Uttar Pradesh

StateCommission

TA/11/2024

Raj Kumar - Complainant(s)

Versus

New Leelamani Hospital - Opp.Party(s)

Abhishek Tiwari

21 Nov 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Transfer Application No. TA/11/2024
( Date of Filing : 06 Nov 2024 )
(Arisen out of Order Case No. CC/279/2013 of District Kanpur Nagar)
 
1. Raj Kumar
A-1914 LIG HANSPURAM, NAUBASTA, KANPUR NAGAR
KANPUR NAGAR
UTTAR PRADESH
...........Appellant(s)
Versus
1. New Leelamani Hospital
CIVIL LINES KANPUR
KANPUR NAGAR
UTTAR PRADESH
2. DR. MANISH KUMAR
C/O NEW LEELAMANI HOSPITAL 114/116 C, CIVIL LINES, KANPUR NAGAR, 208001
KANPUR NAGAR
UTTAR PRADESH
3. THE ORIENTAL INSURANCE CO.
THROUGH ITS DIVISIONAL MANAGER, AT D.O.-1, KANPUR NAGAR
KANPUR NAGAR
UTTAR PRADESH
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 21 Nov 2024
Final Order / Judgement

( मौखिक )

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।

 

ट्रान्‍सफर प्रार्थना पत्र संख्‍या : 11/2024

 

Raj Kumar  

बनाम

New Leelamant Hospital & Ors.

 

समक्ष  :-

     1-मा0 न्‍यायमूर्ति  श्री अशोक कुमार,      अध्‍यक्ष।

 

दिनांक :21-11-2024

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष  द्वारा उदघोषित निर्णय

प्रस्‍तुत ट्रान्‍सफर प्रार्थना पत्र आज वीडियो कान्‍फ्रेन्सिंग के माध्‍यम से सुनवाई हेतु पेश हुआ। परिवादी के विद्धान अधिवक्‍ता श्री  अभिषेक तिवारी को वीडियो कान्‍फ्रेन्सिंग के माध्‍यम से सुना गया।   

परिवादी के विद्धान अधिवक्‍ता ने प्रस्‍तुत ट्रान्‍सफर प्रार्थना पत्र  इस आयोग के सम्‍मुख जिला आयोग, कानपुर नगर से परिवाद संख्‍या-279/2013 को किसी अन्‍य जिला आयोग में स्‍थानान्‍तरित किये जाने हेतु प्रस्‍तुत किया है।

परिवादी के विद्धान अधिवक्‍ता को सुना गया तथा पत्रावली का परिशीलन किया गया।

पत्रावली के परिशीलनोंपरान्‍त यह पाया गया कि परिवादी की ओर से पूर्व में भी एक विविध वाद संबंधित परिवाद को शीघ्र निर्णीत किये जाने हेतु इस आयोग के सम्‍मुख योजित किया गया था, जिस पर सुनवाई करते हुए मेरे द्वारा विविध वाद संख्‍या-393/2022 में दिनांक 21-02-2024 को आदेश पारित किया जा चुका है, जिसके अनुसार वाद को 06 माह के अंदर निस्‍तारित किये जाने हेतु संबंधित जिला आयोग को निर्देशित किया गया है।

परिवादी के विद्धान अधिवक्‍ता का कथन है कि परिवादी लगभग 78 वर्ष का वृद्ध है तथा उसने अपना परिवाद वर्ष 2013 में संबंधित  जिला

 

 

 

 

-2-

 

आयोग के सम्‍मुख प्रस्‍तुत किया था, परन्‍तु लगभग 11 वर्ष का समय व्‍यतीत हो जाने के पश्‍चात भी उसका वाद आज  तक निस्‍तारित नहीं हो सका है और वर्तमान समय में कानपुर नगर, में अध्‍यक्ष का पद रिक्‍त चल रहा है अत: उसके वाद को अन्‍यत्र जिला आयोग में स्‍थानान्‍तरित किया जावे जिससे परिवादी को यथाशीघ्र उचित न्‍याय मिल सके।

परिवादी के विद्धान अधिवक्‍ता को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध प्रपत्रों का सम्‍यक परिशीलन एवं परीक्षण किया गया।

परिवादी के विद्धान अधिवक्‍ता को सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध प्रपत्रों का सम्‍यक परिशीलन एवं परीक्षण करने के पश्‍चात मैं इस मत का हूँ कि वर्तमान समय में पूरे प्रदेश में लगभग 40 प्रतिशत पद अध्‍यक्ष एवं-

सदस्‍य के  रिक्‍त चल रहे हैं और शासन द्वारा भी शीघ्र पदों को भरने की प्रक्रिया अमल में लायी जा चुकी है, जिससे कि प्रत्‍येक जिले में कोरम पूर्ण हो सके और जिससे  आम जनमानस/वादकारियों को ऐसी स्थिति का सामना न करना पड़े और वादकारियों को न्‍यायालयों से त्‍वरित न्‍याय मिल सके।

अत: न्‍यायहित में मैं इस मत का हूँ कि परिवादी द्वारा जो वाद को स्‍थानान्‍तरित किये जाने का कारण बताया गया है वह उचित प्रतीत नहीं होता है क्‍योंकि यदि वाद को अन्‍यत्र जिला आयोगों में पद रिक्‍त की दशा में स्‍थानान्‍तरित किया जावेगा तो प्रत्‍येक खाली पड़े जिला आयोगों से भी वाद को स्‍थानान्‍तरित किये जाने की प्रक्रिया प्रारम्‍भ कर दी  जावेगी जिससे भयावह स्थिति उत्‍पन्‍न हो जावेगी।

अत: सम्‍पूर्ण तथ्‍यों एवं परिस्थितियों पर विचार करते हुए मेरे मतानुसार ट्रान्‍सफर प्रार्थना पत्र निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।

आदेश

परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत ट्रान्‍सफर प्रार्थना पत्र निरस्‍त किया जाता है और जिला आयोग को आदेशित किया जाता है कि जैसे ही अध्‍यक्ष का पद भर जावेगा और कोरम पूर्ण हो जावेगा तो परिवादी वाद की सुनवाई शीघ्र करने हेतु प्रार्थना पत्र 15 दिन की अवधि में जिला आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत करेगा जिस पर कार्यवाही करते हुए जिला आयोग वाद को 06 माह के अंदर गुणदोष के आधार पर निस्‍तारित किया जाना सुनिश्चित करेगा।

 

 

-3-

 

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

(न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)

अध्‍यक्ष

प्रदीप मिश्रा, आशु0 कोर्ट नं0-1

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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