जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
पुरूशोत्तम सिंह.......................................वरि0सदस्य
सुधा यादव.....................................................सदस्या
उपभोक्ता वाद संख्या-752/2012
सौरभ राजपूत पुत्र श्री अषोक कुमार निवासी 50/263 नौघड़ा थाना बादषाहीनाका, कानपुर नगर।
................परिवादी
बनाम
1. मेसर्स नार्दन मोटर्स द्वारा प्रबन्धक, माल रोड थाना कैण्ट, कानपुर नगर
2. मे0 हीरोहाण्डा द्वारा अधिकृत अधिकारी पंजीकृत कार्यालय 34 कम्युनिटी सेंटर बसंत लोकर बसंत बिहार नई दिल्ली।
...........विपक्षीगण
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 20.12.2012
निर्णय की तिथिः 05.08.2016
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि विपक्षी सं0-2 का प्रोडक्ट, जिसका नं0-यू0पी0-78 सी.क्यू.-6801 के मूल्य की धनराषि की उगाही के रूप में रू0 10,000.00 की धनराषि जिसे कि विपक्षी सं0-1 ने धोखे से प्राप्त किया है, को वापस प्राप्त कराया जाये तथा नई गाड़ी दिलायी जाये, आर्थिक क्षति के रूप में रू0 25000.00 की धनराषि दिलायी जाये, मानसिक उत्पीड़न के लिए रू0 25000.00 दिलायी जाये तथा परिवाद व्यय दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी ने अपने बड़े भाई श्री अरविन्द कुमार पुत्र श्री अषोक कुमार राजपूत निवासी 50/263 नौघड़ा कानपुर नगर, जिसने विपक्षी सं0-1 के यहां से हीरोहाण्डा सी.डी. डीलक्स इंजन नं0-डठस्भ्।11म्छब्9।11789 (दो पहिया वाहन) दिनांक 27.08.12 को लिया था, से उक्त वाहन अपने नाम अंतरित करवा लिया तथा, जिसके कारण परिवादी प्रष्नगत वाहन का स्वामी है और उसे परिवाद पत्र प्रस्तुत करने का विधिक अधिकार है।
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परिवादी ने विपक्षी सं0-1 के षोरूम नार्दन मोटर्स माल रोड कानपुर से रू0 39,088.00 की नीले रंग की हीरो हाण्डा डीलक्स क्रय की थी, जिसका आर.टी.ओ. नं0-न्च्.78.ब्फ.6801 है, जिसकी वारंटी अवधि दिनांक 16.03.12 से 15.03.13 तक थी। विपक्षी सं0-2 का विपक्षी सं0-1 अधिकृत डीलर है। परिवादी ने विपक्षी सं0-1 के यहां विपक्षी सं0-2 के प्रोडक्ट की बनी हुई गाड़ी के इंजन से मोबिआॅयल के लीकेज की षिकायत करते हुए तीन बार सर्विस लीकेज की षिकायत को दूर करने के सम्बन्ध में अलग-अलग तिथियों में करवाई थी, किन्तु उक्त षिकायत दूर नहीं हुई। परिवादी ने विपक्षी सं0-1 से प्रष्नगत वाहन को बदलकर दूसरी नई गाड़ी देने के लिए कहा। क्योंकि विपक्षी सं0-1 के अधिकृत कर्मचारी श्री दिनेष के द्वारा उपरोक्त षिकायत दूर करने के लिए दो बार में 5-5 हजार रूपये की धनराषि गलत ढंग से प्राप्त की गयी। किन्तु उक्त षिकायत दूर नहीं हुई। बावजूद विधिक नोटिस विपक्षीगण के द्वारा परिवादी की कोई सुनवाई नहीं की गयी। जिससे परिवादी को अत्यंत मानसिक उत्पीड़न हुआ और फलस्वरूप परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3. विपक्षी सं0-1 की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र का प्रस्तरवार खण्डन किया गया है और यह कहा गया है कि प्रष्नगत वाहन परिवादी सौरभ राजपूत को विक्रय नहीं किया गया है। परिवादी विपक्षी के लिए अपरचित व्यक्ति है, जिसको परिवाद दाखिल करने का कोई अधिकार नहीं है। प्रष्नगत वाहन के स्वामित्व, परिवर्तन से संबंधित कोई सूचना विपक्षी सं0-2 को नहीं दी गयी है। वास्तविक क्रेता द्वारा कोई भी षिकायत विपक्षीगण से नहीं की गयी है। परिवादी अत्यंत चतुराई के साथ मूल क्रेता की आंड़ में प्रष्नगत वाहन का वास्तविक अवैधानिक आधार पर परिवाद दाखिल किया गया है। प्रष्नगत वाहन श्री अरविन्द कुमार राजपूत पुत्र अषोक कुमार को विक्रय किया गया है तथा परिवादी अषोक कुमार को कभी विक्रय नहीं की गयी। प्रष्नगत वाहन के मूल क्रेता श्री अरविन्द कुमार राजपूत के द्वारा विपक्षी सं0-1 के द्वारा मात्र निःषुल्क सेवाओं के लिए जो कि वारंटी के अंतर्गत
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दी जाती है, को प्राप्त करने के लिए संपर्क किया गया है। प्रष्नगत वाहन के मूल क्रेता द्वारा कभी भी अभिकथित तेल के लीकेज की समस्या नहीं बतायी गयी है, जो कि जाॅबकार्ड दिनांकित 07.04.12, 10.05.12, 07.06.12 एवं 11.06.12 से स्पश्ट है। मात्र दिनांक 11.06.12 को प्रष्नगत वाहन के वास्तविक स्वामी द्वारा मैग्नेट साइड में लीकेज चेक करने के लिए कहा गया था। फलस्वरूप दिनांक 14.07.12 को क्रैंक इंक गैसकिट एवं क्रैंक केष कंपोनेंट निःषुल्क बदले गये थे। मात्र रू0 225.97 गैसकिट एवं आयल टेस्ट के अंतर्गत लिये गये थे, जो वारंटी के अंतर्गत नहीं थे। प्रष्नगत वाहन के मूल स्वामी द्वारा तदोपरान्त प्रष्नगत वाहन को चेक करने के पष्चात पूर्ण संतुश्टि के पष्चात प्रष्नगत वाहन विपक्षी सं0-1 के यहां से लिया गया था। परिवादी द्वारा सोच-समझकर अपराधिक साजिष के तहत विपक्षीगण के विरूद्ध अपराधिक केस नं0-257/12 दर्ज की गयी है, जो कि दिनंाक 04.12.12 को खारिज हो चुका है। जिससे स्पश्ट होता है कि परिवादी द्वारा विपक्षी से अवैधानिक धन उगाही करने की मंषा से कार्यवाही की जा रही है। अतः परिवादी का परिवाद प्रत्येक विपक्षी को रू0 10000.00 क्षतिपूर्ति के रूप में तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय के रूप में दिलाते हुए खारिज किया जाये।
4. विपक्षी सं0-2 की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र का खण्डन किया गया है और यह कहा गया है कि प्रष्नगत वाहन के स्वामित्व व परिर्वतन की कोई सूचना नहीं दी गयी है, बल्कि विपक्षी सं0-2 के विरूद्ध परिवादी अपरचित सिद्ध होता है। परिवादी द्वारा परिवाद दुर्भावनाग्रस्त मंषा से अवैधानिक तरीके से धनराषि वसूल करने की मंषा से दाखिल किया है। परिवादी द्वारा आयल लीकेज की समस्या को अत्यंत बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत किया गया है कि 100 प्रतिषत वाहन मरम्मत योग्य है। जिससे स्पश्ट होता है कि परिवादी द्वारा झूठे तथ्यों पर परिवाद योजित किया गया है, जो कि काबिले खारिज है। परिवादी का यह कथन सत्य से परे है कि विपक्षी के किसी कर्मचारी द्वारा
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आयल लीकेज की समस्या नहीं बतायी गयी और यह भी समझ से परे है कि परिवादी द्वारा उक्त धनराषि को अदा करने से सम्बन्धित कोई रसीद प्राप्त किये धनराषि विपक्षी के कर्मचारी को दे दी गयी है। इसी कारण से सम्बन्धित पुलिस द्वारा परिवादी की षिकायत आधारहीन होने के कारण कोई नोटिस नहीं दी गयी। परिवादी के प्रष्नगत वाहन में अभिकथित कोई समस्या नहीं है। दिनंाक 14.07.12 को भी निःष्ुाल्क वाहन ठीक कर दिया गया था। लेकिन अब प्रष्नगत वाहन 3500 किलोमीटर चल चुका है, से यह स्पश्ट होता है कि यदि प्रष्नगत लीकेज महत्वपूर्ण होता तो प्रष्नगत वाहन 100 किलोमीटर भी नहीं चलता। परिवादी द्वारा प्रतिपत्री के रूप में परिवाद दाखिल किया है, जो कि रू0 10000.00 हर्जे पर खारिज किया जाये।
5. परिवादी की ओर से जवाबुल जवाब प्रस्तुत करके, विपक्षीगण की ओर से प्रस्तुत किये गये जवाब दावा में उल्लिखित तथ्यों का खण्डन किया गया है और स्वयं के द्वारा प्रस्तुत परिवाद पत्र में उल्लिखित तथ्यों की पुनः पुश्टि की गयी है।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
6. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 14.12.12, 05.07.13 एवं 08.01.14 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची कागज सं0-1 के साथ संलग्न कागज सं0-1/1 लगायत् 1/24 दाखिल किया है।
विपक्षी सं0-1 की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
7. विपक्षी सं0-1 ने अपने कथन के समर्थन में एन. किरन कुमार का षपथपत्र दिनांकित 02.08.13 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में जाॅबकार्ड की 4 प्रतियां व इनवाइस की प्रति लिखित बहस दाखिल किया है।
विपक्षी सं0-2 की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
8. विपक्षी सं0-2 ने अपने कथन के समर्थन में एन. किरन कुमार का षपथपत्र दिनांकित 30.04.13 व 27.10.14 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में वारंटी कार्ड की प्रति, फ्री सर्विस से सम्बन्धित 6 प्रतियां, सर्विस
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रिकार्ड सीट की प्रतियां एवं केस नं0-257/12 के निर्णय की प्रति की प्रति दाखिल किया है।
निष्कर्श
9. फोरम द्वारा उभयपक्षों के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि प्रस्तुत मामले में विवाद का प्रमुख विशय है कि क्या विपक्षी द्वारा परिवादी से रू0 10,000.00 की धनराषि धोखे से प्राप्त की गयी है और क्या परिवादी विपक्षी से प्रष्नगत वाहन के बदले में नया वाहन तथा आर्थिक व मानसिक क्षतिपूर्ति प्राप्त करने का अधिकारी है?
उपरोक्त विचारणीय बिन्दु के सम्बन्ध में परिवादी की ओर से यह कथन किये गये हैं कि परिवादी के प्रष्नगत वाहन में जो कि परिवादी द्वारा विपक्षी सं0-1 के षोरूम से क्रय किया गया था, 3 बार इंजन से आयल के लीकेज की षिकायत की गयी और वह भी विपक्षी द्वारा ठीक नहीं किया जा सका, जिसके कारण परिवादी, उपरोक्त विचारणीय बिन्दु में उल्लिखित अनुतोश प्राप्त करने का अधिकारी है। जबकि विपक्षीगण की ओर से यह कथन किये गये हैं कि परिवादी, विपक्षीगण के लिए अपरचित व्यक्ति है। क्योंकि परिवादी द्वारा प्रष्नगत वाहन विपक्षी सं0-1 से क्रय नहीं किया गया है। इस सम्बन्ध में परिवादी की ओर से यह कहा गया है कि उसके द्वारा अपने भाई से प्रष्नगत वाहन का हस्तांतरण कराया गया है और इसलिए परिवादी प्रस्तुत परिवाद योजित करने के लिए अधिकृत है। स्वीकार्य रूप से प्रष्नगत वाहन षिकायत के समय वारंटी अवधि में था। चूॅकि वारंटी प्रष्नगत वाहन की दी गयी है। उक्त वारंटी में इस प्रतिबन्ध का होना नहीं बताया गया है। यदि उक्त वाहन का हस्तांतरण वारंटी अवधि में किसी दूसरे व्यक्ति को कर दिया जाता, तो वारंटी समाप्त हो जायेगी। अतः फोरम का यह मत है कि परिवादी प्रस्तुत परिवाद योजित करने के लिए अधिकृत है।
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विपक्षीगण की ओर से एक तर्क यह किया गया है कि प्रष्नगत वाहन जितनी बार परिवादी द्वारा विपक्षीगण के यहां लाया गया, उतनी बार उसे ठीक करके परिवादी की संतुश्टि पर उसे वापस दिया गया। विपक्षीगण के उपरोक्त कथन के विरूद्ध परिवादी की ओर से कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। जाॅबकार्ड के अवलोकन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा पूर्ण संतुश्टि के आधार पर प्रष्नगत वाहन सर्विस करने के बाद प्राप्त किया गया है। विपक्षीगण की ओर से प्रस्तुत जाॅबकार्ड दिनांकित 07.04.12, 10.05.12, 07.06.12 व 11.06.12 के अवलोकन से विदित होता है कि सर्विस के दौरान कहीं पर भी परिवादी द्वारा विपक्षी के कार्य से असंतोश व्यक्त नहीं किया गया है। बल्कि डिलीवरी फीड बैक में विपक्षीगण के द्वारा की गयी सेवा से संतुोश व्यक्त किया गया है। परिवादी की ओर से कोई ऐसा साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है, जिससे यह सिद्ध होता हो कि विपक्षीगण द्वारा परिवादी को संतोशजनक सेवा नहीं दी गयी। चूॅकि परिवादी के प्रष्नगत वाहन में अभी भी लीकेज की समस्या है, जिसके लिए विपक्षीगण की ओर यह कथन किया गया है कि यह समस्या कोई बहुत महत्वपूर्ण समस्या नहीं है। यह एक छोटी समस्या है, जिसकी मरम्मत की जा सकती है। अतः इन परिस्थितियों में परिवादी का परिवाद, मात्र इसलिए स्वीकार किया जा सकता है कि परिवादी प्रष्नगत वाहन की मरम्मत कराने के लिए विपक्षी के सर्विस सेंटर में प्रष्नगत वाहन को ले जाये और विपक्षीगण परिवादी की संतुश्टि पर प्रष्नगत वाहन आयल लीकेज की समस्या को ठीक करे तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय अदा करे। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
10. उपरोक्त कारणों से परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंषिक रूप से इस अषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत
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निर्णय पारित करने के 15 दिन के अंदर परिवादी प्रष्नगत वाहन को विपक्षीगण के षोरूम/सर्विस सेंटर में प्रष्नगत वाहन के आॅयल लीकेज की मरम्मत कराने के लिए ले जाये तथा विपक्षीगण परिवादी के प्रष्नगत वाहन के आॅयल लीकेज की मरम्मत परिवादी द्वारा प्रष्नगत वाहन उन्हें देने के 2 दिन के अंदर ठीक करके परिवादी को वापस करें तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय भी अदा करे।
(पुरूशोत्तम सिंह) ( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
(पुरूशोत्तम सिंह) ( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर कानपुर नगर।
परिवाद संख्या-752/2012
30.07.2016
पत्रावली आज निर्णय हेतु नियत है, किन्तु कार्य की अधिकता के कारण आज निर्णय का लिखाया जाना संभव नहीं है।
अतः पत्रावली वास्ते निर्णय दिनांक 05.08.2016 को पेष हो।
वरि0सदस्य सदस्या अध्यक्ष
05.08.2016
मुकद्मा पुकारा गया। निर्णय सुनाया गया।
ःःःआदेषःःः
उपरोक्त कारणों से परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंषिक रूप से इस अषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 15 दिन के अंदर परिवादी प्रष्नगत वाहन को विपक्षीगण के षोरूम/सर्विस सेंटर में प्रष्नगत वाहन के आॅयल लीकेज की मरम्मत कराने के लिए ले जाये तथा विपक्षीगण परिवादी के प्रष्नगत वाहन के आॅयल लीकेज की मरम्मत परिवादी द्वारा प्रष्नगत वाहन उन्हें देने के 2 दिन के अंदर ठीक करके परिवादी को वापस करें तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय भी अदा करे।
(पुरूशोत्तम सिंह) ( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य सदस्या अध्यक्ष