(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-2340/2004
वीरेन्द्र सिंह पुत्र श्री सरदार सिंह निवासी ग्राम खंडवाया व अन्य
बनाम
डिवीजल मैनेजर, ओरियण्टल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री सुशील कुमार शर्मा, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं
दिनांक :02.02.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-619/2002, वीरेन्द्र सिंह व अन्य बनाम शाखा प्रबंधक ओरियण्टल इं0कं0लि0 में जिला उपभोक्ता आयोग, बुलन्दशहर में पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 09.11.2004 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर अपीलार्थी की ओर विद्धान अधिवक्ता श्री सुशील कुमार शर्मा को सुना गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. जिला उपभोक्ता ने परिवाद इस आधार पर खारिज कर दिया है कि परिवादी द्वारा चोरी की घटना के समय ट्रैक्टर का व्यवसायिक प्रयोग किया जा रहा था, जबकि ट्रैक्टर का बीमा कृषि कार्यों के लिए हुआ था।
3. अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का यह तर्क है कि बीमा कम्पनी द्वारा बीमा पॉलिसी जारी की गयी। परिवादी के ट्रैक्टर 2/3 अप्रैल 2001 की रात मे चोरी हो गया, जिसकी सूचना बीमा कम्पनी को दी गयी। बीमा कम्पनी द्वारा सर्वेयर नियुक्त किया गया। सर्वेयर की रिपोर्ट के अनुसार ट्रैक्टर का प्रयोग व्यवसायिक कार्य के लिए हो रहा था, इसलिए बीमा क्लेम नहीं दिया गया, जबकि परिवादी ट्रैक्टर का प्रयोग अपने खेत में उत्पन्न गन्ने को चीनी मिल में ले जाने के लिए कर रहा था।
4. परिवाद पत्र के पैरा सं0 3 में ट्रैक्टर चोरी होने की तिथि 2/3 अप्रैल 2001 की रात के 12 बजे अंकित है, परंतु इस यह परिवाद पत्र के किसी भी स्थान पर यह उल्लेख नहीं है कि ट्रैक्टर किस स्थान से चोरी हुआ। प्रथम सूचना रिपोर्ट की जो प्रति लगायी गयी है, वह अपठनीय है। अत: ट्रैक्टर के चोरी होने के स्थान के बारे में इन्वेस्टीगेटर की रिपोर्ट को विचार में लिया जा सकता है, जिसको विचार में लेते हुए जिला उपभोक्ता मंच द्वारा ट्रैक्टर का व्यवसायिक प्रयोग मानते हुए बीमा क्लेम निरस्त कर दिया गया है, परंतु यदि बीमित वाहन का प्रयोग कृषि कार्य के अलावा अन्य कार्य के लिए हो रहा था तब नॉन स्टेण्डर्ड बेसिस पर बीमा क्लेम अदा करना चाहिए था। अत: जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश अपास्त होने योग्य है तथा परिवाद इस प्रकार स्वीकार होने योग्य है कि बीमित राशि अंकन 2,00,000/-रू0 में से 25 प्रतिशत कटौती करने के पश्चात अवशेष राशि 1,50,000/-रू0 का प्रतिकर परिवादी को अदा किया जाए। इस राशि पर 06 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज भी अदा की जाए।
आदेश
अपील स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश अपास्त किया जाता है। परिवाद इस प्रकार स्वीकार किया जाता है कि प्रत्यर्थी, बीमित राशि अंकन 2,00,000/-रू0 में से 25 प्रतिशत कटौती के पश्चात अवशेष राशि 1,50,000/-रू0 अपीलार्थी/परिवादी को अदा करे, साथ ही इस राशि पर 06 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज परिवाद दाखिल करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक अदा करे।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 3