राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1151/2016
(सुरक्षित)
(जिला उपभोक्ता फोरम, अमरोहा द्वारा परिवाद संख्या 83/2015 में पारित आदेश दिनांक 06.05.2016 के विरूद्ध)
Raseed, S/o Bhure Khan, R/o-Village-Pandli, Post-Chaukooni, Theshil-Hashanpur Dist. Amroha, U.P.
.................अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
1. Officer In-charge, Idea Office, T.P. Nagar Churaha, Nanakchand Road, Amroha, Dist. Amroha, U.P.
2. Officer In-charge, Idea Office, Parasavnath Palaza, Delhi Road, Dist. Moradabad.
3. Registered Office, Suman Tower Averat-18, Ghandinagar-383011, Gujrat.
.................प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री कुमार सम्भव,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री रोहित कुमार वर्मा,
विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक: 07.06.2018
मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
परिवाद संख्या-83/2015 रशीद बनाम अधिकृत अधिकारी आईडिया ऑफिस व दो अन्य में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, अमरोहा द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 06.05.2016 के विरूद्ध यह अपील धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत राज्य आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गयी है।
आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा जिला फोरम ने परिवाद निरस्त कर दिया है। अत: क्षुब्ध होकर परिवादी ने यह
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अपील प्रस्तुत की है।
अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री कुमार सम्भव और प्रत्यर्थीगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री रोहित कुमार वर्मा उपस्थित आए हैं।
मैंने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।
अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्त सुसंगत तथ्य इस प्रकार हैं कि अपीलार्थी/परिवादी ने परिवाद जिला फोरम के समक्ष इस कथन के साथ प्रस्तुत किया है कि वह प्रत्यर्थी/विपक्षीगण की कम्पनी के सिम नं0 9639721513 का धारक है और उसके इस मोबाइल पर प्रत्यर्थी/विपक्षीगण ने गोल्ड बोनान्जा कॉन्टेस्ट में हिस्सा लेने के लिए एस0एम0एस0 प्रेषित किया। तब अपीलार्थी/परिवादी ने दिनांक 05.10.2014 से दिनांक 31.10.2014 तक उक्त कॉन्टेस्ट में भाग लिया और दिए गए प्रश्नों का सही उत्तर दिया। उसने कुल 7090 का स्कोर अर्जित किया, जिसकी पुष्टि प्रत्यर्थी/विपक्षीगण की ओर से दिनांक 31.10.2014 को 8-46 पी0एम0 पर भेजे गए एस0एम0एस0 द्वारा की गयी। इस प्रकार प्रत्यर्थी/विपक्षीगण की कम्पनी के बताए अनुसार अपीलार्थी/परिवादी ने 25,00,000/-रू0 का इनाम जीता, परन्तु बार-बार चक्कर लगाने के बाद भी उसको 18,00,000/-रू0 का भुगतान नहीं किया गया। तब उसने दिनांक 19.06.2015 को प्रत्यर्थी/विपक्षीगण संख्या-1 और 2 को रजिस्टर्ड डाक से नोटिस भेजा और प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-3 को रजिस्टर्ड डाक से प्रार्थना पत्र दिनांक 14.07.2015 को प्रेषित किया, परन्तु उसकी समस्या का निदान नहीं हुआ। अत: विवश होकर उसने परिवाद जिला फोरम के समक्ष प्रस्तुत किया है।
प्रत्यर्थी/विपक्षीगण की ओर से जिला फोरम के समक्ष लिखित कथन प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि जिला फोरम को परिवाद सुनने का क्षेत्राधिकार नहीं है। लिखित कथन में यह भी
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कहा गया है कि प्रत्यर्थी/विपक्षीगण ने कोई एस0एम0एस0 अपीलार्थी/परिवादी को गोल्ड बोनान्जा कॉन्टेस्ट हेतु नहीं भेजा। केवल ग्राहक के एस0एम0एस0 को विज्ञापन हेतु भेजा था।
लिखित कथन में प्रत्यर्थी/विपक्षीगण ने अपीलार्थी/परिवादी द्वारा दिनांक 05.10.2014 से दिनांक 31.10.2014 तक गोल्ड बोनान्जा को कन्टेस्ट किये जाने से इन्कार किया है और कहा है कि उसने अपने को दिनांक 07.10.2014 को 9.05 बजे कन्टेस्ट हेतु रजिस्टर्ड कराया था और दिनांक 14.10.2015 को कन्टेस्ट किया था। उसने कुल 7090 का स्कोर किया और 100/-रू0 का टाकटाइम इनाम जीता। 100/-रू0 का टाकटाइम दिनांक 18.01.2015 को उसके मोबाइल नं0 9639721513 पर रिचार्ज कर उपलब्ध करा दिया गया।
लिखित कथन में प्रत्यर्थी/विपक्षीगण द्वारा कहा गया है कि यह कहना गलत है कि प्रत्यर्थी/विपक्षीगण ने अपीलार्थी/परिवादी को 25,00,000/-रू0 के इनाम के सम्बन्ध में सूचित किया है।
लिखित कथन में प्रत्यर्थी/विपक्षीगण ने कहा है कि गोल्ड बोनान्जा कॉन्टेस्ट को प्रमोट करने हेतु एस0एम0एस0 प्रेषित किया गया था न कि 25,00,000/-रू0 के इनाम हेतु।
लिखित कथन में प्रत्यर्थी/विपक्षीगण ने कहा है कि उन्होंने सेवा में कोई त्रुटि नहीं की है। अत: परिवाद निरस्त किए जाने योग्य है।
जिला फोरम ने उभय पक्ष के अभिकथन एवं उपलब्ध साक्ष्यों पर विचार किया है और आक्षेपित निर्णय में यह उल्लेख किया है कि कागज नम्बर 13ग, 14ग और 15ग में इनाम जीतने वालों का नाम है, जिसमें कहीं भी अपीलार्थी/परिवादी का नाम नहीं है। अत: जिला फोरम ने यह निष्कर्ष अंकित किया है कि अपीलार्थी/परिवादी ने बिना किसी उचित आधार के पूर्णतया फर्जी तथ्यों पर परिवाद प्रस्तुत किया है। अत: जिला फोरम ने परिवाद निरस्त कर दिया है।
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अपीलार्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश साक्ष्य और विधि के विरूद्ध है।
अपीलार्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि प्रत्यर्थी/विपक्षीगण की कम्पनी ने अपने एस0एम0एस0 में उल्लेख किया है कि अनीता सिंह ने 25 लाख रूपए का सोना बिहार से, निलिमा साहा ने एक लाख रूपए का सोना वेस्ट बंगाल से जीता है। राधा उपाध्याय ने भी एक लाख रूपए का सोना जीता है, परन्तु ऐसा उन्होंने गलत तौर पर अपीलार्थी/परिवादी की भागीदारी कॉन्टेस्ट में जारी रखने के लिए किया है, जिसके लिए अपीलार्थी/परिवादी को 2/-रू0 प्रति एस0एम0एस0 व्यय करना पड़ा है।
प्रत्यर्थी/विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश उचित और विधिसम्मत है। उसमें किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।
मैंने उभय पक्ष के तर्क पर विचार किया है।
जिला फोरम के निर्णय में प्रत्यर्थी/विपक्षीगण द्वारा अपीलार्थी/परिवादी को एस0एम0एस0 से प्रेषित मैसेज को उद्धरित किया गया है:-
Messages
31-10-2014 08:46PM
GOLD BONANZA CONTEST PAR APKA AB TAK KA SCORE HAI 7090 KHELO AUR JEETO 25 LAC TAK KE INAAM DIAL 522561 TOLL FREE 1 YA SMS KARE CHAMP TO 52256 PAR PAR T & C. APPLY OPTIONS NUMBER.
जिला फोरम ने अपने निर्णय में उल्लेख किया है कि कागज नम्बर 13ग, 14ग और 15ग में इनाम जीतने वालों का नाम है, जिसमें कहीं भी अपीलार्थी/परिवादी का नाम अंकित नहीं है। अपीलार्थी/परिवादी की ओर से अपील की सुनवाई के समय ऐसा
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कोई अभिलेख नहीं दिखाया गया है, जिससे यह कहा जा सके कि अपीलार्थी/परिवादी ने उपरोक्त कथित कॉन्टेस्ट में 25,00,000/-रू0 का इनाम जीता है। आधार अपील के प्रस्तर-ई में अपीलार्थी/परिवादी ने कथन किया है कि प्रत्यर्थी/विपक्षीगण ने अनीता सिंह द्वारा 25 लाख रूपए का सोना, निलिमा साहा द्वारा एक लाख रूपए का सोना और राधा उपाध्याय द्वारा एक लाख रूपए का सोना जीतने का गलत कथन अपीलार्थी/परिवादी की भागीदारी कॉन्टेस्ट में जारी रखने हेतु उत्प्रेरित करने के लिए किया है, जिसके लिए अपीलार्थी/परिवादी को 2/-रू0 प्रति एस0एम0एस0 व्यय करना पड़ा है। अत: अपीलार्थी/परिवादी द्वारा अपील में किए गए कथन से ही यह स्पष्ट है कि कॉन्टेस्ट में 25,00,000/-रू0 का सोना जीतने की बात प्रत्यर्थी/विपक्षीगण ने गलत कही है। अत: उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर यह मानने हेतु उचित और युक्तिसंगत आधार नहीं है कि अपीलार्थी/परिवादी ने प्रत्यर्थी/विपक्षीगण के कॉन्टेस्ट में भागीदारी करके 25,00,000/-रू0 का इनाम जीता है। अत: जिला फोरम ने परिवाद निरस्त कर कोई गलती नहीं की है।
उपरोक्त निष्कर्ष के आधार पर अपील निरस्त की जाती है।
अपील में उभय पक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान)
अध्यक्ष
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1