RAHUL filed a consumer case on 19 Sep 2014 against OIC in the Kanpur Nagar Consumer Court. The case no is CC/267/11 and the judgment uploaded on 01 Apr 2017.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः श्री आर0एन0 सिंह..........................................अध्यक्ष
श्रीमती सुधा यादव........................................सदस्या
उपभोक्ता वाद संख्या-267/2011
राहुल वर्मा उम्र लगभग 25 वर्श बालिग पुत्र स्व0 जगदम्बा प्रसाद वर्मा निवासी 133/283 टी.पी. नगर, कानपुर नगर।
................परिवादी
बनाम
दि ओरियन्टल इंष्योरेन्स कंपनी लि0 द्वारा षाखा प्रबन्धक ब्रांच आफिस सं0-5 पता 128/92 बी. किदवई नगर, कानपुर नगर।
...........विपक्षी
परिवाद दाखिला तिथिः 04.09.2013
निर्णय तिथिः 27.03.2017
श्री आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1. परिवादी ने यह परिवाद विपक्षी के विरूद्ध रू0 2,50,000.00 मय 18 प्रतिषत ब्याज सहित दिलाये जाने हेतु योजित किया है।
2. संक्षेप में परिवादी का कथन है कि परिवादी ट्रक सं0-न्च्.78.।थ्.7323 का पंजीकृत स्वामी है। परिवादी ने उक्त वाहन का बीमा विपक्षी से कराया था, जिसकी पॉलिसी सं0-223105/31/2008/01650 है और जो दिनांक 28.01.08 तक प्रभावी है। परिवादी का ट्रक दिनांक 22.01.08 को दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हो गया था और दुर्घटना के समय ट्रक का बीमा वैध था। दुर्घटना के समय स्पाट सर्वेयर द्वारा सर्वे किया गया था और सर्वेयर ने अपनी रिपोर्ट विपक्षी के कार्यालय में प्रस्तुत किया था। परिवादी ने ट्रक का सर्वे होने के पष्चात मरम्मत कराया था, जिसमें रू0 2,50,000.00 खर्च हुए। परिवादी ने विपक्षी से क्लेम प्राप्त करने हेतु प्रार्थनापत्र एवं हुए खर्च की सभी मूल रसीदें विपक्षी कार्यालय में दाखिल किया था, लेकिन परिवादी के कई बार जाने के बावजूद व कई पत्राचार करने के बावजूद भी परिवादी का क्लेम निस्तारित नहीं किया गया। परिवादी ने दिनांक 31.1.11
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को विपक्षी को क्लेम का निस्तारण करने हेतु अंतिम पत्र रजिस्टर्ड पोस्ट द्वारा भेजा, लेकिन इसके बाद भी विपक्षी ने समस्त मूल प्रपत्र जो ट्रक रिपेयरिंग के समय लगे थे, लेने के बावजूद भी भुगतान नहीं किया। इस कारण परिवादी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से दिनांक 26.02.11 को नोटिस भेजा, लेकिन विपक्षी ने भुगतान नहीं किया। इस कारण वाद का कारण उत्पन्न हुआ। अतः परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध स्वीकार किया जाये।
3. विपक्षी ने अपना जवाब दावा प्रस्तुत करते हुए यह कथन किया है कि परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद गलत झूठा एवं बनावटी है। उक्त कथनों को सिद्ध करने का भार परिवादी पर है, जिसे वह स्वयं सिद्ध करे। परिवादी का कोई ट्रक दुर्घटना में क्षतिग्रस्त नहीं हुआ और न ही दुर्घटना की तिथि पर बीमा वैध था तथा न ही सर्वेयर द्वारा कोई सर्वे किया गया। परिवादी के ट्रक की मरम्मत में कोई खर्चा नहीं हुआ और न ही विपक्षी को क्लेम प्राप्त करने के लिए कोई प्रार्थना दिया न ही पत्राचार किया। परिवादी ने क्लेम निस्तारण हेतु कोई पत्र नहीं भेजा न ही कोई नोटिस दिया। परिवादी का क्लेम निरस्त होने के पष्चात कोई कारण उत्पन्न नहीं होता तथा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत पोशणीय नहीं है। विपक्षी ने अपने अतिरिक्त कथन में यह कथन किया है कि परिवादी ने उक्त वाहन का एवं दुर्घटना से सम्बन्धित प्रपत्र आज तक बीमा कंपनी को उपलब्ध नहीं कराये हैं, जिस कारण परिवादी का परिवाद पत्र सव्यय निरस्त होने योग्य है। परिवादी द्वारा दाखिल बिल के साथ इस्टीमेट भी दाखिल किया है, जिस कारण से परिवादी का परिवाद निरस्त होने योग्य है।
4. परिवादी ने जवाबुल जवाब भी प्रस्तुत किया है, जिसमें परिवादी ने परिवाद पत्र में किये गये कथनों को पुनः दोहराया है।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 26.04.12, षपथपत्र दिनांकित 05.04.11 एवं षपथपत्र दिनांकित
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09.02.12 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में नोटिस की प्रति, वाहन की मरम्मत के सम्बन्ध में इकबाल आटो डीजल गैरेज को भुगतान की धनराषि के रसीद की प्रति, विनोद गैरेज को भुगतान की रसीद की प्रति, सुल्तान बॉडी रिपेयर्स के भुगतान की रसीद, सूर्या ग्लास हाउस को भुगतान की रसीद की प्रति, मुन्ना षो रिपेयरिंग वर्क को भुगतान की गयी रसीद की प्रति, गुप्ता क्रेन लोड्स को भुगतान की रसीद की प्रति, भारत डीजल्स को भुगतान की रसीद की प्रति, भाटिया आटो स्टोर्स को भुगतान की गयी रसीदों की प्रतियां, प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रति, ट्रक के रजिस्ट्रेषन की प्रति, परमिट की प्रति, फिटनेस प्रमाण पत्र की प्रति, चालक के अनुज्ञा पत्र की प्रति, तकनीकी निरीक्षण रिपोर्ट की प्रति, ट्रक के क्षतिग्रस्त फोटो की प्रति दाखिल किया है।
विपक्षीगण की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
6. विपक्षी ने अपने कथन के समर्थन में मनोरंजन द्विवेदी, मण्डलीय प्रबन्धक का षपथपत्र दिनांकित 01.06.12 तथा के0वी0 प्रताप मण्डलीय प्रबन्धक का षपथपत्र दिनांकित 09.01.12
7. दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी लिखत बहस भी प्रस्तुत किया है, जो पत्रावली में संलग्न है।
निष्कर्श
8. फोरम ने उपभयपक्ष के विद्वान अधिवक्ता की बहस सुनी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों एवं उभयपक्षों द्वारा प्रस्तत लिखित बहस का गंभीरतापूवर्क परिषीलन किया।
उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि क्या परिवादी द्वारा विपक्षी बीमा कंपनी से प्रष्नगत ट्रक के क्षतिग्रस्त होने के कारण मरम्मत कराने व क्षतिपूर्ति के सम्बन्ध में समस्त षपथपत्रों के सहित विपक्षी बीमा कंपनी के यहां क्लेम दाखिल किया गया। यदि हां तो प्रभाव?
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उपरोक्त विचारीण बिन्दु के सम्बन्ध में परिवादी की ओर से यह कथन किया गया है कि परिवादी द्वारा प्रष्नगत ट्रक की दुर्घटनाग्रस्त होने के पष्चात मरम्मत करायी गयी तथा जिसमें रू0 2,50,000.00 खर्च हुआ। परिवादी ने विपक्षी से क्लेम प्राप्त करने हेतु प्रार्थनापत्र एवं हुए खर्च की सभी मूल रसीदें विपक्षी कार्यालय में दाखिल किया था, लेकिन परिवादी के कई बार जाने के बावजूद व पत्राचार करने के बाजवूद परिवादी का क्लेम निस्तारित नहीं किया गया। परिवादी ने विधिक नोटिस भी भेली, लेकिन विपक्षी ने भुगतान नहीं किया। इसलिए परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
उपरोक्त विचारणीय बिन्दु के सम्बन्ध में विपक्षी का यह कथन है कि परिवादी का उक्त ट्रक दुर्घटना में क्षतिग्रस्त नहीं हुआ और न ही दुर्घटना की तिथि पर बीमा वैध था और न ही सर्वेयर द्वारा कोई सर्वे किया गया। परिवादी क ट्रक में मरम्मत में कोई खर्च नहीं हुआ और नही परिवादी ने सर्वे के लिए कोई प्रार्थनापत्र दिया और न ही पत्राचार किया। आगे विपक्षी के द्वारा यह कहा गया है कि परिवादी वाहन का एवं दुर्घटना से सम्बन्धित प्रपत्र आज तक बीमा कंपनी को उपलब्ध नहीं करायें। अतः परिवाद सव्यय खारिज किया जाये।
उपरोक्तानुसार उपरोक्त विचारणीय वाद बिन्दु के सम्बन्ध में उभयपक्षों की ओर से किये गये कथन के सम्यक परिषीलनोपरांत तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा परिवाद पत्र में, षपथपत्र के अतिरिक्त अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में उपरोक्त प्रस्तर-5 में उल्लिखित अन्य अभिलेखीय साक्ष्य दाखिल किये गये हैं। किन्तु कोई ऐसा साक्ष्य दाखिल नहीं किया गया है जिससे यह साबित होता हो कि परिवादी द्वारा विपक्षी बीमा कंपनी के यहां अपना क्लेम दाखिल किया। विपक्षी द्वारा अपने कथन के समर्थन में मण्डलीय प्रबन्धक, मनोरंजन द्विवेदी का षपथपत्र दिनांकित 01.06.12 व मण्डलीय प्रबन्धक के0वी0 प्रताप का षपथपत्र दिनांकित 09.01.12 प्रस्तुत किये गये हैं। परिवादी की ओर से प्रस्तुत मामले से सम्बन्धित कोई क्लेम विपक्षी के यहां
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दाखिल करने का कोई साक्ष्य प्रस्तुत न करने के कारण विपक्षी की ओर से प्रस्तुत किये गये षपथपत्रीय साक्ष्य पर अविष्वास किये जाने का कोई आधार नहीं है। पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि दिनांक 29.12.14 को परिवादी को परिवाद पत्र में उल्लिखित कतिपय कथन को साबित करने के सम्बन्ध में प्रलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत करने हेतु अवसर भी दिया जा चुका है। इसके बावजूद परिवादी द्वारा अभिकथित सर्वे रिपोर्ट भी दाखिल नहीं की गयी है।
अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों के आलोक में तथा उपरोक्तानुसार दिये गये निश्कर्श के आधार पर फोरम इस मत का है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद अपरिपक्व होने के कारण स्वीकार किये जाने योग्य नहीं हैं परिवादी को चाहिए था कि पहले वह अपना क्लेम विपक्षी बीमा कंपनी के यहां नियमानुसार प्रस्तुत करता। विपक्षी द्वारा गुण-दोश के आधार पर परिवादी का क्लेम देने अथवा न देने के पष्चात यदि परिवादी विक्षुब्ध होता तो वह फोरम में परिवाद योजित कर सकता था।
ःःःआदेषःःः
9. परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध खारिज किया जाता है। उभयपक्ष अपना-अपना परिवाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश
फोरम कानपुर नगर फोरम कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश
फोरम कानपुर नगर फोरम कानपुर नगर।
परिवाद संख्या-267/2011
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