Rajasthan

Ajmer

CC/11/2014

SURESH CHAND KUMAWAT - Complainant(s)

Versus

ORIENTAL INS COMPANY - Opp.Party(s)

ADV SAWARLAL SHARMA

10 Feb 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/11/2014
 
1. SURESH CHAND KUMAWAT
AJMER
 
BEFORE: 
  Gautam prakesh sharma PRESIDENT
  vijendra kumar mehta MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण         अजमेर

श्री सुरेष चन्द कुमावत पुत्र श्री सोहन लाल कुमावत, जाति- कुमावत, निवासी- सेठन का सिहाराडा, पीसांगन, जिला- अजमेर । 

                                                             प्रार्थी

                            बनाम

प्रबन्धक, दी ओरियण्टल इंष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, कचहरी रोड, अजमेर । 

                                                           अप्रार्थी 
                    परिवाद संख्या 11/2014

                            समक्ष
                   1.  गौतम प्रकाष षर्मा    अध्यक्ष
            2. विजेन्द्र कुमार मेहता   सदस्य
                   3. श्रीमती ज्योति डोसी   सदस्या

                           उपस्थिति
                  1.श्री सांवर लाल षर्मा, अधिवक्ता, प्रार्थी
                  2.श्री संजीव रोहिल्ला, अधिवक्ता अप्रार्थी 

                              
मंच द्वारा           :ः- आदेष:ः-      दिनांकः- 10.02.2015

1.       परिवाद के तथ्यांेनुसार प्रार्थी की मोटर साईकिल संख्या  आर.जे.01-एस.सी.9448 जो अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा अवधि दिनंाक 13.12.2012 से 12.12.2013  तक बीमित थी । दिनंाक 13.6.2013 को मोटर साईकिल चोरी चले जाने के उपरान्त प्रार्थी द्वारा अप्रार्थी बीमा कम्पनी के समक्ष क्लेम पेष किया  एवं अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा उक्त क्लेम को अस्वीकार कर दिए जाने से व्यथित होकर यह परिवाद पेष हुआ है । प्रकरण में अप्रार्थी बीमा कम्पनी की ओर से अधिवक्ता द्वारा उपस्थिति  दी किन्तु जवाब पेष करने हेतु कई अवसर दिए गए । तत्पष्चात् एक अवसर दिनांक 15.10.2014 को रू. 500/- हर्जे पर दिया गया इसके  इसके उपरान्त भी जवाब पेष नहीं किए जाने पर उनका जवाब बन्द किया गया । तत्पष्चात् एक ओर आवेदन अप्रार्थी की ओर से बन्द  किए गए जवाब को खुलवाने हेतु पेष किया जो भी अस्वीकार किया गया । अन्ततः परिवाद में बहस अंतिम सुनी गई । 
2.    अधिवक्ता प्रार्थी  की बहस है कि वाहन की बीमा पाॅलिसी पत्रावली पर  पेष हुई है एवं दिनांक 13.6.2013 को प्रार्थी के पिताजी के बीमार हो जाने  के कारण उन्हें जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालस में भर्ती कराया गया । इसी क्रम में प्रार्थी ने अपना वाहन अस्पताल के बाहर खडा किया और वह अस्पताल के भीतर गया  और ष्षाम को 4.00 बजे वापस आया तो प्रार्थी का वाहन नहीं मिला  तो उसने प्रथम सूचना रिर्पोट दिनांक 15.6.2013 को दर्ज करवाई । पुलिस ने अनुसंधान किया एवं वाहन व चोर का पता नहीं चलने पर अंतिम आवेदन इसी आषय का दिया एवं इस संबंध में एफ.आर संबंधित न्यायालय द्वारा स्वीकार भी कर ली गई । अधिवक्ता  की बहस है कि अप्रार्थी बीमा कम्पनी का कोई जवाब पत्रावली पर नही ंहै । प्रार्थी द्वारा अप्रार्थी बीमा कम्पनी को चोरी की सूचना भी दे दी गई थी इसके उपरान्त भी प्रार्थी के क्लेम को स्वीकार नहीं कर  अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने सेवा में कमी कारित की है । अतः परिवाद स्वीकार होने येाग्य है । 
3.    अप्रार्थी के अधिवक्ता की बहस है कि परिवाद की चरण संख्या 3 में वर्णितानुसार प्रार्थी ने वाहन की समुचित सुरक्षा की ओर ध्यान नहीं दिया । प्रार्थी स्वयं के कथनानुसार उसने अपने वाहन को अस्पताल के बाहर खडा किया और वह  अस्पताल में गया  जबकि प्रार्थी से यह अपेक्षा थी कि वह अपने वाहन को वाहन स्टेण्ड पर खडा करता या सुरक्षित जगह पर खडा करता  साथ ही प्रार्थी ने इस  चोरी की सूचना भी अप्रार्थी बीमा कम्पनी को देरी से दी । अतः प्रार्थी के क्लेम को अस्वीकार किया गया है जो सही रूप से अस्वीकार किया गया है । अधिवक्ता अप्रार्थी ने दृष्टान्त प्प्;2013द्धब्च्श्र 481;छब्द्ध ैंजपेी टे न्दपजमक प्दकपं प्देनतंदबम ब्व स्जक  पेष किया । 
4.    हमने बहस पर गौर किया । जहां तक प्रार्थी का यह वाहन अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा दर्षाई अवधि हेतु बीमित था, इस संबंध में प्रार्थी की ओर से बीमा पाॅलिसी की प्रति पेष हुई है । अप्रार्थी बीमा कम्पनी की बहस रही है कि वाहन चोरी की घटना की सूचना  अप्रार्थी बीमा कम्पनी को देरी से दी लेकिन पत्रावली पर उनका कोई जवाब नहीं है एवं इतने अर्से बाद भी  कोई दस्तावेजात अप्रार्थी बीमा कम्पनी की ओर से पेष नहीं हुए है । प्रार्थी को एक पत्र जो दिनांक 6.8.2013 का अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा दिया गया उसमें मात्र यही उल्लेख है कि अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा कोई स्पष्टीकरण प्रार्थी से मांगा गया था एवं इस पत्र में वर्णितानुसार प्रार्थी ने दिनांक 29.7.2013 को इस संबंध में जवाब भी दे  दिया जिसे संतोषप्रद नहीं माना गया लेकिन अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा प्रार्थी से क्या स्पष्टीकरण मांगा गया, संबंधी कोई रिकार्ड पेष नहीं हुआ है । प्रार्थी का वाहन चोरी गया, तथ्यों से सिद्व हो रहा है । प्रार्थी ने  वाहन चोरी की रिर्पोट दर्ज करवाई एवं अनुसंधान से वाहन चोरी का पता नहीं चला लेकिन वाहन व चोर के नहीं मिलने पर पुलिस द्वारार  एफ.आर पेष की  गई जो संबंधित न्यायालय द्वारा स्वीकार भी की गई । इस तरह से प्रार्थी का वाहन जो अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा बीमित था, चोरी गया यह तथ्य सिद्व है  एवं अप्रार्थी द्वारा प्रार्थी को  चोरी गए वाहन की राषि अदा नहीं  करने के अतिरिक्त क्लेम अस्वीकार करने के जो कारण बहस में बतलाए है वे तथ्य अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा उपयुक्त साक्ष्य से सिद्व नहीं हुए है । अतः हमारे विनम्र मत में प्रार्थी का यह परिवाद स्वीकार होने योग्य है एवं प्रार्थी इस वाहन की बीमित राषि रू. 18,000/- अप्रार्थी बीमा कम्पनी से प्राप्त करने का अधिकारी है । अतः आदेष है कि 
                      :ः- आदेष:ः-

5.    (1)     प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी से  बीमित वाहन की आई.वी.डी. राषि रू. 18,000/- प्राप्त करने का अधिकारी होगा । 
            (2)    प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी से मानसिक संताप व वाद व्यय पैटे रू. 3000/- भी प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
        (3)    क्र.सं. 1 व 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी बीमा कम्पनी प्रार्थी को इस  आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें  अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावें ।  
             (4)      दो माह  में आदेषित राषि का भुगतान  नहीं करने पर  प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी  से  उक्त राषियों पर  निर्णय की दिनांक से  ताअदायगी 09 प्रतिषत वार्षिक  दर से ब्याज भी प्राप्त कर सकेगा  ।

                
(विजेन्द्र कुमार मेहता)       (श्रीमती ज्योति डोसी)     (गौतम प्रकाष षर्मा)
            सदस्य                  सदस्या                   अध्यक्ष    
6.        आदेष दिनांक 10.02.2015 को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।

           सदस्य                   सदस्या                   अध्यक्ष

     
 

 
 
[ Gautam prakesh sharma]
PRESIDENT
 
[ vijendra kumar mehta]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.