DR. GAJANAND BARANWAL filed a consumer case on 22 Dec 2021 against ONEPLUS INFRASTRUCTURE in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/108/2021 and the judgment uploaded on 29 Dec 2021.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 108 सन् 2021
प्रस्तुति दिनांक 30.08.2021
निर्णय दिनांक 22.12.2021
.........................................................................................परिवादी।
बनाम
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि वह जनपद आजमगढ़ के निवासी एवं पेशा से चिकित्सक है। विपक्षी संख्या 01 एक पंजीकृत प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी है तथा परिवादी की जानकारी के मुताबिक विपक्षी संख्या 02 व 03 विपक्षी संख्या 01 के डायरेक्टर्स हैं तथा विपक्षीगण का मुख्य व्यवसाय रियल ईस्टेट ऐक्टीविटीज है, जिसमें आवासीय भुखण्डों, अपार्टमेन्ट्स, आवासीय फ्लैट्स का क्रय व विक्रय करना आदि है। परिवादी ने विपक्षीगण से वाराणसी शहर में आवासीय फ्लैट खरीदने हेतु उसकी बुकिंग किया था। परिवादी ने विपक्षीगण के द्वारा दिए गए विज्ञापन आदि से प्रभावित होकर वाराणसी शहर विपक्षीगण के वन प्लेस रिवाटा प्रोजेक्ट में 750 वर्गफुट कारपेट एरिया का एक आवासीय फ्लैट कुल कीमत 26,25,000/- में से दिनांक 07.03.2013 को रुपए 3,12,500/- विपक्षीगण के यहाँ जमा कर बुकिंग कराया जिसकी बुकिंग संख्या OPIPL/OPR-V/280213/2048 है एवं उक्त बुकिंग धनराशि सहित परिवादी द्वारा विपक्षीगण के यहाँ रु. 26,25,000/- की धनराशि जरिए विभिन्न चेकों द्वारा विपक्षीगण को भुगतान परिवाद में उल्लिखित विभिन्न तिथियों में किया जा चुका है। विपक्षीगण द्वारा परिवादी को अवगत कराए गए नियम व शर्तों के अनुसार परिवादी उपरोक्त बुकिंग तिथि से दो वर्ष की मियाद के अन्दर विपक्षीगण द्वारा परिवादी को वांछित आवासीय फ्लैट का कब्जा परिदान कर विक्रय विलेख निष्पादित कर देना था परन्तु परिवादी द्वारा विपक्षीगण के नियम व शर्तों के अनुरूप कुल धनराशि 26,25,000/- का भुगतान कर देने के उपरान्त लगभग पांच वर्षों की अवधि व्यतीत होने के बावजूद भी विपक्षीगण द्वारा उनके वन प्लेस रिवाटा प्रोजेक्ट पर कार्य भी नहीं प्रारम्भ किया गया एवं महज परिवादी को आज या कल निर्माण कार्य प्रारम्भ करने का आश्वासन दिया जाता रहा। विपक्षीगण द्वारा नित्य प्रति नए नए बहाना करने एवं कोरे आश्वासन देने तथा विपक्षीगण के कर्मचारियों द्वारा उनके वन प्लेस रिवाटा प्रोजेक्ट पर निकट भविष्य में कार्य प्रारम्भ न होने की सूचना दिए जाने एवं कई बुकिंगकर्ताओं द्वारा अपनी बुकिंग निरस्त करा लेने पर मजबूरन परिवादी ने भी विपक्षीगण से अपनी बुकिंग को निरस्त कर विपक्षीगण द्वारा निर्धारित एश्योर्ड रिटर्न की धनराशि रुपए 14,83,571/- व परिवादी की जमा धनराशि रुपए 26,25,000/- जुमला रुपए 41,08,571/- परिवादी विपक्षीगण से वापस करने हेतु अनुरोध किया जिसे विपक्षीगण ने स्वीकार भी किया। परिवादी की बुकिंग निरस्त करने के बाद विपक्षीगण ने परिवादी को देय धनराशि रुपए 41,08,571/- में से विभिन्न चेकों द्वारा रुपए 7,74,821/- की धनराशि परिवादी को वापस किया एवं शेष धनराशि रुपए 33,33,750/- के भुगतान हेतु परिवादी को रुपए 10/- के स्टाम्प पेपर पर एक तहरीर लिखकर उसके साथ परिवाद में उल्लिखित विभिन्न तिथियों के चार पोस्ट डेटेड चेकों के रूप में भुगतान किया। तत्पश्चात् परिवादी ने उन चेकों के भुगतान प्राप्त करने हेतु वैधानिक मियाद के अन्दर समय समय पर एक्सिस बैंक शाखा आजमगढ़ स्थित अपने खाता संख्या 909010042077261 में जमा किया। जिसमें से विपक्षीगण द्वारा प्रदान किए चारों चेकों में से एक चेक रुपए 11,12,500/- का भुगतान परिवादी को प्राप्त हो गया, परन्तु उसके बाद तीनों चेक विपक्षीगण द्वारा स्टॉप पेमेन्ट कर देने के कारण भुगतान नहीं हो सका। जिसका विवरण परिवाद में उल्लेखित है। परिवादी ने तीनों चेकों के समय समय पर डिस्ऑनर होने के उपरान्त विपक्षीगण के विरुद्ध धारा 138 द नेगोशिएबल इन्सट्रमेन्ट ऐक्ट 1881 के अन्तर्गत विभिन्न तीन आपराधिक परिवाद पत्र प्रस्तुत किया, जिसमें विपक्षीगण के विरुद्ध तलबी आदेश पारित हो चुका है एवं वर्तमान में तीनों ही परिवाद वर्तमान समय में न्यायालय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, कोर्ट नम्बर 10, आजमगढ़ में विचाराधीन है। परिवादी द्वारा वर्तमान यह परिवाद विपक्षीगण की सेवाओं की अल्पता आदि के विरुद्ध दायर किया है। विपक्षीगण द्वारा उपरोक्त स्वीकृति धनराशि का परिवादी को भुगतान न करने एवं चेकों का भुगतान जानबूझ कर तथा बिना किसी युक्तियुक्त कारण के रोक दिए जाने के कारण तथा विपक्षीगण की लापरवाही, असावधानी, अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस व सेवाओं की त्रुटि से परिवादी को अदत्त मूल धनराशि रुपए 22,21,250/- तथा इस धनराशि पर माह अक्टूबर 2019 से लगायत परिवाद पत्र प्रस्तुत करने की तिथि तक का 18% वार्षिक ब्याज रुपए 7,22,971/- तथा विपक्षीगण के लापरवाही, असावधानी, अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस व सेवाओं की त्रुटि से एवं मानसिक परेशानी से नुकसान 2,50,000/- कुल 31,94,221/- रुपए का परिवादी का नुकसान हुआ जिसे परिवादी तावसूली ब्याज 18% होना प्राप्त करने के लिए अधिकृत है। विपक्षीगण द्वारा परिवादी को उपरोक्त नुकसानात की क्षतिपूर्ति की धनराशि का भुगतान न करने व इस सम्बन्ध में बार-बार सम्पर्क, दूरभाष पर वार्तालाप व तलब तकाजा करने, उपरोक्त तीनों चेक डिस्ऑनर होने पर दिनांक 11.09.2019, 14.09.2019 तथा 25.09.2019 को मांग सूचनाएं प्रेषित किया, जिसे विपक्षीगण द्वारा प्राप्त किया गया, परन्तु कोई भुगतान न करने व कोई उत्तर न देने के कारण यह परिवाद प्रस्तुत किया गया। परिवादी ने अपनी दादरसी के याचना में यह कहा है कि परिवादी के पक्ष में विरुद्ध विपक्षीगण को आदेशित किया जाए कि वह परिवादी को अदत्त मूल धनराशि रुपए 22,21,250/- तथा इस धनराशि पर माह अक्टूबर 2019 से लगायत परिवाद पत्र प्रस्तुत करने की तिथि तक का 18% वार्षिक ब्याज रुपए 7,22,971/- तथा विपक्षीगण के लापरवाही, असावधानी, अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस व सेवाओं की त्रुटि से एवं मानसिक परेशानी से नुकसान 2,50,000/- कुल 31,94,221/-रुपए की धनराशि पर परिवाद हाजा की तारीख से लगायत ताअसल वसूली 18% चक्रवृद्धि ब्याज के साथ अदा करे तथा माo आयोग के दृष्टिकोण से यदि परिवादी की अन्य दादरसी के लिए अधिकृत है तो उसे भी विपक्षीगण के विरुद्ध सादिर फरमायी जाए व कुल खर्चा मुकदमा हाजा जिम्मा विपक्षीगण आयद किया जाए।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 7/1व7/2 विपक्षीगण से 100/- रुपए के स्टाम्प पेपर पर रुपए के सन्दर्भ में विपक्षी से एग्रीमेन्ट की छायाप्रति, कागज संख्या 7/3 परिवादी के आधार कार्ड की छायाप्रति, कागज संख्या 9/1ता9/6 भारतीय डॉक के ट्रैक कन्साइन्मेन्ट प्रपत्र, कागज संख्या 13ग साक्ष्य सूची प्रपत्र, कागज संख्या 14/1ता14/6 विपक्षी वन प्लेस ग्रुप द्वारा प्राप्त किए जाने धनराशि से सम्बन्धित रिसिप्ट की छायाप्रति, कागज संख्या 14/7व8 रुपए 100/- के स्टाम्प पर प्रस्तुत परिवाद तथा विपक्षीगण से हुए एग्रीमेन्ट की छायाप्रति, कागज संख्या 14/9 विपक्षी द्वारा दिए गए चेक की छायाप्रति, कागज संख्या 14/10 चेक रिटर्न मेमो की छायाप्रति, कागज संख्या 14/11 विपक्षी द्वारा दिए गए परिवादी को चेक की छायाप्रति, कागज संख्या 14/12 चेक रिटर्न मेमो की छायाप्रति, कागज संख्या 14/13 विपक्षी द्वारा दिए गए चेक की छायाप्रति, कागज संख्या 14/14 चेक रिटर्न मेमो की छायाप्रति, कागज संख्या 14/15व16 न्यायालय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट नं. 10 आजमगढ़ में चल रहे परिवाद सम्बन्धी इन्टरनेट से प्राप्त प्रमाणित प्रतिलिपि, कागज संख्या 14/17व18 केस स्टेटस की छायाप्रति, कागज संख्या 14/19व20 न्यायालय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट नं. 10 आजमगढ़ में चल रहे परिवाद सम्बन्धी इन्टरनेट से प्राप्त प्रमाणित प्रतिलिपि, कागज संख्या 14/21व22 केस स्टेटस की छायाप्रति, कागज संख्या 14/23व24 न्यायालय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट नं. 10 आजमगढ़ में चल रहे परिवाद सम्बन्धी इन्टरनेट से प्राप्त प्रमाणित प्रतिलिपि, कागज संख्या 14/25व26 केस स्टेटस की छायाप्रति तथा कागज संख्या 11ग शपथ पत्र प्रस्तुत किया है।
चूंकि विपक्षीगण पर तामिला पर्याप्त होने के उपरान्त पर्याप्त अवसर दिए जाने के बावजूद भी विपक्षीगण द्वारा अपना जवाबदावा व साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया। ऐसी स्थिति में दिनांक 30.11.2021 को विपक्षीगण के विरुद्ध एक पक्षीय कार्यवाही अग्रसारित की जा चुकी है।
बहस के दौरान पुकार कराए जाने पर परिवादी के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित होकर अपना बहस सुनाए। बहस सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। प्रस्तुत परिवाद में निस्संदेह रूप से विपक्षीगण ने लापरवाही, असावधानी, अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस व सेवाओं में त्रुटि किया है, जिससे परिवादी को काफी नुकसान हुआ है। यहाँ यह भी उल्लेख कर देना आवश्यक है कि विपक्षीगण पर तामिला पर्याप्त होने के उपरान्त पर्याप्त समय दिए जाने के बावजूद भी विपक्षीगण द्वारा अपना जवाबदावा व साक्ष्य प्रस्तुत न करने के कारण से परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद पत्र तथा उसके समर्थन में शपथ पत्र एवं प्रलेखीय साक्ष्य अखण्डित हैं। अतः ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वे परिवादी को अदत्त मूल धनराशि रुपए 22,21,250/- तथा इस धनराशि पर माह अक्टूबर 2019 से लगायत परिवाद पत्र प्रस्तुत करने की तिथि तक का 18% वार्षिक ब्याज रुपए 7,22,971/- कुल मुo 29,44,221/- रुपए (रु.उन्तीस लाख चौवालीस हजार दौ सौ इक्कीस मात्र) को अन्दर 30 दिन परिवाद दाखिला की तिथि से अन्तिम भुगतान की तिथि तक 09% वार्षिक ब्याज की दर से परिवादी को अदा करे साथ ही विपक्षीगण को यह भी आदेशित किया जाता है कि वे परिवादी को सेवाओं में कमी अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस एवं विपक्षीगण द्वारा लापरवाही व असावधानी से हुई परिवादी को क्षति के रूप में मुo 50,000/- रुपए (रु.पचास हजार मात्र) तथा खर्चा मुकदमा के रूप में मुo 10,000/- रुपए (रु. दस हजार मात्र) भी परिवादी को अदा करे।
उक्त समय मियाद में आदेश का अनुपालन विपक्षीगण द्वारा न करने की स्थिति में विपक्षीगण उपरोक्त समस्त धनराशि निर्णय की तिथि से अन्तिम भुगतान की तिथि तक 12% वार्षिक ब्याज के साथ परिवादी को अदा करेंगे।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 22.12.2021
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
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