जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।
परिवाद संख्या:- 210/2017 उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्यक्ष।
श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्य।
परिवाद प्रस्तुत करने की तारीख:-07.07.2017
परिवाद के निर्णय की तारीख:-06.10.2022
Deepak Tripathi, aged about 38 years, son of Shri Ram Shanker Tripathi, resident of 569 Ch/397 Prem Nagar, Alamagh, City and District Lumknow.
..........Complainant.
Versus
1. M/s Nokia care center (Now Known as Microsoft) Ream Electronics (340 504886) 551 Ga/120 OLD Sardari Khera Near Alambagh bus depot Alambagh Lucknow (U.P. EAST) PIN-226005.
2. M/s Nokia solutions and networks private LTD. 7th-8th Floor Building 9-A, Sector 25-A DLF Cyber City, Gurgaon, Haryana.
3. M/s Bajrang Mobile Pawan Complex basemet Vijay Nagar Charbagh Lucknow.
...........Opp. Parties.
आदेश द्वारा-श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्य।
निर्णय
- परिवादी ने प्रस्तुत परिवाद धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत विपक्षीगण से मोबाइल की कीमत 5,600.00 रूपये मय 18 प्रतिशत ब्याज सहित दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया है।
- संक्षेपमें परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी ने नोकिया मोबाइल हैंडसेट मॉडल नोकिया 503 सीरियल नम्बर 358979054512630/358979054512648 प्रोडक्ट कोड 05वी6आर4 मैसर्स बजरंग मोबाइल पवन काम्पलेक्स, विजय नगर, चारबाग से विपक्षी संख्या 04 से क्रय किया। विक्री चालान संख्या 398 दिनॉंक 15.02.2014 के माध्यम से नकद भुगतान करके खरीदा।
- प्रस्तुत परिवाद में परिवादी उपभोक्ता है और विपक्षी संख्या 01 कम्पनी का बिक्री सेवा केन्द्र है जहॉं शिकायतकर्ता ने अपना उपर्युक्त दोषपूर्ण हैण्डसेट जमा किया है। विपक्षी संख्या 01 कम्पनी का बिक्रीकेन्द्र है तथा परिवादी ने जहॉं अपना खराब हैण्डसेट जमा कया वह विपक्षी संख्या 02 कम्पनी का मुख्यालय है। विपक्षी संख्या 03 नोकिया कम्पनी का स्थानीय कार्यालय है और विपक्षी संख्या 04 उपरोक्त मोबाइल हैण्डसेट विक्रेता है। परिवादी ने उपरोक्त हैण्डसेट क्रय करने के बाद उसमें सिम 02 लगाने पर उसमें परिचालन की समस्या उत्पन्न हो गयी। परिवादी ने विपक्षी संख्या 04 से संपर्क किया परन्तु विपक्षी संख्या 04 ने मोबाइल फोन बदलने से इनकार कर दिया। सर्विस सेन्टर ने हैण्डसेट में विनिर्माण दोष की सलाह दी। सर्विस सेंटर ने हैण्डसेट में खराबी को स्वीकार किया और परिवादी से बताया कि हैण्डसेट की खराबी कब तक खत्म हो जायेगी।
- यहॉं यह उल्लेखनीय है कि परिवादी ने विपक्षी संख्या 01 के विपरीत सेवा केन्द्र के साथ नया मोबाइल सेट जमा किया तो उन्होंने एक पुराने सिंगल सिम मोबाइल सेट 6681 को आई0एम0ई0आई0 नम्बर 351886014837683 के साथ, बैटरी के साथ किसी भी तरह काम करने के विकल्प के रूप में तैयार किया यह अस्थायी रूप से तब तक है, जबकि मोबाइल सेट को बदला न जाए। यद्यपि दोषपूर्ण हैण्डसेट को वारंटी अवधि के अन्दर सेवा केन्द्र में जमा कर दिया गया था, परन्तु सेवाकेन्द्र
ने परिवादी को धोखा देने की नियत से 600.00 रूपये जमा कर वारन्टी अवधि को एक वर्ष के लिये और बढ़ा दिया। हालॉंकि दोषपूर्ण हैण्डसेट को पहली वारन्टी अवधि के अन्दर सेवा केन्द्र को सौंप दिया गया था, और वारंटी अवधि बढ़ाने की कोई आवश्यकता नहीं थी। यह भी उल्लेख करना प्रासंगिक है कि परिवादी को नकद भुगतान के बदले कोई रसीद नहीं दी गयी थी, बल्कि परिवादी को बताया गया था कि वारन्टी अवधि ऑनलाइन बढ़ा दी जायेगी और रसीद की आवश्यकता नहीं है।
- परिवादी का दोषपूर्ण हैण्डसेट प्राप्त करने के बाद विपक्षी संख्या 01 ने कभी भी परिवादी को उपरोक्त मोबाइल की स्थिति के बारे में सूचित नहीं किया और इस तरह लम्बे समय तक परिवादी प्रतीक्षा करने के बाद व्यक्तिगत रूप से कई बार सेवाकेन्द्र से संपर्क किया और उसे मौखिक रूप से सूचित किया कि सेट नहीं है मुख्यालय से वापस प्राप्त किया है। इस प्रकार परिवादी को बेवजह परेशान किया जाता था। आखिरकार वर्ष 2015 जुलाई के महीने में परिवादी ने सेवा केन्द्र से संपर्क किया और कहा कि हैण्डसेट की मरम्मत नहीं की जा सकती। परिवादी ने देखा कि सेवाकेन्द्र के द्वारा मोबाइल की बॉडी को तोड़ा गया था। सर्विस सेंटर के कार्मिकों ने कहा कि सेट पहले ही टूट चुका था, और परिवादी को सेवाकर्मियों द्वारा धमकाया गया कि केन्द्र पर न आयें अन्यथा गंभीर परिणाम भुगतने होगें।
- उपरोक्त वर्णित तथ्यों, कारणों एवं परिस्थितियों में श्री सुरेन्द्र तिवारी के माध्यम से दिनॉंक 11.09.2015 की शिकायत में विपक्षीगण को पंजीकृत डाक के माध्यम से हैंण्डसेट को बदलने अथवा 6,500.00 रूपये का भुगतान करने के लिये कानूनी नोटिस भेजा।
- पंजीकृत नोटिस डाक अधिकारियों को वापस प्राप्त नहीं हुई। नोटिस दिनॉंक 11.09.2015 दाखिल की गयी है। विपक्षी संख्या 04 जो कि डीलर है नकद राशि का भुगतान करने और मोबाइल की डिलीवरी लेने के तुरंत बाद कुछ भी करने से मना कर दिया। स्पष्ट है कि कोई भी प्रतिष्ठित दुकानदार जो सामान बेचता है, माल में किसी दोष के लिये प्राथमिक रूप से जिम्मेदार होता है, क्योंकि परिवादी प्रतिष्ठित दुकान से सामान खरीदता है। ऐसे में विपक्षी संख्या 04 परिवादी के दोषपूर्ण मोबाइल सेट के लिये पूरी तरह जिम्मेदार हैं।
- परिवाद का नोटिस विपक्षीगण को भेजा गया, परन्तु विपक्षीगण की ओर से कोई भी उपस्थित नहीं हुआ और न उत्तर पत्र प्रस्तुत किया गया। अत: दिनॉंक 22.02.2021 को एकपक्षीय कार्यवाही अग्रसारित की गयी।
- परिवादी ने अपने मौखिक साक्ष्य के रूप में शपथ पत्र, मोबाइल की सेलइनवाइस रसीद की छायाप्रति आदि दाखिल किया है।
- मैने परिवादी के विद्वान अधिवक्ता के तर्कों को सुना तथा पत्रावली का परिशीलन किया।
- परिवादी का कथानक है कि दिनॉंक 15.02.2014 को बजरंग मोबाइल से एक नोकिया मोबाइल हैण्डसेट क्रय किया। उपरोक्त मोबाइल सेट लेने के बाद उक्त मोबाइल सेट सही से काम नहीं कर रहा था। तब बजरंग मोबाइल के दुकानदार ने बताया कि नोकिया सर्विस सेन्टर पर मोबाइल सेट को दिखाकर ठीक करा सकते हैं। संबंधित सेट सर्विस सेन्टर में खराब हुए मोबाइल की शिकायत किया और संबंधित कार्यालय द्वारा बताया गया कि शिकायत दर्ज करने हेतु 600.00 रूपये जमा करने होंगे। परिवादी ने उपरोक्त सर्विस सेन्टर पर जमा कर दिया, और सर्विस सेन्टर द्वारा यह कहा गया कि इसमें बैटरी की समस्या है। उपरोक्त मोबाइल नहीं बदला जायेगा।
- परिवादी द्वारा दाखिल दस्तावेजी साक्ष्य से विदित है कि विपक्षी संख्या 01 के द्वारा सेवा में कमी की गयी है। विदित है कि समस्त कृत्यों में परिवादी को मानसिक, और शारीरिक कष्ट हुआ है। अत: परिवादी को 6,500.00 रूपये दिलाया जाना न्यायसंगत प्रतीत होता है।
-
परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को निर्देशित किया जाता है कि परिवादी को मुबलिग 6,500.00 (छ: हजार पॉंच सौ रूपया मात्र) परिवाद दायर करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक 09 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ निर्णय के 45 दिन के अंदर अदा करें। मानसिक एवं शारीरिक कष्ट के लिये मुबलिग 5,000.00 (पॉंच हजार रूपया मात्र) भी अदा करेंगे। यदि निर्धारित अवधि में आदेश का अनुपालन नहीं किया जाता है, तो उपरोक्त समस्त धनराशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज
भुगतेय होगा।
(सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
आज यह आदेश/निर्णय हस्ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।
(सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
दिनॉंक: 06.10.2022