जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
श्री गोेपालराम तंवर पुत्र श्री अमरचंद तंवर, निवासी- नागौर रोड़,बांसेली, पुष्कर, जिला-अजमेर ।
- प्रार्थी
बनाम
दी ओरियण्टल इन्ष्योरेंस क.लि जरिए मण्डलीय प्रबन्धक, मण्डल कार्यालय, गणेष भवन, कचहरी रोड़, अजमेर - 305001
- अप्रार्थी
परिवाद संख्या 557/2013
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
3. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री सूर्यप्रकाष गांधी, अधिवक्ता, प्रार्थी
2.श्री संजीव रोहिल्ला, अधिवक्ता अप्रार्थी
मंच द्वारा :ः- निर्णय:ः- दिनांकः-27.09.2016
1. प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हंै कि उसकी महिन्द्रा जीप संख्या आर.जे.01.यूए.1703 जो अप्रार्थी बीमा कम्पनी के यहां आईडीवी राषि रू. 3,50,000/- में दिनंाक 4.12.2010 से 3.12.2011 तक की अवधि के लिए जरिए बीमा पाॅलिसी संख्या 24200/31/2011/3434 के बीमित थी, दिनंाक 17.10.2011 को मदारगेट, गांधी भवन के सामने से चोरी हो जानेे पर इसकी सूचना अप्रार्थी बीमा कम्पनी के देते हुए कोतवाली पुलिस थाना में उसी दिन दिनांक 17.10.2011 को प्रथम सूचना रिपोर्ट संख्या 217/17.10.2011 दर्ज करवाई । पुलिस द्वारा उक्त रिपोर्ट में एफआर पेष कर दिए जाने के बाद उसने समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए बीमा क्लेम पेष किया । जिसे अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने अपने पत्र दिनांक 8.8.2012 के वाहन खरीद बिल व वाहन की चाबी की मांग की । इस पर उसने अप्रार्थी बीमा कम्पनी को वाहन का बिल देते हुए अवगत कराया कि एक चाबी कम्पनी को दे दी है और दूसरी चाबी नही ंमिल रही है । तदोपरान्त उसे बीमा पाॅलिसी का उल्लंघनकर्ता मानते हुए क्लेम राषि रू. 3,11,000/- अदा करने की सहमति मांगी जो उसने दे दी । फिर भी उसे पत्राचार किए जाने के बावजूद क्लेम राषि अदा नही ंकी । अप्रार्थी बीमा कम्पनी के उक्त कृत्य को सेवा में कमी बताते हुए परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है ।
2. अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने जवाब प्रस्तुत कर दर्षाया है कि बीमा कम्पनी प्रार्थी को वाहन की आईडीवी राषि की 75 प्रतिषत राषि का भुगतान आवष्यक खानापूर्ति करने पर देने को तैयार है । क्लेम राषि अदा करने के लिए उत्तरदाता ने मना नहीं किया है । प्रार्थी ने उक्त राषि प्राप्त करने की अपनी सहमति प्रदान की है ।इसलिए वह इसके और कोई राषि प्राप्त करने का अधिकारी नही ंहै । अन्त में परिवाद सव्यय निरस्त किए जाने की प्रार्थना की है ।
3. प्रार्थी का तर्क रहा है कि अप्रार्थी से प्रष्नगत वाहन का क्लेम सहमति के आधार पर रू. 3,11,000/- का तय हुआ था तथा इस हेतु सहमति पत्र देने व गाड़ी की दूसरी चाबी बाबत् षपथपत्र दिए जाने के बावजूद बीमा कम्पनी द्वारा उक्त राषि प्रदान नहीं करने व बार बार दूसरी चाबी मांगने तथा पूर्व के पत्रों द्वारा चाही गई सूचना उपलब्ध नहीं करवाए जाने के कारण विलम्ब के लिए प्रार्थी को दोषी ठहराया जाना उचित नहीं है व इसी आधार पर उसके द्वारा सम्पूर्ण राषि की मांग की गई है । परिवाद स्वीकार किया जाना चाहिए ।
4. खण्डन में अप्रार्थी बीमा कम्पनी का तर्क रहा है कि अप्रार्थी प्रष्नगत वाहन की 75 प्रतिषत राषि दिए जाने को तैयार एवं तत्पर रहना बताया तथा यह भी तर्क प्रस्तुत किया कि स्वयं प्रार्थी द्वारा बीमा कम्पनी को चाहे गए दस्तावेज देने व खानापूर्ति में विलम्ब किया गया है ।
5. हमने परस्पर तर्क सुने हैं एवं पत्रावली में उपलब्ध सामग्री का ध्यानपूर्वक अवलोकन कर लिया है ।
6. परस्पर अभिवचनों व बहस के दौरान आई स्थिति के अनुसार यह स्वीकृत तथ्य है कि अप्रार्थी बीमा कम्पनी प्रार्थी को प्रष्नगत वाहन की आईडीवी की 75 प्रतिषत राषि के भुगतान के लिए तैयार है तथा विलम्ब मात्र प्रार्थी द्वारा उन्हें सूचना नहीं दिए जाने का है । अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने यह स्वीकार किया है कि प्रार्थी से प्रष्नगत वाहन की क्लेम राषि रू. 3,11,000/- लेने हेतु सहमति मांगी गई थी जिसे प्रार्थी ने प्रदान कर दी थी । उनकी यह भी स्वीकारोक्ति है कि प्रार्थी ने अपने बीमा एजेण्ट के जरिए दिनांक 24.12.2012 को ई-मेल भिजवा कर क्लेम सेटल कर क्लेम की राषि दिलवाने की मांग की है। उक्त सहमति के बाद ऐसे क्या दस्तावेज या सूचना थी जो प्रार्थी द्वारा, मांगे जाने के बावजूद भी अप्रार्थी को उपलब्ध नही ंकरवाए गए । अप्रार्थी की ओर से उक्त सूचनाओं के संबंध में दिनंाक 1.10.2012 का प्रार्थी को लिखा गया स्मरण पत्र है, जिसके अन्तर्गत उन्होने अपने पूर्व पत्र दिनांक 12.3.2013 की सूचना 7 दिवस के अन्दर अन्दर क्लेम सेटल करने के पूर्व चाही है । दिनांक 12.3.2013 के पत्र के जरिए बीमा कम्पनी ने प्रार्थी से समझौता बेसिस पर 75 प्रतिषत एडमिसिबल क्लेम को देखते हुए सहमति दिए जाने का उल्लेख किया है । यहां यह उल्लेखनीय है कि प्रार्थी द्वारा पूर्व में ही सहमति पत्र के जरिए रू. 3,11,000/- फुल एण्ड फाईनल क्लेम के रूप में प्रदान किए जाने का उल्लेख करते हुए सहमति प्रदान की गई थी तथा गाड़ी की चाबियों को कम्पनी कार्यालय में दिया जाना बतलाया है । इस आषय का उसके द्वारा षपथपत्र भी प्रस्तुत हुआ है । इसके बावजूद भी अप्रार्थी द्वारा पुनः इसी संबंध में स्मरण पत्र भेज कर कतिपय सूचना/ दस्तावेजात का बार बार मांगना उनकी सेवा में कमी का परिचायक है । निष्चित रूप से सहमति प्रदान किए जाने व इस आषय की सूचना प्राप्त होने के बाद उक्त राषि प्रदान नहीं करना अप्राथी बीमा कम्पनी ने सेवा में कमी का परिचय दिया है । परिवाद इन्हीं परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए स्वीकार किए जाने योग्य है एवं आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
7. (1) प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी से बीमा क्लेम राषि रू. 3,11,000/- सहमति पत्र दिए जाने की दिनांक 25.8.2012 से तदायगी 9 प्रतिषत वार्षिक ब्याज दर सहित प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
2) प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी से ं परिवाद व्यय के पेटे रू. 10,000/- भी प्राप्त करने के अधिकारी होगा ।
(3) क्रम संख्या 1 लगायत 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी बीमा कम्पनी प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।
आदेष दिनांक 27.09.2016 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष