Uttar Pradesh

StateCommission

A/2010/1749

Kul Bhushan Gupta - Complainant(s)

Versus

O I Co - Opp.Party(s)

Anil Kumar Mishra

17 Sep 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2010/1749
( Date of Filing : 11 Oct 2010 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Kul Bhushan Gupta
a
...........Appellant(s)
Versus
1. O I Co
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 17 Sep 2024
Final Order / Judgement

( मौखिक )

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।

 

अपील संख्‍या :1749/2010

कुलभूषण गुप्‍ता पुत्र स्‍व0 श्री रामनाथ गुप्‍ता निवासी कोर्ट रोड निकट आयकर कार्यालय, सहारनपुर।

बनाम्

दि ओरियण्‍टल इन्‍श्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड शाखा प्रबन्‍धक, सहारनपुर व अन्‍य

 

समक्ष  :-

     1-मा0 न्‍यायमूर्ति  श्री अशोक कुमार,      अध्‍यक्ष।

 

दिनांक : 17-09-2024

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष  द्वारा उदघोषित निर्णय

परिवाद संख्‍या-81/2006 कुलभूषण बनाम दि ओरियण्‍टल इं0कं0लि0 व एक अन्‍य में जिला आयोग, सहारनपुर  द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांकित 13-09-2010 के विरूद्ध प्रस्‍तुत अपील उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत इस न्‍यायालय के सम्‍मुख योजित की गयी है।

आक्षेपित निर्णय एवं आदेश के द्वारा विद्धान जिला आयोग ने परिवाद निरस्‍त कर दिया है।

जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश से क्षुब्‍ध होकर परिवाद के परिवादी की ओर से यह अपील इस न्‍यायालय के सम्‍मुख योजित  की गयी है।

अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार है कि परिवादी ने विपक्षी संख्‍या-1 व 2 की ब्रांच कोर्ट रोड, सहारनपुर से बीमा किश्‍त भुगतान कर अपने धर के धरेलू सामाना, जेवरात आदि के संबंध में एक पालिसी ली, जो दिनांक 04-04-2003 से 03-04-2004 तक की अवधि के लिए वैघ एवं प्रभावी थी। दिनांक 24-08-2003 को परिवादी की पत्‍नी नई दिल्‍ली से सहारनपुर जालन्‍धर एक्‍सप्रेस ट्रेन से यात्रा कर रही थी तो उसी दौरान रेलवे कोच की सीट के पीछ से परिवादी की पत्‍नी के गले की दो तोले की सोने की चेन खींचकर एक व्‍यक्ति/चोर भाग गया। परिवादी द्वारा उक्‍त के संबंध में विपक्षी को समस्‍त सूचना प्राप्‍त कराते हुए क्‍लेम

 

-2-

प्राप्‍त करने हेतु प्रार्थना पत्र दिया। परिवादी द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट थाना जी0आर0पी0 सहारनपुर पर दर्ज करायी गयी और जिसमें विवेचना के उपरान्‍त फाइनल रिपोर्ट लगी क्‍योंकि वह मुलजिम को नहीं पकड़ पाये और न ही चेन बरामद हो सकी। विपक्षी संख्‍या-1 व 2 द्वारा क्षतिपूर्ति न देना सेवा में कमी के अन्‍तर्गत आता है। अत: विवश होकर परिवादी ने परिवाद जिला आयोग के समक्ष योजित किया है।

विपक्षी संख्‍या-1 व 2 की ओर से अपना उत्‍तर पत्र दाखिल करते हुए कथन किया गया कि परिवाद बिना आधार के प्रस्‍तुत किया गया है जो खण्डित होने योग्‍य है। बीमा कम्‍पनी द्वारा अपने पत्र दिनांक 17-02-2004 के द्वारा परिवादी का क्‍लेक नियमानुसार खारिज किया जा चुका है और प्रस्‍तुत वाद परिवादी द्वारा दिनांक 07-04-2006 को प्रस्‍तुत किया गया है जो कालबाधित है। परिवादी की चेन रेल यात्रा करते समय लूटी गयी है इसलिए जो भी उत्‍तरदायित्‍व बनता है वह रेलवे का बनता है। विपक्षी संख्‍या-1 व 2 का कोई उत्‍तरदायित्‍व क्षतिपूर्ति देने का नहीं है। क्‍लेम का निस्‍तारण नियमानुसार व पालिसी की शर्तों के अनुसार किया गया है।

 

अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री अनिल कुमार  मिश्रा उपस्थित आए जब कि प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री आशीष कुमार श्रीवास्‍तव उपस्थित आए।

अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का तर्क है कि विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश साक्ष्‍य एवं विधि के विरूद्ध है और जिला आयोग  द्वारा समस्‍त तथ्‍यों पर गहनतापूर्वक विचार किये बिना विधि विरूद्ध ढंग से निर्णय एवं आदेश पारित किया गया है अत: अपील स्‍वीकार

करते हुए जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश को अपास्‍त किया जावे।

     प्रत्‍यर्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का तर्क है कि विद्धान जिला आयोग द्वारा समस्‍त तथ्‍यों पर गंभीरतापूर्वक विचार करने के उपरान्‍त विधि अनुसार निर्णय एवं आदेश पारित किया गया है। अत: अपील निरस्‍त करते हुए जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश की पुष्टि की जावे।

मेरे द्वारा उभयपक्ष  के विद्धान अधिवक्‍तागण को विस्‍तारपूर्वक सुना गया एवं विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का सम्‍यक परिशीलन एवं परीक्षण किया गया।

 

 

 

-3-

उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्‍तागण को विस्‍तारपूर्वक सुनने एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का सम्‍यक परिशीलन एवं परीक्षण करने के उपरान्‍त मैं इस मत का हूँ कि विद्धान जिला आयोग द्वारा समस्‍त तथ्‍यों पर गहनतापूर्वक विचार करने के उपरान्‍त विधि अनुसार निर्णय एवं आदेश पारित किया गया है जिसमें हस्‍तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं है। तदनुसार अपील निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।

 

आदेश

अपील निरस्‍त की जाती है और विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश की पुष्टि की जाती है।

 अपील योजित करते समय अपीलार्थी द्वारा अपील में जमा धनराशि (यदि कोई हो) तो नियमानुसार अर्जित ब्‍याज सहित  जिला आयोग को विधि अनुसार निस्‍तारण हेतु यथाशीघ्र प्रेषित की जावे।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

(न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)

अध्‍यक्ष

प्रदीप मिश्रा, आशु0 कोर्ट नं0-1

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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