HIRA LAL & OTHER filed a consumer case on 09 Oct 2019 against OM SHANTI INTER COLLEGE in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/144/2015 and the judgment uploaded on 24 Oct 2019.
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जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 144 सन् 2015
प्रस्तुति दिनांक 07.08.2015
निर्णय दिनांक 09.10.2019
....................................................................................परिवादीगण।
बनाम
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा राम चन्द्र यादव “सदस्य”
कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”
परिवादीगण ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि याची संख्या 02 अत्यन्त मेधावी छात्र है। वर्ष 2013 में हाई स्कूल की परीक्षा में 80% अंक प्राप्त किया था। विपक्षीगण ओम शान्ति इण्टर कॉलेज सोहराभार दाम महुला आजमगढ़ का संचालन करते हैं और वे परिवादी के पड़ोसी हैं। उन्होंने परिवादीगण को प्रलोभन दे करके परिवादी संख्या 02 का कक्षा 11 में प्रवेश लिया और माह जुलाई में 1,000/- रुपये प्रवेश शुल्क तथा 190/- रुपया मासिक शुल्क कुल 1190/- रुपये जमा कराया तथा पुनः 01.08.2014 को 1040/- रुपये तथा माह मई में 950/- रुपये जमा कराया। इसी क्रम में कक्षा 12 में प्रवेश के समय तथा अन्य मासिक शुल्क 5920/- रुपये तथा बोर्ड परीक्षा के नाम पर 5,000/- रुपये माह दिसम्बर, सन् 2014 में जमा कराया। इण्टर मीडिएट की परीक्षा तिथि निर्धारित होने पर याचीगण ने विपक्षी से प्रवेश पत्र मांग किया जिस पर विपक्षीगण ने परीक्षा में सम्मिलित कराने का P.T.O.
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आश्वासन दिया। विपक्षीगण ने जनपद मऊ से लेकर जनपद आजमगढ़ तक मुख्यालय तक अनेक बार भागदौड़ करवाया। जिसमें याचीगण का लगभग 10,800/- रुपया व्यय हुआ। विपक्षीगण ने माध्यमिक शिक्षा परिषद् से प्रवेश पत्र एवं पंजीकरण सही कराने के नाम पर 1,000/- रुपये अतिरिक्त लिया। इसके बावजूद याची संख्या 02 इण्टर मीडिएट की परीक्षा 2014-15 में परीक्षा देने से वंचित रही। उससे याचीगण को आर्थिक व मानसिक क्षति हुई। अतः याचीगण को विपक्षीगण से 4,00,000/- रुपये आर्थिक व मानसिक क्षति हेतु दिलवाया जाए। न्यायालय की दृष्टि में अगर अन्य अनुतोष हो तो उसे भी दिलवाया जाए।
परिवादीगण की ओर से अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में 6/1 हाई स्कूल का अंक पत्र की छायाप्रति, 6/2 परिवार रजिस्टर की छायाप्रति, 6/3 शुल्क की छायाप्रति, 6/4 ओम शांति इण्टर कॉलेज सोहराभार का पहचान पत्र उसके बाद रसीद तथा नोटिस दाखिल किया है।
विपक्षीगण ने अपना जवाबदावा दाखिल कर परिवाद पत्र कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में उन्होंने यह कहा है कि विपक्षीगण उपरोक्त शिक्षण संस्थान का संचालन नहीं करते हैं। विपक्षीगण ओम शांति बालिका इण्टर हाई स्कूल शिक्षण संस्थान के संचालक हैं। परिवादी ने गलत ढंग से परिवाद दाखिल किया है। उसके द्वारा कथित विद्यालय का वजूद नहीं है। अतः परिवाद खारिज किया जाए।
विपक्षीगण द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में विपक्षीगण द्वारा 17 कार्यालय जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जिला आजमगढ़ द्वारा जारी प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया है।
विपक्षी की अनुपस्थिति में परिवादी को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। परिवादी ने शुल्क पत्र कागज संख्या 6/3 और पहचान पत्र कागज संख्या 6/4 जो प्रस्तुत किया है उससे यह सिद्ध होता है कि विपक्षीगण परिवादीगण द्वारा कथित विद्यालय का संचालन करते हैं और इस विन्दु पर जवाबदावा में किया गया कथन असत्य हैं। चूंकि विपक्षीगण ने परिवादी का गलत प्रवेश लिया था, जिससे उसका दो साल बर्बाद हुआ और वह इम्तिहान में शामिल नहीं हो पायी। ऐसी स्थिति में परिवादीगण को काफी आर्थिक व मानसिक क्षति हुई।
अतः परिवाद स्वीकार होने योग्य है।
P.T.O.
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आदेश
परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वे परिवादीगण को बीमा धनराशि मुo 1,00,000/- रुपया (एक लाख रुपया) अदा करें। जिस पर परिवाद दाखिला के दिन से 09% वार्षिक ब्याज देय होगा। समस्त भुगतान 30 दिन के अन्दर विपक्षीगण अदा करें। विपक्षीगण परिवादी को आर्थिक व मानसिक क्षति हेतु 20,000/- रुपया (बीस हजार रुपया) भी अदा करें।
राम चन्द्र यादव कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 09.10.2019
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
राम चन्द्र यादव कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
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