जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम फैजाबाद ।
़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़ ़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़उपस्थितिः-(1) श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
(2) श्रीमती माया देवी शाक्य, सदस्या
(3) श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य
परिवाद सं0-208/2013
कु0 छवि रस्तोगी पुत्र श्री आलोक कुमार रस्तोगी निवासिनी अकब बजाजा शहर व जिला फैजाबाद .................... परिवादिनी
बनाम
1- नितिन रस्तोगी पुत्र श्री हरीओम रस्तोगी अधिकृत विक्रेता/प्रोपराईट्र्स ए टू जेड कम्प्यूटर निकट भारतीय स्टेट बैंक चैक शाखा बजाजा फैजाबाद।
2- लेनोवा इण्डिया प्रा0लि0 द्वारा प्रबंध निदेशक (एम.डी.) श्री अमर बाबू वाटिका विजनेस पार्क प्रथम तल बादशाहपुर रोड सेक्टर-44 सोहना रोड गुड़गाॅंव-122001 फोन नं0-0124-4315600 .................... विपक्षीगण
निर्णय दि0 22.02.2016
निर्णय
उद्घोषित द्वारा-श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
परिवादिनी ने यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध लैपटाप का मूल्य मु0 25,400=00 एवं एसेसरीज के मूल्य मु0 5,000=00 कुल मु0 30,400=00 अथवा दूसरा
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नया लैपटाप दिलाये जाने एवं मु0 30,000=00 क्षतिपूर्ति दिलाये जाने हेतु योजित किया है।
संक्षेप में परिवादिनी का परिवाद इस प्रकार है कि परिवादिनी बी0ए0 तृतीय वर्ष की छात्रा है। उसे अपने शिक्षा के लिए एक लैपटाप की आवश्यकता थी। विपक्षी सं0-1 की उक्त नाम व पते पर कम्प्यूटर बेचने की दुकान है। जहाॅं विभिन्न कम्पनियों के कम्प्यूटर व लैपटाप बेचने का व्यवसाय करता है। लेनोवो कम्प्यूटर कम्पनी एक विदेशी कम्पनी है जिसके भारत में प्रबंध निदेशक विपक्षी सं0-2 हैं तथा विपक्षी सं0-1 लेनोवो कम्प्यूटर कम्पनी के फैजाबाद जिले में अधिकृत विक्रेता है। परिवादिनी ने लेनोवो कम्प्यूटर कम्पनी का एक लैपटाप स्मदवअव ळ 570.क्ब्ध्2ध्500 ैतण् छव ब्ठ 16471093 है, विपक्षी सं0-1 से दि0 24.08.2012 को मु0 25,400=00 में खरीदा था। उक्त लैपटाप की एक साल की अवधि की वारन्टी लैपटाप क्रय करने के दिनाॅंक से थी। दि0 11.12.2012 को उक्त लैपटाप में खराबी आने पर परिवादिनी ने उक्त लैपटाप को विपक्षी सं0-1 को बनने के लिए दिया था जिसे उसने प्ठड ठनेपदमेे चंतजदमत के ।नजीवतपेमक ेमतअपबम ब्मदजमत ब्मदजनतल ब्वउचनजमते डंदरववत ।सप ठनपसकपदह वचचण् ठंेंदज ब्पदमउं ठनपसकपदह स्ंसइंही स्नबादवू को उक्त लेपटाप की मरम्मत के लिए भेजा था जिसकी रसीद सर्विस रिपोर्ट सं0-1904 दिनाॅंकित 11.1.2013 है। जिसकी फोटो स्टेट प्रतिलिपि संलग्नक सं0-3 है। उक्त लैपटाप का मदर बोर्ड ठीक से काम नहीं कर रहा था, जो कि लैपटाप बनने के पश्चात् कुछ माह के बाद पुनः पूर्ण रूप से खराब हो गया जिसकी शिकायत दि0 24.7.2013 को विपक्षी सं0-1 से करने पर उसने लैपटाप ठीक करने से इन्कार कर दिया तब परिवादिनी ने उक्त लैपटाप के बदले में दूसरा लैपटाप की माॅंग किया और उसे बताया कि अभी उक्त लैपटाप की वारन्टी अवधि समाप्त नहीं हुई है परन्तु विपक्षी सं0-1 ने कोई माकूल जवाब परिवादिनी को नहीं दिया। परिवादिनी ने इन्टरनेट के द्वारा विपक्षी सं0-2 का पता दि0 16.8.2013 को लगाया और उसी दिन अपने अधिवक्ता के माध्यम से ई-मेल से कम्पलेन्ट दर्ज कराई परन्तु उसका भी कोई जवाब विपक्षी सं0-2 के द्वारा आज तक नहीं दिया गया। विपक्षीगण के द्वारा दिये गये वारन्टी पीरियड में उक्त लैपटाप में आई खराबी
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को उनके द्वारा ठीक न किया जाना तथा लैपटाप के खराब होने पर उसे बदलकर दूसरा लैपटाप न दिये जाने से परिवादिनी की शिक्षा पर असर पड़ा है। इस प्रकार विवश होकर परिवादिनी को विपक्षीगण के विरूद्ध यह परिवाद प्रस्तुत करना पड़ा।
विपक्षी सं0-1 ने अपने जवाब में यह स्वीकार किया है कि कम्पनी द्वारा लिनोवो लैपटाप की वारन्टी अवधि खरीद तिथि से एक वर्ष तक दी गयी है। शेष कथन धारा-4 जिस प्रकार अभिकथित है स्वीकार नहीं है। वास्तविकता है कि विपक्षी ’’लिनोवो कम्पनी’’ जो कि एक मल्टीनेशनल एवं विश्व विख्यात कम्पनी है, के लैपटाप का विक्रेता रहा जो लिनोवो के साथ-साथ अन्य कम्पनियों के भी लैपटाप आदि बेचने का व्यापार ’’ए टू जेड कम्प्यूटर’’ के नाम से करता है। परिवादिनी ने विपक्षी की दुकान से दि0 24.8.2012 को प्रश्नगत लैपटाप खरीदा था। लैपटाप खरीद के समय विपक्षी ने परिवादिनी को ’सेल इन्वाइस’’ दिया था, जिसके साथ कम्पनी द्वारा प्रदत्त वारन्टी की शर्तो का लेख स्मदवअव ैजंजमउमदज व िस्पउपजमक ॅंततंदजल भी उन्हें उपलब्ध करा दिया था। कम्पनी द्वारा वारन्टी सेवाओं के लिए कम्पनी द्वारा जगह-जगह पर आॅथराइज्ड वारन्टी सर्विस प्रोवाइडर की व्यवस्था की गयी है। इसी परिप्रेक्ष्य में लखनऊ में कम्पनी का अधिकृत सर्विस सेन्टर ’’सेन्चुरी कम्प्यूटर्स’’ है जहाॅं फैजाबाद व आस पास की वारन्टी सर्विस कम्पनी द्वारा उपलब्ध करायी जाती है। परिवादिनी ने वारन्टी की शर्तो और कम्पनी के अधिकृत सर्विस सेन्टर (सर्विस प्रोवाइडर) की पूरी जानकारी प्राप्त करने के उपरान्त् विपक्षी से प्रश्नगत लैपटाप खरीदा था। विपक्षी प्रश्नगत लैपटाप का विक्रेता मात्र है। विक्रय करने में उसके द्वारा किसी प्रकार की सेवा में कमी नहीं की गयी है। उक्त लैपटाप की वारन्टी का सम्पूर्ण एवं एक मात्र दायित्व कम्पनी विपक्षी सं0-2 का है तथा विपक्षी का कतई नहीं है।
विपक्षी सं0-2 ने अपने जवाब में कहा है कि विपक्षी सं0-2 की सेवा में कमी नहीं है। विपक्षी सं0-2 के अधिकृत सर्विस सेन्टर है। यदि परिवादिनी को कोई समस्या होती है तो सर्विस सेन्टर में जाकर उन परेशानियों को दूर करा सकती है और विपक्षी सं0-2 हमेशा अपनी सेवा देने के लिए तत्पर रहता है। यदि लैपटाप में कोई खराबी आती है तो उसे भी सही करने की जिम्मेदारी है। दूसरा लैपटाप रिप्लेस
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करने का कोई प्रश्न नहीं उठता है। लैपटाप में जून 2013 में वारन्टी पीरियड में खराबी आयी थी। परिवादिनी को नया एडाप्टर दिया गया। परिवादिनी ने विपक्षी को परेशान करने की नीयत से झूठा परिवाद प्रेषित किया है।
मैं परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता तथा विपक्षी सं0-1 के विद्वान अधिवक्ता की बहस सुनी। पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन किया। परिवादिनी ने विपक्षी सं0-1 से दि0 24.8.2012 को लिनोवो कम्प्यूटर कम्पनी का एक लैपटाप मु0 25,400=00 में खरीदा था, जिसकी वारन्टी एक साल की थी। वारन्टी पीरियड में लैपटाप खराब हुआ, जिसकी रसीद सर्विस रिपोर्ट सं0-1904 दि0 11.1.2013 है। विपक्षी सं0-1 ने विपक्षी सं0-2 के सर्विस सेन्टर से लैपटाप ठीक कराया। पुनः वारन्टी पीरियड में मदर बोर्ड काम नहीं कर रहा था। पुनः परिवादिनी ने लैपटाप के काम न करने के सम्बन्ध में शिकायत किया। विपक्षी सं0-2 ने सर्विस सेन्टर में सम्पर्क करने को कहा। विपक्षी सं0-1 विपक्षी सं0-2 का बिक्रेता है। सर्विस सेन्टर विपक्षी सं0-2 कम्पनी का है। लैपटाप वारन्टी पीरियड में बार-बार खराब होने पर ठीक कराने के बावजूद ठीक नहीं हुआ। इससे स्पष्ट है कि लैपटाप में मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट था। यदि बिक्रीत लैपटाप में थोड़ी सी कमी है और सर्विस सेन्टर पर भेजने से सर्विस सेन्टर में ठीक हो जाता है तो विपक्षी सं0-2 की जिम्मेदारी है। यदि लैपटाप वारन्टी पीरियड में सर्विस सेन्टर भेजने पर ठीक नहीं होता है तो यह माना जायेगा कि लैपटाप में मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट है। जहाॅं पर लैपटाप में मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट है उसे सर्विस सेन्टर में भेजने से सर्विस कराने के उपरान्त् ठीक नहीं किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में उस लैपटाप के स्थान पर नया लैपटाप देना चाहिए। विपक्षी सं0-2 ने अपने जवाबदावे के साथ एनेक्जर-1 जो कागज सं0-5/4 है कैसे वारन्टी पीरियड में सेवा लेना चाहिए और कौन से कम्प्यूटर वारन्टी पीरियड में खराब होते हैं यह पूर्ण विवरण दिया हुआ है। इसी प्रकार एनेक्जर-बी से कागज सं0-5/6 लगायत 5/13 विपक्षी सं0-2 ने प्रेषित किये ह,ैं जिससे यह साबित हुआ है कि एडाप्टर के खराब होने से नया एडाप्टर भी दिया गया तथा अन्य सर्विस के विषय में भी लिखा हुआ है, लेकिन परिवादिनी का लैपटाप ठीक नहीं हुआ है। परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता ने अपने तर्क के समर्थन मे महाराष्ट्रा राज्य आयोग मुम्बई सर्किट
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बेंच औरंगाबाद ।ट।छज्.ज्म्ब् डम्क्प्ब्।स् ैल्ैज्म्डै च्टज्ण् स्ज्क् अमतेने ठप्ल्।छप् क्प्।ळछव्ैज्प्ब्ै ।छक् ब्।ज्भ् स्।ठ ब्म्छज्त्म् प्प्प् ;2013द्ध ब्च्श्र 13 ;डंींण्द्ध को प्रेषित किया। इस नजीर में यह सिद्धान्त प्रतिपादित किया गया है कि जहाॅं पर कम्प्यूटर वारन्टी पीरियड में विपक्षी से ठीक नहीं होता है और मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट है तो उसको नया कम्प्यूटर दिया जायेगा। इसमें विपक्षी सं0-1 की कोई भूमिका नहीं है। वह केवल विपक्षी सं0-2 के द्वारा निर्मित कम्प्यूटर को बेचने के लिए ही अधिकृत है वह सर्विस कराने के लिए भी अधिकृत नहीं हैै। जो क्रेता सर्विस कहाॅं करायी जाय उसके विषय में विपक्षी सं0-1 केवल इतना कर देता है कि सर्विस सेन्टर को सूचित कर देता है। विपक्षी सं0-1 का बिक्रय के अलावा अन्य कोई दायित्व नहीं है। इस प्रकार इस परिवाद में परिवादिनी के लैपटाप में मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट है। इस प्रकार परिवादिनी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध अंशतः स्वीकार एवं अंशतः खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादिनी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध अंशतः स्वीकार एवं अंशतः खारिज किया जाता है। परिवादिनी का परिवाद विपक्षी सं0-1 के विरूद्ध खारिज किया जाता है तथा विपक्षी सं0-2 के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है। विपक्षी सं0-2 परिवादिनी को लिनोवो लैपटाप का मूल्य मु0 25,400=00 तथा एसेसरीज मु0 5,000=00 कुल मु0 30,400=00 निर्णय एवं आदेश के एक माह के अन्दर अदा करें। यदि विपक्षी सं0-2 परिवादिनी को उक्त दिये गये समय के अन्दर मु0 30,400=00 की अदायगी नहीं करता है, तो परिवादिनी विपक्षी सं0-2 से 12 प्रतिशत सालाना साधारण ब्याज परिवाद योजित करने की तिथि से तारोज वसूली प्राप्त करने की अधिकारिणी होगी। इसके अतिरिक्त परिवादिनी विपक्षी सं0-2 से मु0 3,000=00 वाद व्यय एवं मु0 5,000=00 मानसिक क्षतिपूर्ति भी प्राप्त करने की अधिकारिणी होगी।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) (चन्द्र पाल)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
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निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 22.02.2016 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया गया।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) (चन्द्र पाल)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष