक्सपोजर  निर्धारित नम्बर अर्थात  40000 से कही अधिक  1,23,736 पाई गई है । यह 100 प्रतिषत क्मचतमबपंजपवद टंसनम  को आंकते हुए क्षति षून्य रही है । प्रार्थी द्वारा ऐसी जानकारी रखने वाले सर्वेयर की नियुक्ति को न तो चुनौती दी गई है  और ना ही इसके समर्थन में कोई साक्ष्य प्रस्तुत की गई हेै । सर्वे करने के बाद स्थिति आंकते हुए  ही रिपोर्ट के आधार पर वस्तुस्थिति सामने आई है, पर  इस पर अविष्वास करने का कोई कारण नहीं है । प्रार्थी का प्रकरण /क्लेम बीमा पाॅलिसी की उक्त षर्त के ैचमबपंस म्गबसनेपवद  क्लाॅज के तहत  आने के कारण भुगतान योग्य नहीं है । अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए क्लेम पारित नहीं किया है तो ऐसे में उन्हें सेवा में कमी  या लापरवाही का दोषी नहीं माना जा सकता ।  मंच की राय में प्रार्थी का परिवाद खारिज होने योग्य है एवं आदेष है कि 
                        -ःः आदेष:ः-
8.            प्रार्थी का परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं होने से अस्वीकार  किया जाकर  खारिज किया जाता है । खर्चा पक्षकारान अपना अपना स्वयं वहन करें ।
            आदेष दिनांक 06.10.2016 को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।


 (नवीन कुमार )        (श्रीमती ज्योति डोसी)      (विनय कुमार गोस्वामी )
      सदस्य                   सदस्या                      अध्यक्ष    
           

 

 

 
 
[ Vinay Kumar Goswami]
PRESIDENT
 
[ Naveen Kumar]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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