Uttar Pradesh

Kanpur Nagar

cc/241/2012

ravi shankar - Complainant(s)

Versus

NIIC - Opp.Party(s)

04 Feb 2015

ORDER

CONSUMER FORUM KANPUR NAGAR
TREASURY COMPOUND
 
Complaint Case No. cc/241/2012
 
1. ravi shankar
indira nagar kanpur nagar
...........Complainant(s)
Versus
1. NIIC
KALYANPUR KANPUR NAGAR
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. RN. SINGH PRESIDENT
 HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

 


जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।

   अध्यासीनः      डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष    
    पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
    

उपभोक्ता वाद संख्या-241/2012
रविषंकर तिवारी पुत्र श्री रामबाबू तिवारी निवासी ई0डब्लू0एस0 23 विनवापुर कालोनी इन्दिरा नगर थाना कल्यानपुर, कानपुर नगर।
                                  ................परिवादी
बनाम
कार्यालय दि न्यू इण्डिया इन्ष्योरेन्स कंपनी लि0 स्थित 117/एन/96 देवकी सिनेमा के सामने काकादेव कानपुर नगर द्वारा मण्डलीय प्रबन्धक।
                             ...........विपक्षी
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 16.04.2012
निर्णय की तिथिः 24.06.2016
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1.      परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादी को विपक्षी से बकाया बीमा धनराषि रू0 5,25,000.00 मय 18 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से दुर्घटना की तिथि से अंतिम भुगतान तक दिलाया जाये, परिवादी को दुर्घटनास्थल से वर्कषाप कानपुर का खर्चा रू0 10944.00 मय 18 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से दिलाया जाये, क्रेन का खर्चा रू0 2500.00 दिलाया जाये। मानसिक कश्ट के लिए रू0 50,000.00 तथा परिवाद व्यय रू0 10,000.00 दिलाया जाये।
2.     परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी ने इनोवा कार नं0-न्च्.78.ठन्.4868 क्रय कीमत रू0 4,55,000.00 का कोटक महिन्द्रा कंपनी से फाइनेन्स करायी थी। उपरोक्त कार का बीमा विपक्षी बीमा कंपनी से पाॅलिसी सं0-42030031100100007740 दिनांक 21.02.11 से 20.02.12 तक करायी थी, जो रू0 5,25,000.00 में बीमित थी, जिसकी किष्त रू0 16,770.00 प्रतिमाह परिवादी प्रतिमाह जमा करता चला आ रहा है, जिसमें कुल जोखिम कवर थी। परिवादी का उपरोक्त प्रष्नगत वाहन दिनांक 14.08.11 को  दुर्घटनाग्रस्त हो गयी।  परिवादी की प्रष्नगत 
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कार 80 प्रतिषत क्षतिग्रस्त हो गयी। परिवादी की प्रष्नगत कार दुर्घटना वाली तिथि 14.08.11 को परिवादी का मित्र अषेन्द्र कुमार उर्फ दीपक कुमार पुत्र श्री पीताम्बर सिंह यादव निवासी चन्द्रषेखर आजाद ए0पी0 बीज भण्डार कल्यानपुर कानपुर अपने पिता को, इलाज कराने के लिए कानपुर से लखनऊ ले जा रहा था। प्रष्नगत कार क्षतिग्रस्त अवस्था में दिनंाक 15.08.11 को क्रेन द्वारा खिंचवाकर सनी टोयटा वर्कषाप में खड़ी करवाया, जिसका खर्चा रू0 2500.00 आया। सनी टोयटा वर्कषाप कंपनी में कार का स्टीमेट रू0 8,00,000.00 बताया गया है। विपक्षी बीमा कंपनी के सर्वेयर ने भी प्रष्नगत कार 80 प्रतिषत क्षतिग्रस्त बतायी और टोटल लास/टोटल स्टीमेट रू0 8,00,000.00 बताया। परिवादी को विपक्षी ने यह आष्वासन दिया कि रू0 5,25,000.00 क्लेम धनराषि दी जायेगी, कार स्क्रेप रू0 2,46,000.00 में बेंच दो, बाकी धनराषि रू0 2,78,000.00 क्लेम अदा कर देंगे। परिवादी ने दिनांक 01.12.11 को क्षतिग्रस्त कार का स्क्रेप रू0 2,50,000.00 में बेंच दिया। संपूर्ण धनराषि क्लेम रू0 5,25,000.00 व क्रेन रू0 2500.00 हेतु कई बार संपर्क किया, लेकिन क्लेम की धनराषि अदा नहीं की गयी। 
    प्रिवादी का दावा विपक्षी ने इस आधार पर निरस्त कर दिया कि, ’’अक्षेन्द्र कुमार पुत्र पीमाम्बर सिंह यादव उर्फ दीपक कुमार गाड़ी चला रहा था। जबकि अषेन्द्र कुमार उर्फ दीपक कुमार दोनों नाम एक ही चालक के हैं। विपक्षी की अन्वेशक रिपोर्ट में अषेन्द्र कुमार उर्फ दीपक कुमार पुत्र श्री पीताम्बर सिंह निवासी चन्द्रषेखर आजाद ए0जी0 बीज भण्डार कल्यानपुर कानपुर सही पाया गया। फिर भी विपक्षी ने परिवादी का दावा निरस्त कर दिया है। विपक्षी द्वारा परिवादी से पत्र दिनांकित 03.01.12 प्रेशित कर यह जानकारी मांगी गयी कि, ’’दीपक कुमार उर्फ अक्षेन्द्र कुमार का चालन आज्ञप्ति व हाईस्कूल का अंक पत्र प्रस्तुत करें’’। परिवादी ने दिनंाक 06.02.12 पत्र में जवाब दिया कि मेरे यहां दीपक कुमार उर्फ अषेन्द्र कुमार पुत्र श्री पीताम्बर सिंह निवासी चन्द्रषेखर आजाद ए0पी0 बीज भण्डार कल्यानपुर कानपुर नगर है, जिसके परिवादी ने डी0एल0 बीमा  कंपनी को 
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पत्र के माध्यम से दे दिया है। परिवादी ने अपने चालक का समाचार पत्र ’’आज’’ में दिनांक 10.11.12 को प्रकाषित कराया कि, ’’मेरा नाम अषेन्द्र कुमार है, लेकिन घर में मुझे दीपक कुमार एवं अक्षेन्द्र कुमार भी कहते हैं व पुकारते हैं एवं बुलाते हैं। उक्त तीनों नाम मेरे ही हैं। मुझे उक्त तीनों नामों से जाना जाता है। अषेन्द्र कुमार पुत्र श्री पीताम्बर सिंह चन्द्रषेखर आजाद एग्रीकल्चर बीज भण्डार कल्यानपुर कानपुर नगर। परिवादी द्वारा अपने चालक अषेन्द्र कुमार उर्फ दीपक कुमार दस रूपये के नान जुडिषियल स्टाम्प भी दिया है। इस प्रकार विपक्षी द्वारा अपनी सेवा देने में कमी कारित की गयी है। फलस्वरूप परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।  
3.    विपक्षी की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके, परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र में उल्लिखित तथ्यों का प्रस्तरवार खण्डन किया गया है और अतिरिक्त कथन में यह कहा गया है कि दुर्घटना के पष्चात लिखायी गयी प्राथमिकी में चालक का नाम दीपक उर्फ अक्षेन्द्र पाल लिखाया गया है। प्रष्नगत वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने के पष्चात क्षतिपूर्ति फार्म में जो सूचना दी गयी है, उसमें भी चालक का नाम अक्षेन्द्र कुमार उर्फ दीपक अंकित किया गया है। दावा प्रारूप के साथ चालक का ड्राईविंग लाइसेंस  भी अक्षेन्द्र कुमार के नाम का प्रस्तुत किया गया है। परिवादी द्वारा दी गयी सूचना में चालक का नाम दीपक उर्फ अषेन्द्र कुमार बताया गया है, जबकि प्रस्तुत किये गये ड्राईविंग लाइसेंस  में चालक का नाम अक्षेन्द्र कुमार  बताया गया है। परिवादी द्वारा दिनांक 10.11.11 को अभिकथित दुर्घटना के पष्चात एक दैनिक अखबार में चालक का नाम प्रकाषित करवाया गया। दुर्घटना के पष्चात दैनिक अखबार में किये गये प्रकाषन व षपथपत्र से विधि की आवष्यकता की पूर्ति नहीं होती है। यदि इस प्रकार से परिवादी द्वारा चालक का नाम परिवर्तित करके व नाम परिवर्तन करके परिवादी के दावे को स्वीकार किया जाता है तो उससे विधि का उद्देष्य ही विफल हो जायेगा। परिवादी द्वारा विपक्षी बीमा कंपनी के समक्षयह प्रमाणित नहीं किया जा  सका कि दीपक  उर्फ अक्षेन्द्र
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कुमार व अषेन्द्र कुमार एक ही व्यक्ति है। इसी कारण से विपक्षी द्वारा परिवादी का क्लेम खारिज करने में कोई अवैधानिक कार्य नहीं किया गया है और न ही तो सेवा में कोई कमी कारित की गयी है।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5.    परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 24.03.12 व 23.11.13 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में प्रष्नगत वाहन के पंजीकरण प्रमाण पत्र की प्रति, बीमा पाॅलिसी की प्रति, ड्राईविंग लाइसेंस, नोटिस की प्रति, विपक्षी द्वारा परिवादी को प्रेशित पत्र दिनांकित 20.01.12 की प्रति, रू0 100.00 के स्टैम्प पेपर पर अंकित बयान की प्रति, परिवादी द्वारा विपक्षी को प्रेशित पत्र की प्रति, समाचार पत्र की कटिंग की प्रति, चेक सीट की प्रति, टैक्स इनवाइस की प्रति, दीपक कुमार उर्फ अक्षेन्द्र कुमार द्वारा थानाध्यक्ष को दिये गये प्रार्थनापत्र की प्रति, रू0 10.00 के स्टैम्प की प्रति, ष्याम हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर की प्रति तथा लिखित बहस दाखिल किया है।
विपक्षी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
6.    विपक्षी ने अपने कथन के समर्थन में कमल सिंह डिवीजनल मैनेजर का षपथपत्र दिनांकित 17.01.14 तथा लिखित बहस दाखिल किया है।
निष्कर्श
7.    बहस के समय विपक्षी की तरफ से कोई उपस्थित नहीं हुआ। अतः फोरम द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया। 
    परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को सुनने तथा उभयपक्षों की ओर से प्रस्तुत लिखित बहस व पत्रावली के सम्यक परिषीलन करने से तथा उभयपक्षों की ओर से प्रस्तुत किये गये  साक्ष्यों के  सम्यक  परिषीलन से 
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विदित होता है कि प्रस्तुत मामले में वाद का प्रमुख विशय यह है कि दुर्घटना के समय क्या वह व्यक्ति प्रष्नगत कार को नहीं चला रहा था, दावा प्रस्ताव में जिसके नाम का उल्लेख परिवादी द्वारा किया गया है?
    उपरोक्त बिन्दु के सम्बन्ध में परिवादी द्वारा यह कथन किये गये हैं कि अक्षेन्द्र कुमार उर्फ दीपक कुमार ही परिवादी की प्रष्नगत गाड़ी चला रहा था। अषेन्द्र कुमार उर्फ दीपक कुमार दोनों नाम एक ही व्यक्ति के हैं। विपक्षी के अन्वेशक रिपोर्ट में अषेन्द्र कुमार उर्फ दीपक कुमार व अक्षेन्द्र कुमार निवासी चन्द्रषेखर आजाद ए0पी0 बीज भण्डार कल्यानपुर कानपुर सही पाया गया है। परिवादी द्वारा चालक का नाम ’’आज’’ अखबार में भी यह प्रकाषन कराया गया कि, ’’मेरा नाम अषेन्द्र कुमार है, लेकिन घर में मुझे अक्षेन्द्र कुमार उर्फ दीपक कुमार भी कहते हैं। उक्त तीनों नाम मेरे ही हैं।’’ परिवादी द्वारा उपरोक्त अपने तीनों नामों से सम्बन्धित एक नोटरी द्वारा सत्यापित षपथपत्र की छायाप्रति प्रस्तुत की गयी है, जिसमें उपरोक्त तीनों नाम एक ही व्यक्ति के होना बताया गया है। जबकि विपक्षी की ओर से यह कथन किया गया है कि परिवादी द्वारा दी गयी सूचना के आधार पर दीपक बताया गया है। जबकि ड्राइविंग लाइसेंस में अक्षेन्द्र कुमार बताया गया है। दुर्घटना के पष्चात समाचार पर में किये गये प्रकाषन से उपरोक्त बिन्दु सिद्ध नहीं होता है।
    उपरोक्तानुसार उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत किये गये हैं। विपक्षी द्वारा यह स्पश्ट नहीं किया गया है कि परिवादी को उपरोक्त साक्ष्यों के अतिरिक्त अपने नाम को साबित करने के लिए और कौन से साक्ष्य प्रस्तुत करना चाहिए था। यदि विपक्षी यह कहता है कि परिवादी द्वारा अपने नाम से सम्बन्धित झूठे साक्ष्य प्रस्तुत किये गये हैं, तो विपक्षी को यह अधिकार है कि वह परिवादी के विरूद्ध अपराधिक मामला दर्ज करवा सकता है, किन्तु विपक्षी द्वारा उपरोक्त किसी कार्यवाही का उल्लेख नहीं किया गया है। ऐसी दषा में परिवादी के कथन की तुलना में विपक्षी के कथन स्वीकार किया जाना न्यायसंगत नहीं है।
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    अब देखना यह है कि परिवादी का परिवाद उसके द्वारा याचित अनुतोश में से कितना और कौन से अनुतोश प्राप्त करने के लिए स्वीकार किये जाने योग्य है।
    उपरोक्त विशय के सम्बन्ध में पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि स्वयं परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र में यह कथन किया गया है कि, ’’परिवादी को विपक्षी ने यह आष्वासन दिया कि रू0 5,25,000.00 क्लेम धनराषि दी जायेगी, कार स्क्रेप रू0 2,46,000.00 में बेंच दो, बाकी धनराषि रू0 2,78,000.00 क्लेम अदा कर देंगे। परिवादी ने दिनांक 01.12.11 को क्षतिग्रस्त कार का स्क्रेप रू0 2,50,000.00 में बेंच दिया।’’ इस प्रकार परिवादी के ही कथनानुसार अब परिवादी को रू0 2,75,000.00 की क्षतिपूर्ति प्रष्नगत वाहन के सम्बन्ध में बनती है। किन्तु उक्त क्षतिपूर्ति में से भी 25 प्रतिषत डिप्रीसिएषन वैल्यू घटाया जाना आवष्यक है। 25 प्रतिषत डिप्रीसिएषन वैल्यू घटाने पर रू0 2,06,250.00 धनराषि बनती है। जिसे परिवादी 8 प्रतिषत ब्याज सहित प्राप्त करने का अधिकारी है।
    उपरोक्तानुसार फोरम इस मत का है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद रू0 2,06,250.00 मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से, प्रस्तुत परिवाद योजित करने की तिथि से तायूम वसूली तक के लिए तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय के लिए स्वीकार किये जाने योग्य है। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।    
ःःःआदेषःःः
8.     परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध आंषिक रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने      के 30 दिन के अंदर विपक्षी, परिवादी को, रू0 2,06,250.00 मय 8 प्रतिषत 
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वार्शिक ब्याज की दर से, प्रस्तुत परिवाद योजित करने की तिथि से तायूम वसूली अदा करे तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय भी अदा करे।


      (पुरूशोत्तम सिंह)                   (डा0 आर0एन0 सिंह)
          सदस्य                              अध्यक्ष
    जिला उपभोक्ता विवाद                     जिला उपभोक्ता विवाद
        प्रतितोश फोरम                            प्रतितोश फोरम
        कानपुर नगर।                             कानपुर नगर।

    आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।


      (पुरूशोत्तम सिंह)                   (डा0 आर0एन0 सिंह)
          सदस्य                              अध्यक्ष
    जिला उपभोक्ता विवाद                     जिला उपभोक्ता विवाद
        प्रतितोश फोरम                            प्रतितोश फोरम
        कानपुर नगर।                             कानपुर नगर।

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. RN. SINGH]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH]
MEMBER

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