Uttar Pradesh

StateCommission

A/2003/1872

L I C - Complainant(s)

Versus

Nirmla Devi - Opp.Party(s)

V S Bisaria

19 Feb 2015

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2003/1872
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. L I C
A
...........Appellant(s)
Versus
1. Nirmla Devi
A
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Alok Kumar Bose PRESIDING MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

(मौखिक)                                                                                  

अपील संख्‍या :1872/2003

(जिला मंच, प्रतापगढ द्धारा परिवाद सं0 184/2001 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 19.6.2003 के विरूद्ध)

1        Branch Manager, Life Insurance Corporation of India Bhangwan Chungi Pratapgarh.

2        Divisional Manager Life Insurance Corporation of India, Divisional Office 19-A Tagore Town, Allahabad.

3        Zonal Manager Life Insurance Corporation of India, North Central Zonal Office, 16/18 Mahatma Gandhi Marg, Kanpur.

           ........... Appellants/Opp.Paities                                                                         

Versus        

Smt. Nirmala Devi W/o Kishore Lal Gupta (deceased) sadar Cistrict Pratapgarh.                            .......... Respondent/Complainant

समक्ष :-

मा0 श्री जितेन्‍द्र नाथ सिन्‍हा, पीठासीन सदस्‍य

मा0 श्री संजय कुमार, सदस्‍य

अपीलार्थी के अधिवक्‍ता  : श्री वी0एस0 बिसारिया

प्रत्‍यर्थी  के अधिवक्‍ता   : श्री अरूण टण्‍डन

दिनांक :14.9.2015

मा0 श्री जे0एन0 सिन्‍हा, पीठासीन सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

परिवाद संख्‍या-184/2001 निर्मला देवी बनाम शाखा प्रबन्‍धक भारतीय जीवन बीमा निगम, प्रतापगढ में जिला मंच, प्रतापगढ द्वारा दिनांक 19.6.2003 को निर्णय पारित करते हुए निम्‍नलिखित आदेश पारित किया गया कि,

"परिवाद स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी बीमा निगम को निर्देशित किया जाता है कि वे पालिसी सं0-31037149 से सम्‍बन्धित सम्‍पूर्ण भुगतान 40 दिनों के अन्‍दर करें। पक्षकार अपना-अपना वाद व्‍यय वहन करें।"

उक्‍त वर्णित आदेश से क्षुब्‍ध होकर विपक्षी/अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी की ओर से वर्तमान अपील योजित की गई है।

अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री वी0एस0 बिसारिया तथा प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री अरूण टण्‍डन उपस्थित आये। यह अपील वर्ष-2003 से पीठ के समक्ष विचाराधीन है, अत: पीठ द्वारा पक्षकारान के विद्वान अधिवक्‍तागण को सुना गया और प्रश्‍नगत निर्णय व उपलब्‍ध अभिलेखों का गम्‍भीरता से परिशीलन किया गया।

-2-

परिवाद पत्र का अभिवचन संक्षेप में इस प्रकार है कि रू0 25,000.00 मनी बैक पालिसी माह सितम्‍बर, 1995 में परिवादिनी के पति द्वारा विपक्षी के माध्‍यम से प्राप्‍त की गई थी एवं परिवादिनी के पति की मृत्‍यु पालिसी की अवधि के दौरान दिनांक 24.3.1999 को हो गई एवं परिवादिनी द्वारा बीमा दावा प्रस्‍तुत किया गया, परन्‍तु उसका भुगतान नहीं किया गया, अत: जिला मंच के समक्ष परिवाद प्रस्‍तुत किया गया।

विपक्षी/अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी द्वारा जिला मंच के समक्ष परिवाद का विरोध किया गया और यह अभिवचित किया गया कि बीमाधारक ने अपनी उम्र गलत बतायी थी एवं प्रीमियम अदा न होने के कारण पालिसी ब्रेक हो गई थी एवं जब पालिसी पुनर्जीवित हुई, उस समय बीमाधारक ने पूर्व बीमारी और अपने स्‍वास्‍थ्‍य के बारे में गलत घोषणा की थी, अत: बीमा दावा विपक्षी/बीमा कम्‍पनी द्वारा निरस्‍त कर दिया गया एवं परिवाद भी खण्डित किये जाने योग्‍य होना बताया गया।

उभय पक्ष के अभिवचन एवं उपलब्‍ध अभिलेखों पर विचार करते हुए जिला मंच द्वारा उपरोक्‍त वर्णित निर्णय/आदेश पारित किया गया, जिससे क्षुब्‍ध होकर वर्तमान अपील योजित है।

     वर्तमान प्रकरण में यह पाया जाता है कि विपक्षी/अपीलार्थी द्वारा बीमाधारक के संदर्भ में ट्यूबर क्‍लोसिस बीमारी की बात को बताते हुए दावा निरस्‍त किया जाना गलत है क्‍योंकि विपक्षी/बीमा कम्‍पनी द्वारा बीमाधारक के टी0बी0 की बीमारी की बावत अपने कथन को प्रमाणित नहीं किया जा सका है एवं बीमाधारक द्वारा जो अपनी उम्र बतायी गई थी, वह भी सही पाई गयी और इस संदर्भ में प्रमाण भी पाया गया, जिला मंच द्वारा इस संदर्भ में जो निष्‍कर्ष दिया गया है, उसमें किसी प्रकार की त्रुटि नहीं है। अत: प्रस्‍तुत अपील खण्डित किये जाने योग्‍य है।

आदेश

     प्रस्‍तुत अपील खण्डित की जाती है।

 

 

         (जे0एन0 सिन्‍हा)                    (संजय कुमार)

         पीठासीन सदस्‍य                        सदस्‍य

हरीश आशु.,

कोर्ट सं0-3

 
 
[HON'BLE MR. Alok Kumar Bose]
PRESIDING MEMBER

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