Uttar Pradesh

StateCommission

A/541/2021

Adhishashi Abhiyanta Vidyut Vitran Khand II - Complainant(s)

Versus

Niraj Kumar - Opp.Party(s)

Deepak Mehrotra

08 May 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/541/2021
( Date of Filing : 26 Oct 2021 )
(Arisen out of Order Dated 03/02/2021 in Case No. C/2010/141 of District Jhansi)
 
1. Adhishashi Abhiyanta Vidyut Vitran Khand II
Munna Lal Power House Gwaliyar Road Civil Line Jhansi
...........Appellant(s)
Versus
1. Niraj Kumar
S/o Mahesh Chandra R/o Vill. Banka Pahadi Tehsil Tahrauli Gursarai Dist. Jhansi
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 08 May 2023
Final Order / Judgement

 

( मौखिक )

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।

अपील संख्‍या- 541/2021

अधिशाषी अभियन्‍ता विद्युत वितरण खण्‍ड बनाम नीरज कुमार

दिनांक- 08.05.2023

    माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित निर्णय

     प्रस्‍तुत अपील, अपीलार्थी अधिशाषी अभियन्‍ता विद्युत वितरण खण्‍ड की ओर से विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग, झांसी द्वारा परिवाद संख्‍या- 141/2010 नीरज कुमार बनाम अधिशाषी अभियन्‍ता विद्युत वितरण खण्‍ड द्धितीय में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 03.02.2021 के विरूद्ध योजित की गयी है।

   वाद के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादी ने अपनी कृषि भूमि की सिंचाई हेतु विपक्षी से सूखा राहत योजना के अन्‍तर्गत ट्यूबवेल हेतु 7.5 हार्स पावर का विद्युत कनेक्‍शन प्राप्‍त किया जिसका विद्युत संयोजन संख्‍या- 098154/ 3036 है। परिवादी ने उपरोक्‍त कनेक्‍शन अपनी भूमि में ट्यूबवेल द्वारा फसलों की समुचित सिंचाई हेतु प्राप्‍त किया था। दिनांक 03-07-2009 को तेज बारिश एवं आंधी आने के कारण ग्राम बंका पहाड़ी की सड़क से विद्युत लाइन के 16 खम्‍भे टूट गये जिससे परिवादी अपनी फसलों को विद्युत सप्‍लाई बन्‍द होने के कारण पानी नहीं दे सका तथा समस्‍त फसलें सूख गयीं। परिवादी द्वारा उक्‍त कनेक्‍शन सूखा से राहन पाने के उद्देश्‍य से उक्‍त योजना के अन्‍तर्गत लिया गया था। विद्युत लाइन के 16 खम्‍भे दिनांक         03-07-2009 से दिनांक 25-10-2010 तक टूटे पड़े रहे जिसकी शिकायत विपक्षी विद्युत विभाग से की गयी जिस पर विपक्षी ने लाइन

 

2

ठीक कराने का आश्‍वासन दिया परन्‍तु कोई कार्यवाही नहीं की । विद्युत लाइन टूटने के कारण परिवादी का ट्यूबवेल नहीं चल सका जिससे परिवादी को अत्‍यधिक आर्थिक क्षति पहॅुची है। अत: विवश होकर परिवाद जिला आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया।

विपक्षी की ओर से अपना जवाबदावा प्रस्‍तुत करते हुए कथन किया गया कि परिवादी बराबर विद्युत का उपयोग करता रहा है। उसके द्वारा विद्युत बिलों का भुगतान नहीं किया गया है। विपक्षी द्वारा यह भी कथन किया गया है कि परिवादी की शिकायत पर दिनांक 25-10-2009 को विद्युत आपूर्ति सुचारू रूप से चालू कर दी गयी थी। दैविक आपदा के कारण विद्युत आपूर्ति बाधित हुयी है। विपक्षी द्वारा सेवा में कोई कमी नहीं की गयी है।

विद्वान जिला आयोग ने उभय-पक्ष के अभिकथन एवं पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का परिशीलन करने के उपरान्‍त परिवाद विपक्षी के विरूद्ध आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया है:-

" परिवादी का परिवाद विपक्षी के विरूद्ध आंशिक रूप से सव्‍यय इस प्रकार से आज्ञप्‍त किया जाता है कि विपक्षी निर्णय की तिथि से दो माह के अन्‍दर 50,000/-रू० दावा दायर करने की तिथि दिनांक 08-06-2010 से अदायगी तक 06 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्‍याज की दर से परिवादी को अदा करें। विपक्षी मानसिक कष्‍ट के मद में 3000/-रू० एवं वाद व्‍यय के लिए 2000/-रू० भी परिवादी को अदा करेंगे।"

   

 

 

3

    जिला आयोग द्वारा पारित उपरोक्‍त निर्णय एवं आदेश से क्षुब्‍ध होकर विपक्षी विद्युत विभाग की ओर से प्रस्‍तुत अपील योजित की गयी है।

     अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री दीपक मेहरोत्रा उपस्थित हुए हैं, प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ है।

      पीठ द्वारा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्क को विस्‍तारपूर्वक सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का सम्‍यक परिशीलन किया गया। हमारे द्वारा जिला आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश का भी परिशीलन किया गया।

        जिला आयोग ने अपने निष्‍कर्ष में यह अंकित किया है कि लगभग साढ़े तीन माह तक विद्युत पोल लगाकर लाइन को रनिंग कंडीशन में नहीं किया गया है जिससे परिवादी अपने खेतों की सिंचाई नहीं कर सका तथा उसे अत्‍यधिक आर्थिक एवं मानसिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है, जिसके लिए विपक्षी उत्‍तरदायी हैं।

     उभय-पक्ष को विस्‍तारपूर्वक सुनने के उपरान्‍त हम इस मत के हैं विद्वान जिला आयोग द्वारा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का सम्‍यक रूप से परीक्षण एवं गहनतापूर्वक परिशीलन करने के उपरान्‍त विधि अनुसार निर्णय एवं आदेश पारित किया गया है जिसमें हमारे विचार से किसी हस्‍तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं हैं, तदनुसार प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।

                         

4

                            आदेश

      प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश की पुष्टि की जाती है। जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का अनुपालन शत-प्रतिशत रूप से दो माह की अवधि में किया जाना सुनिश्चित किया जावे।

     अपीलार्थी द्वारा धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्‍तर्गत अपील में जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित जिला आयोग को विधि अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जावे।

     आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को     आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

        (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                     (सुधा उपाध्‍याय)

                      अध्‍यक्ष                                  सदस्‍य

           

       कृष्‍णा-आशु कोर्ट नं0 1

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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