Uttar Pradesh

StateCommission

A/2010/66

Pooran Singh - Complainant(s)

Versus

O I Co - Opp.Party(s)

S K Verma

30 Aug 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2010/66
( Date of Filing : 12 Jan 2010 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Pooran Singh
a
...........Appellant(s)
Versus
1. O I Co
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 30 Aug 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-66/2010

पूरन सिंह बनाम ब्रांच मैनेजर, ओरियण्‍टल इंश्‍योरेंस कंपनी लि0

समक्ष:-                                                               

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

दिनांक : 30.08.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.    परिवाद संख्‍या-30/2004, पूरन सिंह बनाम शाखा प्रबंधक ओरियण्‍टल इंश्‍योरेंस कं0लि0 में विद्वान जिला आयोग, मैनपुरी द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 9.10.2009 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री एस.के. वर्मा तथा प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री वासुदेव मिश्रा को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/पत्रावली का अवलोकन किया गया।

2.    जिला फोरम ने परिवाद इस आधार पर खारिज कर दिया कि वाहन की मरम्‍मत में खर्च हुई राशि का कोई सबूत परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत नहीं किया गया।

3.    वाहन का बीमा होना, बीमित अवधि के दौरान वाहन के दुर्घटनाग्रस्‍त होने की सूचना प्राप्‍त होना, बीमा कंपनी द्वारा सर्वेयर नियुक्‍त करना तथा सर्वेयर की रिपोर्ट के पश्‍चात बीमा क्‍लेम निरस्‍त करना दोनों पक्षों को स्‍वीकार है। अत: इन बिन्‍दुओं पर अतिरिक्‍त विश्‍लेषण की आवश्‍यकता नहीं है।

4.    प्रस्‍तुत अपील के विनिश्‍चय के लिए एक मात्र विनिश्‍चायक बिन्‍दु यह उत्‍पन्‍न होता है कि क्‍या परिवादी ने यह साबित किया है कि वाहन में कोई क्षति कारित हुई है, इस बिन्‍दु पर सबसे महत्‍वपूर्ण साक्ष्‍य स्‍वंय सर्वेयर द्वारा क्षति के आंकलन के संबंध में प्रस्‍तुत की गई रिपोर्ट है, जो पत्रावली पर पृष्‍ठ संख्‍या-19 पर मौजूद है, जिसके अवलोकन से स्‍पष्‍ट है कि अंकन 5,050/-रू0 की क्षति का आंकलन किया गया है। अत: यह राशि बतौर क्षतिपूर्ति प्रदान किए जाने का आदेश पारित किया जाना चाहिए। तदनुसार प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश अपास्‍त होने और प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

5.    अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय अपास्‍त किया जाता है तथा विपक्षी, बीमा कंपनी को आदेशित किया जाता है कि वह सर्वेयर द्वारा आंकलित राशि अंकन 5,050/-रू0 एक माह के अंदर परिवादी को भुगतान करे, इस राशि पर परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक 6 प्रतिशत प्रतिवर्ष साधारण ब्‍याज देय होगा।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित विद्वान जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

(सुधा उपाध्‍याय)                           (सुशील कुमार(

  सदस्‍य                                   सदस्‍य

  लक्ष्‍मन, आशु0, कोर्ट-2

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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