राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
रिवीजन सं0-१४६/२०१४
(जिला उपभोक्ता फोरम, गौतमबुद्ध नगर द्वारा परिवाद संख्या-५३/२०१३ में पारित निर्णय/आदेश दिनांक-०९/०९/२०१४ के विरूद्ध)
HIMANSHU BANSAL AND SUDHANSHU BANSAL S/O SHRI M.R. BANSAL R/O FLAT NO. 863/F, (SAGAR PRESIDENCY), SECTOR 50 NOIDA, GAUTAMBUDDHA NAGAR, U.P.
.............REVISIONISTS.
Versus
NEW OKHLA INDUSTRIAL DEVELOPMENT AUTHORITY, SECTOR 6 NOIDA, GAUTAMBUDDHA NAGAR THROUGH CHIEF EXECUTIVE OFFICER & OTHERS.
..............Respondents.
समक्ष:-
- माननीय श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठा0सदस्य
- माननीय श्री महेश चन्द, सदस्य ।
रिवीजनकर्ता की ओर से उपस्थित : श्री सुशील कुमार शर्मा विद्वान अधिवक्ता।
विपक्षी सं0-1 की ओर से उपस्थित: कोई नहीं।
विपक्षी सं0-२ लगायत ७ की ओर से उपस्थित: श्री पी0के0 सिंह अधिवक्ता ।
दिनांक:२१-०१-२०१६
माननीय श्री महेश चन्द, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
पत्रावली आज प्रस्तुत हुई। रिवीजनकर्ता की ओर से श्री सुशील कुमार शर्मा उपस्थित हैं। विपक्षी सं0-१ की ओर से कोई उपस्थित नहीं हैं। विपक्षी सं0-२ लगायत ७ की ओर से श्री पी0के0 सिंह उपस्थित हैं। रिवीजन याचिका के साथ संलग्न परिवाद की प्रति के अवलोकन से यह विदित होता है कि जिला मंच के समक्ष अनुतोष विपक्षी सं0-२ लगायत ७ से ही मांगा गया है। रिवीजन याचिका के संदर्भ में विपक्षी सं0-२ लगायत ७ के अधिवक्ता के तर्क सुने।
प्रस्तुत रिवीजन याचिका जिला मंच द्वारा पारित आदेश दिनांक ०९/०९/२०१४ के विरूद्ध योजित की गयी है। आदेश दिनांकित ०९/०९/२०१४ द्वारा जिला मंच ने रिवीजनकर्ता द्वारा प्रस्तुत इस आशय के प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया कि विपक्षी सं0-२ लगायत ७ से वह कुछ अभिलेख मंगाना चाहता है। रिवीजन के आधारों में रिवीजनकर्ता द्वारा यह आधार लिया गया है कि विद्वान जिला मंच ने रिवीजनकर्ता का प्रार्थना पत्र इस आधार पर निरस्त कर दिया कि जनसूचना
-२-
अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत रिवीजनकर्ता विपक्षी सं0-२ लगायत ७ से वांछित अभिलेख की मांग कर सकते हैं क्योंकि विपक्षी सं0-२ लगायत ७ जन सेवक नहीं है। अत: इस अधिनियम के अन्तर्गत अभिलेख प्राप्त नहीं किए जा सकते ।
उल्लेखनीय है कि इस रिवीजन याचिका के साथ रिवीजनकर्ता ने जिला मंच के समक्ष प्रस्तुत प्रार्थना पत्र की प्रति प्रस्तुत नहीं की है। अधिवक्ता विपक्षी सं0-२ लगायत ७ द्वारा यह सूचित किया गया कि विद्वान जिला मंच के समक्ष उसने अपना प्रतिवाद पत्र प्रस्तुत कर दिया है। पक्षकारों की साक्ष्य प्रस्तुत की जानी है। परिवादी अपनी साक्ष्य प्रस्तुत न करके यह प्रार्थना पत्र अकारण सुनवाई में विलंब करने के उद्देश्य से प्रस्तुत किया था। विद्वान जिला मंच पक्षकारों की साक्ष्य प्रेषित किए जाने के उपरांत यदि आवश्यक समझता है तो रिवीजनकर्ता द्वारा वांछित अभिलेख मंगा सकता है। प्रश्नगत आदेश हमारे विचार से विधिक रूप से त्रुटिपूर्ण नहीं है। रिवीजन याचिका में बल नहीं है, निरस्त किए जाने योग्य है।
आदेश
रिवीजन याचिका निरस्त की जाती है।
उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
उभयपक्ष को इस आदेश की प्रमाणित प्रतिलिपि नियमानुसार निर्गत की जाए।
(उदय शंकर अवस्थी) ( महेश चन्द )
पीठा0सदस्य सदस्य
सत्येन्द्र, आशु0 कोर्ट नं0-5