राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
सुरक्षित
अपील संख्या-1396/2006
(जिला उपभोक्ता फोरम, मथुरा द्वारा परिवाद संख्या-22/2000 में पारित निर्णय दिनांक 09.05.2006 के विरूद्ध)
रीजनल मैनेजर अशोक लीलैण्ड लि0 व तीन अन्य।
......अपीलार्थीगण@विपक्षीगण
बनाम
ओम प्रकाश शर्मा पुत्र छल बिहारी शर्मा निवासी तुलसी चबूतरा
मथुरा थाना, कोतवाली मथुरा। ..........प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री सैय्यद हसीन, विद्वान
अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री आर0के0 गुप्ता, विद्वान
अधिवक्ता।
दिनांक 07.02.2023
मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या 22/2000 ओम प्रकाश शर्मा बनाम आटो केयर एण्ड सेल्स में पारित निर्णय व आदेश दि. 09.05.2006 के विरूद्ध यह अपील क्षेत्रीय प्रबंधक अशोक लीलैण्ड लि0 तथा अन्य द्वारा प्रस्तुत की गई है। जिला उपभोक्ता मंच ने परिवाद स्वीकार करते हुए विपक्षीगण को आदेशित किया है कि परिवाद को अंकन रू. 130000/- 09 प्रतिशत ब्याज के साथ अदा करें।
2. परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि वादी द्वारा एक ट्रक लीलैण्ड माडल 1611 दि. 09.01.99 को विपक्षी संख्या 1 से रू. 513800/- में क्रय किया था, जिसका माडल अच्छा तथा सर्विस बेहतरीन बताई गई थी तथा एवरेज 4.5 प्रति किलो मीटर बताया
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गया। वाहन क्रय करने के बाद वर्तमान रिम क्रेक हो गए थे। दो रिम बदल दिए गए, परन्तु एक नहीं बदला गया। इंजन से मोबाइल आयल लीक होता है तथा 100 किलोमीटर में 2.5 के लिए मोबाइल आयल पड़ता है। वाहन की बैटरी खराब है, रियर एक्शन टेढ़ा है, भार केवल 20-25 किलोमीटर पर समाप्त हो जाता है। तर्क करने के बावजूद कोई ध्यान नहीं दिया गया, लीगल नोटिस भी भेजा गया।
3. विपक्षी संख्या 1 एवं 2 तथा 3 एवं 4 द्वारा जवाब प्रस्तुत किए गए, जिसमें उल्लेख है कि वादी ने व्यापार के लिए ट्रैक्टर क्रय किया है, इसलिए वह उपभोक्ता नहीं है। बैटरी की वारंटी अवधि समाप्त हो चुकी है, तेल रिसता है जो ठीक कर दिया। शो की मरम्मत का खर्च देने के लिए कहा गया था।
4. सभी पक्षकारों के साक्ष्य पर विचार करने के पश्चात जिला उपभोक्ता मंच द्वारा यह निष्कर्ष दिया गया कि विपक्षी के इंजीनियर द्वारा दिए गए प्रमाण पत्र के अनुसार एवरेज 4.4 किलोमीटर पाया गया, इसलिए एवरेज निश्चित रूप से कम है और कंपनी द्वारा बताए गए एवरेज से कम होने के कारण उपरोक्त वर्णित क्षतिपूर्ति का आदेश दिया गया है।
5. इस निर्णय व आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है जिला उपभोक्ता मंच ने व्यापारिक वाहन के संबंध में निर्णय पारित किया गया है, जो उपभोक्ता आयोग के क्षेत्राधिकार से बाहर है। परिवादी के नाम से एक से अधिक वाहन हैं। वह ईंट बनाने का व्यापार करते हैं। अधिक भार ढोने के लिए वाहन का ढांचा बदल दिया गया है, कोई भी गंभीर शिकायत नहीं है। शो को मरम्मत कराने के
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लिए मेसर्स नैना डेटर्स के लिए कहा गया। अनुरोध के बावजूद परिवादी ने वाहन निरीक्षण के लिए प्रस्तुत नहीं किया गया। कंपनी के बाहर मरम्मत कराई गई, एवरेज विशेष शर्तों के साथ घोषित किया गया था। कोई विशेषज्ञ साक्ष्य प्रस्तुत नहीं की गई। वारंटी की अवधि में सभी शर्तों का अनुपालन किया गया। क्षतिपूर्ति का आंकलन अवैधानिक रूप से किया गया, इसलिए यह निर्णय अपास्त होने योग्य है।
6. दोनों पक्षकारों के विद्वान अधिवक्ता की बहस सुनी गई। प्रश्नगत निर्णय व आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया।
7. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि जिला उपभोक्ता मंच ने एवरेज के आधार पर अपना निर्णय पारित किया है। तर्क करते समय 4.5 किलोमीटर प्रति लीटर का एवरेज बताया गया था, जबकि इंजीनियर की रिपोर्ट के अनुसार 4.4 किलोमीटर का एवरेज पाया गया परिवादी/ प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि 4.4 किलोमीटर का एवरेज खाली ट्रक का पाया गया है, सामान भरने के पश्चात यह एवरेज नहीं निकलता।
8. जिला उपभोक्ता मंच ने अपने निर्णय में यह उल्लेख किया है कि विपक्षी द्वारा जो एवरेज बताया जाता है वह भरे हुए ट्रक के संबंध में बताया गया है न कि खाली ट्रक के संबंध में और स्वयं विपक्षी के इंजीनियर द्वारा जो रिपोर्ट दी गई है वह खाली ट्रक के एवरेज को दर्शाती है, इसलिए जिला उपभोक्ता मंच का यह निष्कर्ष पूर्णतया विधिसम्मत है, क्योंकि स्वयं अपीलार्थी के इंजीनियर द्वारा इस आशय की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है, जो विपक्षी द्वारा दिए गए आश्वासन के विपरीत है। यद्यपि आश्वासन एवं इंजीनियर की रिपोर्ट में बहुत कम
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अंतर है, परन्तु इंजीनियर की रिपोर्ट खाली ट्रक के संबंध में है जबकि भरे हुए ट्रक को संचालित करने पर एवरेज में स्वयं अपीलार्थी के इंजीनियर की रिपोर्ट के आधार पर कमी आ जाएगी, इसलिए इस निर्णय व आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है, सिवाए ब्याज राशि जो कि 09 प्रतिशत की दर से निर्धारित की गई है, ब्याज राशि 06 प्रतिशत की दर से निर्धारित करना उचित है।
आदेश
9. अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय व आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि परिवादी को देय क्षतिपूर्ति की राशि पर केवल 06 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज देय होगा। शेष निर्णय पुष्ट किया जाता है।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार) सदस्य सदस्य
राकेश, पी0ए0-2
कोर्ट-3