Rajasthan

Ajmer

CC/210/2015

SMT. SANGEETA RAWAT - Complainant(s)

Versus

NIC LTD. - Opp.Party(s)

ADV. OM NARAYAN

09 Aug 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/210/2015
 
1. SMT. SANGEETA RAWAT
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. NIC LTD.
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Vinay Kumar Goswami PRESIDENT
  Naveen Kumar MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 09 Aug 2016
Final Order / Judgement

जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण         अजमेर
श्रीमति संगीता रावत  पत्नी श्री भोपाल सिंह रावत, जाति- रावत, निवासी- 149, भूडोल रोेड़, लाड़पुरा वाया गगवाना, जिला-अजमेर । 
                                                 -         प्रार्थिया
                            बनाम

1. प्रबन्धक,  नेषनल इन्ष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, ब्रान्च आॅफिस- एफ-5,प्रथम मंजिल, खाईलैण्ड मार्केट, पृथ्वीराज मार्ग, अजमेर -305001 
2. प्रबन्धक,  नेषनल इन्ष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, हीरो वर्टिकल-101 106, बी एम सी हाउस, कनाट प्लेस, नई दिल्ली-110001
                                                   -         अप्रार्थी 
                    परिवाद संख्या 210/2015

                            समक्ष
                   1.  विनय कुमार गोस्वामी        अध्यक्ष
            2  श्रीमती ज्योति डोसी        सदस्या
                    3. नवीन कुमार                सदस्य
    
                           उपस्थिति
                  1.श्री ओम नारायण पालड़िया,अधिवक्ता, प्रार्थी
                  2.श्री जगतार सिंह, अधिवक्ता अप्रार्थी  बीमा कम्पनी 

मंच द्वारा           :ः- आदेष:ः-      दिनांकः- 09.08.2016

1.        प्रार्थिया द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि उसकी मोटर साईकिल संख्या  आर.जे.01.एसटी. 7204 का अप्रार्थी बीमा कम्पनी के यहां  5.7.2013 से 4.7.2014 तक की अवधि के लिए बीमा करवा रखा है ।  उक्त वाहन  दिनंाक 2.5.2014 को  चोरी हो जाने पर दिनांक 3.5.2014 को  थाना नसीराबाद सदर में  लिखित में चोरी  की  षिकायत की गई और उसे  षिकायत की रसीद  संख्या 17 बुक न. 113 दी । उसे बताया कि थाने पर ज्यादा आदमी नहीं है  बाद में एफआईआर काट कर दे दी जावेगी । तत्पष्चात् दिनंाक 5.5.2014 को अप्रार्थी बीमा कम्पनी को भी वाहन के चोरी हो जाने की  षिकायत दी क्योंकि दिनंाक 4.5.2014 का रविवार होने के कारण कार्यालय में  अवकाष था ।  अप्रार्थी  बीमा कम्पनी द्वारा उससे प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रति लाने को कहा गया ।  किन्तु पुलिस थाने द्वारा एफआईआर नहीं काटी गई इसलिए उसने दिनांक  8.5.2014 को रजिस्टर्ड पत्र के द्वारा अप्रार्थी बीमा कम्पनी को वाहन चोरी की सूचना दी ।   अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा क्लेम राषि दिए जाने के संबंध में जानकारी चाहने पर टालमटोल जवाब दिया गया ।  इसके बाद दिनंाक 21.11.2014 के पत्र द्वारा अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने क्लेम इस आधार पर खारिज कर दिया कि  वाहन चोरी की सूचना की एफआईआर  देरी से दर्ज करवाई गई व बीमा कम्पनी को देरी से सूचना दी गई । अप्रार्थी बीमा कम्पनी के  द्वारा क्लेम खारिज करने की कार्यवाही को सेवा में कमी बताते हुए परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है ।  
2.    अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने जवाब प्रस्तुत कर दर्षाया है कि प्रार्थिया ने प्रष्नगत वाहन के चोरी होने की घटना दिनांक 2.5.2014  की प्रथम सूचना रिपोर्ट  31 दिन बाद संबंधित थाने में दर्ज करवाई और उत्तरदाता बीमा कम्पनी को वाहन चोरी की सूचना  4.6.2014 को अर्थात  1 माह 3 दिन बाद  विलम्ब से दी गई । इस प्रकार प्रार्थिया ने बीमा पाॅलिसी की ष्षर्तांे का उल्लंघन किया है । इसलिए अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने  प्रार्थिया का बीमा क्लेम सहीं आधारों पर खारिज कर जरिए पत्र दिनांक 21.11.2014 के सूचित कर दिया गया । उनके स्तर पर कोई सेवा में कमी नहीं की गई । अन्त में परिवाद सव्यय निरस्त किए जाने की प्रार्थना करते हुए जवाब के समर्थन में श्री  दिनेष हटवाल, सहायक प्रबन्धक का ष्षपथपत्र पेष किया है ।  
3.    प्रार्थिया का तर्क रहा है कि उसके द्वारा बीमित मोटर साईकिल के दिनंाक 2.5.2014 को चोरी हो जाने के तुरन्त बाद दिनंाक 3.5.2014 को थाना नसीराबाद में रिपोर्ट दर्ज करवाने का भरसक प्रयास किया गया । किन्तु रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई व मात्र रसीद दे दी गई । अप्रार्थी बीमा कम्पनी को उसके पति  दिनंाक 5.5.2014 को सूचना देने गए क्योंकि 4.4.2014 का रविवार था । वहां  उन्हें थाने से एफआईआर लाने को कहा गया । पुनः दिनंाक 6.5.2014 को  थाने में एफआईआर लेने जाने पर उनके द्वारा नहीं दी गई व एफआईआर तत्समय नहीं कटना व बाद में आने के लिए कहा । इस पर  दिनंाक 8.5.2014  को अप्रार्थी के कार्यालय में रजिस्टर्ड डाक द्वारा सूचना भेजी गई जो दिनंाक 9.5.2014 को उन्हें प्राप्त हो चुकी थी ।  अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा जो क्लेम देरी से  सूचना दिए जाने बाबत् खारिज किया गया है, वह उचित नहीं है । परिवाद स्वीकार किया जाना चाहिए । 
4.    अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने इन तर्को का खण्डन किया व प्रार्थी द्वारा चोरी की सूचना देरी से दिए जाने व 31 दिन बाद प्रथम सूचना रिपोर्ट  दर्ज करवाने  व बीमा कम्पनी को 1 माह 3 दिन देरी से सूचना दिए जाने के कारण बीमापाॅलिसी की ष्षर्तो का उल्लंघन बताया व क्लेम को सही रूप से खारिज किया जाना बताया । 
5.    हमने परस्पर तर्क सुने हैं एवं पत्रावली में उपलब्ध  अभिलेखों  का ध्यानपूर्वक अवलोकन कर लिया है ।   
6.               बीमा पाॅलिसी को देखने से यह स्वीकृत स्थित है कि प्रष्नगत मोटरसाईकिल दिनांक 5.7.2013 से 4.7.2014 तक  अप्रार्थी बीमा कम्पनी के यहां बीमित थी । पुलिस अधीक्षक, अजमेर की रिपोर्ट अनुसार प्रार्थिया द्वारा थाना नवीराबाद सदर में दिनंाक 3.5.2014 को  चोरी की रिपोर्ट दर्ज करवाने पर इस संबंध में दी गई रसीद जारी करना व  लिखित में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किए जाने पर प्राप्ति रसीद दी जाकर मुकदमा दर्ज नहीं किया जाना बताया गया । स्पष्ट है कि प्रार्थिया द्वारा दिनंाक 2.5.2014  को चोरी की सूचना थाने में अविलम्ब  48 घण्टों के अन्दर अन्दर  अगले ही दिन  दिनंाक 3.5.2014 को दर्ज करवाई गई है । यह बात अलग है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट देरी से काटी गई है । सर्वाधिक महत्वपूर्ण तथ्य चोरी की सूचना पुलिस को दिए जाने से संबंधित है । बीमा कम्पनी का यह कथन रहा है कि उनको प्रार्थिया द्वारा  चोरी की सूचना 1 माह 3 दिन देरी से दी गई है ।  प्रार्थिया द्वारा इस संबंध में  किए गए मौखिक कथन व पोस्ट आफिस की रसीद दिनंाक 8.5.2014, डाक विभाग का पत्र दिनंाक 5.5.2015 जिसके द्वारा उक्त सूचना बीमा कम्पनी को दिए जाने बाबत् उनके विभाग में दिनंाक 8.5.2014 को प्रार्थिया द्वारा रजिस्टर्ड पत्र से भेजी गई थी  । जो अप्रार्थी बीमा कम्पनी को दिनंाक 9.5.2014 को डिलीवर की जा चुकी थी, से स्पष्ट है कि  इस सबंध में बीमा कम्पनी  का यह कथन असत्य  व  माने जाने योग्य  नहीं है कि वाहन चोरी की सूचना 1 माह 3 दिन बाद प्राप्त हुई । इस स्थिति को देखते हुए प्रार्थिया का यह कथन स्वीकार किए जाने योग्य है कि उसके द्वारा  चोरी की घटना के  तुरन्त बाद थाने में रिपोर्ट करने व वहां पर एफआईार  की प्रति नहीं दिस जाने पर यह सूचना  दिनंाक 5.5.2014 को अप्रार्थी बीमा कम्पनी को दी गई क्योंकि 4.5.2014 को रविवार का अवकाष था  व बीमा कम्पनी ने उक्त  प्रार्थना पत्र लेकर अथवा दर्ज नही ंकर प्रार्थिया को थाने की प्रथम सूचना रिपोर्ट  लाने को कहा  था। फलतः यह सभी तथ्य सिद्व पाए जाते है ।   प्रार्थिया ने चोरी की सूचना  अगले ही दिन थाने में दी व इसके दूसरे दिन बीमा कम्पनी को देने का प्रयास किया किन्तु प्रथम सूचना रिपोर्ट  के अभाव में  प्रार्थना पत्र नहीं लिया गया । इस प्रकार  उनका यह कृत्य सेवा में कमी का परिचायक है तथा इन्हीं तथ्यों एवं परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए परिवाद स्वीकार किए जाने येाग्य है एवं आदेष है कि 
                             :ः- आदेष:ः-
 7.           (1)       प्रार्थिया अप्रार्थी बीमा कम्पनी से बीमा क्लेम राषि रू. 35,942/-मय 9 प्रतिषत वार्षिक ब्याज दर सहित  क्लेम खारिज करने की दिनंाक से तदायगी  प्राप्त करने की अधिकारिणी होगी। 
              (2)   प्रार्थिया अप्रार्थी बीमा कम्पनी मानसिक क्षतिपूर्ति के पेटे रू. 15,000 /- एवं परिवाद व्यय के पेटे रू.5000/- भी प्राप्त करने का  अधिकारी होगा । 
              (3)      क्रम संख्या 1 लगायत 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी  बीमा कम्पनी प्रार्थिया को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें   अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थिया के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।  
          आदेष दिनांक 09.08.2016 को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।

                
(नवीन कुमार )        (श्रीमती ज्योति डोसी)      (विनय कुमार गोस्वामी )
      सदस्य                   सदस्या                      अध्यक्ष    

 

 
 
[ Vinay Kumar Goswami]
PRESIDENT
 
[ Naveen Kumar]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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