Uttar Pradesh

StateCommission

A/1270/2016

Ex. Engineer Pachimanchal, Vidyut Vitran Nigam Ltd - Complainant(s)

Versus

Omkar Singh - Opp.Party(s)

Isar Husain

06 Feb 2017

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1270/2016
(Arisen out of Order Dated 27/01/2016 in Case No. C/76/2015 of District Jyotiba Phule Nagar)
 
1. Ex. Engineer Pachimanchal, Vidyut Vitran Nigam Ltd
Electrikcity Office Mohalla Danishmandan Amroha
...........Appellant(s)
Versus
1. Omkar Singh
Vill. Patti Sadaat Majhra Chand Nagar Tahsil and District Amroha
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 06 Feb 2017
Final Order / Judgement

 

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

मौखिक

अपील संख्‍या-1270/2016

(जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, अमरोहा द्वारा परिवाद संख्‍या-76/2015 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 27-01-2016 के विरूद्ध)

 

  1. अधिशासी अभियन्‍ता, पश्चिमांचल विघुत वितरण निगम लि0 विघुत कार्यालय मोहल्‍ल दानिशमन्‍दान कार्यालय अमरोहा, जनपद-अमरोहा।
  2. एम0डी0/प्रभारी अधिकारी पश्चिमांचल विघुत वितरण निगम लि0, मेरठ।

           अपीलार्थी/विपक्षीगण                                            

बनाम्

ओमकार सिंह पुत्र श्री पूसा सिंह निवासी ग्राम पट्टी सादात मझरा चॉदनगर तहसील जनपद-अमरोहा।

                         प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष :-

1-   मा0  न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष।

2-   मा0 श्रीमती बाल कुमारी,             सदस्‍य।

 

1-  अपीलार्थी की ओर से उपस्थित -        श्री इसार हुसैन।

2-  प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित   -        श्री राम गोपाल।

 

दिनांक : 27-04-2017

मा0 श्रीमती बाल कुमारी, सदस्‍य द्वारा उदघोषित निर्णय :

 

     परिवाद संख्‍या-76/2016 ओमकार सिंह बनाम् अधिशासी अभियन्‍ता, पश्चिमांचल विघुत वितरण निगम लि0 व एक अन्‍य में जिला उपभोक्‍ता फोरम, अमरोहा द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश दिनांक 27-01-2016 के विरूद्ध यह अपील उपरोक्‍त परिवाद के विपक्षीगण अधिशासी अभियन्‍ता पश्चिमांचल विघुत वितरण निगम लि0 व एक अन्‍य  की ओर से धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम-1986 के अन्‍तर्गत इस आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गयी है।

 

2

     आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा जिला फोरम ने परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से  विपक्षीगण के विरूद्ध 3,000/-रू0 परिवाद व्‍यय सहित स्‍वीकार किया है। विपक्षीगण, परिवादी को आर्थिक, मानसिक कष्‍ट की क्षतिपूर्ति के रूप में 2000/-रू0 का भुगतान करें। आदेश का अनुपालन एक माह के अंदर किया जाए।

     संक्षेप में इस केस के सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार है कि परिवादिनी विघुत कनेक्‍शन संख्‍या-1166642 का धारक व स्‍वामी है तथा बुक संख्‍या-8551 है। परिवादी काफी समय से विघुत बिल का विधिवत भुगतार करता चला आ रहा है। परिवादी ने दिनांक 23-06-2015 को 1904/-रू0 जमा कर रसीद प्राप्‍त की। परिवादी का घरेलू कनेक्‍शन 4 वर्ष पुराना है जो दिनांक 19-06-2015 तक चालू था। परिवादी का कनेक्‍शन चरन सिंह पुत्र गोविन्‍द सिंह निवासी ग्राम पटटी सादात के खेत से खड़े विघुत पोल से लिया था जहॉं से परिवादी के घर की दूसरी मात्र 10 मीटर है। नीरज पुत्र होमपाल सचिव पुत्र सत्‍यवीर निवासी ग्राम पटटी सादात ने मिलकर परिवादी की विघुत लाईन अमरपाल पुत्र खेम सिंह निवासी ग्राम पटटी सादात से कटवा कर बंद कर दिया। शिकायत करने पर ये लोग लड़ने मरने को तैयार हो गये जो सेवा में कमी है। परिवादी ने क्षेत्रीय जे0ई0, एस0डी0ओ0 व अधिशासी अभियन्‍ता से शिकायत की लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई तब परिवादी ने दिनांक 23-06-2015 को जिलाधिकारी अमरोहा को लाईन जुड़वाने हेतु प्रार्थना पत्र दिया। परन्‍तु कोई कार्यवाही नहीं हुई। परिवादी ने दिनांक 07-07-2015 को तहसील दिवस लोकवाणी में अपना विघुत कनेक्‍शन चालू कराये जाने के संबंध में प्रार्थना पत्र दिया जिसका

 

 

3

आवेदन संख्‍या-06215-00734 है परन्‍तु आज तक न तो कनेक्‍शन जोड़ा और न कोई संतोषजनक जवाब मिला तब परिवादी यह परिवाद प्रस्‍तुत किया है।

     विपक्षीगण की ओर से जवाब दावा कागज संख्‍या-15क/1-2 दाखिल किया गया जिसमें अभिकथन किया गया कि परिवादी ने सही तथ्‍य को छिपाकर झूठे तथ्‍यों पर परिवाद योजित किया है जो खारिज होने योग्‍य है और कथन किया  कि परिवादी द्वारा एक घरेलू संयोजन लिया गया था और तभी से चालू हालत में है। यह भी कथन किया गया कि परिवादी द्वारा दिनांक 23-06-2015 तथा दिनांक 07-07-2015 के अनुपालन में परिवादी का कनेक्‍शन चालू कर दिया गया जिसे परिवादी द्वारा भी लिखकर दिया गया है। परिवादी व उसके गांववालों का झगड़ा है और परिवादी द्वारा सही पक्षकार उपरोक्‍त मुद्दे में संयोजित नहीं किये है। परिवाद सव्‍यय निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।

     अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री इसार हुसैन तथा प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री राम गोपाल उपस्थित आए।

     हमने उभयपक्ष केविद्धान अधिवक्‍तागण के तर्क को सुना है तथा आक्षेपित निर्णय और आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया है।

     अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का तर्क है कि परिवादी/प्रत्‍यर्थी के पत्र दिनांक 23-06-2015 एवं पत्र दिनांक 07-07-2015 के अनुपालन में परिवादी का कनेक्‍शन जोड कर चालू कर दिया गया है यह बात परिवादी ने स्‍वीकार भी की है। परिवादी व उसके गॉंव वालों का झगड़ा था और परिवादी/प्रत्‍यर्थी द्वारा उक्‍त मुद्दे में सही पक्षकार नहीं बनाये गये है। जिला फोरम द्वारा गलत आधार पर मानसिक क्षति व वाद व्‍यय का निर्धारण किया गया है अत: अपील स्‍वीकार कर जिला फोरम के आदेश को निरस्‍त किया जाए।

4

 

     प्रत्‍यर्थी/परिवादी के विद्धान अधिवक्‍ता का तर्क है कि परिवादी के नियमानुसार प्राप्‍त किये गये घरेलू कनेक्‍शन को गॉंव वालों ने कई लोगों ने मिलकर कनेक्‍शन कटवा कर विघुत सप्‍लाई बंद कर वादी। जिसके संबंध में परिवादी/प्रत्‍यर्थी ने क्षेत्रीय जे0ई0, एस0डी0ओ0 व अधिशासी अभियन्‍ता को अवगत कराया, लेकिन लाईन चालू नहीं की गयी तब परिवादी/प्रत्‍यर्थी ने जिलाधिकारी व तहसील दिवस पर प्रार्थना पत्र दिये तब विपक्षीगण ने दिनांक 04-08-2015 को परिवादी/प्रत्‍यर्थी का कनेक्‍शन जोड़ा। इसलिए जिला फोरम ने विधि अनुसार आदेश पारित किया है अत: अपील निरस्‍त की जाए।

     पत्रावली का परिशीलन यह दर्शाता है कि परिवादी/प्रत्‍यर्थी का कनेक्‍शन गॉंववालों के द्वारा काटा जाना और फिर जिलाधिकारी व तहसील दिवस पर शिकायत करने के बाद दिनांक 04-08-2015 को कनेक्‍शन जोड़ा गया यह उभयपक्ष को स्‍वीकार है। परिवादी/प्रत्‍यर्थी का लगभग एक माह 10 दिन बाद कनेक्‍शन जोड़ा गया जो विपक्षी/अपीलार्थी की सेवा में कमी है। अत: जिला फोरम ने कनेक्‍शन जोड़ने के संबंध में जो आदेश किया है वह विधि अनुकूल है। परिवादी को कनेक्‍शन कटने से मानसिक कष्‍ट के लिए जिला फोरम ने परिवादी/प्रत्‍यर्थी को जो 2000/-रू0 क्षति के रूप में देने का आदेश किया है वह भी उचित है। जिला फोरम ने 3000/-रू0 जो वाद व्‍यय दिलाया है उसे कम कर 2,000/-रू0 किया जाना न्‍यायसंगत है।

     तद्नुसार अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है।

आदेश

     अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला फोरम, अमरोहा द्वारा परिवाद संख्‍या-76/2015 में पारित निर्णय और आदेश दिनांक 27-01-2016 को

 

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संशोधित करते हुए वाद व्‍यय 3,000/-रू0 के स्‍थान पर 2,000/-रू0 किया जाता है। निर्णय का शेष भाग यथावत रहेगा।

 

(न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)                          (बाल कुमारी)

          अध्‍यक्ष                                      सदस्‍य

प्रदीप मिश्रा कोर्ट नं0-1

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT

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