जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
श्री सुरेष चन्द जैन पुत्र श्री जी.सी. जैन, निवासी- 18/244,डिग्गी बाजार, अजमेर मृतक- जरिए
1. श्रीमति आंषा देवी गंगवाल - पत्नी
2. त्रिषुल जैन - पुत्र
निवासियान- 160, एलआईसी काॅलोनी, आनासागर , सरक्यूलर रोड, अजमेर ।
- प्रार्थीगण
बनाम
1. दी ओरियण्टल इंष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड जरिए मण्डल प्रबन्धक, मण्डलीय कार्यालय, गणेष भवन,कचहरी रोड़, अजमेर ।
2. ई-मेडीटेक, टीपीए सर्विस लिमिटेड, प्लाॅट नं. 577, उद्योग विहार, फेज-ट , गुडगांव(हरियाणा)
- अप्रार्थीगण
परिवाद संख्या 354/2013
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
3. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री सूर्यप्रकाष गांधी, अधिवक्ता, प्रार्थीगण
2.श्री राजेष जैन, अधिवक्ता अप्रार्थी बीमा कम्पनी
मंच द्वारा :ः- निर्णय:ः- दिनांकः- 09.08.2016
1. प्रार्थीगण द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हंै कि प्रार्थी ने अप्रार्थी बीमा कम्पनी से एक मेडीक्लेम बीमा पाॅलिसी संख्या 242100/48/2013/147 दिनंाक 13.6.2012 से 12.6.2013 तक के लिए प्राप्त की थी । प्रार्थी के मल्टीपल माईलेमों बीमारी से ग्रसित होने के कारण दिनंाक
25.7.2012 को अहमदाबाद में डा. एर्मिष चुड़कर से इलाज कराया । जिन्होने मेडीकल जांच कर फोलोअप के लिए किसी स्थानीय डाक्टर से सम्पर्क कर नियमित रूप से उक्त बीमारी के लिए ठच्त्टपर्् इंजेक्षन लगाने की सलाह दी । तत्पष्चात् प्रार्थी ने वैषाली हाॅस्पिटल एण्ड रिसर्च सेन्टर, अजमेर में दिनंाक 18.8.2012 और 6.9.2012 को भर्ती रहकर उक्त इंजेक्षन लगवाए और दवाईया ली । जिसमें उसके रू. 71,396/-खर्च हुए । इलाज में खर्च हुई उक्त राषि का क्लेम उसने अप्रार्थी संख्या 1 के टीपीए अप्रार्थी संख्या 2 के समक्ष पेष किया । अप्रार्थीगण ने उक्त क्लेम राषि में से रू. 1071/- व 616/- का चैक प्रार्थी को भिजवाया और ष्षेष राषि का क्लेम इस आधार पर खारिज कर दिया कि प्रार्थी ने वैषाली हाॅस्पीटल एण्ड रिसर्च सेन्टर, अजमेर में जो इलाज लिया वह किए गए डाग्यनोसिस की बीमारी नही ंथी । जबकि प्रार्थी ने उक्त अस्पताल में संबंधित बीमारी मल्टीपल माईलेमों का ही ईलाज लिया था । अप्रार्थीगण के उक्त कृत्य को सेवा में कमी बताते हुए परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में प्रार्थी ने स्वयं का षपथपत्र पेष किया ।
2. अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने जवाब प्रस्तुत कर दर्षाया है कि प्रार्थी ने दिनंाक 18.8.12 व 6.9.12 को वैषाली हाॅस्पिटल एण्ड रिसर्च सेन्टर, अजमेर में डायग्नोस की गई बीमारी से अन्य बीमारी का इलाज करवाया इसलिए बीमा पाॅलिसी की षर्त संख्या 4.1 के अनुसार क्लेम भुगतान योग्य नही ंपाया गया । क्लेम जो भुगतान योग्य पाया गया उसकी राषि का चैक प्रार्थी को प्रेषित कर दिया गया था । इस प्रकार उनके स्तर पर कोई सेवा में कमी नही ंकी गई । अन्त में परिवाद सव्यय निरस्त किए जाने की प्रार्थना करते हुए जवाब केे समर्थन में श्री संजय टण्डन, वरिष्ठ मण्डल प्रबन्धक का ष्षपथपत्र पेष किया है ।
3. प्रार्थी पक्ष का तर्क रहा है कि मृतक सुरेष चन्द द्वारा अप्रार्थी बीमा कम्पनी से मेडिक्लेम पाॅलिसी दिनंाक 13.6.2012 से 12.6.2013 लिए जाने के दौरान उसने मल्टीपल माईलेमों बीमरी से ग्रसित होने पर दिनंाक 25.7.2012 को अहमदाबाद में इलाज करवाया तथा फोलोअप के लिए उसे किसी स्थानीय डाक्टर से सम्पर्क कर नियमित रूप से इलाज करवाने की सलाह दी गई। उनकी सलाहानुसार उनके द्वारा स्थानीय चिकित्सालय में इलाज करवाया गया व इलाज के दौरान हुए खर्च के लिए जो क्लेम अप्रार्थी द्वारा खारिज किया गया है, वह कतई उचित नहीं है क्योंकि जिस बीमारी को बताया गया, उसी का इलाज उनके द्वारा करवाया गया । उक्त श्री सुरेष चन्द की मृत्यु हो चुकी है, खारिज किया गया क्लेम अनुचित व अप्रार्थी की सेवा में कमी का उदाहरण है । परिवाद स्वीकार किया जाना चाहिए ।
4. अप्रार्थी ने इन तर्को का खण्डन करते हुए बहस में मृतक का वैषाली हाॅस्पिटल एण्ड रिसर्च सेन्टर, अजमेर में हुआ इलाज पूर्व में डायग्नोस की गई बीमारी से भिन्न था । अतः क्लेम भुगतान योग्य नहीं पाए जाने के कारण क्लेम सहीं रूप से खारिज किया गया ।
5. हमने परस्पर तर्क सुने हैं एवं पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों का अवलोकन कर लिया है ।
6. स्वीकृत रूप से मृतक प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी के यहां मेडिकल बीमा पाॅलिसी (टीपीए) के जरिए दिनंाक 13.6.2012 से 12.6.2013 तक बीमित था । मृतक ने दिनंाक 25.7.2012 को अहमदाबाद के डाक्टर एर्मिष चुडकर से इलाज करवाया है तथा जांच के बाद उसे मल्टीपल माईलेमों बीमारी से ग्रसित होना व इस हेतु स्थानीय चिकित्सालय में फोलोअप के लिए इलाज कराने के लिए सलाह दिया जाना बताया गया है । मृतक ने अजमेर में आकर इलाज के दौरान वैषाली हाॅस्पिटल्ज एण्ड रिसर्च सेन्टर, अजमेर में दिनंाक 18.8.2012 व 6.9.2012 को भर्ती रह कर इलाज करवाया है । उसका इलाज भी उक्त मल्टीपल माईलेमों बीमारी से ग्रसित होने के कारण हुआ है । अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा क्लेम को रद्द करने का एक मात्र आधार अहमदाबाद के चिकित्सक द्वारा इलाज करवाने व उसके द्वारा बताई गई बीमारी से भिन्न बीमारी का अजमेर में इलाज करवाया जाना बताया है । जो अभिलेख हमारे समक्ष उपलब्ध है, में मृतक को उक्त मल्टीपल माईलेमों बीमारी से ग्रसित होना बताया है तथा इस बीमारी के फोलोअप हेतु मृतक ने अजमेर स्थित चिकित्सालय में इलाज करवाया है तथा यहां के चिकित्सक ने भी इसी बीमारी से संबंधित इलाज में जो दवाईयां लिखी है, उन्हीं का मृतक ने क्लेम प्रस्तुत किया है । अप्रार्थी ने अपना प्रतिवाद का आधार मात्र अपने जांचकर्ता श्री हेम सिंह रावत की जांच को बनाया है । उक्त जांचकर्ता ने अपनी जांच का आधार मृतक के पुत्र के बयान, वैषाली हाॅस्पिटल एण्ड रिसर्च सेन्टर, अजमेर में इलाज के दौरान बैडहैड टिकिट की प्रमाणित प्रतिलिपि को बनाया है । उक्त जांचकर्ता ने भी यहीं पाया है कि श्री सुरेष चन्द ने अहमदाबाद में डा. एर्मिष चुडकर एवं उनके द्वारा लिए गए इंजेक्षन व दवाईया से ही वैषाली हाॅस्पिटल एण्ड रिसर्च सेन्टर, अजमेर में अपना ईलाज करवाया है जबकि उन्हें अहमदाबाद में भर्ती रह कर इलाज करवाना चाहिए था । मंच की राय में क्लेम खारिज किए जाने का यह आधार कतई उचित नहीं है । हस्तगत मामले मृतक ने उक्त बीमारी का इलाज अहमदाबाद के चिकित्सक की राय के अनुसार स्थानीय चिकित्सक से परामर्ष कर भर्ती रह कर दवाईया आदि क्रय कर करवाया है ।
7. सार यह है कि जिस आधार पर मृतक का क्लेम अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा खारिज किया गया है वह कतई उचित नहीं है व उनकी सेवाओं में दोष का परिचायक है । मंच की राय में परिवाद स्वीकार किए जाने योग्य है एवं आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
8. (1) प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी से क्लेम राषि रू. 71,396/- मय 9 प्रतिषत वार्षिक ब्याज दर सहित क्लेम खारिज किए जाने की दिनांक से तदायगी प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(2) प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी से मानसिक क्षतिपूर्ति के पेटे रू. 25,000/- एवं परिवाद व्यय के पेटे रू.5000/- भी प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(3) क्रम संख्या 1 लगायत 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।
आदेष दिनांक 09.08.2016 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष