जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम फैजाबाद ।
़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़ ़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़उपस्थितिः-(1) श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
(2) श्रीमती माया देवी षाक्य, सदस्या (3) श्री विश्णु उपाध्याय, सदस्य
परिवाद सं0-239/2007
सत्यदेव पुत्र राजाराम निवासी ग्राम रामपुर हलवारा पोस्ट सरायरासी जनपद फैजाबाद।
....................परिवादी
बनाम
1- नेषनल इन्ष्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड द्वारा षाखा प्रबन्धक षाखा कार्यालय अभिलाशा भवन रिकाबगंज जिला फैजाबाद।
2- यूनियन बैंक आफ इन्डिया द्वारा षाखा प्रबन्धक कुढ़ा केषवपुर षाखा दर्षन नगर जिला फैजाबाद ................... विपक्षीगण
निर्णय दिनाॅंक 08.10.2015
उद्घोषित द्वारा: श्रीमती माया देवी षाक्य, सदस्या।
निर्णय
परिवादी ने यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध बीमा धनराषि दिलाये जाने हेतु योजित किया है।
( 2 )
संक्षेप में परिवादी का केस इस प्रकार है कि परिवादी ने अपनी भैंस मरने का दावा किया। परिवादी ने भैंस खरीदने के लिये विपक्षी सं02 से रूपये 40,000/- कर्ज लिया था। परिवादी की उक्त दोनो भैंसे जिसका टैंग नं0 यु0 आई0 14462 एवं यु0 आई09/-84898 था। विपक्षी सं0 1 के यहाँ दिनांक 27-08-2004 को बीमित हुई थी, और उक्त बीमा पालिसी दिनंाक 26-08-2005 तक प्रभावी थी। दोनेां भैसों का बीमा रूपये 40,000/- की धनराषि का था। परिवादी की भैस टैग सं0 यू0आई0 9/14462 दिनंाक 03-04-2005 को बीमार हुई और दिनंाक 04-04-2005 को मर गयी तथा दूसरी भैस टैग सं0 यू0आई0/84898 दिनंाक 17-08-2005 को मर गयी। परिवादी ने विपक्षी सं0 1 से उक्त बीमित धनराषि देने की प्रार्थना कई बार किया। परिवादी ने विपक्षी सं0-2 को भी प्रार्थना-पत्र दिया कि वह विपक्षी सं0 2 से उक्त बीमित धनराषि परिवादी को विपक्षी से दिलाये परन्तु विपक्षी सं0-1 विपक्षी सं0 2 के द्वारा पत्र भेजकर बीमा धनराषि दिलाने का आग्रह करने पर भी विपक्षी सं0 1 ने आज तक बीमित धनराषि की अदायगी नही की है।
विपक्षी ने अपना उत्तर पत्र प्रस्तुत किया तथा कथन किया है कि परिवादी के भैंसों के मरने की सूचना प्रत्युत्तरदाता विपक्षी सं0 1 को विपक्षी सं0 2 के माध्यम से प्राप्त हुई। जिसमें दावा फार्म भेजने का अनुरोध किया गया था। दावा फार्म परिवादी को विपक्षी सं0 2 के माध्यम से तुरन्त उपलब्ध करा दिया गया तथा परिवादी से यह अपेक्षा की गयी कि वह सम्पूर्ण दावा फार्म भर कर समस्त अभिलेखों के साथ प्रत्युत्तरदाता विपक्षी सं0 1 उपलब्ध कराये जिसमें परिवादी असफल रहा। परिवादी को विपक्षी सं02 के माध्यम से दिनंाक 17-10-2005, 28-10-2005, 27-02-2006, व 15-01-2007 को सूचना दी गयी कि वह दावा प्रपत्र के साथ ऋण स्वीकृति की तिथि ऋण भुगतान की तिथि रवन्ना की प्रति व ऋण खाता संख्या प्रत्युत्तरदाता विपक्षी सं0 1 को षीघ्र उपलब्ध कराये परन्तु परिवादी उपरोक्त औपचारिकताओं को पूरा करने में असफल रहा। परिवादी द्वारा ऊपर वर्णित औपचारिकाताओं के पूरा न करने से प्रत्युत्तरदाता विपक्षी सं0 1 इस निश्कर्श पर पहुँचे कि उसे अपने दावे के निस्तारण कराने में कोई रूचि नही है
विपक्षी सं0 2 ने जवाबदावा नही दाखिल किया, उसके विरूद्व एक पक्षीय कार्यवाही की यी।
मैं परिवाद में साक्ष्य का अवलोकन किया। परिवादी को न्यायालय द्वारा
( 3 )
17-01-2015 को परिवादी को मृत भैंस के टैग नम्बर, पोस्ट मार्टम रिपोर्ट, बीमा पालिसी तथा साक्ष्य दाखिल करने हेतु दिया गया था तथा परिवादी के अधिवक्ता ने उक्त साक्ष्य दाखिल नही किया। इस प्रकार परिवादी ने परिवाद में जो कथन किये हैं, वह विपक्षीगण के विरूद्व साबित नही होते है। परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्व साक्ष्य के अभाव में खारिज किये जाने योग्य है।
आदेष
परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है।
( विश्णु उपाध्याय ) ( माया देवी षाक्य ) ( चन्द्र पाल )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 08.10.2015 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया गया।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) ( चन्द्र पाल )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष