(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील सं0- 493/2006
General Manager M/s Orphic resorts ltd. B 201, Ansal chamber I Bhikaji complex, New Delhi. and others.
……Appellants
Versus
Om Narain saxena Son of Sh. S.P. saxena 266/129 Bhadewan, Lal Bazar Lucknow 226004.
………Respondent
समक्ष:-
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से : श्री जे0पी0 सक्सेना, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से : कोई नहीं।
दिनांक:- 09.08.2021
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
1. परिवाद सं0- 98/2003 ओम नरायन बनाम मुख्य प्रबंधक कार्यालय ओरिफिक रिसोर्टस लि0 व अन्य में जिला उपभोक्ता आयोग द्वितीय, लखनऊ द्वारा पारित निर्णय व आदेश दि0 23.12.2005 के विरुद्ध यह अपील धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अंतर्गत राज्य आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गई है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवाद स्वीकार करते हुए अपीलार्थीगण/विपक्षीगण को आदेशित किया गया है कि वह प्रत्यर्थी/परिवादी को अंकन 7,000/-रू0 बतौर क्षतिपूर्ति तथा अंकन 2,000/-रू0 वाद व्यय के रूप में अदा करे।
2. प्रश्नगत निर्णय व आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि स्वयं प्रत्यर्थी/परिवादी ने 7,000/-रू0 अदा कर सदस्यता प्राप्त की थी। स्वयं प्रत्यर्थी/परिवादी ने अपने दायित्व की पूर्ति नहीं की और जिला उपभोक्ता आयोग ने साक्ष्य की समुचित व्याख्या किए बिना प्रश्नगत निर्णय व आदेश पारित किया।
3. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री जे0पी0 सक्सेना को सुना गया। प्रश्नगत निर्णय व आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया।
4. यह उल्लेख किया गया है कि अंकन 8,000/-रू0 में मामले में समझौता हो चुका है। इस तर्क के समर्थन में दस्तावेज प्रस्तुत किए गए हैं जिसके आधार पर प्रतीत होता है कि दोनों पक्षकारों के मध्य अन्तिम सुलह हो चुकी है और जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय व आदेश का अनुपालन किया जा चुका है। अपील उद्देश्य विहीन हो चुकी है, अत: अपील निरस्त होने योग्य है।
आदेश
अपील निरस्त की जाती है।
अपील में उभयपक्ष अपना-अपना व्यय स्वयं वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
शेर सिंह, आशु0
कोर्ट नं0- 3