PANKAJ SHARMA filed a consumer case on 24 Jul 2014 against NOKIA INDIA PRI. LTD in the Jaipur-I Consumer Court. The case no is CC/1284/2013 and the judgment uploaded on 26 May 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर प्रथम, जयपुर
समक्ष: श्री महेन्द्र कुमार अग्रवाल - अध्यक्ष
श्रीमती सीमा शर्मा - सदस्य
श्री ओमप्रकाश राजौरिया - सदस्य
परिवाद सॅंख्या: 1284/2013
पं. पंकज शर्मा पुत्र स्व. सत्यनारायण शर्मा, निवासी वन्दना स्कूल के सामने, जयसिंहपुरा खोर, दिल्ली रोड़, जयपुर Û
परिवादी
ं बनाम
1. मैंनेजिंग डायरेक्टर, नोकिया इण्डिया सेल्स प्रा.लि., एस.पी.इन्फोसिटी इण्डस्ट्रीयल, प्लाॅट नंबर 243, उद्योग विहार, फेज प्रथम, डुण्डाहेरा, गुडगांव 122016 (हरियाणा)Û
2. प्रोपराईटर स्मार्ट लाईफ स्टाईल रीटेलिंग प्रा.लि., 175, माया मेन्शन, अपोजिट जी.पी.ओ., एम.आई.रोड़, जयपुर 302001
विपक्षी
अधिवक्तागण :-
श्री मधुकर शर्मा - परिवादी
परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक: 31.10.13
आदेश दिनांक: 21.01.2015
यह परिवाद पंकज शर्मा ने मैनेजिंग डायरेक्टर, नोकिया इण्डिया सेल्स प्रा0लि0 व अन्य के विरूद्ध अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 पेश किया है । परिवाद में अंकित तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी ने दिनांक 20.06.2013 को विपक्षी सॅंख्या 2 से एक टच स्क्रीन मोबाईल हैण्डसेट (नोकिया लूमिया 720) 18100/- रूपए में क्रय किया था । मोबाईल काम में लेना शुरू किया तो वह हैंग होने लगा व टच स्क्रीन अपने आप चलती थी । दिनांक 21.06.2013 को विपक्षी सॅंख्या 2 से शिकायत की तो उसने बताया कि काम में लेने पर अपने आप ठीक हो जाएगा । दिनांक 19.07.2013 को टच स्क्रीन पैड खराब हो गया । विपक्षी सॅंख्या 2 से शिकायत कर नए हैण्डसेट की मांग की तो उसने अपनी जिम्मेदारी से इंकार कर दिया। दिनांक 20.07.2013 को मोबाईल विपक्षी सॅंख्या 1 के सर्विस सेंटर पर रिपेयर करने को दिया जो रिपेयर करके वापिस दे दिया लेकिन दिनांक 21.07.2013 को मोबाईल का टच पेड पुन: खराब हो गया । 22.07.2013 को सर्विस सेंटर पर मोबाईल दिखाने पर उसमें मैन्युफेक्चरिंग डिफेक्ट बताया गया और दिल्ली भेजने बाबत कहा गया । मोबाईल लगभग 15 दिन बाद वापिस प्राप्त हुआ तब मोबाईल हैण्डसेट की बाॅडी पर अनेको स्क्रेच व बाॅडी पर दरार आ गई थी । मोबाईल ठीक नहीं हुआ था । दिनांक 08.09.2013 को मोबाईल हैण्डसेट ने पूर्णतया काम करना बंद कर दिया । दिनांक 09.09.2013 को सर्विस सेंट पर मोबाईल ठीक करने हेतु दिया तो कहा कि अब ठीक नहीं हो सकता है तथा जाॅब शीट कार्ड देने से मना कर दिया । नोटिस दिए जाने के बाद भी नया मोबाईल या कीमत अदा नहीं की है । परिवादी का कथन है कि इस प्रकार विपक्षीगण द्वारा अनुचति व्यापार एवं गम्भीर सेवादोष कारित किया है। परिवाद ने हैण्डसेट की कीमत 18100/- रूपए, क्षतिपूर्ति स्वरूप 51000/- रूपए, बार-बार चक्कर लगाने पड़े उसके 1000/- रूपए, परिवाद व्यय के 5000/रूपए एवं एडवोकेट फीस 15000/- रूपए दिलवाई जावें
विपक्षी की ओर से परिवाद का कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया है ।
मंच द्वारा परिवादी अधिवक्ता की बहस सुनी गई एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया ।
परिवादी के अधिवक्ता की ओर से बहस की गई है कि उन्होंने दिनांक 20.06.2013 को विपक्षी सॅंख्या 2 से एक मोबाईल नोकिया लूमिया 720 रूपए 18100/- में क्रय किया था जो काम में लेना शुरू करने पर ही हैंग होने लगा । दिनांक 21.06.2013, 19.07.2013, 22.07.2013 को शिकायत की गई परन्तु मोबाईल ठीक नहीं किया गया । दिनांक 08.09.2013 को मोबाईल ने पूर्णतया काम करना बंद कर दिया और 09.09.2013 सर्विस सेंटर वालों ने यह कहते हुए लौटा दिया कि यह मोबाईल अब सही नहीं हो सकता है । नोटिस विपक्षी को दिलवाया परन्तु उस पर भी विपक्षीगण ने कोई कार्यवाही नहीं की है।
परिवादी ने विपक्षी द्वारा दिया गया बिल दिनांक 20.06.2013, सर्विस जाॅबसीट दिनांक 22 जुलाई 2013 , अधिवक्ता के नोटिस की काॅपी पेश की है ।
विपक्षीगण की ओर से परिवाद के कथन व प्रस्तुत साक्ष्य का कोई खण्डन नहीं किया गया है ऐसी स्थिति में इन पर अविश्वास किए जाने का कोई आधार मंच के समक्ष उपलब्ध नहीं है।
इस प्रकार परिवादी के सशपथ कथन व प्रस्तुत साक्ष्य से खण्डन के अभाव में यह प्रमाणित है कि परिवादी द्वारा दिनांक 20.06.2013 को एक मोबाईल हैण्डसेट विपक्षी कम्पनी का 18100/- रूपए में खरीद किया गया था जो काम में लेना शुरू करते ही हैंग होने लगा व टच स्क्रीन अपने आप चलती थी परन्तु विपक्षीगण ने मोबाईल हैण्डसेट को ना तो ठीक करके दिया ना ही बदला ना ही उसकी कीमत अदा की है। इस प्रकार से विपक्षीगण का यह कृत्य अनफेयर ट्रेड प्रेक्टिस के अन्तर्गत आता है परिणामस्वरूप यह परिवाद स्वीकार किए जाने योग्य है ।
आदेश
अत: परिवादी का यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है और विपक्षीगण को आदेश दिया जाता है कि वह संयुक्त व पृथक-पृथक रूप से उत्तरदायी होते हुए परिवादी के मोबाईल को एक माह की अवधि में ठीक करके वापिस लौटाएंगे अन्यथा उसे मोबाईल की कीमत 18100/- रूपए अक्षरे अठारह हजार एक सौ रूपए परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक से अदायगी तक 12 प्रतिशत ब्याज सहित अदा करेगा । इसके अलावा विपक्षीगण परिवादी को कारित मानसिक संताप की क्षतिपूर्ति के लिए उसे 5000/- रूपए अक्षरे पाॅच हजार पाॅंच सौ रूपए एवं परिवाद व्यय 1500/- रूपए अक्षरे एक हजार पांच सौ रूपए अदा करंेेेगे। परिवादी का अन्य अनुतोष अस्वीकार किया जाता है।
निर्णय आज दिनांक 21.01.2015 को लिखाकर सुनाया गया।
( ओ.पी.राजौरिया ) (श्रीमती सीमा शर्मा) (महेन्द्र कुमार अग्रवाल)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes
Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.