जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।
परिवाद संख्या:- 1138/2019 उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्यक्ष।
श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्य।
श्री कुमार राघवेन्द्र सिंह, सदस्य।
परिवाद प्रस्तुत करने की तारीख:-13.11.2019
परिवाद के निर्णय की तारीख:- 20.05.2023
Durgesh Gupta S/o Indra Kumar Gupta Address-365/107, Campwell Road, Asiya mau, Lucknow.
…………….Complainant.
Versus
1. Oppo Mobiles India Pvt. Ltd. Plot no. 1 udyog bihar, Greater Noida Gautam Buddha Nagar, Uttar Pradesh-201306 Through its Managing Director.
2. Oppo Mobiles India Pvt. Ltd. 5th floor, Tower-B Building no. 8, DLF cyber city, Gurugram-122002, Harayana, India Through its Managing Director.
3. A114 Sector B, LDA above Tanshik Jewellers U.P. 226012 Phone-0522-4244801. Through its Proprietor.
………………. Opposite Party.
परिवादी के अधिवक्ता का नाम:-श्री एल0पी0 यादव एवं परिवाद स्वयं।
विपक्षी के अधिवक्ता का नाम:-श्री दुष्यन्त कुमार गुप्ता।
आदेश द्वारा-श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्य।
निर्णय
1. परिवादी ने प्रस्तुत परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत विपक्षी से 23990.00 रूपये परिवाद दायर करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक, 50,000.00 रूपये क्षतिपूर्ति एवं मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक क्षतिपूर्ति के रूप में दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया है।
2. संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी ने एक मोबाइल फोन Oppo F9 PRO IMEI Number 866778048804110 चालान संख्या 1241 मुबलिग 23,990.00 रूपये भुगतान कर विपक्षी से क्रय किया था। मोबाइल क्रय करने के कुछ दिनों बाद ही उक्त मोबाइल में टच प्राब्लम, हैंग करना, गरम होना, आटो ऑन/ऑफ होना इत्यादित समस्यायें आने लगी। इस संबंध में परिवादी ने विपक्षी संख्या 02 से संपर्क किया। विपक्षी संख्या 02 द्वारा विपक्षी संख्या 03 से संपर्क करने को कहा गया। विपक्षी संख्या 03 एक अधिकृत सेवा केन्द्र है।
3. परिवादी ने विपक्षी संख्या 03 से संपर्क किया। विपक्षी संख्या 03 मोबाइल लेने को तैयार नहीं था, क्योंकि उन्होंने परिवादी को थोड़ी देर बैठने के लिये कहा ताकि मोबाइल में खराबी की जॉंच की जा सके और यदि कोई खराबी हो तो उसे ठीक किया जा सके। परिवादी वहॉं दो घंटे तक बैठा रहा और उसके बाद बिना रसीद के परिवादी को मोबाइल फोन वापस कर दिया गया। मुश्किल से कुछ दिनों बाद परिवादी ने देखा कि मोबाइल में कुछ खराबी हो गयी थी और फोन अपने आप ऑटो स्विच ऑफ हो जाता था।
4. परिवादी ने विपक्षी के पास पुन: संपर्क करने की कोशिश की। विपक्षी संख्या 03 द्वारा कहा गया कि फोन में कोई खराबी नहीं थी, क्योंकि परिवादी इसका उपयोग नहीं कर रहा था, जिससे सेट एक घंटे बाद परिवादी को यह कहकर लौटा दिया गया कि फोन सभी दोषों से मुक्त है। फोन लौटाने के कुछ देर बाद भी परिवादी ने देखा कि दोष दूर करने के बजाए फोन हैंग करने लगा, टच प्राब्लम, हीटिंग की समस्या, ऑटो आन/ऑफ होने लगा। परिवादी विपक्षी संख्या 03 के पास गया और मोबाइल में खराबी को ठीक करने को कहा, परन्तु वह मोबाइल लेने के लिये तैयार नहीं था।
5. कई प्रयासों के बाद परिवादी ने दिनॉंक 30.10.2019 से विपक्षी संख्या 03 के पास वापस कर दिया और पुन: दिनॉंक 21.11.2019 को प्राप्त किया। विपक्षी संख्या 03 द्वारा दिनॉंक 11.11.2019 को वापस ले लिया गया। परिवादी ने मोबाइल बदलने के लिये विपक्षी संख्या 03 से सम्पर्क करने की कोशिश की, क्योंकि वारंटी के मामले में सेट की मरम्मत या बदलने का कार्य सेवा केन्द्र का है। क्योंकि विपक्षी संख्या 03 द्वारा बेचा गया खराब मोबाइल विपक्षी संख्या 03 के पास पड़ा है। परिवादी के बार-बार अनुरोध करने पर विपक्षी न तो मोबाइल सेट को बदला और न ही मोबाइल सेट की कीमत वापस की। जबकि मोबाइल सेट अभी भी वारंटी अवधि में है।
6. परिवादी के साक्ष्य शपथ पत्र के विश्लेषण से ज्ञात होता है कि दिनॉंक 04.12.2018 को परिवादी ने 23,990.00 रूपये का भुगतान करके विपक्षी से मोबाइल क्रय किया। उक्त मोबाइल क्रय करने के कुछ दिन बाद ही मोबाइल में टच प्राब्लम, हैंग होना, ऑटो ऑन/आफ होना आदि समस्याये होने लगी। इसलिये परिवादी ने विपक्षी संख्या 03 से संपर्क किया। परन्तु विपक्षी संख्या 03 द्वारा विपक्षी संख्या 04 से संपर्क करने के लिये कहा गया। जबकि विपक्षी संख्या 03 कम्पनी का अधिकृत सर्विस सेन्टर है। विपक्षी संख्या 03 मोबाइल फोन लेने के लिये तैयार नहीं था, क्योंकि उन्होंने परिवादी को थोड़ी देर बैठने के लिये कहा ताकि मोबाइल में कोई खराबी हो तो जॉंच की जा सके और उसे ठीक किया जा सके।
7. परिवादी दो घंटे तक बैठा रहा और उसके बाद बिना रसीद के मोबाइल परिवादी को वापस दे दिया गया। कुछ दिनों के बाद परिवादी ने देखा कि मोबाइल में कुछ तकनीकी खराबी है, क्योंकि डिस्प्ले और ऑटो स्विच ऑफ की समस्या थी। इसलिये परिवादी ने फिर से विपक्षी संख्या 04 से संपर्क किया और मोबाइल में आयी खराबी के संबंध में श्किायत की तब विपक्षी संख्या 03 ने सेट की जॉंच की और कहा कि मोबाइल में कोई खराबी नहीं है, क्योंकि परिवादी इसे ठीक से उपयोग नहीं कर रहा था, इसलिये ऐसा लगता है कि इसमें दोष हुआ है। फिर से एक घंटे के बाद परिवादी को यह कहकर लौटा दिया गया है। कि फोन दोषों से मुक्त है।
8. संख्या 04 ने दिनॉंक 30.10.2019 को मोबाइल फोन प्राप्त किया और परिवादी को दिनॉंक 02.11.2019 को वापस कर दिया। यहॉं यह उल्लेख करना उचित है कि दिनॉंक 11.11.2019 को परिवादी ने सेवा केन्द्र का दौरा किया और उसी दिनॉंक को फोन परिवादी को वापस कर दिया गया। विपक्षी संख्या 03 कम्पनी का अधिकृत सेवा केन्द्र है और सर्विस सेन्टर का यह कर्तव्य है कि वारंटी के मामले में सेट की मरम्मत भी प्रतिस्थापन करे।
9. प्रस्तुत परिवाद में परिवाद का सम्मन विपक्षी को भेजा गया परन्तु विपक्षीगण की ओर से कोई भी उपस्थित नहीं हुआ अत: दिनॉंक 13.01.2020 को एकपक्षीय कार्यवाही अग्रसारित की गयी।
10. परिवादी ने साक्ष्य में शपथ पत्र, ट्रैक इनवाइस, ट्रैक कन्साइनमेंट इत्यादि दाखिल किया गया है।
11. मैंने परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को सुना तथा पत्रावली का परिशीलन किया।
12. परिवादी का कथानक है कि उसने विपक्षी संख्या 04 से Oppo F9 PRO IMEI Number 866778048804110 मुबलिग 23,990.00 रूपये का भुगतान कर विपक्षी से क्रय किया था, और मोबाइल क्रय करने के कुछ ही दिनॉंक बाद मोबाइल में टच प्राब्लम, हैंग होना, ऑटो ऑन/आफ होना आदि समस्याये होने लगी। परिवादी ने विपक्षी संख्या 03 से संपर्क किया परन्तु विपक्षी संख्या 03 द्वारा फोन यह कहकर लौटा दिया गया कि फोन दोषों से मुक्त है।
13. कोई भी तकनीकी एवं मैकेनिकल परीक्षण इस आशय का नहीं है कि फोन तकनीकी रूप से खराब है। यह तथ्य सही है कि विपक्षी उपस्थित नहीं हैं और उनके विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही अग्रसारित की गयी है। परिवादी ने स्वयं अपने परिवाद पत्र में उल्लिखित किया है कि मोबाइल में टच प्राब्लम, हीटिंग की समस्या, ऑटो आन/ऑफ होने लगा, और स्वयं ही यह भी कह रहा है कि जब दिखाया गया तो विपक्षी ने कहा कि फोन दोषमुक्त है। यह परस्पर विरोधाभास सा उत्पन्न हो रहा है। ऐसी स्थिति में उचित होगा कि जो समस्या परिवादी बता रहा है उसका निवारण विपक्षी करे। यह भी तथ्य स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि मोबाइल वर्तमान में किसके पास है। अगर विपक्षी के पास है तो उसे 45 दिन के अन्दर बनाकर चालू हालत में परिवादी को प्राप्त करावे। यदि मोबाइल परिवादी के पास है तो परिवादी निर्णण् की तिथि से 30 दिन के अन्दर आदेश लेकर विपक्षी के पास जायेगें और विपक्षी उसे 45 दिन के अन्दर बनाकर चालू हालत में परिवादी को प्राप्त करायेगें।
14. परिवादी के बार-बार अनुरोध करने पर विपक्षी संख्या 03 ने न तो मोबाइल बदला और न ही मोबाइल सेट की कीमत वापस की, जबकि मोबाइल फोन अभी भी वारन्टी अवधि के अन्दर है। परिवादी द्वारा दिये गये साक्ष्य के अवलोकन से विदित है कि विपक्षी संख्या 03 द्वारा सेवा में घोर कमी की गयी है। विचारणीय है कि समस्त तथ्यों में परिवादी को मानसिक एवं शारीरिक कष्ट हुआ है और विपक्षीगण द्वारा बार-बार परिवादी को दौड़ाया गया है। इन सब स्थितियों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए परिवादी को मोबाइल की कीमत 23,990.00 रूपये वापस दिलाया जाना न्यायसंगत प्रतीत होता है। अत: परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। परिवादी को निर्देशित किया जाता है कि मोबाइल अगर विपक्षी के पास है तो उसे 45 दिन के अन्दर बनाकर चालू हालत में परिवादी को प्राप्त करावे। यदि मोबाइल परिवादी के पास है तो परिवादी निर्णय की तिथि से 30 दिन के अन्दर आदेश लेकर विपक्षी के पास जायेगें और विपक्षी उसे 45 दिन के अन्दर बनाकर चालू हालत में परिवादी को प्राप्त करायेगें। परिवादी को हुए मानसिक, शारीरिक कष्ट एवं वाद व्यय के लिये मुबलिग 20,000.00 (बीस हजार रूपया मात्र) भी अदा करेगें। विपक्षी संख्या 03 यदि मोबाइल बनाकर 45 दिन के अन्दर परिवादी को वापस नहीं करेगें तो परिवादी मोबाइल की कीमत मुबलिग 23,990.00 (तेइस हजार नौ सौ नब्बे रूपये मात्र) पाने का हकदार होगा।
पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रार्थना पत्र निस्तारित किये जाते हैं।
निर्णय/आदेश की प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाए।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
आज यह आदेश/निर्णय हस्ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
दिनॉंक:- 20.05.2023