Uttar Pradesh

Lucknow-I

CC/289/2018

ANOOP KUMAR AGARWAL - Complainant(s)

Versus

OPAS INDIA - Opp.Party(s)

L.P. YADAV

01 Nov 2021

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/289/2018
( Date of Filing : 26 Jul 2018 )
 
1. ANOOP KUMAR AGARWAL
26 DEVLOK COLONY ALIGANJ
LUCKNOW
...........Complainant(s)
Versus
1. OPAS INDIA
A 1174/1 INDIRA NAGAR
LUCKNOW
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Neelkuntha Sahya PRESIDENT
  Ashok Kumar Singh MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 01 Nov 2021
Final Order / Judgement

        जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।

            परिवाद संख्‍या:-289/2018                                              उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्‍यक्ष।

                    श्री अशोक कुमार सिंह,  सदस्‍य।         

परिवाद प्रस्‍तुत करने की तारीख:-26/07/2018

परिवाद के निर्णय की तारीख:-01/11/2021

 

अनूप कुमार अग्रवाल पुत्र श्री बी0के0 अग्रवाल निवासी-26, देवलोक कालोनी, अलीगंज लखनऊ।                                       ..........परिवादी।

                           बनाम

 

Opas India (Takshak Telecom Pvt Ltd) A-1174/1, Indira Nagar, Lucknow-226016 Through its Manager.                                               .............विपक्षी।

 

                                                                                                                 

आदेश द्वारा-श्री नीलकंठ सहाय, अध्‍यक्ष।

                          एकपक्षीय निर्णय

1.    परिवादी ने प्रस्‍तुत परिवाद विपक्षी से,  परिवादी द्वारा जमा कराये गये 4,000.00 रूपये मय 18 प्रतिशत ब्‍याज सहित, विपक्षी की दोषपूर्ण सेवाओं एवं अनफेयर टेड प्रैक्टिस की वजह से परिवादी को हुए मानसिक एवं शारीरिक कष्‍ट और आर्थिक क्षति की क्षतिपूर्ति के लिये 50,000.00 रूपये एवं वाद व्‍यय के रूप में 11,000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्‍तुत किया है।

2.   संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी की स्‍वरोजगार के माध्‍यम से अपनी पारिवारिक जीविका चलाने हेतु ‘’ आदित्‍य एजेन्‍सीज ’’  के नाम से एक पार्टनरशिप फर्म है जिससे परिवादी अपने व अपने परिवार का भरण-भोषण करता है। विपक्षी प्‍लम्‍बर, इलेक्‍ट्रीशियन,  कारपेन्‍टर एवं एसी सर्विस आदि की सेवा शुल्‍क लेकर देने का व्‍यवसाय करते हैं।

3.   विपक्षी ने परिवादी से मिलकर बताया कि वह 4,000.00 रूपये में एक वर्ष तक परिवादी के घर में प्‍लम्‍बर, इलेक्‍ट्रीशियन,  कारपेन्‍टर एवं एसी सर्विस हेतु कुल 20 बार सर्विस देगें। परिवादी द्वारा 4,000.00 रूपये चेक संख्‍या-000520 द्वारा विपक्षी को भुगतान कर दिया। भुगतान प्राप्‍त करने के बाद विपक्षी द्वारा दिनॉंक 06.06.2017 को एक रसीद जारी की गयी व सर्विस एग्रीमेंट दिया गया तथा विपक्षी द्वारा दिनॉंक 06.06.2017 से 06.06.2018 तक की अवधि में कुल 20 बार सर्विस देने का वायदा किया था, परन्‍तु विपक्षी द्वारा केवल 06 सर्विस ही दी गयी। 06 सर्विस के बाद विपक्षी द्वारा कोई सर्विस नहीं दी गयी। विपक्षी द्वारा सर्विस न दिये जाने पर परिवादी ने अपने अधिवक्‍ता के माध्‍यम से एक विधिक नोटिस दिनॉंक 07-06-2018 को स्‍पीड पोस्‍ट के माध्‍यम से भिजवायी। परन्‍तु विपक्षी द्वारा नोटिस का कोई उत्‍तर नहीं दिया गया और न ही कोई सर्विस दी गयी। इसलिये विपक्षी के विरूद्ध वाद का कारण उत्‍पन्‍न हुआ।

4.   परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता को सुना तथा पत्रावली का परिशीलन किया। विदित है कि धारा-12 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के तहत यह परिवाद पत्र विपक्षी के विरूद्ध संस्थित किया गया है, जिसके तहत परिवादी ने सेवा करने के लिये दी गयी अग्रिम धनराशि की वापसी तथा मानसिक व शारीरिक एवं आर्थिक क्षति हेतु परिवाद संस्थित किया गया है।

5.   परिवादी एक पार्टनरशिप फर्म है। विपक्षी प्‍लम्‍बर,  इलेक्‍ट्रीशियन एवं ए0सी0 सर्विस आदि की सेवा शुल्‍क लेकर देने का कार्य करता है।

6.   परिवादी ने अपने कथानक के समर्थन में दस्‍तावेजी साक्ष्‍य संलग्‍नक-01 दाखिल किया है जिसके परि‍शीलन से विदित है कि आप्‍सा इण्डिया से अनूप कुमार द्वारा एक संविदा कराया गया था। संविदा के तहत यह व्‍यवस्‍था की गयी थी कि 20 सर्विस  प्‍लम्‍बर,  इलेक्‍ट्रीशियन एवं ए0सी0 सर्विस विपक्षी को एक वर्ष में देनी थी जिसके एवज में 4,000.00 रूपये की धनराशि विपक्षी को प्रदत्‍त करायी गयी।

7.   परिवादी द्वारा अपने कथानक को अपने शपथ पत्र के माध्‍यम से पुष्टि करते हुए यह कहा गया है कि परिवादी के घर में प्‍लम्‍बर,  इलेक्‍ट्रीशियन एवं ए0सी0 की सर्विस हेतु 20 बार दिनॉंक 06-06-2017 से लेकर 06-06-2018 तक के लिये एग्रीमेंट कराया था।

8.   परिवादी द्वारा परिवाद संस्थित किये जाने के पूर्व नोटिस विपक्षी को दी गयी थी। परिवादी द्वारा अपने कथानक की पुष्टि साक्ष्‍य के माध्‍यम से एवं दस्‍तावेजी साक्ष्‍य से किया है। पत्रावली पर कोई भी ऐसा साक्ष्‍य मौजूद नहीं है जिससे कि परिवादी के कथन पर अविश्‍वास प्रकट किया जा सके।

9.   परिवादी का परिवाद स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है। मामले के तथ्‍य एवं परिस्थितियों के तहत पीठ की राय में विपक्षी 4,000.00 रूपये संविदा तिथि से अंतिम देय तक 09 प्रतिशत साधारण ब्‍याज की दर से भुगतान करेंगे एवं मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक कष्‍ट के रूप में मुबलिग-5,000.00 (पॉंच हजार रूपया मात्र) भुगतान करेंगे जिससे परिवादी के उददेश्‍य की पूर्ति हो।

 

आदेश

10.  परिवादी का परिवाद स्‍वीकार किया जाता है तथा विपक्षी को निर्देशित किया जाता है कि परिवादी को मुबलिग 4,000.00 (चार हजार रूपया मात्र) करार की तिथि से अंतिम अदायगी तक उक्‍त धनराशि पर 09 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्‍याज देय होगा।

11.  विपक्षी को यह भी निर्देशित किया जाता है कि उक्‍त धनराशि का भुगतान 45 दिन के अन्‍दर करें।

12.  विपक्षी को यह भी निर्देश्ति किया जाता है कि परिवादी को मानसिक शारीरिक एवं आर्थिक कष्‍ट की क्षतिपूर्ति के रूप में परिवादी को मुबलिग-5,000.00 (पॉंच हजार रूपया मात्र) अतिरिक्‍त भुगतान करें।     

 

 

    (अशोक कुमार सिंह )                      (नीलकंठ सहाय)

         सदस्‍य                                 अध्‍यक्ष

                            जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग,   प्रथम,

                                             लखनऊ।                                       

 
 
[HON'BLE MR. Neelkuntha Sahya]
PRESIDENT
 
 
[ Ashok Kumar Singh]
MEMBER
 

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