Rajasthan

Churu

567/2011

MO. IMRAN - Complainant(s)

Versus

NIC JHUNJHUNNU - Opp.Party(s)

RAKESH VERMA

09 Feb 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. 567/2011
 
1. MO. IMRAN
WARD NO 20 MAKKA MASJID KE PAS SADULPUR CHURU
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Shiv Shankar PRESIDENT
  Subash Chandra MEMBER
  Nasim Bano MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

प्रार्थी की ओर से श्री राकेश वर्मा अधिवक्ता उपस्थित।  अप्रार्थी की ओर से श्री धीरेन्द्र सिंह राठौड़ अधिवक्ता उपस्थित। पक्षकारान की बहस सुनी गई। अप्रार्थी अधिवक्ता ने अपनी बहस में मुख्य तर्क यही दिया कि प्रार्थी ने अपने वाहन के क्षतिग्रस्त होने की कोई सूचना अप्रार्थी बीमा कम्पनी को नहीं दी। जिस कारण प्रार्थी के वाहन के क्लेम हेतु दावा पंजिकृत नहीं हुआ। यह भी तर्क दिया कि यदि प्रार्थी अपने वाहन के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने पर अप्रार्थी बीमा कम्पनी को सूचना देता तो अप्रार्थी बीमा कम्पनी बिना किसी विलम्ब के वाहन में हुई क्षति का आंकलन सर्वेयर से करवाती व फाईनल सर्वे होने के पश्चात नियमानुसार दावे का निस्तारण करती। परन्तु प्रार्थी ने दावा पंजिकृत करवाने से लेकर किसी भी प्रक्रिया को नहीं अपनाया इसलिए प्रार्थी कोई अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है। प्रार्थी अधिवक्ता ने अप्रार्थी अधिवक्ता के तर्कों का विरोध किया और तर्क दिया कि प्रार्थी ने अप्रार्थी को वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने के तुरन्त बाद सूचना दी थी व अप्रार्थी के निर्देशानुसार ही वाहन की मरम्मत करवाई। अप्रार्थी ने जानबूझ कर अपने उतरदायित्व से बचने हेतु प्रार्थी को दावा पंजिकृत नहीं किया। अप्रार्थी का उक्त कृत्य सेवादोष की श्रेणी में आता है। उक्त आधार पर परिवाद स्वीकार करने का तर्क दिया।

           हमने उभय पक्षों के तर्कों पर मनन किया। पत्रावली का ध्यान पूर्वक अवलोकन किया गया। मंच का निष्कर्ष निम्न प्रकार है।

           वर्तमान परिवाद में अप्रार्थी अधिवक्ता ने मुख्य तर्क यही दिया है कि प्रार्थी ने अपने वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने पर कोई सूचना नहीं दी और ना ही दावा पंजिकृत किया जिस कारण प्रार्थी के दुर्घटनाग्रस्त वाहन की जांच अप्रार्थी बीमा कम्पनी नहीं कर सकी। प्रार्थी ने अपने परिवाद के समर्थन में ऐसा कोई दस्तावेज पेश नहीं किया जिससे यह साबित हो कि उसके द्वारा अपने वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने पर अप्रार्थी बीमा कम्पनी को सूचना देकर अपना क्लेम दावा दर्ज करवाया हो। बिना दावा दर्ज किये अप्रार्थी बीमा कम्पनी प्रार्थी के वाहन की जांच नहीं करवा सकी। बीमित वाहन के दुर्घटना होने पर पोलिसी की शर्तों व मोटरवाहन अधिनियम के प्रावधानों के अन्तर्गत बीमा कम्पनी को सूचित करना व क्लेम दावा पेश करना। आज्ञापक है ताकि बीमा कम्पनी ऐसे वाहन की जांच अपने स्तर पर करते हुए घटना की वास्तविकता का पता लगा सके। इसलिए मंच की राय में प्रार्थी के प्रकरण को अप्रार्थी बीमा कम्पनी के यहां दावा हेतु पुनः भिजवाया जाना आवश्यक है।

           अतः अप्रार्थी बीमा कम्पनी को आदेश दिया जाता है कि वह प्रार्थी के द्वारा अपने वाहन संख्या एच.आर. 61 -5950 के दुर्घटनाग्रस्त होने के सम्बंध में समस्त दस्तावेज व स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने पर प्रार्थी के प्रकरण का गुणावगुण पर 2 माह के अन्दर-अन्दर निस्तारण करेंगे। प्रार्थी यदि अप्रार्थी के निर्णय से असंतुष्ट हो तो पुनः मंच में परिवाद लाने हेतु स्वतन्त्र रहेगा। पत्रावली फैसला शुमार होकर दाखिल दफ्तर हो।

 

 
 
[HON'BLE MR. Shiv Shankar]
PRESIDENT
 
[ Subash Chandra]
MEMBER
 
[ Nasim Bano]
MEMBER

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