राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-2356/2001
(मौखिक)
(जिला उपभोक्ता आयोग, सुलतानपुर द्वारा परिवाद संख्या 271/1994 में पारित आदेश दिनांक 30.08.2001 के विरूद्ध)
एक्जीक्यूटिव इंजीनियर, इलैक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन डिवीजन, जगदीशपुर (अमेठी), जिला सुलतानपुर ........................अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम
ओम प्रकाश, पुत्र राम सुन्दर, निवासी- ग्राम बालीपुर, डुहिया, परगना व तहसील : अमेठी, जिला सुलतानपुर ...................प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : विद्वान अधिवक्ता श्री दीपक मेहरोत्रा के
कनिष्ठ सहायक अधिवक्ता श्री मनोज
कुमार।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 30.11.2022
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील अपीलार्थी द्वारा इस न्यायालय के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग, सुलतानपुर द्वारा परिवाद संख्या-271/1994 ओम प्रकाश बनाम अधिशाषी अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड जगदीशपुर में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 30.08.2001 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी है।
प्रश्नगत निर्णय और आदेश के द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग ने उपरोक्त परिवाद स्वीकार करते हुए निम्न आदेश पारित किया है:-
''यह परिवाद विपक्षी के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है। विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह एक माह के अन्दर परिवादी को उसके द्वारा जमा धन 390/-रूपये दिनांक-13-6-90 से 6% वार्षिक दर से ब्याज अदायगी के दिनांक तक का अदा करें तथा इसके अतिरिक्त 1500/-रूपये क्षतिपूर्ति के रूप में व 200/-रूपये वादव्यय के रूप में अदा करें।''
मेरे द्वारा अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता
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श्री दीपक मेहरोत्रा के कनिष्ठ सहायक अधिवक्ता श्री मनोज कुमार को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
संक्षेप में वाद के तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादी द्वारा दिनांक 13.06.1990 को विद्युत कनेक्शन हेतु विपक्षी के यहॉं 390/-रू0 जमा किया गया तथा विपक्षी द्वारा दो दिन में कनेक्शन दिये जाने का आश्वासन दिया गया। परिवादी आठ दिन तक इन्तजार करता रहा। इसके पश्चात् परिवादी विपक्षी के पास गया तो विपक्षी हीला हवाली करने लगे। परिवादी कुछ दिनों के बाद पुन: विपक्षी के पास गया तो विपक्षी द्वारा कनेक्शन दिये जाने का आश्वासन दिया गया, परन्तु विपक्षी द्वारा कनेक्शन न दिये जाने पर परिवादी पुन: विपक्षी के पास गया तो पता चला कि विपक्षी का कार्यालय अमेठी से गौरीगंज स्थानान्तरित हो गया है। परिवादी जब पुन: विपक्षी के पास गया तो पता चला कि विपक्षी का कार्यालय कस्बा जगदीशपुर जिला सुलतानपुर स्थानान्तरित हो गया है।
परिवादी का कथन है कि परिवादी जून 1990 से परिवाद प्रस्तुत करने तक विपक्षी के यहॉं जाता रहा, परन्तु विपक्षी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी। अत: क्षुब्ध होकर परिवादी द्वारा विपक्षी के विरूद्ध जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख परिवाद योजित करते हुए वांछित अनुतोष की मांग की गयी।
विपक्षी की ओर से जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख वादोत्तर प्रस्तुत किया गया तथा कथन किया गया कि परिवादी द्वारा झूठे तथ्यों पर परिवाद प्रस्तुत किया गया है। परिवादी का कनेक्शन ग्रामीण अंचल का कनेक्शन है, जो बिना मीटर के लगाया गया है, जिस पर निश्चित बिल आता है, जिसकी अदायगी परिवादी द्वारा नहीं की गयी। परिवादी को कोर्इ भी क्षति नहीं हुई है। परिवाद निरस्त होने योग्य है।
विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा उभय पक्ष के अभिकथन एवं उपलब्ध साक्ष्यों/प्रपत्रों पर विचार करने के उपरान्त अपने निर्णय में यह निष्कर्ष दिया गया कि परिवादी द्वारा दिनांक 13.06.1990 को निर्धारित
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शुल्क जमा करने के पश्चात् परिवाद दायर करने के पूर्व उसे विपक्षी द्वारा कनेक्शन नहीं दिया गया, जिस कारण निश्चित रूप से परिवादी मानसिक, शारीरिक व आर्थिक रूप से प्रताडि़त व परेशान हुआ तथा विपक्षी द्वारा परिवादी को कनेक्शन न दिये जाने पर यह विपक्षी की ओर से सेवा में घोर कमी का द्योतक है, जिस कारण परिवादी विपक्षी से वांछित अनुतोष पाने का अधिकारी है।
तदनुसार विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा प्रश्नगत आदेश दिनांक 30.08.2001 पारित किया गया।
सम्पूर्ण तथ्यों एवं परिस्थितियों पर विचार करते हुए तथा पत्रावली पर उपलब्ध प्रपत्रों एवं जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्त मैं इस मत का हूँ कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा समस्त तथ्यों का सम्यक अवलोकन/परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्त विधि अनुसार निर्णय पारित किया गया, जिसमें हस्तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं हैं, परन्तु मेरे विचार से जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा जो 1500/-रू0 क्षतिपूर्ति के रूप में एवं 200/-रू0 वादव्यय के रूप में विपक्षी द्वारा परिवादी को अदा करने हेतु आदेशित किया गया है, उसे समाप्त किया जाना उचित है।
तदनुसार प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है तथा जिला उपभोक्ता आयोग, सुलतानपुर द्वारा परिवाद संख्या-271/1994 ओम प्रकाश बनाम अधिशाषी अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड जगदीशपुर में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 30.08.2001 को संशोधित करते हुए 1500/-रू0 क्षतिपूर्ति एवं 200/-रू0 वादव्यय को समाप्त किया जाता है। जिला उपभोक्ता आयोग का शेष आदेश यथावत् रहेगा।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1