जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
श्री भूपेन्द्र सिंह टांक पुत्र श्री कन्हैया लाल, निवासी- गांव- गगराना, तहसील- मेड़तासिटी, जिला-नागौर ।
- प्रार्थी
बनाम
1. नेषनल इंष्योरेंस क.लि. जरिए मण्डलीय प्रबन्धक, प्रेरणा षाही सदन, नागौर ।
2. नेषनल इंष्यारेंस कम्पनी लिमिटेड जरिए मण्डलीय प्रबन्धक, मण्डल कार्यालय, ’’ पटवारी’’, महात्मा गांधी रोड़, अजमेर -305001
3. अजमेर आॅटो एजेन्सीज प्राईवेट लिमिटेड, सिटी पावरहाउस के सामने,जयपुर रोड़, अजमेर -305001
- अप्रार्थीगण
परिवाद संख्या 329/2015
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री सूर्यप्रकाष गांधी, अधिवक्ता, प्रार्थी
2.श्री जी.एल.अग्रवाल, अधिवक्ता अप्रार्थी बीमा कम्पनी
मंच द्वारा :ः- निर्णय:ः- दिनांकः-26.08.2016
1. प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हंै कि उसने अप्रार्थी संख्या 3 से क्रय की गई मारूति ओमनी वेन सिल्की सिल्वर संख्या आर.जे.21.यूबी.0748का अप्रार्थी बीमा कम्पनी से बीमा पाॅलिसी संख्या 35101031146135161400 के दिनंाक 12.7.2014 से 11.7.2015 तक की अवधि के लिए राषि रू. 2,43,200/- में करवाया । उक्त वाहन दिनंाक 19.7.2014 को दुर्घटनाग्रस्त हो गया । इस बाबत् सूचना अप्रार्थी बीमा कम्पनी को देते हुए वाहन की मरम्मत डीलक्स कार सर्विस सेन्टर, मेड़तासिटी से करवाई । इसमें राषि रू. 82,000/- खर्च हुए । जिसका क्लेम समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए अप्रार्थी बीमा कम्पनी के समक्ष पेष किया साथ ही दिनंाक 27.4.2015 के द्वारा चाहा गया स्पष्टीकरण अप्रार्थी बीमा कम्पनी को दिनांक 18.5.2015 को प्रस्तुत कर दिया इसके बावजूद भी अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने अपने पत्र दिनंाक 8.6.2015 के द्वारा क्लेम इस आधार पर खारिज कर दिया कि दुर्घटना क्लेम के संबंध में प्रस्तुत दस्तावेजों में अन्तर/ भिन्नता है । अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा क्लेम खारिज किया जाना उसकी सेवा में कमी को दर्षाता है । प्रार्थी ने परिवाद प्रस्तुत कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में प्रार्थी ने स्वयं का षपथपत्र पेष किया है ।
2. अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने जवाब प्रस्तुत करते हुए दर्षाया है कि प्रार्थी ने बीमा दावा प्रस्तुत करते हुए वाहन का इन्वाईस संख्या 337दिनंाक2.6.2013 पेष किया । जिसमें वाहन का कलर सफेद लिखा था तथा अस्थायी रजिस्ट्रेषन प्रमाण पत्र दिनांक 12.7.2014 के अनुसार वाहन का चैचिस नं. 1499441 तथा इंजन नं. 1691410 बताया गया था । किन्तु उक्त दस्तावेजात के अंकन बीमा पाॅलिसी से मेल नहीं खाने पर प्रार्थी ने वाहन खरीद का दूसरा इन्वाईस ंन. 337 दिनांक 12.7.2014 प्रस्तुत किया । जिसमें वाहन का कलर सिल्की सिल्वर होना तथा अस्थायी रजिस्ट्रेषन का दूसरा प्रमाण पत्र दिनांक
12.7.2014 के अनुसार वाहन का चैचिस नं. 1501512410 तथा इंजन सं. 4705501 अंकित थे । इसी प्रकार अजमेर आॅटो एजेन्सी ने अपने पत्र के द्वारा वाहन की डिलीवरी दिनंाक 30.5.2014 को होना बताया जबकि प्रार्थी ने पत्र दिनंाक 3.2.2015 के अनुसार वाहन की डिलीवरी दिनांक 12.7.2014 को होना बताया । इस प्रकार प्रस्तुत दस्तावेजात में भिन्नता होने के कारण अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने प्रार्थी से जरिए पत्र दिनंाक 27.4.2015 के द्वारा इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा। किन्तु प्रार्थी द्वारा कोई स्पष्टीकरण नहीं दिए जाने पर उत्तरदाता ने क्लेम खारिज करते हुए जरिए पत्र दिनंाक 8.6.2015 के द्वारा सूचित कर दिया । इस प्रकार उनके स्तर पर कोई सेवा में कमी नहीं की गई है । अन्त में परिवाद सव्यय निरस्त किए जाने की प्रार्थना करते हुए जवाब के समर्थन में श्री दिनेष हटवाल, सहायक प्रबन्धक ने अपना षपथपत्र पेष किया है ।
3. अप्रार्थी संख्या 3 बावजूद नोटिस तामील न तो मंच में उपस्थित हुआ और ना ही परिवाद का कोई जवाब ही पेष किया । अतः अप्रार्थी संख्या 3 के विरूद्व दिनांक 15.3.2016 को एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई है ।
4. प्रार्थी का तर्क है कि उसके द्वारा खरीदी एवं बीमित मारूति ओमनी गाड़ी का दुर्घटना क्लेम अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा अवैध रूप से खारिज कर सेवा में कमी की गई है । बीमा कम्पनी ने प्रार्थी को क्लेम के संबंध में प्रस्तुत दस्तोवजात से संबंधित स्पष्टीकरण मांगा गया था । उसके द्वारा स्पष्टीकरण भिजवा दिया गया था । इस संबंध में उसने अपव्रार्थी संख्या 3 द्वारा अस्थायी रजिस्ट्रेषन में संषोधन करने बाबत् बीमा कम्पनी को लिखे गए पत्र की फोटोप्रति भी भिजवाई गई थी । बीमा कम्पनी ने क्लेम राषि देने के बजाय उसका क्लेम अवैध एवं निराधार रूप से खारिज किया है ।
5. अप्रार्थी बीमा कम्पनी का प्रमुख रूप से तर्क है कि प्रार्थी द्वारा बीमा कम्पनी के समक्ष प्रस्तुत दावे में वाहन का रंग सफेद व अस्थायी रजिस्ट्रेषन प्रमाण पत्र में वाहन के चैचिस नं. व इंजन नं. अलग अलग लिखे गए हैं । उसके द्वारा वाहन की डिलीवरी की तिथि बाबत् भी अलग अलग कथन किए है । इस बाबत् स्पष्टीकरण देने हेतु पत्र भी जारी किया गया था । किन्तु प्रार्थी द्वारा कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया । अतः प्रार्थी का बीमा दावा सही तथ्यों पर आधारित नही ंहोने एवं दस्तावेजात में भिन्नता होने के कारण सही रूप से अस्वीकार किया गया है ।
6. हमने परस्पर तर्क सुने हैं एवं पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों का भी ध्यानपूर्वक अवलोकन कर लिया है ।
7. यह स्वीकृत स्थिति है कि प्रार्थी द्वारा वाहन मारूति ओमनी क्रय की गई है व अप्रार्थी बीमा कम्पनी से इस वाहन का बीमा करवाया गया जो दिनांक 12.7.2014 से 11.7.2015 तक वैध एवं प्रभावी था । जैसा कि उपलब्ध पाॅलिसी से स्पष्ट है । यह भी स्वीकृत तथ्य है कि उक्त वाहन दिनंाक 19.7.2014 को दुर्घटनाग्रस्त हुआ । विवाद बीमा कम्पनी के पत्र दिनांक 27.4.2015 जो पत्रावली पर उपलब्ध है, से उत्पन्न होता है । जिसके अन्तर्गत बीमा कम्पनी ने प्रार्थी द्वारा भेजे गए दावे में तिथियों व इंजन नम्बर व चैचिस नम्बर के अलग अलग होने की स्थिति बताई है । इसके अनुसार प्रार्थी ने वाहन की खरीद के दो अलग अलग इन्वाईस क्रमष: दिनंाक 2.6.2014 व 12.7.2014 के पेष किए है। उसके द्वारा दो अस्थायी रजिस्ट्रेषन प्रमाण पत्र पेष किए गए जिसमें वाहन के इंजन नम्बर व चैचिस नम्बर भी अलग अलग बताए गए हैं । वाहन की डिलीवरी की दिनांक अलग अलग बताई गई जिसके अनुसार कुछ जगह दिनंाक 12.7.2014 व कुछ जगह दिनांक 30.5.2014 होना बताया गया जबकि गाड़ी के कागजों में अलग अलग रंग भी दर्षाया गया है । बीमा कम्पनी ने इस बाबत् प्रार्थी से स्पष्टीकरण भी मांगा है । प्रार्थी ने अपने पत्र दिनंाक 18.5.2015 के द्वारा बीमा कम्पनी को सूचित किया है कि गाडी की खरीद का बिल दिनंाक
12.7.2014 व अस्थायी रजिस्ट्रेषन दिनंाक 12.7.2014 , वाहन के चैचिस नं. ड।3म्टठ 1501512410 तथा इंजन सं. थ्881 4705501 व वाहन की डिलीवरी दिनांक 12.7.2014 की होकर रंग सिल्वर बताया गया है । हालांकि पत्रावली में वाहन की खरीद बाबत् वैट इनन्वाईस दिनंाक 2.6.2014 में गाड़ी का रंग सफेद व चैसिस नं. 1512410 व इंजन नं. 47055002 बताया गया है तथा दूसरी इन्वाईस दिनंाक 12.7.2014 में वही इंजन व चैसिस नं. दर्षाते हुए वाहन का रंग सिल्की सिल्वर बताया गया है । इन्हीं भ्रान्तियों के संबंध में अप्रार्थी संख्या 3 डीलर द्वारा बीमा कम्पनी को प्रार्थी के पत्र के संदर्भ में सूचित किया गया है कि लिपिकीय त्रुटि के कारण चैसिस व इंजन न.ं गलत अंकित कर दिए गए है । अतः इनमें दुरूस्ती की जावें । इस प्रकार यदि हम इस स्थिति को ध्यान में रखे तो खरीद किए गए वैट इन्वाईस दो -दो हुए, अस्थायी रजिस्ट्रेषन प्रमाण पत्र में इंजन नं. व चैचिस नं. में अंक की गलती होने के बावजूद जो प्रार्थी द्वारा बीमा कम्पनी को दिनांक 18.5.2015 को पत्र लिखा गया है, में उसका कथन है कि दिनंाक 12.7.2014 को गाड़ी खरीद की गई व अस्थायी रजिस्ट्रेषन प्रमाण पत्र भी दिनंाक 12.7.2014 का होकर डिलीवरी दिनंाक 12.7.2014 की गई थी एवं गाड़ी का रंग सिल्वर चैसिस नं. ड।3म्टठ 1501512410 तथा इंजन सं. थ्881 4705501 है, को देखते हुए सर्वप्रथम प्रार्थी द्वारा ही क्रय की गई मारूति ओमनी को अप्रार्थी बीमा कम्पनी के समक्ष बीमा पाॅलिसी के अनुसार बीमित करवाया गया है व दिनंाक 19.7.2014 को उक्त वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुआ है तथा बीमा कम्पनी द्वारा नियुक्त सर्वेयर श्री दीपक कुमार षर्मा ने भी इन्ष्योर्ड के रूप में प्रार्थी को मानते हुए उक्त मारूति ओमनी के चैचिस नं व इंजन नं. अंकित किए हंै जो बीमा पाॅलिसी व इन्वाईस दिनंाक 2.6.2014 व 12.7.2014 में अंकित है , को देखते हुए अंकों के हेरफेर के विद्यमान रहते हुए मूल भावनाओं के विपरीत जो क्लेम खारिज किया गया है वह उचित नहीं कहा जा सकता व ऐसा मानते हुए खारिज किया गया क्लेम अप्रार्थी बीमा कम्पनी की सेवा में कमी का परिचायक है । मंच की राय में प्रार्थी का परिवाद स्वीकार किए जाने योग्य है एवं आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
8. (1) प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी से सर्वेयर द्वारा आंकलित राषि रू. 61,800/- मय 9 प्रतिषत वार्षिक ब्याज दर सहित क्लेम खारिज किए जाने की दिनांक से तदायगी प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(2) प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी से ं परिवाद व्यय के पेटे रू. 5000/- भी प्राप्त करने के अधिकारी होगा ।
(3) क्रम संख्या 1 लगायत 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी बीमा कम्पनी प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।
आदेष दिनांक 26.08.2016 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
(नवीन कुमार ) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य अध्यक्ष