राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
पुनरीक्षण संख्या:-91/2023
यशपाल सिंह पुत्र राज सिंह व अन्य
बनाम
ओमपाल सिंह पुत्र राज सिंह व दो अन्य
समक्ष :-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
पुनरीक्षणकर्ता के अधिवक्ता : श्री पियूष मणि त्रिपाठी
प्रत्यर्थी के अधिवक्ता : कोई नहीं।
दिनांक :- 21.12.2023
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत पुनरीक्षण याचिका इस आयोग के सम्मुख धारा-47 (1) (बी) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अन्तर्गत जिला उपभोक्ता आयोग, शामली द्वारा परिवाद सं0-67/2022 में पारित आदेश दिनांक 03.8.2023 के विरूद्ध योजित की गई है।
पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री पियूष मणि त्रिपाठी द्वारा कथन किया गया कि वास्तव में उपरोक्त वाद में याची श्री ओमपाल सिंह एवं विपक्षी सं0-3 व 4 यशपाल व विनय पाल पुत्रगण श्री राज सिंह आपस में सगे भाई हैं, जिनके बीच भूमि से सम्बन्धित विवाद है जिसे अन्यथा नया रूप प्रदान करते हुए दुराशय की भावना से जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख परिवाद योजित करते हुए अनुतोष प्राप्त किये जाने हेतु प्रार्थना की गई। परिवाद पत्र में निम्न अनुतोष प्रदान किये जाने का उल्लेख पाया गया:-
अ- प्रतिवादी के खसरा सं0 अवैधानिक आदेशों को हटाया जाए।
ब- परिवादी को विपक्षी से 4,45,000.00 बतौर मानसिक आर्थिक क्षति प्रदान की जाए।
स- अन्य अनुतोष जो न्यायालय प्रदान कराना चाहे।
-2-
मेरे द्वारा पत्रावली एवं जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित आदेश का परिशीलन किया गया एवं पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता को विस्तार से सुना गया तथा परिवाद पत्र में उल्लिखित तथ्यों व मॉगे गये अनुतोष का विश्लेषण करने के उपरांत मैं बिना किसी गुणदोष पर उल्लेख करते हुए जिला उपभोक्ता आयोग, शामली के उपरोक्त आदेश दिनांक 03.8.2023 को अनुचित पाते हुए अपास्त किया जाता है, तद्नुसार आदेशित किया जाता है कि जिला उपभोक्ता आयोग प्रथम दृष्टया परिवाद की पोषणीयता के बिन्दु पर उभय पक्ष को समुचित अवसर प्रदान करते हुए 02 माह की अवधि में आदेश पारित करें एवं यदि पोषणीयता पाई जाती है तब अग्रिम कार्यवाही हेतु तिथि सुनिश्चित करते हुए परिवाद को गुणदोष के आधार पर निस्तारित किया जावे।
इस आदेश में किसी भी अंश को अन्यथा नहीं पढा जावेगा, मात्र प्रतिप्रेषण के सम्बन्ध में ऊपर उल्लिखित आदेश का ही क्रियान्वयन अपेक्षित है।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
हरीश सिंह
वैयक्तिक सहायक ग्रेड-2.,
कोर्ट नं0-1