जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
पुखराज रांका पुत्र श्री नौरतमल रांका वाया पोस्ट करकेड़ी, पुलिस थाना-रूपनगढ़, जिला-अजमेर ।
- प्रार्थी
बनाम
1. ओरियण्टल इन्ष्यारोंस कम्पनी लिमिटेड, जरिए मण्डलीय प्रबन्धक, गणेष भवन, एमजी रोड, कचहरी रोड़, अजमेर -305001
2.ओरियण्टल इंष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, हैड आॅफिस एवं रजिस्टर्ड कार्यालय, ए-25/27, आसफ अली रोड़, नई दिल्ली- 110002
- अप्रार्थीगण
परिवाद संख्या 167/2014
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
3. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री सूर्यप्रकाष गांधी, अधिवक्ता, प्रार्थी
2.श्री संजीव रोहिल्ला,अधिवक्ता अप्रार्थीगण
मंच द्वारा :ः- निर्णय:ः- दिनांकः-02.09.2016
1. प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हंै कि उसने अपनी महिन्द्रा बोलेरा पिकअप वाहन संख्या आर.जे.01.जी.ए. 7622 का अप्रार्थी बीमा कम्पनी के यहां रू. 3,56,000/- में जरिए बीमा पाॅलिसी संख्या 242100/31/2013/6581 के दिनंाक 5.3.2013 से 4.3.2014 तक की अवधि के लिए करवाया । उक्त वाहन दिनंाक 2.11.2013 की रात्रि को उसके घर के बाहर से कोई अज्ञात चोर चुराकर ले गया । जिसकी सूचना अप्रार्थी बीमा कम्पनी को दिनंाक 3.11.2013 को दी तथा पुलिस थाना रूपनगढ में दिनंाक 4.11.2013 को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाई । तत्पष्चात् उसने समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए अप्रार्थी बीमा कम्पनी के समक्ष क्लेम पेष किया । किन्तु बावजूद तकाजों व नोटिस दिनंाक 15.5.2014 के उसे क्लेम राषि का भुगतान नहीं किया गया। प्रार्थी ने अप्रार्थी द्वारा क्लेम राषि का भुगतान नहीं करने के कृत्य को सेवा में कमी का दोषी ठहराते हुए परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है ।
2. प्रार्थी पक्ष का तर्क रहा है कि उसके द्वारा क्रय की गई पिकअप वाहन व अप्रार्थी बीमा कम्पनी बीमित पिकअप वाहन दिनंाक 2.11.2013 की रात्रि को उसके घर से चोरी हुआ था व इसकी सूचना दिनांक 3.11.2013 को अप्रार्थी बीमा कम्पनी को एवं दिनंाक 4.11.2013 को पुलिस थाना रूपनगढ़ में दर्ज करवाई गई थी । उसके द्वारा बीमा क्लेम समस्त खानापूर्ति के प्रस्तुत किया गया था । इस आषय का वकील द्वारा नोटिस भी भिजवाया गया। किन्तु अब तक बीमा कम्पनी ने क्लेम अदा नही ंकर सेवा में कमी की है। परिवाद स्वीकार कर क्षतिपूर्ति मय क्लेम दावा पारित किया जाना चाहिए ।
3. अप्रार्थी बीमा कम्पनी की ओर से परिवाद का जवाब प्रस्तुत नहीं हुआ है अपितु मौखिक एवं लिखित बहस में तर्क प्रस्तुत किया गया है कि उक्त चोरीषुदा वाहन पुलिस ने अनुसंधान के दौरान अभियुक्त धनराज द्वारा खुर्दबुर्द कर बेचान करना पाया व प्रार्थी ने सांठगांठ कर उक्त वाहन को खुर्दबुर्द किया है । अतः वह किसी क्लेम का अधिकारी नही ंहै ।
4. हमने परस्पर तर्क सुने हैं एव पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों का अवलोकन कर लिया है ।
5. प्रकरण में प्रष्नगत वाहन की चोरी दिनंाक 2.11.2012 की अद्र्वरात्रि के बाद होना अभिकथित है व इस आषय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनंाक
3.11.2012 को दर्ज करवाई गई है जो दिनांक 4.11.2013 को दर्ज हुई है । अतः पुलिस को उक्त सूचना चोरी की सूचना दिया जाना सिद्व है । इसी प्रकार बीमा कम्पनी को चोरी की सूचना दिनंाक 3.11.2013 को दिया जाना अभिकथित है । पत्रावली में इस आषय की सूचना ई-मेल के रूप में किन्हीं रामगोपाल सोनी जिसे कि प्रार्थी द्वारा बीमा कम्पनी का एजेण्ट बताया गया है , के द्वारा यह सूचना बीमा कम्पनी को दिया जाना सामने आया है तथा यह भी सिद्व है कि उक्त चोरी की सूचना भी 48 घण्टे के अन्दर अन्दर बीमा कम्पनी को दे दी गई थी ।
6. अब अगला प्रष्न चोरी व प्रार्थी की किन्ही अभियुक्तगण से सांठगांठ कर बीमित वाहन को खुर्दबुर्द करने के संबंध में है ।
7. अप्रार्थी बीमा कम्पनी की ओर से इस संबंध में मंच का ध्यान पुलिस द्वारा दी गई एफ.आर की ओर आकर्षित किया है । हमने इस रिपोर्ट को देखा है । पुलिस ने अनुसंधान के दौरान पाया है कि प्रष्गनत वाहन किन्हीं धनराज व ओम प्रकाष द्वारा चोरी कर किसी अन्य को विक्रय किया गया है । अनुसंधान के दौरान पुलिस रिपोर्ट में यह कहीं नहीं पाया गया है कि उक्त बीमित वाहन के संबंध में बीमाधारक ने उक्त किन्ही अभियुक्तगण से सांठगांठ कर वाहन को खुर्दबुर्द करने का प्रयास किया है । यदि अनुसंधान के दौरान किसी अन्य व्यक्ति द्वारा बीमित वाहन की चोरी किए जाने के बाद इसे खुर्दबुर्द अथवा अन्य को विक्रय किया जाता है तो इन हालात में भी बीमाधारक को उक्त वाहन के बीमित मूल्य से वंचित नहीं किया जा सकता ।
8 सार यह है कि यदि किसी अन्य व्यक्ति द्वारा वाहन को खुर्दबुर्द कर दिया गया है तो इसमें बीमित का कोई योगदान नहीं कहा जा सकता है। मंच की राय में प्रार्थी बीमा राषि प्राप्त करने का अधिकारी है एवं आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
9 (1) प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी से बीमा क्लेम राषि रू. 3,56,000/- क्लेम खारिज करने की दिनंाक से तदायगी 9 प्रतिषत वार्षिक दर से ब्याज सहित प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(2) प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी से ं परिवाद व्यय के पेटे रू. 5000/- भी प्राप्त करने के अधिकारी होगा ।
(3) क्रम संख्या 1 लगायत 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी बीमा कम्पनी प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।
आदेष दिनांक 02.09.2016 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष