Uttar Pradesh

StateCommission

A/2004/546

Vivek Kumar Pandey - Complainant(s)

Versus

O I Co - Opp.Party(s)

Anil Kumar Choubey

20 Dec 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2004/546
( Date of Filing : 09 Jul 2004 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Vivek Kumar Pandey
A
...........Appellant(s)
Versus
1. O I Co
A
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 20 Dec 2023
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-546/2004

विवेक कुमार पाण्‍डे पुत्र श्री जानकी प्रसाद

बनाम

चेयरमैन ओरियण्‍टल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी व अन्‍य

समक्ष:-                                                             

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

उपस्थिति:-

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री एस0पी0 पाण्‍डेय, विद्धान अधिवक्‍ता

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित: श्री आशीष कुमार श्रीवास्‍तव, विद्धान

                         अधिवक्‍ता

दिनांक :20.12.2023 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.        परिवाद संख्‍या-196/2001, विवेक कुमार पाण्‍डेय बनाम चेयरमैन ओरियण्‍टल इंश्‍योरेंस कं0लि0 व अन्‍य में विद्वान जिला आयोग, गोण्‍डा द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांक 12.02.2004 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील पर उभय पक्ष के विद्धान अधिवक्‍तागण को सुना गया। प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।

2.        जिला उपभोक्‍ता मंच ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए बीमित दुकान में आग लगने के कारण अंकन 44,145/-रू0 की क्षतिपूर्ति का आदेश पारित किया है।

3.          इस निर्णय/आदेश को स्‍वयं परिवादी द्वारा इन आधारों पर चुनौती दी गयी है कि परिवादी की बीमित दुकान में बीमित अवधि दिनांक 16.01.2001 से 15.01.2002 के मध्‍य दिनांक 08.07.2001 की रात्रि में आग लगने के कारण अंकन 4,46,000/-रू0 का नुकसान हुआ है, परंतु बीमा कम्‍पनी द्वारा बीमा क्‍लेम नहीं दिया गया। सर्वेयर द्वारा केवल 44,145/-रू0 का नुकसान होना पाया गया, इसलिए जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा इसी राशि की क्षतिपूर्ति का आदेश पारित किया गया है।

4.         अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का कथन है कि यथार्थ में अंकन 4,46,000/-रू0 की क्षति कारित हुई है और सर्वेयर द्वारा अपनी रिपोर्ट में गद्दों के जलने के कारण हुई क्षति का आंकलन नहीं किया गया है। अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का यह भी तर्क है कि उनके द्वारा दुकान में सामान क्रय करने की रसीद प्रस्‍तुत की गयी है। अंकन 1,92,580/-रू0 क्रय की गयी रसीदों को स्‍वयं सर्वेयर द्वारा अपनी रिपोर्ट में प्रमाणित माना गया है, शेष रसीदो को प्रमाणित नहीं माना गया है। अत: जिन रसीदों को स्‍वयं सर्वेयर द्वारा प्रमाणित माना गया है, उन रसीदों के आधार पर बीमा क्‍लेम 1,92,580/-रू0 बनता है।

5.          प्रत्‍यर्थी बीमा कम्‍पनी के विद्धान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि गद्दे बीमा पॉलिसी के अंतर्गत सुरक्षित नहीं थे, यहां पर प्रत्‍यर्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का गद्दे से तात्‍पर्य केवल रूई वाले गद्दे हैं जबकि परिवादी का तात्‍पर्य फोम वाले गद्दे हैं। सर्वेयर रिपोर्ट के अनुसार फोम वाले गद्दे मौके पर जले हैं, चूंकि गद्दे शब्‍द बीमा पॉलिसी के अंतर्गत वर्णित है, इसलिए गद्दे में दोनों तरह के गद्दे शामिल होते हैं, चाहे वह रूई से बने हो या फोम से बने हो, इसलिए बीमा कम्‍पनी के विद्धान अधिवक्‍ता के इस तर्क में बल नहीं है कि केवल रूई से बने गद्दे गद्दे की श्रेणी में आते हैं, बल्कि फोम से बने गद्दे भी गद्दे के अंतर्गत माने जायेंगे और सम्‍पूर्ण गद्दे बीमा बीमा पॉलिसी के अंतर्गत कवर हैं। तदनुसार अपील अंकन 1,92,580/-रू0 की क्षतिपूर्ति का आदेश पारित किया जाना चाहिए था। अत: अपील इस सीमा तक स्‍वीकार होने योग्‍य है।  

आदेश

           अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता  मंच द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि अपीलार्थी/परिवादी को केवल 1,92,580/-रू0 की क्षतिपूर्ति देय होगी। शेष निर्णय/आदेश पुष्‍ट किया जाता है।  

           उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला उपभोक्‍ता  आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

 आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

(सुधा उपाध्‍याय)(सुशील कुमार)

सदस्‍य सदस्‍य

 

 

      संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 3

  

 

 

 

 

          

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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