जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण अजमेर
रेणु कुमार जैन पुत्र श्री रतन लाल जैल, जाति- जैन, आयु 39 वर्ष, निवासी- प्रो. गणधर रोकटेक,षास्त्री मार्केट भगत चैराहा, ब्यावर, जिला- अजमेर (राजस्थान) 305901
प्रार्थी
बनाम
1. प्रबन्धक निदेषक, दि ओरियण्टल इन्ष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, पंजीकृत एवं मुख्य कार्यालय, ए-25/27, आसफ अली रोड, नई दिल्ली 110002
2. क्षेत्रीय प्रबन्धक, दि ओरियण्टल इन्ष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, तीसरा माला, आनन्द भवन, संसार चन्द्र रोड,जयपुर(राजस्थान) 302001
3. मण्डल प्रबन्धक,मण्डल कार्यालय, दि ओरियण्टल इन्ष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, पोस्ट बेग नं.9, गणेष भवसन, एमजी मार्ग दि ओरियण्टल इन्ष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, अजमेर(राजस्थान)
4. ष्षाखा प्रबन्धक, ष्षाखा कार्यालय, दि ओरियण्टल इन्ष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, अजमेरी गेट के अन्दर, ब्यावर- 305901, जिला-अजमेर (राजस्थान)
अप्रार्थीगण
परिवाद संख्या 293/2013
समक्ष
1. गौतम प्रकाष षर्मा अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
उपस्थिति
1.श्री प्रेम स्वरूप दगदी, अधिवक्ता, प्रार्थी
2.श्री राजेष जैन, अधिवक्ता अप्रार्थीगण
मंच द्वारा :ः- आदेष:ः- दिनांकः- 16.04.2015
1. प्रार्थी की फर्म गणधर रोकटेक, षास्त्री मार्केट भगत चैराहा, ब्यावर का एक वाहन जिसका विवरण परिवाद की चरण संख्या 2 में दिया हुआ है दिनंाक 4.10.2012 को सबह 6.00 बजे से 11.45 बजे के बीच में अचानक आग लग जाने से वाहन जल कर टोटल लोस में आ गया एवं इस हेतु प्रार्थी द्वारा अप्रार्थी बीमा कम्पनी के समक्ष क्लेम पेष किया । क्लेम राषि प्रार्थी को नहीं दी आदि तथ्य स्वीकृतषुदा है ।
2. अप्रार्थी के जवाब अनुसार यह वाहन व्यावसायिक प्रयोजनार्थ प्रार्थी फर्म द्वारा काम में लिया जा रहा था अतः प्रार्थी उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आने के कारण उसका परिवाद चलने योग्य नहीं है । अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा प्रार्थी के क्लेम का निस्तारण नहीं किया है अतः इस कारण भी परिवाद समय पूर्व पेष किए जोन से चलने योग्य नहीं होना दर्षाया तथा पैरावाईज जवाब प्रस्तुत करते हुए जवाब परिवाद के पैरा संख्या 6 में वर्णित अनुसार दर्षाया कि वाहन की आईडीवी रू. 18,30,000/- सर्वेयर द्वारा नेट आफ लाॅस बेसिस पर नुकसान का आंकलन करते हुए रू. 4,50,000/- राषि आकलित की । आईडीवी राषि रू. 18,30,000/- में से काट कर ष्षेष राषि 13,80,000/- जिसमें से पाॅलिसी एक्सेस क्लाॅज की राषि काट कर रू. 13,78,500/- राषि आंकलित की गई इस आकलित राषि हेतु प्रार्थी को सहमति प्रदान करने हेतु कहा गया उक्त सहमति प्रार्थी ने नहीं दी । इस तरह से अप्रार्थी का यही कथन है कि प्रथमतः अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा प्रार्थी के क्लेम को गुणावगुण पर निस्तारित नहीं किया है इसके अतिरिक्त नुकसान के आकलन हेतु सर्वेयर द्वारा नेट आफ लाॅस बेसिस के रू. 4,50,000/- उक्त राषि में से काटने के बाद जो राषि बनती है वहीं राषि प्रार्थी को देय होती है ।
3. प्रार्थी व अप्रार्थी बीमा कम्पनी की ओर से लिखित बहस पेष की ई । हमने पक्षकारान को सुना एवं प्रस्तुत किए गए न्यायिक दृष्टन्तों का भी अध्ययन किया ।
4. परिवाद के निर्णय हेतु हमारे समक्ष निम्नाकित बिन्दु है कि
(1) क्या प्रार्थी का यह परिवाद चलने योग्य नहीं है ?
(2) क्या अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा प्रार्थी का वाहन जो पूर्णरूप से जल गया था के संबंध में नेट आफ लास बेसिस पर आकलित करते हुए आकलित राषि रू. 4,50,000/- में से इस राषि को काट कर षेष राषि ही प्राप्त करने का अधिकारी है ?
(3) अनुतोष
5. हमने कायम किए गए निर्णय बिन्दुओं पर पक्षकारान को सुना एव ंनिर्णय बिन्दुओं का निर्णय निम्नतरह से किया जाता है:-
6. निर्णय बिन्दु संख्या 1:- अपा्रर्थी ने अपने प्रति उत्तर में प्रारम्भिक आपत्ति के रूप में यह आक्षेप लिया है कि प्रार्थी का यह वाहन मैसर्स गणधर रोंक टेक के नाम से था एवं इस वाहन का उपयोग वाणिज्यिक प्रयोजनार्थ प्रयोग में लिाया जा रहा था । अतः प्रार्थी फर्म उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आती । इस संबंध में अप्रार्थी की ओर से अपनी लिखित बहस में दृष्टान्त डध्े श्रब्ठ प्दकपं स्जक टे डतण् डंससंचचं ैंदंहंचचं डंदजतप 2012 छब्श्र 721;छब्द्ध पेष किया ।
7. हमने गौर किया । अप्रार्थी बीमा कमपनी ने प्रार्थी वाहन का बीमा उसकी आईडीवी राषि रू. 18,30,000/- हेतु किया था । यह बीमा प्रार्थी व अप्रार्थी बीमा कम्पनी के मध्य एक करार है । वाहन का उपयोग यदि वाणिज्यिक प्रयोजनार्थ किया जा रहा है तब भी अप्रार्थी बीमा कम्पनी अब यह आधार नहीं ले सकती कि वाहन का उपयोग वाणिज्यिक होने से प्रार्थी उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता । दृष्टान्त केे तथ्यों अनुसार वाहन में बीमित अवधि में दोष आ गया था एवं वाहन व्यावसायिक प्रयोजनार्थ खरीदा गया था एवं प्रयोग में लाया जा रहा था । अतः माननीय राष्ट्रीय आयेाग ने उक्त दृष्टान्त के प्रार्थी को उपभोक्ता नहीं माना लेकिन हस्तगत प्रकरण में परिवाद वाहन में दोष आने को लेकर निर्माता कम्पनी के विरूद्व नहीं लाया गया है बल्कि यह परिवाद वाहन का बीमा जो अप्रार्थी बीमा कम्पनी से करवाया उक्त बीमा पाॅलिसी की ष्षर्तो के अधीन लाया गया है । हमारे विनम्र मत में इस हेतु प्रार्थी उपभोक्तजा है एवं उसका यह परिवाद चलने योग्य है ।
8. निर्णय बिन्दु संख्या 2:- वाहन की आईडीवी राषि रू. 18,30,000/- होने का तथ्य स्वीकृतषुदा है । प्रार्थी ने ॅतमबा टंसनम के मद में रू. 4,50,000/- तथा ब्वउचनसेवतल म्गबमेे के मद में रू. 1500/-काटते हुए प्रार्थी को रू. 13,78,500/- देय निर्धारित किए है । वाहन आग लगने से क्षतिग्रस्त हुआ एवं वाहन के संबंध में सम्पूर्ण क्षति होने का तथ्य भी स्वीकृतषुदा है । अधिवक्ता प्रार्थी की बहस है कि सम्पूर्ण क्षति के मामले में अप्रार्थी बीमा कम्पनी ॅतमबा टंसनम के नाम पर रू. 4,50,000/-काट रही है वह गलत है एवं प्रार्थी आईडीवी राषि प्राप्त करने का अधिकारी है । हमने प्रार्थी की ओर से पेष दृष्टान्त का भी अवलोकन किया । दृष्टान्त त्मअपेपवद च्मजपजपवद छवण् 1641ध्2012 प्ब्प्ब्प् स्वउइंतक डवजमत प्देनतंदबम ब्व स्जक टे छपाीपस ैलंस में माननीय राष्ट्रीय आयोग ने अभिनिर्धारित किया कि जहां क्षति का आंकलन सम्पूर्ण क्षति के आधार पर किया जाना होता है उस मामले में बीमा कम्पनी बीमा पाॅलिसी की ष्षर्त अनुसार मात्र डिप्रिसिएषन की राषि ही काट सकती है एवं बकाया आईडीवी राषि देय योग्य माने है । इस दृष्टान्त के मामले में भी वाहन जल गया था एवं सम्पूर्ण क्षति का मामला बनना पाया गया था।
9. अनुतोष:- उपरोक्त विवेचन से हम पाते है कि प्रार्थी का मामला दृष्टान्त वाले मामले से हूबहू मेल खा रहा है एवं हमारे विनम्र मत में प्रार्थी वाहन की आईडीवी राषि रू. 13,80,000/- मे से पाॅलिसी की ष्षर्ता अनुसार डिप्रिसिएषन की राषि काटने के बाद जो राषि षेष बचती है,प्राप्त करने का अधिकारी है एवं अप्रार्थी बीमा कम्पनी एक्सेव क्लाॅज की राषि भी काट सकेगी । सारांष स्वरूप प्रार्थी अपना वाहन जो आग लगने से जल कर सम्पूर्ण रूप से नष्ट हो गया था, के लिए अप्रार्थी बीमा कम्पनी से आईडीवी राषि रू. 18,30,000/- में से बीमा पाॅलिसी की ष्षर्तो अनुसार जो राषि डिप्रिसिएषन की बनती है उसे तथा एक्सेस क्लाॅज की राषि रू. 1500/- काटते हुए ष्षेष राषि अप्रार्थी बीमा कम्पनी से प्राप्त करने का अधिकारी पाया जाता है । अतः आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
10. (1) प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी सेे उसके प्रष्नगत वाहन की आईडीवी राषि रू. 18,30,000/- में से पाॅलिसी की ष्षर्तो अनुसार डिप्रिसिएषन की राषि व एक्सेज क्लाॅज की राषि रू. 1500/-काटते हुए ष्षेष राषि प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(2) प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी से मानसिक संताप व वाद व्यय के मद में राषि रू. 5000/- भी प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(3) क्र.सं. 1 व 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी बीमा कम्पनी प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावें ।
(4) दो माह में आदेषित राषि का भुगतान नहीं करने पर प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी से उक्त राषियों पर निर्णय की दिनांक से ताअदायगी 09 प्रतिषत वार्षिक दर से ब्याज भी प्राप्त कर सकेगा ।
(श्रीमती ज्योति डोसी) (गौतम प्रकाष षर्मा)
सदस्या अध्यक्ष
11. आदेष दिनांक 16.04.2015 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
सदस्या अध्यक्ष