(सुरक्षित)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
अपील सं0 :-2024/2009
(जिला उपभोक्ता आयोग, महामाया नगर (हाथरस) द्वारा परिवाद सं0-154/2006 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 05/09/2009 के विरूद्ध)
Ramveer Singh S/O Sri Raj Pal Singh r/o Bisawar, Tehsil Sadabad, District Hathras (Mahamaya Nagar)
- Appellant
Versus
Oriental Insurance Company Ltd., Branch Hathras Road, Sadabad, Hathras through Manager
समक्ष
- मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य
- मा0 श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य
उपस्थिति:
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता:- श्री सुशील कुमार शर्मा के
कनिष्ठ अधिवक्ता श्री नंद कुमार
प्रत्यर्थी की ओर विद्वान अधिवक्ता:- श्री आशीष कुमार श्रीवास्तव
दिनांक:-18.11.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
- यह अपील जिला उपभोक्ता आयोग, महामाया नगर (हाथरस) द्वारा परिवाद सं0-154/2006 रामवीर सिंह बनाम प्रबन्धक दि ओरियण्टल इंश्योरेंस कम्पनी लि0 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 05/09/2009 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर दोनों पक्षकारों के विद्धान अधिवक्तागण के तर्क को सुना गया।
- जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद इस आधार पर खारिज किया है कि बीमित जीप में दुर्घटना के परिणामस्वरूप जो क्षति कारित हुई थी, उसकी प्रतिपूर्ति में अंकन 6,797/-रू0 प्राप्त किये जा चुके हैं, इसलिए विपक्षी द्वारा सेवा में कोई कमी नहीं की गयी है।
- इस निर्णय एवं आदेश के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील तथा मौखिक तर्कों का सार यह है कि जिला उपभोक्ता आयोग ने साक्ष्य के विपरीत निर्णय पारित किया है।
- परिवादी का बीमित वाहन सं0 एचआर 16बी/8629 दिनांक 7.03.2005 को दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, जिसमें 1,04,808/-रू0 खर्च करके जीप की मरम्मत करायी थी, परंतु केवल 6,797/-रू0 दिये गये, जबकि सर्वेयर द्वारा अपनी रिपोर्ट में 16,990/-रू0 की क्षति बतायी थी।
- बीमा कम्पनी के विद्धान अधिवक्ता का यह तर्क है कि परिवादी ने अंकन 6,797/-रू0 स्वीकार किया है, इसलिए जिला उपभोक्ता आयोग का निर्णय विधि-सम्मत है।
- दस्तावेज सं0 18 पर मौजूद एक पत्र परिवादी द्वारा बीमा कम्पनी को सम्बोधित किया गया है, जिसमें 6,797/-रू0 की राशि को अपर्याप्त होने का कथन किया गया है। इस पत्र को प्रेषित करने की जमा रसीद भी प्रस्तुत की गयी है। बीमा क्लेम प्राप्त होने के पश्चात बीमा कम्पनी द्वारा सर्वेयर की नियुक्ति की गयी और स्वयं सर्वेयर द्वारा 16,990/-रू0 की क्षति का आंकलन किया गया। स्वयं विपक्षी ने लिखित कथन में इस तथ्य को स्वीकार किया है, इसलिए अंकन 16,990/-रू0 की क्षतिपूर्ति का आदेश सर्वेयर की रिपोर्ट के अनुसार दिया जाना चाहिए था। सर्वेयर रिपोर्ट से कम राशि अदा करने का कोई आधार बीमा कम्पनी के पास नहीं था। अत: इस राशि को स्वैच्छा से एवं अंतिम रूप से स्वीकार की गयी धनराशि नहीं माना जा सकता। तदनुसार जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश परिवर्तित होने योग्य है।
आदेश
अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि प्रत्यर्थी, परिवादी को अंकन 16,990/-रू0 बतौर क्षतिपूर्ति अदा करेंगे। इस राशि में से पूर्व में अदा की गयी राशि घटा दी जायेगी। अवशेष राशि पर परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक 06 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज भी देय होगा।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2