Rajasthan

Ajmer

CC/152/2014

RAJENDRA VAISNAV - Complainant(s)

Versus

ORIENTAL INS COMPANY - Opp.Party(s)

ADV.S.K.VAISNAV

27 Jul 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/152/2014
 
1. RAJENDRA VAISNAV
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. ORIENTAL INS COMPANY
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Vinay Kumar Goswami PRESIDENT
  Naveen Kumar MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 27 Jul 2016
Final Order / Judgement

जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण,         अजमेर

श्री राजेनन्द्र वैष्णव पुत्र श्री कन्हैया लाल वैष्णव, निवासी- षास्त्रीनगर, मिर्जा बावडी रोड, मदनगंज-किषनगढ़, जिला-अजमेर । 
                                                -         प्रार्थी

                            बनाम

ओरियण्टल इन्ष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड जरिए मण्डल प्रबन्धक, कचहरी रोड, अजमेर (राजस्थान)
                                                -       अप्रार्थी 
                 परिवाद संख्या  152/2014  

                            समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी       अध्यक्ष
                 2. श्रीमती ज्योति डोसी       सदस्या
3. नवीन कुमार               सदस्य
                           उपस्थिति
                  1.श्री एस.के.वैष्णव, अधिवक्ता, प्रार्थी
                  2.श्री संजीव रोहिल्ला,  अधिवक्ता अप्रार्थी 
                              
मंच द्वारा           :ः- निर्णय:ः-      दिनांकः- 29.07.2016
 
1.       प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार  हंै कि उसकी मोटर साईकिल संख्या आर.जे. 01.एस.एफ 9127 की दिनंाक 11.5.2013 को चोरी हो जाने की प्रथम सूचना रिपोर्ट  तुरन्त लिखित में मदनगंज  में दर्ज कराई गई और अप्रार्थी बीमा कम्पनी को दिनंाक 12.5.2013 को इसकी सूचना दी । उसने समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए अप्रार्थी बीमा कम्पनी के समक्ष क्लेम पेष किया । तत्पष्चात् अप्रार्थी बीमा कम्पनी के कहे अनुसार उसने वाहन  की ओरिजनल चाबी भी  अप्रार्थी को सौंप  दी । इसके बाद  अप्रार्थी ने  अपने पत्र दिनंाक 
13.2.2014 के द्वारा उसका क्लेम इस आधार पर खारिज कर दिया कि उसने वाहन चोरी की सूचना काफी  विलम्ब से दी है । प्रार्थी ने इसे अप्रार्थी बीमा कम्पनी की सेवा में कमी बताते हुए परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में प्रार्थी ने स्वयं का ष्षपथपत्र पेष किया है । 
2.    अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने जवाब प्रस्तुत करते हुए दर्षाया है कि प्रार्थी ने तथाकथित वाहन चोरी दिनंाक  11.5..2013 की सूचना दिनंाक  15.5.2013 को 5 दिन बाद देकर बीमा पाॅलिसी की ष्षर्तों का उल्लंघन किया है ।  प्रार्थी को वाहन चोरी की सूचना 48 घण्टे के अन्दर देना आवष्यक है । इस प्रकार प्रार्थी द्वारा बीमा पाॅलिसी की षर्तो का उल्लंघन किए जाने के कारण उत्तरदाता ने सही आधारों पर बीमा क्लेम खारिज कर कोई सेवा में कमी कारित नहीं की ।  अन्त में परिवाद सव्यय निरस्त किए जाने की प्रार्थना करते हुए  श्री वी.डी. गोयल , उपप्रबन्धक ने अपना षपथपत्र पेष किया है ।
3.    प्रार्थी पक्ष का प्रमुख  रूप से तर्क रहा है कि दिनंाक 11.5.2013 को चोरी गई मोटरसाईकिल की सूचना अविलम्ब पुलिस थाना मदनगंज में करवा दी गई थी व दिनंाक 12.5.2013 को बीमा कम्पनी को भी लिखित में  सूचना दिए जाने के बावजूद अप्रार्थी ने क्लेम इस आधार पर गलत रूप से खारिज कर दिया कि बीमा कम्पनी को काफी विलम्ब से सूचना दी गई ।  यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया कि चोरी की सूचना अविलम्ब पुलिस थाने व बीमा कम्पनी को 48 घण्टे के अन्दर अन्दर दे दी गई थी । अतः खारिज किया गया क्लेम अनुचित  दोष व्यवहार का परिचायक है । अतः परिवाद स्वीकार किया जाना चाहिए । 
4.     अप्रार्थी का खण्डन में तर्क रहा है कि  पुलिस थाने में चोरी की सूचना  देरी से देने के साथ साथ अप्रार्थी बीमा कम्पनी को 5 दिन देरी से सूचना दी गई है । अतः इस आधार पर  खारिज किया गया क्लेम अनुचित नहीं कहा जा सकता । 
5.    हमने परस्पर तर्क सुने एवं पत्रावली मेें उपलब्ध अभिलेखों का भी ध्यानपूर्वक अवलोकन कर लिया है । 
6.    यह स्वीकृत तथ्य है कि प्रार्थी पक्ष की मोटरसाईकिल चोरी हुई । प्रष्न मात्र थाने में व बीमा कम्पनी को सूचना दिए जाने का है । प्रार्थी पक्ष का कथन है कि उसने तुरन्त लिखित में थाने में  चोरी की सूचना दे दी थी । पत्रावली में उपलब्ध प्रथम सूचना रिपेार्ट की प्रति से स्पष्ट है कि दिनंाक 11.5.2013 को 11.30 बजे हुई चोरी की सूचना दिनांक 13.5.2013 को साय 7.15 बजे दर्ज हुई है । कहा जा सकता है कि 48 घण्टे के अन्दर अन्दर  चोरी की सूचना दर्ज हो चुकी थी । अप्रार्थी ने हालांकि इस चोरी की सूचना बीमा कम्पनी को दिनंाक 15.5.2013 को 5 दिन देरी से देना बताया है । इसका उन्होने कोई आधार प्रस्तुत नहीं किया है । प्रार्थी द्वारा  यह अभिकथित करना की उसने वाहन चोरी की सूचना दिनंाक 12.5.2013 को तत्काल ही बीमा कम्पनी को लिखित में दे दी थी, के संदर्भ में अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने सर्वप्रथम अपने पत्र दिनंाक 27.6.2013 के द्वारा प्रार्थी से कतिपय बिंदुओं ंपर स्पष्टीकरण चाहा है ।  इस पत्र में भी अप्रार्थी द्वारा प्रार्थी के पत्र दिनंाक  12.5.2013 का  कोई उल्लेख नहीं किया है । यदि इस पत्र में प्रार्थी के पत्र को दिनंाक 15.5.2013 को भेजा जाना लिखा गया होता तो भी अप्रार्थी बीमा कम्पनी के प्रतिवाद को स्वीकार किया जा सकता था । चूंकि प्रार्थी ने दिनंाक 11.5.2013 को चोरी के संबंध में अगले ही दिन 12.5.2013  को लिखित में बीमा कम्पनी को सूचित करना बताया है तथा इस तथ्य को ष्षपथपत्र से समर्थित किया है जिसके  प्रतिउत्तर में बीमा कम्पनी  द्वारा  27.6.2013 को लिखे गए पत्र में तिथि का कोई उल्लेख नहीं किया है । अतः कहा जा सकता है कि प्रार्थी ने चोरी की सूचना बीमा कम्पनी केा भी अविलम्ब अगले ही दिन अर्थात 48 घण्टे के अन्दर अन्दर दे दी थी । चूंकि प्रार्थी प्रष्नगत  मोटरसाईकिल का  रजिस्टर्ड स्वामी है  तथा चोरी भी बीमित अवधि में हुई है । अतः ऐसी स्थिति में वह बीमा राषि प्राप्त करने का अधिकारी है एवं  बीमा कम्पनी ने देरी से सूचना बाबत् जो प्रतिवाद लिया है, वह उचित नहीं कहा जा सकता  व उनकी त्रुटिपूर्ण सेवाओं का परिचायक है ।
7.    सार यह है कि परिवाद स्वीकार किए जाने योग्य है । चूंकि प्रार्थी ने न तो प्रष्नगत् मोटरसाईकिल खरीद का कोई बिल पेष किया है और ना ही क्लेम किए जाने की कोई राषि बताई है । अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा प्रस्तुत पत्रोें से भी क्लेम की राषि का कोई अनुमान नहीं लगाया जा सकता है । अतः क्लेम राषि के मद में रू. 25,000/- दिलाया जाना न्यायोचित है । अतः प्रार्थी का परिवाद स्वीकार कर आदेष है कि 
                         :ः- आदेष:ः-
8.    (1)    प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी से प्रष्नगत मोटरसाईकिल की क्लेम राषि रू. 25,000/- प्राप्त करने का अधिकारी होगा । 
            (2)       प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी से मानसिक क्षतिपूर्ति  एवं परिवाद व्यय के पेटे रू. 2500/- भी प्राप्त करने का  अधिकारी होगा । 
              (3)    क्रम संख्या 1 लगायत  2 में वर्णित राषि अप्रार्थी बीमा कम्पनी प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें   अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।  
          आदेष दिनांक 29.07.2016 को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।

(नवीन कुमार )        (श्रीमती ज्योति डोसी)      (विनय कुमार गोस्वामी )
      सदस्य                   सदस्या                      अध्यक्ष    


  

 
 
[ Vinay Kumar Goswami]
PRESIDENT
 
[ Naveen Kumar]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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