Uttar Pradesh

Mahoba

CC/104/2015

KANHAIYALAL - Complainant(s)

Versus

OIC. ETC. - Opp.Party(s)

G.L.PANDEY

02 Jun 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/104/2015
 
1. KANHAIYALAL
CHHATARPUR
CHHATARPUR
MADHYA PRADESH
...........Complainant(s)
Versus
1. OIC. ETC.
MAHOBA
MAHOBA
UTTAR PRADESH
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE JANARDAN KUMAR GOAYAL PRESIDENT
 HON'BLE MRS. NEELA MISHRA MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

समक्ष न्‍यायालय जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम महोबा

परिवाद सं0-104/2015                      उपस्थित- श्री जनार्दन कुमार गोयल, अध्‍यक्ष

                                                       श्रीमती नीला मिश्रा, सदस्‍य,

कन्‍हैया लाल सोनी पुत्र श्री नाथूराम सोनी निवासी-मुहाल-वार्ड नं07 इलाहाबाद बैंक के पीछे कस्‍बा व तहसील व जनपद- छतरपुर म0प्र0                                     ......परिवादी                                 

बनाम

1.शाखा प्रबंधक,दि ओरियेंटल इंश्‍योरेंस कंपनी लि0 गांधीनगर महोबा (रोडवेज बस स्‍टैण्‍ड के पास) परगना व तहसील व जनपद-महोबा ।

2.प्रबंधक दि ओरियेंटल इंश्‍योरेंस कंपनी लि0 सिटी ट्रेड सेंटर बस स्‍टैण्‍ड के पास चौरसिया बिल्डिंग सतना शाखा-सतना म0प्र0 485001                               ....विपक्षीगण 

निर्णय

श्री जनार्दन कुमार गोयल,अध्‍यक्ष,द्वारा उदधोषित

      परिवादी द्वारा यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध इन आधारों पर प्रस्‍तुत किया गया है कि परिवादी जीप वाहन बुलेरो एम0पी016 बी0डी0 0337 का पंजीकृत स्‍वामी है और परिवहन विभाग छतरपुर में दर्ज है । परिवादी ने उपरोक्‍त वाहन स्‍टार आटोमोबाइल्‍स छतरपुर से दि0 20.01.2011 को क्रय किया । स्‍टार आटोमोबाइल्‍स विक्रेता ने 17362/-रू0 लेकन विपक्षी सं02 से 551950/-रू0 का कंप्रीहेंसिव बीमा कराया था जो दि0 20.01.2011 से 19.01.2012 तक की अवधि हेतु था,जिसकी पालिसी सं0 152700/31/2011/10433 है । परिवादी ने अपने गुरू जी को उक्‍त वाहन से अयोध्‍या भेजा था । दि0 24.03.2011 को वापस अयोध्‍या से छतरपुर आ रहा था कि कस्‍बा श्रीनगर में राजपाल के खेत के सामने पक्‍की सडक बैलगाडी अचानक आ जाने से टक्‍कर हो गई और वाहन में अत्‍यधिक टूट-फूट हो गई तथा वाहन लगभग पूरी तरह क्षतिग्रस्‍त हो गया । वाहन चालक कल्‍लू सेन के पास वैध एवं प्रभावी चालक ड्राइविंग लाईसेंस था । परिवादी ने दुर्घटना की सूचना विपक्षी सं02 को दी तो विपक्षी सं02 ने अपना सर्वेयर भेजकर स्‍पाट सर्वे कराया और क्रेन से वाहन छतरपुर ले जाने हेतु कहा । परिवादी अपने उक्‍त वाहन को छतरपुर ले गया,जिसमें 12,000/-रू0 खर्च हुये । स्‍टार आटोमोबाइल्‍स द्वारा वाहन को सतना ले जाने को कहा गया तो परिवादी अपने वाहन को सतना ले गया,जहां पर वाहन का 5,99,475/-रू0 का स्‍टीमेट बनाया गया । वाहन ठीक कराने में 3,40,763/-रू0 खर्च हुये । परिवादी ने अपना क्‍लेम प्रस्‍तुत किया । विपक्षी सं02 ने क्‍लेम दावा क्रमांक 2012/000082 प्रदान किया और तीन माह में भुगतान करने को कहा । परिवादी ने 14.12.2011 को नोटिस भेजा । विपक्षी बीमा कंपनी ने क्‍लेम निस्‍तारण नहीं किया । विपक्षी सं02 ने दि0 09.11.2011 को कुछ सूचनायें मांगी । जबकि उनकी आवश्‍यकता नहीं थी । तथापि परिवादी ने उत्‍तर दिया । विपक्षीगण जान बूझकर क्षतिपूर्ति धनराशि अदा नहीं कर रहा है जिससे परिवादी को आर्थिक, मानसिक व शारीरिक क्षति हो रही है । अंवेषण कार्यवाही चलने का बहाना बनाकर टाल रहा है जो विपक्षीगण की सेवा में त्रुटि व व्‍यापारिक कदाचरण है । दि0 18.08.2015 को परिवादी पुन: विपक्षीगण के कार्यालय गया लेकिन विपक्षीगण द्वारा क्‍लेम निस्‍तारण नहीं किया गया । परिवादी का छतरपुर से सतना गाडी ले जाने में 10,000/-रू0 लगा । विपक्षीगण सं02 का कार्यालय महोबा में है और घटना श्रीनगर कस्‍बा में हुई । अत: परिवादी को महोबा फोरम में अपना परिवाद प्रस्‍तुत करने का अधिकार है । अत: 3,40,763/-रू0 तथा श्रीनगर से छतरपुर क्रेन से गाडी ले जाने का खर्च 12000/-रू0 एवं छतरपुर से सतना वाहन को ले जाने में हुआ खर्च 10,000/-रू0 कुल 3,62,763/-रू0 तथा मानसिक व आर्थिक कष्‍ट के एवज में 50,000/-रू0 एवं वाद व्‍यय के रूप में 10,000/-रू0 दिलाये जाने हेतु यह परिवाद प्रस्‍तुत किया गया ।  

 

 

विपक्षीगण ने जबाबदावा प्रस्‍तुत किया और बीमा किया जाना स्‍वीकार किया । दि0 24.03.2011 को दुर्घटना होना स्‍वीकार किया । वाहन स्‍वामी द्वारा तुरंत सूचना नहीं दी गई । सूचना मिलने पर क्‍लेम दर्ज कराया गया तथा सर्वेयर से सर्वे कराया गया । सही सर्वे नहीं हो पाया । सर्वेयर ने 2,56,248/-रू0 की क्षति बताई और पालिसी की शर्त के अनुसार 7500/-रू0 साल्‍वेज/कबाड के घटाये जाने की बात कही । सर्वेयर स्‍वतंत्र व्‍यक्ति होता है कंपनी का व्‍यक्ति नहीं होता है और वह निष्‍पक्ष रिपोर्ट देता है । परिवादी ने अत्‍यधिक धनराशि मांगी है । विपक्षी बीमा कंपनी ने कोई सेवा में त्रुटि नहीं की है ।

      परिवादी ने अभिलेखीय साक्ष्‍य के अतिरिक्‍त परिवादी स्‍वयं का शपथ पत्र प्रस्‍तुत किया है । विपक्षीगण के जबाबदावा आने के उपरांत कोई शपथ पत्र प्रस्‍तुत नहीं किया गया ।

      विपक्षीगण की ओर से अभिलेखीय साक्ष्‍य के अतिरिक्‍त मनोरंजन द्विवेदी वरिष्‍ठ मंडलीय प्रबंधक का शपथ पत्र प्रस्‍तुत किया गया । 

      पत्रावली का अवलोकन किया गया व परिवादी एवं विपक्षीगण विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्क सुने गये।

स्‍वीकृत तथ्‍य है कि परिवादी के वाहन एम0पी016 बी0डी0 0337 का बीमा विपक्षी सं02 से दि0 20.01.2011 से 19.01.2012 तक की अवधि के लिये किया गया था । दि0 24.03.2011 को उक्‍त वाहन दुर्घटनाग्रस्‍त हो गया । सूचना पर विपक्षी ने सर्वेयर नियुक्‍त किया । वाहन की मरम्‍मत स्‍टार आटोमोबाइल्‍स सतना में हुई । विपक्षीगण ने क्‍लेम का निस्‍तारण नहीं किया ।

परिवादी की ओर से मरम्‍मत में आये खर्च कुल 3,40,763/-रू0 की मांग की गई इसके अतिरिक्‍त क्षतिग्रस्‍त वाहन को श्रीनगर से छतरपुर लाने में आये खर्च 12000/-रू0 एवं छतरपुर से सतना तक वाहन ले जाने खर्च 10000/-रू0 की मांग की है । विपक्षीगण ने सर्वे रिपोर्ट प्रस्‍तुत की है तथा प्रतिवाद पत्र में 2,56,248/-रू0 की क्षतिपूर्ति का आंकलन किया है,जिसमें से 7500/-रू0 सालवेज घटाने की भी आख्‍या सर्वेयर ने दी है तथा सर्वेयर ने टोयिंग खर्च के 1500/-रू0 रसीद प्रस्‍तुत करने पर इस धनराशि को जोडा है । परिवादी ने सर्वे रिपोर्ट से अधिक की मांग की है । इस संबंध में निम्‍नलिखित विधि व्‍यवस्‍था महत्‍वपूर्ण है ।

इस संबंध में ।।। 2008 सी0पी0जे0 पेज 93 एन0सी0 चम्‍पालाल वर्मा बनाम ओरियेंटल इंश्‍योरेंस कंपनी लि0 मा0राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग,नई दिल्‍ली द्वारा यह सिद्धांत प्रतिपादित किया गया है कि यदि सर्वेयर की आख्‍या पर आधारित क्षतिपूर्ति राज्‍य आयोग द्वारा दिलाई गई है और परिवादी ने खर्च की गई धनराशि की मांग की है तो सर्वेयर रिपोर्ट को महत्‍व दिया जाना चाहिये । जिला फोरम धनराशि के विवाद के प्रश्‍न पर विचार नहीं कर सकता । परिवादी दीवानी न्‍यायालय में /आई0आर0डी0ए0/आर्बीट्रेशन में कार्यवाही कर सकता है । सर्वेयर रिपोर्ट के आधार पर राज्‍य आयोग द्वारा स्‍वीकृत क्षतिपूर्ति के आदेश के विरूद्ध प्रस्‍तुत पुनरीक्षण निरस्‍त किया गया ।

इसके अतिरिक्‍त 2006 एन0सी0जे0 748 एन0सी0 ओरियेंटल इंशयोरेंस कंपनी बनाम बी0 रामारेडडी राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग,नई दिल्‍ली में यह सिद्धांत प्रतिपादित किया गया है कि सर्वेयर की रिपोर्ट एक महत्‍वपूर्ण साक्ष्‍य है तथा क्षतिपूर्ति केवल सर्वेयर रिपोर्ट के आधार पर प्रदान की जा सकती है ।

उपरोक्‍त विधि व्‍यवस्‍था के परिपेक्ष्‍य में उपभोक्‍ता संरक्षण फोरम केवल सर्वे रिपोर्ट के आधार पर क्षतिपूर्ति का भुगतान कर सकता है । इसके अतिरिक्‍त यदि वास्‍तविक धनराशि परिवादी को क्‍लेम करनी हो तो परिवादी दीवानी न्‍यायालय अथवा अन्‍य उपलब्‍ध उपचार कर सकता है । विपक्षी बीमा कंपनी ने यधपि सर्वे रिपोर्ट आधारित क्षतिपूर्ति भी अदा नहीं की है ।

परिवादी की ओर से विश्‍वकर्मा एवं ट्राली रिपेयर्स की रसीद दि0 09.04.2011 जिससे श्रीनगर से सतना क्रेन द्वारा क्षतिग्रस्‍त वाहन को ले जाने के 12000/-रू0 की रसीद है । यधपि परिवादी ने पहले श्रीनगर से छतरपुर तक और फिर छतरपुर से सतना तक क्षतिग्रस्‍त वाहन ले जाने में आये खर्च क्रमश: 12000/-रू0 तथा 10000/-रू0 आना कहा है । लेकिन रसीद में श्रीनगर से सतना 12000/-रू0 में ले जाना कहा । सर्वेयर ने मात्र 1500/-रू0 टोयिंग के कहे हैं और रसीद प्रस्‍तुत करने पर समायोजन कहा है। इस प्रकार सर्वे आख्‍या में 12000-1500 अर्थात 10500/-रू0 जोडा जाना न्‍याय संगत होगा । इसके अतिरिक्‍त 7500/-रू0 साल्‍वेज को कम किया जाये । इस प्रकार सर्वेयर की आख्‍या के अनुसार 2,56,248/-रू0 में 10500/-रू0 जोडे जाये और उससे 7500/-रू0 घटाये जाये तो 2,59,248/-रू0 होते हैं,जो परिवादी विपक्षीगण से पाने का अधिकारी है ।

परिवादी ने विपक्षीगण के यहां क्‍लेम किया परन्‍तु विपक्षीगण ने क्‍लेम का निस्‍तारण नहीं किया और न ही सर्वेयर आख्‍या के अनुसार क्षतिपूर्ति अदा की । विपक्षीगण ने प्रतिवाद पत्र एवं शपथ पत्र में स्‍पष्‍टीकरण इस संबंध में नहीं दिया कि सर्वे आख्‍या दि0 20.09.2011 को प्राप्‍त होने के उपरांत क्‍लेम का निस्‍तारण क्‍यों नहीं किया गया । जबकि परिवादी बराबर प्रयास करता रहा । परिवादी ने दि024.12.2011 को विपक्षीगण को नोटिस दिया लेकिन विपक्षीगण ने न तो नोटिस का उत्‍तर दिया और न ही क्‍लेम का निस्‍तारण किया और न क्षतिपूर्ति अदा की । सर्वे आख्‍या दि0 20.09.2011 को प्राप्‍त होने के उपरांत विपक्षीगण को 10 दिन के भीतर क्‍लेम का निस्‍तारण कर देना चाहिये था जो नहीं किया गया । यदि परिवादी को 01.10.2011 तक क्षतिपूर्ति की धनराशि मिल जाती तो उसे आर्थिक और मानसिक कष्‍ट नहीं होता।इस प्रकार विपक्षीगण ने गंभीर सेवा में त्रुटि और व्‍यापारिक कदाचरण किया है। परिवादी का परिवाद स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है ।

                                    आदेश     

      परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध इस प्रकार स्‍वीकार किया जाता है कि परिवादी विपक्षीगण से 2,59,248/-रू0 दि0 01.10.2011 से वास्‍तविक अदायगी तक 9 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज की दर से ब्‍याज सहित प्राप्‍त करने का अधिकारी है तथा इसके अतिरिक्‍त परिवादी विपक्षीगण से मानसिक कष्‍ट के एवज में 5000/-रू0 तथा परिवाद व्‍यय के रूप में 2500/-रू0 प्राप्‍त करने का अधिकारी है । विपक्षीगण उक्‍त धनराशि को परिवादी को इस निर्णय से एक माह के अंदर अदा करें अन्‍यथा परिवादी नियमानुसार वसूल पाने का अधिकारी होगा ।

 

                      (श्रीमती नीला मिश्रा)                       (जनार्दन कुमार गोयल)

               सदस्‍या,                                   अध्‍यक्ष,

          जिला फोरम,महोबा।                        जिला फोरम,महोबा।

             02.06.2016                             02.06.2016

यह निर्णय हमारे द्वारा आज खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित,दिनांकित एवं उद़घोषित किया गया।

 

         (श्रीमती नीला मिश्रा)                       (जनार्दन कुमार गोयल)

               सदस्‍या,                                   अध्‍यक्ष,

          जिला फोरम,महोबा।                        जिला फोरम,महोबा।

             02.06.2016                             02.06.2016

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE JANARDAN KUMAR GOAYAL]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. NEELA MISHRA]
MEMBER

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