Rajasthan

Ajmer

CC/333/2013

OM PRAKESH BANSALI - Complainant(s)

Versus

ORIENTAL INS COMPANY - Opp.Party(s)

ADV OMPRAKESH BAROLIYA

22 Sep 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/333/2013
 
1. OM PRAKESH BANSALI
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. ORIENTAL INS COMPANY
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Vinay Kumar Goswami PRESIDENT
  Naveen Kumar MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 22 Sep 2016
Final Order / Judgement

जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण,         अजमेर

श्री ओम प्रकाष भ्ंासाली वयस्क पुत्र श्री नौरतमल भंसाली, जाति- जैन, निवासी- द्वारा जैन सर्जिकल, अजमेर रोड, ब्यावर, जिला-अजमेर । 
                                                -         प्रार्थी


                            बनाम

1. ष्षाखा प्रबन्धक, दि ओयण्टल इंष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, अजमेरी गेट के अंदर, फतेहपुरिया चैपड के पास, ब्यावर । 
2. वरिष्ठ मण्डल प्रबन्धक, दि ओरियण्टल इन्ष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, मण्डल कार्यालय, अजमेर । 
                                                -       अप्रार्थीगण
                 परिवाद संख्या 333/2013  

                            समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी       अध्यक्ष
                 2. श्रीमती ज्योति डोसी       सदस्या
3. नवीन कुमार               सदस्य

                           उपस्थिति
                  1.श्री ओम प्रकाष बारोलिया, अधिवक्ता, प्रार्थी
                  2. अप्रार्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं  

                              
मंच द्वारा           :ः- निर्णय:ः-      दिनांकः-29.09.2016
 
1.       प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार  हंै कि उसका वाहन संख्या आर.जे. 36 यूए 0356, जो अप्रार्थी बीमा कम्पनी के यहां परिवाद की चरण संख्या 1 में वर्णित अनुसार अवधि व बीमा पाॅलिसी के जरिए बीमित था, के  दिनंाक 28.12.2010 से 30.12.2010 के मध्य भयंदर(वेस्ट) से चोरी हो जाने पर  पुलिस थाने में  रिपोर्ट दर्ज करवा दिए जाने के बाद बीमा कम्पनी को सूचित करते हुए समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए बीमा क्लेम पेष किया ।  अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा दिए गए निर्देषानुसार उसने पत्र दिनंाक 22.9.2012 के द्वारा एनसीआरबी में भी रिपोर्ट कर दी । दो वर्ष बीत जाने के बाद भी उसे क्लेम राषि का भुगतान नही ंकर अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने सेवा में कमी की हे । प्रार्थी ने परिवाद प्रस्तुत कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में प्रार्थी ने स्वयं का षपथपत्र पेष किया है । 
2.    अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने जवाब प्रस्तुत करते हुए प्रार्थी के प्रष्नगत वाहन का  रू. 4,75,111/- की आईडीवी राषि में बीमित होना स्वीकार करते हुए आगे दर्षाया है कि  उक्त आईडीवी राषि में  म्गबमेेमस  1 स्ंब पद ब्ंेम व िजीमजि   बीमित होने से प्रार्थी  मांगा गया अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है । 
    अप्रार्थी बीमा कम्पनी का यह भी कथन है कि प्रार्थी ने  चोरी की  दिनांक 28.12.10 से 30.12.2010 के मध्य होने की सूचना 48 घण्टें में नहीं देकर 30.12.2010 की ष्षाम 6.30 बजे दी है  और प्रथम सूचना रिपोर्ट भी समय पर दर्ज नहीं करवाई है ।  उत्तरदाता ने प्रार्थी से जरिए पत्र दिनंाक 21.3.13, 16.4.13 व 28.5.2013 को  वाहन की दोनो चाबियों की मांग की।  किन्तु प्रार्थी द्वारा बताए अनुसार  आईसीआईसीआई बैंक में  वाहन की चाबी  होने से संबंधित बैंक ने इन्कार किया है ।  प्रार्थी का  क्लेम, नो क्लेम नहीं किया गया है ।  अन्त में परिवाद सव्यय निरस्त किए जाने की प्रार्थना की है ।  
3.    प्रार्थी का तर्क रहा है कि उसके द्वारा  बीमित वाहन की चोरी हो जाने, इसकी सूचना पुलिस व बीमा विभाग को समय पर दिए जाने व बीमा विभाग द्वारा इस आषय की सूचना एनसीआरबी में दिए जाने के निर्देष व इसके क्रम में एनसीआर को सूचित किए जाने के बावजूद वाहन चोरी के क्लेम का भुगतान नहीं किया गया है अपितु बार बार समय समय पर चाहे गए दस्तावेजात व  सूचना  बीमा विभाग को उपलब्ध करवाई जाने के बाद भी  क्लेम की राषि अदा नहीं की गई है । परिवाद स्वीकार किया जाना चाहिए । 
4.    अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने वाहन के बीमित होने के तथ्य को स्वीकार करते हुए परिवाद के प्रतिउत्तर में पक्ष कथन रहा है कि अप्रार्थी ने  प्रार्थी से  कई पत्रों के द्वारा वाहन की दोनो चाबियों  की मांग की  । किन्तु इसका कोई जवाब नही ंदिया गया ।  अपितु चाबी  का आईसीआईसीआई बैंक में  जमा होना बताया । उक्त बैंक  द्वारा ऐसी किसी भी चाबी का होना स्वीकार नहीं किया । प्रार्थी  चाही गई राषि को प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है । बीमा कम्पनी ने  आज दिन तक प्रार्थी की क्लेम फाईल बन्द नही ंकी है और ’’नो क्लेम’’ भी नहीं किया है ।  स्वय प्रार्थी द्वारा बीमा कम्पनी को क्लेम पत्रावली में सहयोग नहीं किया जा रहा है । यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया कि बीमा कम्पनी को समय पर सूचित नहीं किया गया । चोरी की  सूचना पुलिस थाने में देरी से दिया जाना सन्देह उत्पन्न करता है ।    
5.                 हमने परस्पर  तर्क सुन लिए हैं और पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों का भी अवलोकन कर लिया है । 
6.    स्वीकृत रूप से प्रार्थी का वाहन  अप्रार्थी बीमा कम्पनी के यहां बीमित रहा है  तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार उक्त वाहन दिनंाक 28.12.2012 को चोरी हुआ तथा  इसकी दिनंाक 30.12.2010 को इस आषय की सूचना पुलिस थाने में दर्ज करवाई गई है ।  इससे ऐसा प्रकट होता है कि  48 घण्टे  के अन्दर अन्दर चोरी की उक्त सूचना थाने में दर्ज करवा दी गई है । यह भी स्थिति प्रकट हुई है कि बीमा कम्पनी ने अभी तक प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत क्लेम को खारिज नहीं किया है अपितु उनका प्रमुख रूप से उनका तर्क  यहीं रहा है कि उनके द्वारा दिनांक 21.3.13, 16.4.12 व 28.5.2013 के पत्रों द्वारा चाही गई सूचना जिसमें चाबी सौंपा जाने का उल्लेख है, प्रार्थी द्वारा उपलब्ध नहीं करवाए गए है जबकि प्रार्थी का कथन रहा है कि  उक्त चाबी बैंक को सौंपी गई थी । चूंकि प्रकरण काफी पुराना हो चुका है । अतः मंच की राय में अप्रार्थी बीमा कम्पनी को यह निर्देष दिया  जाता  है  कि वो चाबी के संदर्भ में  अब किसी प्रकार का प्रार्थी से पत्र व्यवहार नहीं करेंगें । मंच की राय में प्रकरण में  निम्नानुसार आदेष पारित किया जाना न्यायोचित है एवं आदेष है कि 
                      :ः- आदेष:ः-
7.    (1)    प्रार्थी इस आदेष की तिथि से 15 दिवस के अन्दर अन्दर अप्रार्थी बीमा कम्पनी के समक्ष नए सिरे से क्लेम प्रस्तुत करेगा । 
    (2)    अप्रार्थी बीमा कम्पनी  प्रार्थी द्वारा क्लेम प्रस्तुत किए जाने के एक माह के अन्दर अन्दर  का गुंणावगुण पर निस्तारण करेगें । 
    (3)         अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा 1 माह बाद क्लेम का निस्तारण करने के  अप्रार्थी बीमा कम्पनी के  क्लेम निस्तारण से असन्तुष्ट हो प्रार्थी  पुनः परिवाद पेष करने के लिए स्वतन्त्र होगा । 
    (4)     प्रकरण के तथ्यों एवं परिस्थितियों को मद्देनजर  रखते हुए पक्षकारान खर्चा अपना अपना स्वयं वहन करेगें । 

            आदेष दिनांक 29.09.2016 को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।

                
(नवीन कुमार )        (श्रीमती ज्योति डोसी)      (विनय कुमार गोस्वामी )
      सदस्य                   सदस्या                      अध्यक्ष    

    

 

 
 
[ Vinay Kumar Goswami]
PRESIDENT
 
[ Naveen Kumar]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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