Rajasthan

Nagaur

CC/211/2013

Chenaram Jat - Complainant(s)

Versus

Oriental Bank Of Commerce - Opp.Party(s)

Sh SC Preek

24 Mar 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/211/2013
 
1. Chenaram Jat
Antroli Khurd,Nagaur
...........Complainant(s)
Versus
1. Oriental Bank Of Commerce
Degana,Nagaur
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE Brijlal Meena PRESIDENT
 HON'BLE MR. Balveer KhuKhudiya MEMBER
 HON'BLE MRS. Rajlaxmi Achrya MEMBER
 
For the Complainant:Sh SC Preek, Advocate
For the Opp. Party: Sh KN Vyas, Advocate
ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, नागौर
परिवाद सं. 211/2013

चैनाराम पुत्र बक्साराम, जाति-जाट, निवासी गा्रम व पोस्ट-आंतरोली खुर्द, तहसील-डेगाना, जिला-नागौर (राजस्थान)।                               -परिवादी     
बनाम

1. ओरिएण्टल बैंक आॅफ काॅमर्स जरिये शाखा प्रबन्धक, शाखा कार्यालय, एम.पी. गली, डेगाना, जिला- नागौर (राजस्थान)।
2. स्टेट बैंक आॅफ बीकानेर एण्ड जयपुर जरिये शाखा प्रबन्धक, शाखा कार्यालय, कृषि मण्डी रोड, चूंगी चैकी के पास, मेडतासिटी, जिला-नागौर (राजस्थान)।
                                               -अप्रार्थीगण
समक्षः
1. श्री बृजलाल मीणा, अध्यक्ष।
2. श्रीमति राजलक्ष्मी आचार्य, सदस्या।
3. श्री बलवीर खुडखुडिया, सदस्य।

उपस्थितः
1. श्री शिवचन्द पारीक, अधिवक्ता वास्ते परिवादी।
2. श्री कमलेश नारायण व्यास, अधिवक्ता, अप्रार्थी संख्या एक। अप्रार्थी संख्या दो के विरूद्ध एकतरफा कार्रवाई।

    अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम ,1986

                      आ  दे  श             दि0    24.03.2015
1. परिवाद के संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादी ने अप्रार्थीगण संख्या एक के यहां बचत खाता खुलवा रखा है। अप्रार्थी संख्या एक ने परिवादी को एक एटीएम जारी किया हुआ है। दिनांक 28.05.2013 को परिवादी ने अप्रार्थी संख्या दो बैंक के एटीएम से 10,000/- रूपये (दस हजार रूपय)े आहरित करने का प्रयास किया। परन्तु कोई राशि नहीं निकली और इस आश्य की स्लीप परिवादी को प्राप्त हुई कि साॅरी अनेबल टू प्रोसेस। परिवादी ने दुबारा अपना एकाउंट बैलेंस देखने के लिए प्रयास किया तो उसके खाते में केवल 10/- (दस रूपये)े शेष बताये गये। जबकि उस दिन एटीएम का प्रयोग करने से पहले 20,010/- (बीस हजार दस रूपये) प्रार्थी के खाते में शेष थे। प्रार्थी के खाते में से दो बार में 10,000-10,000 रूपये आहरित होना बताकर गलत तरीके से उसकी शेष रकम 10/- (दस रूपये) बताई। इसकी शिकायत 29.05.2013 को अप्रार्थी संख्या एक के यहां की गई। अप्रार्थीगण ने शिकायत को निरस्त कर दिया। प्रार्थी ने पुनः 27.06.2013 को प्री-आर्बिटेशन के अन्तर्गत शिकायत दर्ज कराइर्, परन्तु उसे भी निरस्त कर दिया। अप्रार्थीगण के उच्च अधिकारियों के यहां भी शिकायत दर्ज कराई, परन्तु कोई सुनवाई नहीं हुई। अतः उसे नियमानुसार बांछित अनुतोष दिलाया जावे।
2. अप्रार्थी संख्या एक का जवाब इस प्रकार है कि दिनांक 28.05.2013 के पूर्व 20,010/- रूपये (बीस हजार दस रूपये) जमा थे। परन्तु परिवादी ने 28.05.2013 को एस.बी.बी.जे. शाखा मेडतासिटी द्वारा संचालित एटीएम से अपनी जमा राशि निकाल ली। प्रार्थी की शिकायत प्राप्त होने पर जांच की गई। शिकायत को झूठा पाया गया।
3. मजीद उजरात में मुख्य रूप से अप्रार्थी संख्या एक का यह कहना है कि 28.05.2013 को जिन-जिन व्यक्तियों के अप्रार्थी संख्या दो के एटीएम से अपने एटीएम कार्डों से पैसे निकाले गए, उन सबका विवरण रिकाॅर्ड में दर्ज हो गया। प्रार्थी ने भी एटीएम से उसी दिन 20,000/- रूपये (बीस हजार रूपये) निकाले। यदि कोई गलत पर्ची अप्रार्थी संख्या दो के एटीएम से जारी हुई है तो अप्रार्थी संख्या दो ही इसके लिए जिम्मेदार है।
4. यहां यह उल्लेख करना सुसंगत एवं सम्मीचीन होगा कि अप्रार्थी संख्या दो बावजूद बाद तामिल उपस्थित नहीं हुए। उसके विरूद्ध दिनांक 27.11.2013 को एकतरफा कार्रवाई अमल में लाई गई।
5. उभय पक्षकारान बहस सुनी गई। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अध्ययन एवं मनन किया गया। जहां तक अप्रार्थी संख्या एक के यहां विवादित दिनांक 28.05.2013 को 20,010/- (बीस हजार दस रूपये) जमा होने का प्रश्न है, स्वयं अप्रार्थी संख्या एक की जवाब स्वीकारोक्ति से स्पष्ट है।
6. प्रश्न उत्पन होता है कि प्रार्थी ने अप्रार्थी संख्या दो के एटीएम से बीस हजार रूपये निकाले? प्रार्थी ने स्पष्ट रूप से इन्कार किया है। जबकि अप्रार्थी संख्या एक ने यह कहा है कि प्रार्थी ने एटीएम से 28.05.2013 को पैसे निकाले हैं। इस विवादित सम्व्यवहार की सत्यता जानने के लिए हमें अप्रार्थी बैंक की ओर से जारी दस्तावेज प्रदर्श ए 9 एवं प्रदर्श 1 पर विचार करना होगा। प्रदर्श ए 9 विवादित दिनांक 28.05.2013 को अप्रार्थी संख्या दो के एटीएम से अलग-अलग व्यक्तियों द्वारा अपने एटीएम को उपयोग कर निकाली गई राशि से सम्बन्धित होना बताया गया हैै। प्रदर्श 1 भी अप्रार्थी संख्या दो के एटीएम से जारी हुई रसीद है। प्रदर्श ए 9 प्रार्थी के खाते से एटीएम द्वारा दिनांक 28.05.2013 को समय शाम 6.34 बजे को दस हजार रूपये निकालना बताया है, 28.05.2013 को ही समय शाम को 6.35 बजे पर प्रार्थी द्वारा एटीएम से दस हजार रूपये और निकालना बताया है। जबकि प्रदर्श 1 के मुताबिक समय 6.35 बजे अप्रार्थी संख्या दो के एटीएम से साॅरी एनेबल टू प्रोसेस बताया गया है। ऐसी सूरत में एक तरफ प्रदर्श ए 9 में 28.05.2013 को शाम 6.35 पर दस हजार रूपये निकलना बताया है, उसी समय अर्थात 28.05.2013 को ही समय शाम 6.35 पर साॅरी एनेबल टू प्रोसेस बताया है। इस प्रकार दोनों ही उक्त दस्तावेजात एक दूसरे के विरोधाभाषी है, इसका कोई स्पष्टीकरण ना तो अप्रार्थी संख्या एक ने दिया है और ना ही अप्रार्थी संख्या दो ने दिया है। दोनों दस्तावेजात विरोधाभाषी होने के कारण संदेहास्पद स्थिति को प्रकट करते हैं। इसके अलावा 28.05.2013 को शाम 6.34 बजे दस हजार रूपये निकालना बताया है, परन्तु प्रार्थी के मुताबिक 6.34 बजे उसने कोई एटीएम का उपयोग नहीं किया है। यदि शाम 6.34 बजे की बात सही होती एवं 6.35 की बात भी सही होती तो दोनों बैंक को अपने बहीखाते पेश करने चाहिए थे। जिससे सत्यता सामने आती, परन्तु सही तथ्य को छिपाने की कोशिश की गई है। हमारी राय में अप्रार्थीगण का पूर्णतः सेवादोष है।
7. यहां यह उल्लेख करना आवश्यक होगा कि रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार क्लेम का निस्तारण नहीं करने पर 100/- रूपये (सौ रूपये) प्रतिदिन की दर से राशि दिलाये जाने का उपबन्ध है। इस प्रकार परिवादी का परिवाद अप्रार्थी संख्या दो के विरूद्ध स्वीकार किये जाने योग्य है।


आदेश

8. अतः अप्रार्थी सख्या दो को आदेश दिया जाता है कि परिवादी को 20,000/- रूपये (बीस हजार रूपये) की रकम वापिस लौटायें एवं बैंक नियमावली के मुताबिक 28.05.2013 से 100/- रूपये (सौ रूपये) प्रतिदिन के हिसाब से हर्जाना अदा करें। अप्रार्थी संख्या दो परिवादी को मानसिक क्षतिपूर्ति एवं परिवाद व्यय के रूप में भी 2500/- रूपये (दो हजार पांच सौ रूपये)  अदा करें।
  
आदेश आज दिनांक 24.03.2015 को लिखाया जाकर खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

।बलवीर खुडखुडिया।    ।बृजलाल मीणा।   ।श्रीमति राजलक्ष्मी आचार्य।
सदस्य                 अध्यक्ष            सदस्या

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE Brijlal Meena]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Balveer KhuKhudiya]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. Rajlaxmi Achrya]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.