(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1828/2008
Senior Superintendent of Post Office & other Versus Smt. Nirmala Singh
उपस्थिति:-
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित: डा0 उदयवीर सिंह के कनिष्ठ अधिवक्ता
श्री श्रीकृष्ण पाठक
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं
दिनांक :25.09.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-327/2006, श्रीमती निर्मला सिंह बनाम वरिष्ठ अधीक्षक डाकघर व अन्य में विद्वान जिला आयोग, (प्रथम) आगरा द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 12.08.2008 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर केवल अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता के तर्क को सुना गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद द्वारा क्रय किये गये किसान विकास पत्र की राशि अंकन 1,00,000/-रू0 तथा इस राशि पर 17.08.2005 से 09 प्रतिशत की दर से ब्याज अदा करने का आदेश पारित किया है। चूंकि विपक्षी को किसान विकास पत्र जारी करने से इंकार नहीं है, इसलिए किसान विकास पत्र की राशि अदा करने के आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं बनता, परंतु परिपक्वता अवधि के पश्चात तत्समय प्रचलित बैंक दर के अनुसार ब्याज अदा करने का आदेश स्वयं इस पीठ द्वारा अपील सं0 429/2005 में पारित किया गया है। अत: एकरूपता की दृष्टि से यह अपील भी आंशिक रूप से स्वीकार होने योग्य है कि परिपक्वता अवधि के पश्चात 09 प्रतिशत के स्थान पर तत्समय प्रचलित बैंक दर के अनुसार ब्याज देय होगा।
आदेश
अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि परिपक्वता तिथि पर देय धनराशि पर पर ब्याज तत्समय प्रचलित बैंक दर के अनुसार ब्याज देय होगा। शेष निर्णय/आदेश पुष्ट किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित किया जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2