जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
राजेष ऐरन पुत्र स्व. श्री रामगोपाल ऐरन, निवासी-44,सर्वेष्वर नगर, अजमेर ।
- प्रार्थी
बनाम
1. ओरियण्टल इन्ष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, ष्षाखा कार्यालय जरिए मण्डल
प्रबन्धक, मण्डलीय कार्यालय, गणेष भवन, एम.जी. मार्ग,कचहरी रोड,
अजमेर ।
2. हैल्थ इण्डिया, टी.पी.ए. प्राईवेट लिमिटेड, 103-बी, आनन्द माॅकर्षियल काॅम्पलेक्स, गांधी नगर, एल.बी.एस.मार्ग, विखरोली वेस्ट, मुम्बई-400079
- अप्रार्थीगण
परिवाद संख्या 344/2013
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
3. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री सूर्यप्रकाष गांधी, अधिवक्ता, प्रार्थी
2.श्री संजीव रोहिल्ला, अधिवक्ता अप्रार्थीगण
मंच द्वारा :ः- निर्णय:ः- दिनांकः- 17.03.2016
1. प्रार्थी ( जो इस परिवाद में आगे चलकर उपभोक्ता कहलाएगा) ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम , 1986 की धारा 12 के अन्तर्गत अप्रार्थी संख्या 1 व 2 (जो इस परिवाद में आगे चलकर अप्रार्थी बीमा कम्पनी व उसकी सहायक कम्पनी कहलाएगी) के विरूद्व संक्षेप में इस आषय का पेष किया है कि उपभोक्ता ने अप्रार्थी बीमा कम्पनी से एक हैप्पी फैमिली फलेट्र मेडिक्लेम बीमा पाॅलिसी संख्या 242100/48/2012/908 दिनांक 23.2.2012 से 22.03.2013 तक के लिए प्राप्त की, जिसका दिनांक 22.3.2014 तक के लिए दिनांक 23.3.2013 को नवीनीकरण करवाया । परिवाद में कथन है कि उसके पुत्र जलज को हाईड्रोस्फिलिस(स्मंापदह व िब्ैथ्) होने के कारण गीतांजली मेडिकल काॅलेज एव हाॅस्पिटल, उदयपुर में दिनंाक 23.3.2013 को भर्ती कराया । जहां प्रार्थी के पुत्र के सिर का आॅपरेषन कर पानी निकालने के लिए ट्यूब डाली गई और उसके पुत्र को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। उसके पुत्र को राहत नहीं मिलने पर दिनांक 8.4.2013 को पुनः गीतांजली मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पिटल, में भर्ती कराया गया जहां से उसी दिन उसके पुत्र को डिस्चार्ज कर दिया गया ।
उपभोक्ता ने उसके पुत्र के इलाज में खर्च हुई राषि रू. 48462/- का क्लेम अप्रार्थी बीमा कम्पनी की सहायक कम्पनी के यहां प्रस्तुत किया । जिसे अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने अपने पत्र दिनांक 30.5.2013 के द्वारा उसका क्लेम बीमा पाॅलिसी के क्लाॅज संख्या 2.2,4.3 व 4.1 के इस आधार पर खारिज कर दिया कि उसका पुत्र जिस बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती हुआ है वह अवधि 24 घण्टे से कम है । अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने उसका क्लेम खारिज कर सेवा में कमी की है । उपभोक्ता ने इस परिवाद के जरिए अप्रार्थी बीमा कम्पनी से परिवाद में वर्णित राषि दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में उपभोक्ता ने स्वयं का षपथपत्र पेष किया ।
2. अप्रार्थी बीमा कम्पनी व उसकी सहायक कम्पनी ने परिवाद का जवाब प्रस्तुत करते हुए कथन किया है कि प्रार्थी के पुुत्र को हाईड्रोस्फिलिस(स्मंापदह व िब्ैथ्) होने के कारण गीतांजली मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पिटल, में भर्ती कराया गया जहां वह 24 घण्टे से भी कम समय तक भर्ती रहा इसलिए बीमा पाॅलिसी के क्लाॅज संख्या 2.2,4.3 व 4.1 के आधार पर प्रार्थी का क्लेम खारिज कर उन्होने कोई सेवा दोष नहीं किया है । परिवाद खारिज किए जाने की प्रार्थना की है । जवाब के समर्थन में श्री संजय टण्डन, वरिष्ठ मण्डल प्रबन्धक का षपथपत्र पेष किया है ।
3. उपभोक्ता के विद्वान अधिवक्ता ने अपनी बहस में यह तर्क प्रस्तुत किया है कि अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा जारी की गई मेडिक्लेम पाॅलिसी के अन्तर्गत उपभोक्ता के पुत्र जलज का हाईड्रोस्फिलिस(स्मंापदह व िब्ैथ्) बीमारी के कारण गीतांजली हाॅस्पिटल, उदयपुर में दिनंाक 23.3.2013 को आपरेषन के लिए भर्ती कराया गया व सिर में आॅपरेषन के जरिए पानी निकालने के लिए ट्यूब डाली गई तथा उसी दिन अस्पताल से छुट्टी दे दी गई । स्वीकृत रूप से उसका पुत्र 24 घण्टे से ज्यादा की अवधि के लिए असप्ताल में भर्ती नहीं रहा था किन्तु वह जनरल एनेस्थेसिया दिए जाने के बाद आॅपरेषन की प्रक्रिया से गुजरा था । इस कारण 24 घण्टे से कम अवधि के बावजूद उपभोक्ता वांछित क्लेम प्राप्त करने का अधिकारी है, जैसा कि क्लेम की षर्त बिन्दु संख्या 2.2 की 2.3 परन्तुक में बतलाया गया है । उसका मामला इस अनुच्छेद के परन्तुक से कवर होता है और वह क्लेम राषि प्राप्त करने का अधिकारी है ।
4. अप्रार्थी बीमा कम्पनी का एक मात्र तर्क रहा है कि चूंकि उपभोक्ता का पुत्र अस्पताल में 24 घण्टे से कम की अवधि में भर्ती व इलाजरत रहा है अतः वह वांछित क्लेम प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है ।
5. हमने उभय पक्ष के परस्पर तर्क सुन लिए है व समस्त तथ्य एवं परिस्थितियों पर विचार किया है ।
6. विवाद का बिन्दु मात्र यही है कि क्या 24 घण्टे से कम की अवधि में उसके पुत्र के अस्पताल में भर्ती रहने के कारण उपभोक्ता किसी क्लेम को प्राप्त करने का अधिकारी है ? इस संदर्भ में बीमा पाॅलिसी की षर्त का उल्लेख किया जाना उचित रहेगा जो इस प्रकार है:-
’’ 2.3. भ्व्ैच्प्ज्।स्प्ै।ज्प्व्छ च्म्त्प्व्क्रू म्गचमदेमे वद भ्वेचपजंसप्रंजपवद ंतम ंकउपेेपइसम वदसल प िीवेचपजंसप्रंजपवद पे वित ं उपदपउनउ चमतपवक व ि24 ;जूमदजल विनतद्ध ीवनतेण् भ्वूमअमतए
ग्ग्ट ।दल ेनतहमतल नदकमत ळमदमतंस ।दमेजीमेपं ’’
7. उपरोक्त पाॅलिसी की षर्त को देखते हुए यदि कोई मरीज 24 घण्टों से कम अवधि के लिए अस्पताल मंे भर्ती रहता है तो उसका मामला उपरोक्त क्लेम की षर्तो के परन्तुक में कवर होता है तथा वह क्लेम प्राप्त करने का अधिकारी माना जावेगा । ष्षर्त संख्या 2.2 के परन्तुक ग्ग्ट किसी भी प्रकार की सर्जरी जो जनरल एनेस्थेसिया के अधीन की गई है, का मामला उक्त षर्त संख्या 2.2 के अधीन माना जाएगा तथा ऐसा बीमाधारक तदनुसार क्लेम प्राप्त करने का अधिकारी होगा । चूंकि उपभोक्ता का मामला भी इसी श्रेणी में आता है जैसा कि संलग्न जलज ऐेेेरन के दिनांक 30.3.2013 के अस्पताल के डिस्चार्ज कार्ड में आपरेषन नोट्स के अन्तर्गत दर्षाया गए जनरल एनेस्थेसिया से स्पष्ट है । अतः प्रस्तुत क्लेम उक्त पाॅलिसी के तहत कवर होता है । फलतः परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य है एवं आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
8. (1) उपभोक्ता अप्रार्थी बीमा कम्पनी से बीमा क्लेम राषि रू. 48,462/- क्लेम खारिज करने की दिनांक सेे तादायगी 9 प्रतिषत वार्षिक ब्याज दर सहित प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(2) उपभोक्ता अप्रार्थी बीमा कम्पनी से मानसिक क्षतिपूर्ति पेटे रू. 5000/- एवं परिवाद व्यय पेटे 2500/- भी प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(3) क्रम संख्या 1 लगायत 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी बीमा कम्पनी उपभोक्ता को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से उपभोक्ता के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।
आदेष दिनांक 17.03.2016 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष