Uttar Pradesh

StateCommission

A/2012/1726

Anandi Devi - Complainant(s)

Versus

O I Co - Opp.Party(s)

A K Chaubey, Shri. Pradeep Kumar Asthana

02 Jul 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2012/569
( Date of Filing : 23 Mar 2012 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. O I Co
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Anandi Devi
a
...........Respondent(s)
First Appeal No. A/2012/1726
( Date of Filing : 06 Aug 2012 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Anandi Devi
a
...........Appellant(s)
Versus
1. O I Co
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Rajendra Singh PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 02 Jul 2024
Final Order / Judgement

(सुरक्षित)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

अपील संख्‍या-569/2012

दि ओरियण्‍टल इंश्‍योरेंस कंपनी लिमिटेड रिजनल आफिस, जीवन भवन, 43, हजरतगंज, जिला लखनऊ द्वारा मैनेजर।

अपीलार्थी/विपक्षी

बनाम्  

श्रीमती आनन्‍दी देवी पत्‍नी पवन कुमार त्रिपाठी, निवासिनी 119, खिड़की साहिबराम फूलमती मंदिर, सिटी औरैया।

                            प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी

एवं

अपील संख्‍या-1726/2012

श्रीमती आनन्‍दी देवी पत्‍नी स्‍व0 पवन कुमार त्रिपाठी, निवासिनी म0नं0-119, खिड़की साहिबराम, फूलमती मंदिर, शहर औरैया, जनपद औरैया, उ0प्र0।

अपीलार्थी/परिवादिनी

बनाम्  

ब्रांच मैनेजर, द आरेयिण्‍टल इंश्‍योरेंस कंपनी लि0, शिवम काम्‍पलेक्‍स, फस्‍ट फ्लोर, कोटला चुंगी, फिरोजाबाद, उ0प्र0।

                            प्रत्‍यर्थी/विपक्षी

समक्ष:-                           

1. माननीय श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

अपीलार्थी/विपक्षी की ओर से उपस्थित      : श्री वासुदेव मिश्रा।

प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी की ओर से उपस्थित      : कोई नहीं।

                            

दिनांक:  02.07.2024

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य  द्वारा उद्घोषित                                                 

निर्णय

1.         परिवाद संख्‍या-59/2010, श्रीमती आनन्‍दी देवी बनाम ब्रांच मैनेजर दि ओरियण्‍टल इंश्‍योरेंस कं0लि0 में विद्वान जिला आयोग, फिरोजाबाद द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 22.12.2011 के विरूद्ध अपील संख्‍या-569/2012, बीमा कंपनी की ओर से निर्णय/आदेश को अपास्‍त करने के लिए प्रस्‍तुत की गई है, जबकि अपील संख्‍या-1726/2012, परिवादिनी की ओर से अनुतोष में वृद्धि हेतु प्रस्‍तुत की गई है।

2.         अत: उपरोक्‍त दोनों अपीलें एक ही निर्णय/आदेश से प्रभावित हैं, इसलिए उपरोक्‍त दोनों अपीलों का निस्‍तारण एक साथ एक ही निर्णय द्वारा एक साथ किया जा रहा है, इस हेतु अपील संख्‍या-569/2012 अग्रणी अपील होगी

3.         विद्वान जिला आयोग ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए बीमित वाहन संख्‍या 75 डी. 3909 की चोरी होने पर बीमा क्‍लेम अदा करने का आदेश पारित किया है।

4.         परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार उपरोक्‍त वर्णित वाहन दिनांक 12.9.2007 से दिनांक 11.9.2008 तक की अवधि के लिए बीमित था, जो दिनांक 22.5.2008 की रात्रि में 8.00 बजे चोरी हो गया। दिनांक 28.8.2008 को चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। विवेचना के पश्‍चात पुलिस द्वारा इसी दिन अंतिम रिपोर्ट प्रस्‍तुत कर दी गई। बीमा क्‍लेम का अनुरोध किया गया, परन्‍तु बीमा कंपनी द्वारा बीमा क्‍लेम अदा नहीं किया गया।

5.         बीमा कंपनी का कथन है कि बीमित वाहन चोरी नहीं हुआ है। पुलिस द्वारा भी वाहन चोरी होना नहीं पाया गया, इसलिए कोई बीमा क्‍लेम देय नहीं है।

6.         दोनों पक्षकारों की साक्ष्‍य पर विचार करने के पश्‍चात विद्वान जिला आयोग द्वारा उपरोक्‍त वर्णित निर्णय/आदेश पारित किया गया।

7.         स्‍वंय परिवाद पत्र के अवलोकन से जाहिर होता है कि बीमित वाहन दिनांक 22.5.2008 की रात्रि में दिबियापुर बस स्‍टैण्‍ड से चोरी होना कहा गया है, परन्‍तु प्रथम सूचना रिपोर्ट चोरी के तुरन्‍त पश्‍चात दर्ज नहीं कराई गई। यह रिपोर्ट दिनांक 28.8.2008 को दर्ज कराई गई और इसी दिन पुलिस द्वारा अंतिम रिपोर्ट प्रस्‍तुत कर दी गई। परिणाम यह हुआ कि चोरी का वाहन खोजे जाने का अवसर समाप्‍त हो गया। बीमित वाहन चोरी होने पर त्‍वरित रूप से प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराना अपेक्षित है, क्‍योंकि देरी का प्रभाव यह होता है कि चोरी किए गए वाहन की खोज करना कठिन हो जाता है। परिवाद पत्र में यह उल्‍लेख नहीं है कि घटना की सूचना तुरन्‍त पुलिस को दी गई, परन्‍तु रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। लिखित तहरीर में भी यह उल्‍लेख नहीं है कि पुलिस को सूचना तुरन्‍त दी गई, परन्‍तु उनका मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। अत: इस स्थिति में बीमा पालिसी का उल्‍लंघन स्‍पष्‍ट रूप से साबित है। पुलिस द्वारा भी विवेचना के पश्‍चात यह पाया गया कि चोरी की कोई घटना घटित नहीं हुई है, इसलिए बीमा क्‍लेम अदा करने का आदेश अनुचित है, जो अपास्‍त होने और बीमा कंपनी की ओर से प्रस्‍तुत अपील संख्‍या-569/2012 स्‍वीकार होने योग्‍य है।

8.         चूंकि प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश अपास्‍त किया जा चुका है, इसलिए इस निर्णय/आदेश से उत्‍पन्‍न परिवादिनी द्वारा प्रस्‍तुत अपील संख्‍या-1726/2012 निरस्‍त होने योग्‍य है।

आदेश

9.         अपील संख्‍या-569/2012 स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 22.12.2011 अपास्‍त किया जाता है तथा परिवाद खारिज किया जाता है।

           प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।

.          अपील संख्‍या-1726/2012 निरस्‍त की जाती है।

           इस निर्णय/आदेश की मूल प्रति अपील संख्‍या-569/2012 में रखी जाए एवं इसकी एक सत्‍य प्रति संबंधित अपील में भी रखी जाए।

           आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

(सुशील कुमार)                           (राजेन्‍द्र सिंह)

सदस्‍य                                 सदस्‍य

 

 

निर्णय/आदेश आज खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।

 

 

 

(सुशील कुमार)                           (राजेन्‍द्र सिंह)

सदस्‍य                                 सदस्‍य

 

 

दिनांक 02.07.2024

  लक्ष्‍मन, आशु0,

      कोर्ट-2

 

 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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