जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण अजमेर
ओम प्रकाष षर्मा पुत्र श्री संत कुमार ष्षर्मा, उम्र- लगभग 48 वर्ष,जाति- ब्राह्मण, निवासी- मकान नं. 3064 ,पलसानिया रोड, नसीराबाद, जिला- अजमेर
प्रार्थी
बनाम
1. नोकिया इण्डिया प्राईवेट लिमिटेड, पंजीकृत कार्यालय, रेडीसन्स काॅम्पलेक्स, काॅमर्षियल प्लाजा, महिपालपुर, नई दिल्ली- 110037 जरिए प्रबन्ध निदेषक ।
( प्रार्थी की प्रार्थना पर आदेष दिनांक 20.3.13 के नाम हजफ किया गया )
2. नोकिया इण्डिया प्राईवेट लिमिटेड, उपभोक्ता षिकायत ष्षाखा, फेजफस्र्ट, डूंडाहेडा, गुडगांव-122016(हरियाणा) जरिए केयर मैनेजर ।
3. मोबाईल क्लिनिक, अधिकृत सर्विस सेन्टर, नोकिया इण्डिया प्राईवेट लिमिटेड,, एफ-9, प्रथम मंजिल, अमर प्लाजा, पुराना प्राईवेट बस स्टेण्ड के पास, अजमेर जरिए प्रबन्धक/ मालिक ।
4. हरियाणा रेडियों एण्ड म्यूजिक सेन्टर, 188, सदर बाबाजार, नसीराबाद, जिला-अजमेर जरिए प्रबन्धक/ मालिक ।
अप्रार्थीगण
परिवाद संख्या 166/2012
समक्ष
1. गौतम प्रकाष षर्मा अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
उपस्थिति
1.श्री विभौर गौड, अधिवक्ता, प्रार्थी
2.श्री ओम नारायण पालडिया, अधिवक्ता अप्रार्थी 3
3. अप्रार्थी संख्या 2 व 4 की ओर से कोई उपस्थित नहीं
मंच द्वारा :ः- आदेष:ः- दिनांकः- 12.05.2015
1. परिवाद के तथ्योंनुसार प्रार्थी ने अप्रार्थी संख्या 1 द्वारा निर्मित मोबाईल नोकिया ग्.6 अप्रार्थी संख्या 4 से जरिए बिल संख्या 1397 दिनांक 28.5.2010 को रू. 16,000/- में क्रय किया । जिसकी अप्रार्थीगण ने एक वर्ष की वारण्टी दी थी और उक्त वारण्टी को अप्रार्थी संख्या 3 ने रू0 585/- प्राप्त कर एक वर्ष के लिए दिनांक 13.5.2011 से एक्टेण्ड कर दी । क्रय किया गया मोबाईल बार बार जब हेंग होने लगा तो उसने अप्रार्थी संख्या 3 व 4 से इसकी षिकायत की । जिस पर उक्त अप्रार्थीगण ने बतलाया कि नया सेट है धीरे धीरे ठीक हो जावेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ । तत्पष्चात् अप्रार्थी संख्या 3 ने उक्त सेट दिनंाक 14.4.2011 को रिप्लेस किया लेकिन त्रुटि यथावत रही । जिसकी भी षिकायत की गई तो हैण्ड सेट अप्रार्थी संख्या 3 ने पुनः रिप्लेस किया और यह विष्वास दिलाया कि यह हैण्ड सेट समुचित रूप से कार्य करेगा लेकिन हैण्ड सेट में पूर्ववत वहीं त्रुटि उत्पन्न हो गई तो उसने दिनांक 3.5.2011 को अप्रार्थी संख्या 3 से सम्पर्क कर नया हैण्ड सेट दिलाए जाने अथवा उसकी क्रय राषि अदा करने का निवेदन किया किन्तु अप्रार्थी संख्या 3 ने ऐसा करने से इन्कार कर दिया । उसके हैण्ड सेट को अप्रार्थीगण रिप्लेस नहीं किया जा रहा है । प्रार्थी ने परिवाद प्रस्तुत कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है ।
2. अप्रार्थी संख्या 1 का नाम प्रार्थी की प्रार्थना पर दिनांक 20.3.2013 को हजफ किया गया । अप्रार्थी संख्या 2 व 4 के विरूद्व एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई है ।
3. अप्रार्थी ंसख्या 3 ने परिवाद का जवाब पेष किया जिसमें दर्षाया है कि प्रार्थी ने अप्रार्थी संख्या 4 से मोबाईल क्रय करने की दिनंाक 28.5.2010 से साढे दस माह बाद दिनांक 14.4.2011 को अप्रार्थी संख्या 3 के पास यह कह कर आया कि उसका मोबाईल खराब हो गया है जिसे अप्रार्थी संख्या 2 के पास भेज दो जिसे अप्रार्थी संख्या 2 के पास भेज दिया गया और वहां से नया मोबाईल जिसका ईएमआई संख्या 3520060491442814 है आया जिसे प्रार्थी ने प्राप्त कर लिया । दिनंाक 27.4.2011 को प्रार्थी फिर अप्रार्थी संख्या 3 के पास सेट में खराबी होने की षिकायत लेकर आया और उसके कहने पर सेट अप्रार्थी संख्या 2 को भेज दिया जहां से दूसरा ईएमआई संख्या 354855040545872 प्राप्त होने पर प्रार्थी को उक्त सेट दे दिया । इसी प्रकार तीसरी बार प्रार्थी सेट में खराबी की षिकायत लेकर आने पर उसे अप्रार्थी संख्या 2 के पास भेजा गया और वहां से ईएमआई संख्या 353422046159629 वाला दूसरा मोबाईल आने पर प्रार्थी ने चैक करके व चला करके प्राप्त किया । जो आज दिनांक तक प्रार्थी के पास मौजद है
अप्रार्थी का कथन है कि दिनंाक 13.5.2011 को उत्तर अप्रार्थी ने अप्रार्थी संख्या 2 के निर्देषानुसार रू. 585/- बिल संख्या 378 के प्राप्त कर अप्रार्थी संख्या 2 द्वारा बदल कर दिए गए सैट जिसका ईएमआई संख्या 353422046159629 है की वारण्टी अवधि बढाई गई और उक्त राषि अप्रार्थी संख्या 2 को भेज दी गई । साथ ही प्रार्थी को यह भी बतलाया दिया गया था कि वारण्टी अवधि बढाने पर सर्विस चार्ज नहीं लगेगा और षेष चार्ज यथावत लगेगें । वारण्टी अवधि बढाने के बाद प्रार्थी मोबाईल की सर्विस के लिए नहीं आया । यदि सेट में निर्माणीय दोष होता तो प्रार्थी उसकी षिकायत करता लेकिन प्रार्थी उत्तरदाता के पास नहीं आया । अन्त में परिवाद खारिज होना दर्षाया ।
4. हमने पक्षकारान को सुना एवं पत्रावली का अनुषीलन किया ।
5. प्रकरण में प्रार्थी की ओर से दिनंाक 15.7.2014 को एक आवेदन बदले गए सेट की विषेषज्ञ से जांच करवाने का पेष हुआ है । जिसका जवाब अप्रार्थी संख्या 3 की ओर से दिया हुआ है । इस आवेदन का निस्तारण होना षेष है । इस संबंध में प्रार्थी के आवेदन एवं अप्रार्थी संख्या 3 के जवाब का अवलोकन किया गया । वर्तमान में जो सेट प्रार्थी के पास है वह तीसरी बार बदला हुआ सेट है । इस सेट में निर्माण संबंधी त्रुटि यदि है तो इस तथ्य को सिद्व करने का भार प्रार्थी पर था एवं प्रार्थी ने यह आवेदन बहस अंतिम के प्रक्रम पर पेष किया है । इसके अतिरिक्त परिवाद की चरण संख्या 6 में वर्णित अनुसार तीसरी बार भी सेट खराब हो गया जिसे अप्रार्थीगण नहीं बदल रहे है तथा बदलने से इन्कार कर दिया है, उल्लेख किया हेै। इन सभी तथ्यों को देखते हुए हम प्रार्थी का यह आवेदन स्वीकार होने योग्य नहीं पाते है ।
6. अब हम मूल परिवाद के निर्णय हेतु अग्रसर होते है । अप्रार्थी संख्या 2 इस सेट की निर्माता कम्पनी है एवं उसका कोई जवाब पेष नहीं हुआ है । इसी प्रकार अप्रार्थी संख्या 4 जिससे सेट खरीदा गया उसके विरूद्व भी एक पक्षीय कार्यवाही है एवं अप्रार्थी संख्या 3 जो कि अप्रार्थी संख्या 2 का सर्विस सेन्टर है की ओर से जवाब पेष हुआ है ।
7. प्रार्थी के कथन की उसके सेट को तीसरी बार बदल दिया गया इस तथ्य को अप्रार्थी संख्या 3 ने अपने जवाब में स्वीकार किया है । प्रार्थी का यही कथन की तीसरी बार बदला गया सेट भी ठीक से काम नहीं कर रहा है इस तथ्य का खण्डन अप्रार्थी संख्या 3 जो कि मात्र सर्विस सेन्टर है, ने ही किया है लेकिन अप्रार्थी संख्या 2 सेट निर्माता कम्पनी का कोई खण्डन पत्रावली पर नहीं है । प्रार्थी ने परिवाद के समर्थन में स्वयं का ष्षपथपत्र पेष किया हे । प्रार्थी ने अपने परिवाद की चरण संख्या 6 में वर्णित अनुसार उल्लेख किया है कि अप्रार्थीगण उक्त बदले गए सेट को भी रिप्लेस कर नया सेट उपलब्ध नहीं करा रहे है और ना ही कीमत अदा कर रहे है एवं अनुतोष में भी इसका उल्लेख किया है। इन तथ्यों को देखते हुए एवं अप्रार्थी संख्या 2 की ओर से कोई खण्डन नहीं है , को मद्देंनजर हुए हम उचित समझते है कि प्रार्थी तीसरी बार बदले गए सेट को रिप्लेस करवाने का अधिकारी है क्योंकि प्रार्थी के अनुसार यह सेट भी बराबर काम नहीं कर रहा है । प्रार्थी के इन कथनों का खण्डन निर्माता कम्पनी की ओर से नहीं किया गया है । अतः प्रार्थी उसे तीसरी बार बदले गए सेट को अप्रार्थी संख्या 2 से बदलवाने का अधिकारी हे एवं विकल्प में इस सेट की राषि रू. 16,000/- प्राप्त करने का अधिकारी पाया जाता है । अप्रार्थी संख्या 3 व 4 के विरूद्व परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं है । अतः आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
8. (1) अप्रार्थी संख्या 2 प्रार्थी को तीसरी बार बदले गए सेट जिसका ईएमआई नम्बर 353422046159629 है, को इस निर्णय की तिथी से अन्दर दो माह में बदल कर नया त्रुटिरहित उसकी मैक व माॅडल का सेट देवे विकल्प में इस सेट की कीमत राषि रू. 16,000/- अदा करें ।
(2) प्रार्थी अप्रार्थी संख्या 2 से मानसिक संताप व वाद व्यय के मद में राषि रू. 2000/- भी प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(3) क्र. संख्या 1 मे वर्णित आदेषानुसार यदि अप्रार्थी संख्या 1 प्रार्थी को प्रष्नगत हैण्ड सेट की राषि लौटाना चाहे तो अप्रार्थी संख्या 1 यह राषि आदेष से दो माह में अदा करें साथ ही क्र. सं. 2 में अंकित राषि भी अप्रार्थी संख्या 1 उक्त अवधि में अदा करे अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावें ।
(4) अप्रार्थी संख्या 3 व 4 के विरूद्व परिवाद खारिज किया जाता है ।
(श्रीमती ज्योति डोसी) (गौतम प्रकाष षर्मा)
सदस्या अध्यक्ष
6. आदेष दिनांक 12.05.2015 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
सदस्या अध्यक्ष