(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-141/2006
न्यू इण्डिया एश्योरेंस कं0लि0, द्वारा ब्रांच मैनेजर, आफिस सिविल लाइन्स, बिजनौर तथा एक अन्य
बनाम
ओम सहाय भटनागर पुत्र स्व0 श्री शिव सहाय भटनागर, निवासी शिव प्रेम विला, बकली कालोनी, परगना, तहसील व जिला बिजनौर
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री आई.पी.एस. चड्ढा।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री ए.के. मिश्रा।
दिनांक : 02.02.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-246/2003, ओम सहाय भटनागर बनाम दि न्यू इण्डिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड तथा एक अन्य में विद्वान जिला आयोग, बिजनौर द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 25.11.2003 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री आईपीएस चड्ढा तथा प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री ए.के. मिश्रा को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. विद्वान जिला आयोग ने परिवाद स्वीकार करते हुए विपक्षी बीमा कंपनी को आदेशित किया है कि वह अंकन 50,000/-रू0 30 दिन के अंदर परिवादी को उपलब्ध कराए और 30 दिन के अंदर
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यह राशि उपलब्ध न कराने पर ब्याज 9 प्रतिशत की दर से देय होगा।
3. परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी ने दिनांक 10.6.2000 को शाखा बिजनौर से रिहायशी मकान के लिए एक बीमा पालिसी प्राप्त की थी। अत्यधिक वर्षा के कारण इस मकान में दिनांक 26.9.2000 को अंकन 50,000/-रू0 का नुकसान हो गया, जिसकी सूचना दिनांक 26.9.2000 को लिखित रूप में बीमा कंपनी को दी गयी तथा सर्वेयर को समस्त कागजात भी उपलब्ध करा दिए गए। सर्वेयर द्वारा असत्य रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी। बीमा कंपनी का कथन है कि बिल्डिंग का बीमा किया गया था, जो वैध था, परन्तु बिल्डिंग का पूर्ण निर्माण नहीं हुआ था, जिसके कारण क्षति हुई है, उसके लिए स्वंय परिवादी उत्तरदायी है।
4. दोनों पक्षकारों की साक्ष्य पर विचार करने के पश्चात विद्वान जिला आयोग द्वारा यह निष्कर्ष दिया गया कि बीमा पालिसी के अंतर्गत क्षतिपूर्ति की राशि अंकन 50,000/-रू0 देय है।
5. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क है कि बीमा अग्नि से सुरक्षा के लिए जारी हुआ था, जबकि परिवादी के अधूरे भवन के कारण प्रश्नगत क्षति कारित हुई है। परिवादी के अधिवक्ता की ओर से बीमा पालिसी में कवर जिन बिन्दुओं का हवाला दिया गया है, उनमें अग्निकाण्ड के अलावा तूफान, बरसात आदि से कारित क्षति भी शामिल है, इसलिए विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश विधिसम्मत है, सिवाय इसके कि ब्याज अत्यधिक उच्च दर से दिलाया गया है। क्षतिपूर्ति की राशि पर ब्याज 6 प्रतिशत की
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दर से अदा करने का आदेश देना उचित है। तदनुसार प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
6. प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 25.11.2003 इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि परिवादी को क्षतिपूर्ति की जो राशि देय है, उस पर ब्याज 6 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से देय होगा। शेष निर्णय/आदेश पुष्ट किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार(
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-3