समक्ष जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, लखनऊ प्रथम।
उपस्थितः श्री अरविन्द कुमार.....................................अध्यक्ष
श्रीमती स्नेह त्रिपाठी..................................सदस्य
वाद संख्याः 322 सन् 2015 ई0
सच्चिदानन्द गोस्वामी पुत्र श्री एस0 के0 गोस्वामी निवासी 25-गुरू भारतीय पुरम सेक्टर-9, इन्दिरा नगर, लखनऊ।
....................परिवादी
बनाम
1. नेक्स्ट रिटेल इण्डिया लिमिटेड, हेड आफिस तृतीय तल, आदेश्वर आरकेड लूप गैलरी के सामने, संगम सिनेमा के पीछे, अंधेरी कुर्ला रोड, मुम्बई-400102
2. शाखा कार्यालय, नेक्स्ट रिटेल इण्डिया लिमिटेड, 21-के पार्क महानगर एक्सटेंशन कल्याण मण्डप के पास, लखनऊ।
3. नेक्स्ट रिटेल इण्डिया लिमिटेड मिन (2-5) एवं 18/1 मिन(1-0), पुरानी दिल्ली गुड़गांव रोड, तहसील वसन्त विहार रेवेन्यू स्टेट आफ विपेज सामालखा, नई दिल्ली-110037
4. शाॅप डायरेक्ट टी0वी0, प्लाट नम्बर-296, उद्योग विहार, फेस-2 गुड़गांव(हरियाणा)-122015
....................विपक्षीगण
निर्णय
परिवादी ने यह परिवाद इस आशय से प्रस्तुत किया है कि परिवादी ने दिनांक 01.11.2014 को विपक्षी संख्या 1 से पाॅच फिडियाटो रिस्ट वाॅच खरीदने हेतु उनके रजिस्टर्ड फोन नम्बर 0120-6756700 पर आर्डर दिया। उपरोक्त 5 रिस्ट वाॅच की कीमत मु0 999=00 थी। विपक्षी संख्या 1 ने दिनांक 05.11.2014 को इन्वाइस नं0 3904527838 के माध्यम से उपरोक्त 5 रिस्ट वाॅच की परिवादी को डिलीवरी दी जिसका भुगतान परिवादी ने डिलीवरी के समय मु0 1,000=00 का डिलीवरी मैन को किया । परिवादी का कथन है कि उपरोक्त 5 रिस्ट वाॅच डिलीवरी के समय बन्द पैकेट में थी जिसे परिवादी ने उसी दिन खोला जिसमें तीन पीस लेडीज व दो पीस जेन्ट्स रिस्ट वाॅच के थे,रिस्ट वाॅच चालू हालत में नहीं थी और उसमें डिफेक्ट था जिसकी शिकायत परिवादी ने उसी दिन उनके काॅल सेन्टर पर किया, काॅल सेन्टर पर बताया गया कि आप उपरोक्त शिकायत कम्पनी की ई-मेल पर करें और डिफेक्टिव वाॅच की फोटो भी भेजें। परिवादी द्वारा उपरोक्त रिस्ट वाॅच डिफेक्ट की शिकायत
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उनकी मेल पर दिनांक 05.11.2014, 06.11.2014, 27.04.2015, 02.07.2015, 07.07.2015 व 15.07.2015 की गयी और उनकी मेल पर दिनांक 04.08.2015 को लीगल नोटिस भी भेजा गया जिसका साक्ष्य प़त्रावली पर उपलब्ध है परन्तु विपक्षी कम्पनी की तरफ से आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी जो कि विपक्षीगण की सेवा में घोर कमी व लापरवाही है इसलिए वाद योजित करने की आवश्यकता उत्पन्न हुई।
परिवादी ने अपने परिवादपत्र के उपशम में यह याचना की है कि उसके द्वारा रिस्ट वाॅच क्रय हेतु अदा किये गये मु0 1000=00 व टेलीफोन/डेटा खर्च पर व्यय मु0 1500=00 व उस पर 18 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित विपक्षीगण से वापस दिलाये जाये एवं मानसिक क्षति के रूप में मु0 10,000=00 एवं वाद व्यय के रूप में मु0 5,000=00 भी विपक्षीगण से दिलाया जाय।
विपक्षीगण को धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत नोटिस भेजी गयी परन्तु विपक्षीगण उपस्थित नहीं आये और वाद की कार्यवाही एकपक्षीय रूप से सुनी गयी।
पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य व अभिलेखों का अवलोकन किया गया, परिवादी ने अपने परिवादपत्र के समर्थन में अपना शपथपत्र व उसके साथ विपक्षीगण को की गयी शिकायतों की मेल काॅपी भी दाखिल किया गया है। चूंकि विपक्षीगण उपस्थित नहीं आए और न ही अपना जवाबदावा एवं साक्ष्य प्रस्तुत किया। अतः परिवादी द्वारा दाखिल साक्ष्य का कोई विरोध नहीं हुआ है अतः परिवादी के साक्ष्य शपथपत्र पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं है। परिवादी का परिवाद अंशतः स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद अंशतः स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी द्वारा अदा की गयी रिस्ट वाॅच की कीमत मु0 1,000=00 एवं उस पर वाद दाखिल करने की तिथि से भुगतान करने की तिथि तक 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज का भुगतान इस निर्णय की तिथि से एक माह के अन्दर अदा करें।
(स्नेह त्रिपाठी) (अरविन्द कुमार)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम
प्रथम लखनऊ प्रथम लखनऊ
दिनांकः 19.12.2016