Rajasthan

Ajmer

CC/553/2013

HITENDRA KUMAR - Complainant(s)

Versus

ORIENTAL INS COMPANY - Opp.Party(s)

ADV LAXMIKANT SHARMA

29 Nov 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/553/2013
 
1. HITENDRA KUMAR
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. ORIENTAL INS COMPANY
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Vinay Kumar Goswami PRESIDENT
  Naveen Kumar MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 29 Nov 2016
Final Order / Judgement

जिला    मंच,     उपभोक्ता     संरक्षण,         अजमेर

श्री हितेन्द्र कुमार पुत्र श्री खुमान सिंह गढ़वी, निवासी- सी/42,मारूति इण्ड एस्टेट फेस-2,जीआईडीसी,वटुआ, अहमदाबाद(गुजरात)
                                                -         प्रार्थी


                            बनाम

दी ओरियण्टल इंष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड जरिए मण्डल प्रबन्धक, मण्डल कार्यालय, पेट्रोल पम्प के सामने, कचहरी रोड, अजमेर । 

                                                -       अप्रार्थी 
                 परिवाद संख्या 553/2013  

                            समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी       अध्यक्ष
2. नवीन कुमार               सदस्य

                           उपस्थिति
                  1.श्री लक्ष्मीकान्त षर्मा, अधिवक्ता, प्रार्थी
                  2.श्री हरजीत षर्मा,  अधिवक्ता अप्रार्थी 

                              
मंच द्वारा           :ः- निर्णय:ः-      दिनांकः- 06.01.2017
 
1.       संक्षिप्त तथ्यानुसार प्रार्थी द्वारा मारूति स्विीफट् गाड़ी संख्या जी.जे.01.के.बी.424 श्री सुनील साजनदास पेसवानी से  क्रय करते हुए उसका पंजीकरण दिनंाक 19.7.2012  व बीमा पाॅलिसी प्रमाण पत्र दिनांक14.8.2012 को अपने नाम हस्तान्तरित करवा दिए जाने  व  पूर्व पंजीकृत स्वामी के पक्ष में बीमा पाॅलिसी दिनंाक 18.5.2012 से 17.5.2013 तक  को अपने नाम वाहन का बीमा  दिनांक 14.08.2012 से 17.5.2013 तक नई बीमा पाॅलिसी के तहत करवा लिए जाने के उपरान्त दिनांक 23.9.2012 को  बाड़मेर में उक्त वाहन के दुर्घटना के फलस्वरूप समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए अप्रार्थी बीमा कम्पनी के समक्ष वाहन मरम्मत में व्यय हुई राषि रू. 1,70,997/- का बीमा क्लेम पेष किए जाने पर अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा अपने पत्र दिनंाक  27.8.2013 के माध्यम से इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि  बीमा हस्तान्तरण करने की दिनांक 14.8.2012 को वाहन का भौतिक सत्यापन नहीं करवाया गया है । प्रार्थी का कथन है कि वाहन का बीमा करवाए जाते समय  वाहन वहीं पर मौजूद था । इस प्रकार अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा क्लेम खारिज किए जाने को सेवा में कमी बताते हुए परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की हैं । परिवाद के समर्थन में प्रार्थी ने स्वयं का षपथपत्र पेष किया है । 
2.    अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने जवाब प्रस्तुत करते हुए  कथन किया है कि प्रष्नगत वाहन को प्रार्थी ने पूर्व  वाहन स्वामी  श्री सुनील साजनदास पेसवानी से दिनांक 13.7.2012 को खरीदा था ।  जिसके पंजीकरण प्रमाण पत्र  के पृष्ठांकन की प्रति अपने मित्र श्री अनिल कुमार सुराणा  के जरिए  उत्तरदाता को ई-मेंल से दिनांक 13.8.2012 को प्रेषित की, जिसमें पंजीकरण हस्तान्तरण की तिथि दिनंाक 7.8.2012 अंकित की हुई थी । उत्तरदाता के सर्वेयर श्री जयेष के. दगली  द्वारा सर्वे किए जाने पर पाया गया कि पंजीकरण पृष्ठांकन  जो नाम परिवर्तन का प्राप्त किया गया उसमें तारीख दिनंाक 19.7.2012 अंकित है । इस प्रकार दो भिन्न भिन्न तारीखों के दो भिन्न दस्तावेज स्वामित्व अन्तरण के पृष्ठांकन के प्राप्त हुए । इस प्रकार प्रार्थी ने जानबूझकर  बीमा पाॅलिसी के नियमों  यथा  वाहन खरीद के 14 दिवस के भीतर पाॅलिसी में स्वामित्व हस्तान्तरण का पृष्ठांकन  किया जाना आज्ञापक है, जिसके अभाव में वाहन का भौतिक सत्यापन जरूरी है, के उल्लंघन से बचने के लिए एवं नियमों  की परिधि में आने के लिए उक्त कृत्य किया है । प्रार्थी ने  वाहन क्रय किए जाने की दिनांक 13.7.2012 से  14 दिवस के अन्दर अन्दर पाॅलिसी स्वामित्व हस्तान्तरण का पृष्ठांकन नहीं करवा कर दिनंाक 14.8.2012 को पृष्ठांकन करवाया है, जो कालबाधित है ।  इस प्रकार प्रार्थी द्वारा बीमा पाॅलिसी की षर्तो का उल्लंघन किए जाने के कारण प्रार्थी का बीमा क्लेम सही आधारों पर खारिज कर उत्तरदाता ने कोई सेवा में कमी कारित नहीं की है । अन्त में परिवाद सव्यय निरस्त किए जाने की प्रार्थना करते हुए जवाब के समर्थन में संजय टण्डन, सीनियर डिवीजनल  मैनेजर का ष्षपथपत्र पेष किया है   
3.    उभय पक्षकारान ने अपने अपने पक्ष कथन को बहस में तर्क के रूप में दोहराया है । हमने सुना, रिकार्ड देखा ।
4.    विवाद  का बिन्दु यह है कि क्या वाहन के बीमा हस्तान्तरण की तिथि दिनंाक 14.8.2012 को वाहन के भौतिक सत्यापान के अभाव में क्लेम देय नहीं है तथा प्रार्थी द्वारा महत्वपूर्ण तथ्यों को छिपाया गया है ? क्या बीमा पाॅलिसी के नियमों व ष्षर्तो के अनुसार खरीद की तिथि से 14 दिवस के भीतर हस्तान्तरण के पृष्ठांकन की षर्तों को ध्यान में रखते हुए भिन्न भिन्न अभिलेख रजिस्ट्रेषन के ट्रान्सफर के प्रस्तुत किए  है ?
5.    प्रार्थी का तर्क है कि उसने वाहन का बीमा हस्तान्तरण करवाए जाते समय जब वाहन मौके पर मौजूद था, अप्रार्थी के एजेण्ट से इस हेतु निवेदन भी किया था ।  किन्तु उसने  यह कहते हुए  वाहन का  भौतिक सत्यापन नहीं किया कि चूंकि प्रार्थी द्वारा वाहन खरीद करने के उपरान्त वाहन का पंजीकरण  अपने हक में करवा लिया था,  इसलिए भौतिक सत्यापन की आवष्यकता नहीं है । तर्क दिया गया कि ऐसे सत्यापन का दायित्व बीमा कम्पनी का था व ऐसे में प्रार्थी की कोई जिम्मेदारी नहीं  बनती है, फिर भी अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा मिथ्या एवं आधारहीन कारणों से क्लेम खारिज किया गया है । उनका यह कृत्य सेवा में कमी का परिचायक है ।  । 
6.    खण्डन में अप्रार्थी का तर्क रहा है कि प्रार्थी ने वास्तविक तथ्यों को छिपाया है । वास्तव में प्रार्थी द्वारा  वाहन की खरीद की तिथि दिनंाक 13.7.2012  रही है। जैसा कि स्वयं प्रार्थी द्वारा अपने मित्र श्री अनिल कुमार सुराणा के ई-मेल से स्पष्ट है , जो कि उसके द्वारा अप्रार्थी के कार्यालय में दिनंाक 13.8.2012 को भेजा गया है, जिसमें उसके  पंजीकरण प्रमाण पत्र के  पृष्ठांकन की प्रति प्रेषित की गई है तथा इसमें पंजीकरण हस्तान्तरण की तिथि दिनंाक 7.8.2012 अंकित की गई है । जबकि  सर्वेयर श्री जयेष कुमार दगली  द्वारा किए गए सर्वे के दौरान प्राप्त पंजीकरण पृष्ठांकन  में जो नाम परिवर्तन किया गया, की तारीख दिनंाक 19.7.2012 बताई गई है । इस प्रकारा दो भिन्न भिन्न तारीखों के दो  भिन्न भिन्न दस्तावेजात  स्वामित्व अन्तरण के  प्राप्त  हुए मामलों को संदिग्ध  बनाता था । चूंकि बीमा पाॅलिसी के नियमों व षर्तो के अनुसार वाहन खरीदने के 14 दिवस के भीतर पाॅलिसी  में स्वामित्व हस्तान्तरण का पृष्ठांकन  किया जाना आज्ञापक है जिसके अभाव में वाहन का भौतिक सत्यापन  जरूरी है । स्वयं प्रार्थी ने वाहन की खरीद की तिथि  तक अंकित नहीं की क्योंकि खरीद की तिथि दिनंाक 13.7.2012 से  स्वीकृत रूप से बीमा पाॅलिसी की षर्तो के अनुसार 14 दिवस के भीतर पाॅलिसी स्वामित्व हस्तान्तरण का पृष्ठांकन  नहीं करवाया गया है  एवं  जो पृष्ठांकन  दिनांक 14.8.2012 का करवाया गया , वह कालबाधित है , तदनुसार खारिज किया गया क्लेम उचित था । 
7.    प्रकरण में महत्वपूर्ण विवाद प्रार्थी द्वारा वाहन  स्वयं के पक्ष में खरीद किए जाने के बाद रजिस्ट्रेषन हस्तान्तरण की  तिथि का है । प्रार्थी ने वाहन खरीद व  पंजीकरण की तिथि दिनंाक 19.7.2012 बताई है , जबकि  अप्रार्थी इस तिथि को  7.8.2012 कह कर आया है । अप्रार्थी ने अपने इस तर्क का आधार प्रार्थी के मित्र  का दिनंाक 13.8.2012  को भेजा गया  ई-मेल बताया है जिसके अन्तर्गत पंजीकरण प्रमाण पत्र के पृष्ठांकन की प्रति प्रेषित की गई है व इसमें पंजीकरण हस्तान्तरण की तिथि दिनंाक 7.8.2012 बताई गई थी व इसी आधार पर बीमा कम्पनी द्वारा प्रार्थी के पक्ष में दिनंाक 14.8.2012 से पाॅलिसी स्वामित्व हस्तान्तरण का पृष्ठांकन किया गया  है। पत्रावली में इन दोनों अभिलेख  की फोटोप्रतियां प्रस्तुत हुई है जिनमें प्रार्थी के ई-मेल के संदर्भ में प्रस्तुत पंजीकरण की प्रति व अप्रार्थी द्वारा प्रार्थी के क्लेम के संदर्भ में किए गए अनुसंधान के दौरान प्राप्त पंजीकरण के प्रामाण पत्र की फोटोप्रति है । वाहन के खरीद किए जाने के बाद  14 दिवस के अन्दर अन्दर इसका  पंजीकरण अथवा हस्तान्तरण होना  आवष्यक है व इसी अवधि में पाॅलिसी हस्तान्तरण  हुआ है । ये दोनों तिथि महत्वपूर्ण है  क्योंकि प्रार्थी द्वारा  प्रष्नगत वाहन किसी अन्य व्यक्ति  से क्रय किया गया है । क्लेम प्रस्तुत किए जाने के बाद बीमा कम्पनी द्वारा क्लेम की सत्यता बाबत् करवाए गए अनुसंधान में कम्पनी के श्री जयेष कुमार दगली  द्वारा अनुसंधान किया गया है एवं प्रस्तुत रिपोर्ट  पत्रावली में संलग्न की गई है जिसमें पंजीकरण हस्तान्तरण की तिथि 19.7.2012   आरटीओ, अहमदाबाद द्वारा अंकित किया जाना सामने आया है । अतः 19.7.2012 पंजीकरण  हस्तान्तरण की तिथि मानी जाती है तो 14 दिवस के अन्दर अन्दर पाॅलिसी हस्तान्तरण किया जाना आवष्यक था  तथा हस्तान्तरण प्रकरण में  दिनंाक 19.7.2012 के बाद 14 अगस्त, 2012 से पाॅलिसी हस्तान्तरण को प्रभावषील बताया गया है । जिस प्रकार अप्रार्थी ने प्रार्थी द्वारा सर्वप्रथम दिनंाक 13.8.2012 को ई-मेल के जरिए जो पंजीकरण हस्तान्तरण बाबत्  पंजीकरण प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया है, में दर्षाए गई तिथि 7.8.2012 को सम्भवतः प्रार्थी द्वारा इसलिए दर्षाया गया ताकि तत्समय पाॅलिसी हस्तान्तरण की तिथि 14.8.2012  उक्त 14 दिवस की विहित  नियमों व ष्षर्तो के  अधीन रहती । एक ओर जहां प्रार्थी ने पंजीकरण  हस्तान्तरण की तिथि दिनंाक 7.8.2012 बताई वही खण्डन में अप्रार्थी द्वारा आवष्यक जांच पड़ताल के बाद इस तिथि को  19.7.2012 पाया व सर्वप्रथम प्रार्थी द्वारा इस 19.7.2012 के स्थान पर  दिनंाक 7.8.2012 का पृष्ठांकन करना बताया व इस तिथि के खण्डन स्वरूप  प्रार्थी पक्ष की ओर से  रिबटल अथवा जवाबुलजवाब  में कोई खण्डनीय तथ्य अथवा साक्ष्य प्रस्तुत नहीं की गई है ।  अतः कहा जा सकता है कि प्रार्थी द्वारा  प्रारम्भ में दिनांाक 7.8.2012 को बतौर वाहन खरीद करने व पंजीकरण हस्तान्तरण करने के पीछे एक मात्र कारण  इसका 14 दिवस की अवधि के अन्दर अन्दर पाॅलिसी हस्तान्तरण करना रहा था ।  चूंकि उसके द्वारा क्लेम प्रस्तुत किए जाते समय पंजीकरण हस्तान्तरण के प्रमाण स्वरूप  19.7.2012 का  ऐसा पंजीकरण हस्तान्तरण पृष्ठांकन  प्रस्तुत किया गया जो निष्चिय ही छल,कपट करने व क्लेम प्राप्त करने के आषय से किया गया है ।  
8.    जहां तक वाहन के भौतिक सत्यापन करवाए जाने का प्रष्न है,  चूंकि अप्रार्थी का यह तर्क रहा है कि प्रार्थी ने दिनंाक 13.8.2012 का जो पंजीकरण हस्तान्तरण प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया , में 7.8.2012 की तिथि अंकित की थी । अतः  तत्समय 14.8.2012 से प्रभावी  पृष्ठांकन के किए जाने पर बीमा कम्पनी के लिए यह अपेक्षित  आज्ञापक नही ंथा कि वो वाहन का भौतिक सत्यापन करते । यदि 14 दिवस की अवधि के बाद पृष्ठांकन  के लिए आवेदन किया गया होता तो  बीमा कम्पनी के लिए ऐसा पूर्व सत्यापन अपेक्षित था । 
9.    कुल मिलाकर जिस प्रकार के तथ्य उपरोक्त विवेचन में आए है, को ध्यान में रखते हुए अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने जो प्रार्थी का क्लेम खारिज करते हुए कार्यवाही की है, में किसी प्रकार की कोई सेवा में कमी का परिचय नहीं दिया है। क्लेम सही रूप से खारिज किया गया है ।  मंच की राय में प्रार्थी का परिवाद अस्वीकार होकर खारिज होने योग्य है एवं आदेष है कि 
                         -ःः आदेष:ः-
10.            प्रार्थी का परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं होने से अस्वीकार  किया जाकर  खारिज किया जाता है । खर्चा पक्षकारान अपना अपना स्वयं वहन करे ।
            आदेष दिनांक 06.01.2017 को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।


 (नवीन कुमार )                                (विनय कुमार गोस्वामी )
      सदस्य                                                अध्यक्ष    

 
 

 
 
[ Vinay Kumar Goswami]
PRESIDENT
 
[ Naveen Kumar]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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