Final Order / Judgement | (सुरक्षित) राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ। परिवाद सं0 :- 101/2013 मैसर्स ओम रामेश्वरम आइस एण्ड कोल्ड स्टोरेज प्रा0लि0 ग्राम ममौता खुर्द, सासनी, पोस्ट शाहपुर जिला हाथरस, उ0प्र0 द्वारा मैनेजिंग डायरेक्टर - परिवादी
बनाम - दि ओरियन्टल इंश्योरेंस कं0लि0 सादाबाद, जिला हाथरस द्वारा शाखा प्रबंधक।
- दि ओरियन्टल इंश्योरेंस कं0लि0 मुख्य कार्यालय, ए-25/27ए आसफ अली रोड, नई दिल्ली-110002
- पंजाब नेशनल बैंक, हाथरस सिटी, जिला हाथरस द्वारा शाखा प्रबंधक।
- विपक्षीगण
समक्ष - मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य
- मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य
उपस्थिति: परिवादी के विद्वान अधिवक्ता:- श्री ओ0पी0 दुवेल विपक्षी सं0 1 व 2 के विद्वान अधिवक्ता:- श्री ए0के0 सिंह विपक्षी सं0 3 के विद्धान अधिवक्ता:- श्री एस0एम0 बाजपेयी दिनांक:-19.01.2023 माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित निर्णय - यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध 27,000/- पैकेट आलू खराब होने पर कुल मूल्य 54,00,000/- रूपये की वसूली के लिए प्रस्तुत किया गया है।
- परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादीगण का एक कोल्ड स्टोरेज जिसमें चार चैम्बर है, इनमें आलू तथा अन्य सामान रखने की व्यवस्था है। परिवादी ने व्यापार के लिए विपक्षी सं0 3 से ऋण सुविधा प्राप्त की थी और उनके द्वारा विपक्षी सं0 1 एवं 2 से बीमा कराया गया था। कोल्ड स्टोरेज की मशीनरी तथा उसमें रखे माल का बीमा विपक्षी सं0 2 दि ओरियण्टल इंश्योरेंस कं0 लि0 से कराया गया था। कुल मूल्य 4 करोड़ बताया गया था। विपक्षी सं0 3 द्वारा दिनांक 03.03.2011 से 02.03.2012 की अवधि के लिए जब बीमा पॉलिसी प्राप्त करायी गयी। उस पॉलिसी के अनुसार बीमित धनराशि 96,30,000/- रूपये थी। इसके बाद बैंक ने दूसरी बीमा पॉलिसी उपलब्ध नहीं करायी। आलू की 27,000/- पैकेटों में किल्ला निकल आने के कारण आलू खराब हो गये, जिसकी सूचना विपक्षी सं0 1 एवं 3 को दी गयी। बीमा कम्पनी द्वारा सर्वेयर नियुक्त किया गया। आलू अंकुरित हो जाने के कारण सड़ गये थे इसलिए बाहर फेंक दिये गये, जिसमें लेबर खर्च हुआ, परंतु बीमा कम्पनी ने क्लेम का निस्तारण नहीं किया इसलिए परिवाद प्रस्तुत किया गया।
- परिवाद के समर्थन में शपथ पत्र तथा दस्तावेज सं0 6 लगायत 39 प्रस्तुत किये गये।
- पंजाब नेशनल बैंक द्वारा लिखित कथन में यह उल्लेख किया गया है कि परिवादी द्वारा व्यापारिक उद्देश्य के लिए ऋण प्राप्त किया गया था इसलिए उपभोक्ता परिवाद संधारणीय नहीं है। परिवादी द्वारा लिये गये ऋण का भुगतान नहीं किया गया, इसलिए खाता एनपीए हो गया।
- बीमा कम्पनी का कथन है कि बीमा क्लेम मशीनरी के ब्रेकडाउन के लिए लिया गया था और केवल 200 रूपये प्रति कुंतल की दर से आलू का बीमा किया गया था। बीमा क्लेम प्राप्त होने पर सर्वेयर नियुक्त किया गया, जिनकी रिपोर्ट 02.12.2022 को प्राप्त हुई। चैम्बर नम्बर 1 में उल्लेख का नुकसान किया गया, जो उच्च तापमान के कारण हुआ। जाहिर है कि अत्यधिक उच्च तापमान रखा गया, इसलिए उसमें परिवादी नुकसान के लिए उत्तरदायी है, उसके द्वारा उच्च तापमान का कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है इसलिए उपभोक्ता परिवाद संधारणीय नहीं है।
- परिवादी के विद्धान अधिवक्ता उपस्थित थे, परंतु कोई बहस नहीं की गयी। केवल विपक्षीगण के विद्धान अधिवक्ता की बहस सुनी तथा पत्रावली का अवलोकन किया।
- परिवाद पत्र में वर्णित तथ्यों के अवलोकन से जाहिर होता है कि परिवादी द्वारा व्यापारिक उद्देश्य के लिए बीमा पॉलिसी प्राप्त की गयी, परंतु चूंकि व्यापारिक उद्देश्य के लिए बीमा पॉलिसी प्राप्त की गयी। बीमा पॉलिसी के आधार पर उपभोक्ता परिवाद संधारणीय है। अत: इस तर्क में कोई बल नहीं है कि उपभोक्ता परिवाद संधारणीय नहीं है। परिवादी का यह कथन है कि कोल्ड स्टोरेज के एक चैम्बर में रखे आलू किल्ले निकल जाने के कारण खराब हो गये। दस्तावेज सं0 6 पर उपरोक्त पॉलिसी के अवलोकन से जाहिर होता है कि यह पॉलिसी मशीनरी ब्रेकडाउन के लिए प्राप्त की गयी है। परिवाद पत्र मे उल्लेख है कि विपक्षी सं0 3 द्वारा बताया गया था कि 4 करोड़ रूपये के मूल्य का बीमा कराया गया है जबकि जो पॉलिसी प्राप्त हुई वह केवल 96,30,000/- रूपये के लिए थी। 4 करोड़ रूपये मूल्य का कोई बीमा पॉलिसी परिवादी की ओर से दाखिल नहीं की गयी। दस्तावेज सं0 11 पर स्पष्ट रूप से 96,30,000/- रू0 मूल्य का उल्लेख किया गया है, जो केवल मशीनरी ब्रेकडाउन के लिए है। परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के साथ प्रस्तुत की गयी साक्ष्य से आलू की कुल क्षति का भी कोई विवरण दाखिल नहीं किया गया है इसलिए परिवाद पत्र में वर्णित बीमा क्लेम स्वीकार करने का कोई विधिसम्मत आधार प्रतीत नहीं होता है। अत: परिवाद खारिज होने योग्य है।
-
परिवाद खारिज किया जाता है। उभय पक्ष परिवाद व्यय स्वयं वहन करेंगे। आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें। (विकास सक्सेना)(सुशील कुमार) संदीप आशु0 कोर्ट नं0 3 | |