ORDER | द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्यक्ष - इस परिवाद के माध्यम परिवादी ने यह उपशम मांगा है कि विपक्षीगण से उसे त्रुटिपूर्ण मोबाइल सैट की कीमत अंकन 46,000/- रूपया 18 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित दिलाई जाऐ अथवा इसी मॉडल/ सीरीज का नया मोबाइल नई वारण्टी के साथ विपक्षीगण से दिलाया जाऐ। क्षतिपूर्ति की मद में 30,000/- रूपया और परिवाद व्यय की मद में 14,000/- रूपया परिवादी ने अतिरिक्त मांगे हैं।
- परिवाद कथन संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी ने परिवाद के पैरा सं0-2 में उल्लिखित एक मोबाइल 46,000/- रूपया में विपक्षी सं0-1 से खरीदा था। इस मोबाइल में तकनीकी खराबी थी इस कारण विपक्षी सं0-3 ने उक्त मोबाइल सैट बदलावाकर उसे नया मोबाइल सैट दिलवा दिया। नये मोबाइल सैट की मॉडल सं0-सी-6802 तथा उसका सीरियल नं0-357656051754316 था। बदले गऐ मोबाइल की इनवायस और एक साल की गारण्टी भी परिवादी को दी गई। मोबाइल सैट के सम्बन्ध में टी0वी0 पर दिऐ गऐ विज्ञापन के माध्यम से और विपक्षी सं0-2 जो इस मोबाइल सैट की निर्माता कम्पनी है की ओर से परिवादी को यह भी बताया गया कि यह मोबाइल पानी के अन्दर भी काम करता है और खराब नहीं होता। परिवादी के अनुसार अचानक मार्च, 2014 में मोबाइल सैट पानी में गिर गया, उसने विपक्षी सं0-1 से सम्पर्क किया। विपक्षी सं0-1 ने परिवादी को विपक्षी सं0-3 से सम्पर्क करने की सलाह दी। विपक्षी सं0-3 मुरादाबाद में उक्त मोबाइल का अधिकृत सर्विस सेन्टर है। विपक्षी सं0-3 ने सैट को बिना खोले कह दिया कि पानी में भीग जाने के कारण यह मोबाइल खराब हो चुका है और यह किसी भी अवस्था में खुल नहीं सकता। परिवादी ने पुन: विपक्षी सं0-1 से सम्पर्क किया उसकी सलाह पर परिवादी ने विपक्षी सं0-2 को मेल भेजा और सैट को बदलने का अनुरोध किया। विपक्षी सं0-2 ने ई-मेल के माध्यम से परिवादी को अवगत कराया कि क्षेत्रीय कार्यालय के माध्यम से परिवादी की समस्या का निदान करने का वे प्रयास कर रहे हैं, किन्तु परिवादी की समस्या का समाधान नहीं किया गया बल्कि दिनांक 22/05/2014 को ई-मेल द्वारा परिवादी को प्रस्ताव किया कि मोबाइल की कीमत 80 प्रतिशत भुगतान करके परिवादी को नया मोबाइल दिया जा सकता है जिसके लिए परिवादी तैयार नहीं हुआ। परिवादी ने सैट को बदलने की पुन: प्रार्थना की, किन्तु विपक्षी सं0-2 ने यह कहकर कि मोबाइल सैट के अन्दर तरल पदार्थ प्रवेश कर गया है जो मोबाइल सैट को पूरी तरह बन्द न करने की बजह से हुआ अब सैट नहीं बदला जा सकता। परिवादी के अनुसार मोबाइल सैट पूरी तरह से बन्द था। सर्विस सेन्टर पर भी उसे नहीं खोला गया था। सैट में प्रारम्भ से ही निर्माण सम्बन्धी त्रुटि थी। विपक्षीगण ने सैट न बदलकर अनुचित व्यापार पद्धति अपनाई। उक्त कथनों के आधार पर परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
- परिवाद के साथ परिवादी ने परिवाद के पैरा सं0-2 में उल्लिखित मोबाइल खरीदे जाने की रसीदें, उक्त मोबाइल के खराब होने पर विपक्षी सं0-2 द्वारा परिवादी को उपलब्ध कराऐ गऐ नये मोबाइल की रिटेल इनवायस, वारण्टी की शर्तें, परिवादी तथा विपक्षी सं0-2 के मध्य मोबाइल में आई खराबी और उसे ठीक कराने /बदलने सम्बन्धी ई-मेल के माध्यम से हुऐ पत्रारचार की फोटो प्रतियों को दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/8 लगायत 3/16 हैं। परिवादी की ओर से सी0डी0 भी मूल रूप में दाखिल की गई है जिसमें परिवादी के अनुसार अन्य के अतिरिक्त इस बात का भी उल्लेख है कि मोबाइल सैट पानी के अन्दर भी कार्य करता है और खराब नहीं होता, यह सी0डी0 पत्रावली में कागज सं0-6 पर उपलब्ध है।
- विपक्षी सं0-1 ने प्रतिवाद पत्र कागज सं0-8/1 लगायत 8/3 दाखिलकिया जिसके समर्थन में विपक्षी सं0-1 के प्रोपराईटर श्री विजय कुमार ने अपना साक्ष्य शपथ पत्र दाखिल किया। उत्तरदाता विपक्षी सं0-1 ने अपने प्रतिवाद पत्र में दिनांक 28/08/2013 को परिवाद के पैरा सं0-2 में उल्लिखित मोबाइल क्रय किया जाना, मोबाइल सैट की निर्माता कम्पनी द्वारा प्रदत्त वारण्टी परिवादी को दिया जाना तथा सैट खराब हालत में लाऐ जाने पर सैट को सर्विस सेन्टर पर दिखाऐ जाने हेतु परिवादी से कहना तो स्वीकार किया है, किन्तु परिवाद के शेष कथनों से इन्कार किया गया है। उसने अग्रेत्तर कहा कि वह विपक्षी सं0-2 द्वारा निर्मित मोबाइल का अधिकृत डीलर है उसने मोबाइल चालू हालत में परिवादी को बेचा था। मोबाइल सैट ठीक कराने अथवा बदलने का उसे कोई अधिकार नहीं है। परिवादी ने उसे अनावश्यक पक्षकार बनाया है अपने विरूद्ध उसने परिवाद को खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की।
- विपक्षी सं0-2 प्रश्नगत मोबाइल सैट की निर्माता कम्पनी है उसकी ओर से शपथ पत्र से समर्थित प्रतिवाद पत्र कागज सं0-11/1 लगायत 11/10 दाखिल किया जिसमें परिवाद कथनों को आधारहीन और असत्य बताते हुऐ परिवाद खारिज किऐ जाने की प्राार्थना की गई। प्रतिवाद पत्र में अग्रेत्तर कथन किया गया कि मोबाइल काल ड्राप हो जाने और फोन हैंग हो जाने तथा मोबाइल सैट गर्म हो जाने विषयक शिकायतों के सन्दर्भ में परिवादी द्वारा विपक्षी सं0-2 के मेरठ स्थित सर्विस सेनटर पर सम्पर्क किया गया था जिस मोबाइल सैट को कम्पनी के इंजीनियर ने ठीक कर दिया। परिवादी ने दिनांक 15-01-22014 को पुन: विपक्षी सं0-3 से सम्पर्क किया और मोबाइल सैट में खराबी बतायी, किन्तु चैक करने पर विपक्षी सं0-3 द्वारा मोबाइल सैट में कोई कमी नहीं पायी गई साफटवेयर अपग्रेड करके परिवादी को मोबाइल वापिस कर दिया गया। दिनांक19/05/2014 को परिवादी पुन: विपक्षी सं0-3 के पास आये और उन्होने मोबाइल सैट पानी में गिर जाने के कारण खराब हो जाने की शिकायत की। चैक करने पर पाया गया कि मोबाइल सैट में पानी अन्दर चला गया है और वह पूरी तरह बन्द हो चुका है। सैट में चॅूंकि पानी अन्दर चला गया था अत: इसकी वारण्टी स्वत: खत्म हो गई। परिवादी को 20 प्रतिशत छूट देकर नया मोबाइल उपलब्ध कराने का प्रस्ताव किया गया जिसे परिवादी ने अस्वीकार कर दिया। विपक्षी सं0-2 ने अग्रेत्तर कहा कि परिवादी को मोबाइल सैट की यूजर गाइड भी उपलबध कराई गई थी। विपक्षी सं0-2 के अनुसार यूजर गाइड में उल्लिखित शर्तों के अधीन मोबाइल सैट के वाटर एवं डस्ट रेजिस्टेन्ट होने की वारणटी दी गई थी। शर्तों के अनुसार मोबाइल की माइक्रो यू0एस0बी0, पोर्ट, माइक्रो सिम, मैमोरी कार्ड स्लाट तथा हैण्ड सैट जैक पूरी तरह से बन्द होने चाहिऐ थे, किन्तु ऐसा होना नहीं पाया गया इसलिए उत्तरदाता विपक्षी सं0-2 सैट बदलने अथवा उसकी रिपेयर करने का उत्तरदायी नहीं है। विपक्षी सं0-2 ने सेवा देने में कोई कमी नहीं की तथा अनुचित व्यापार पद्धति नहीं अपनाई। उक्त कथनों के आधार पर परिवाद को सव्यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की।
- विपक्षी सं0-3 पर रजिस्टर्ड नोटिस की तामीला पर्याप्त थी, किन्तु उनकी ओर से न तो काई उपस्थित हुऐ और न ही प्रतिवाद पत्र दाखिल हुआ। फोरम के आदेश दिनांक 15/07/2015 के अनुक्रम में विपक्षी सं0-3 के विरूद्ध परिवाद की सुनवाई एकपक्षीय की गई।
- विपक्षी सं0-2 की और से विपक्षी के अधिकृत प्रतिनिधि श्री प्रियांक चौहान ने अपना साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-15/1 लगायत 15/10 दाखिल किया जिसमें उन्होंने विपक्षी सं0-2 की ओर से दाखिल प्रतिवाद पत्र के कथनों को शपथ दोहराया।
- परिवादी की ओर से लिखित बहस कागज सं0-16/1 लगायत 16/3 दाखिल हुई।
- हमने परिवादी तथा विपक्षी सं0-1 व 2 के विद्वान अधिवक्तागण के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया। विपक्षी सं0-3 की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुऐ।
- विपक्षी सं0-1 व 2 की ओर से परिवादी के इस कथन का प्रतिवाद नहीं किया गया है कि परिवादी द्वारा दिनांक 28/8/2013 को खरीदा गया मोबाइल खराब हो जाने के कारण परिवादी को विपक्षी सं0-3 ने बदलवाकर नया मोबाइल सैट दिनांक 16/10/2013 को विपक्षी सं0-2 से दिलावाया था। उल्लेखनीय है कि वर्तमान विवाद परिवादी को विपक्षी सं0-2 द्वारा अभिकथित रूप से दिनांक 16/10/2013 को उपलब्ध कराऐ गऐ मोबाइल से सम्बन्धित है जिसकी रिटेल इनवायस पत्रावली का कागज सं0-3/9 है।
- परिवादी के अनुसार उसका यह मोबाइल फर्श पर गिर गया था जहॉं पानी था, गिरने के कारण यह सैट खराब हो गया। परिवादी ने विपक्षी सं0-3 को इसे दिखाया, किन्तु विपक्षी सं0-3 के इंजीनियर ने सैट को बिना खोले ही परिवादी से कहा कि यह सैट ठीक नहीं हो सकता, इसमें निर्माण सम्बन्धी त्रुटि है। विपक्षी सं0-2 के विद्वान अधिवक्ता के अनुसार सैट गिरने की वजह से उसमें पानी अन्दर चला गया जिस कारण वह डेड हो गया। मोबाइल सैट पूरी तरह बन्द नहीं था जिसके कारण सैट में पानी घसा और पानी घुस जाने के कारण मोबाइल सैट की वारण्टी स्वत: खत्म हो गई, अत: वारण्टी के अधीन सैट को बदलने अथवा उसे रिपेयर करने के लिए विपक्षी सं0-2 उत्तरदाई नहीं है। विपक्षी सं0-2 की ओर से यह भी कहा गया कि काल ड्राप, सैट हैंग होने तथा उसके गर्म होने सम्बन्धी शिकायतों को विपक्षी सं0-2 के मेरठ स्थित सर्विस सेन्टर पर दूर किया गया था इस तथ्य को परिवादी ने छिपाया है और परिवादी स्वच्छ हाथों से फोरम के समक्ष नहीं आया। विपक्षी सं0-2 के विद्वान अधिवक्ता की ओर से यह भी कहा गया कि परिवादी को 20 प्रतिशत छूट पर नया मोबाइल देने का प्रस्ताव किया गया, किन्तु परिवादी ने उसे स्वीकार नहीं किया। विपक्षी सं0-2 की ओर से यह कहते हुऐ कि विपक्षी सं0-2 की ओर से न तो सेवा में कमी की गई और न ही अनुचित व्यापार प्रथा पद्धति अपनाई गई, अत: परिवाद खारिज किया जाये।
- प्रत्युत्तर में परिवादी की ओर से कहा गया कि सैट को कभी खोला ही नहीं गया। विपक्षी सं0-3 ने भी सैट को बिना खोले ही यह कहकर वापिस कर दिया था कि इसमें निर्माण सम्बन्धी त्रुटि है और यह ठीक नहीं हो सकता अत: विपक्षी सं0-2 के यह आरोप की सैट पूरी तरह बन्द नहीं था और इस कारण सैट में पानी घुसा था नि:तान्त मिथ्या और आधारहीन है। परिवादी की ओर से अग्रेत्तर यह भी तर्क दिया गया कि मोबाइल फर्श पर गिरा था पानी में डूबा नहीं था इस दृष्टि से भी मोबाइल के अन्दर पानी घुँसने का प्रश्न नहीं था। अतिरिक्त यह भी तर्क दिया गया कि परिवादी को मोबाइल की यूजर गाइड तथा शर्ते जिनका उल्लेख विपक्षी सं0-2 ने अपने प्रतिवाद पत्र में किया है कभी उपलब्ध ही नहीं कराई गई। ऐसी दशा में कथित शर्तों से परिवादी बाध्य नहीं है। हम परिवादी के विद्वान अधिवक्ता के इन तर्कों से सहमत हैं जब यूजर गाइड परिवादी को उपलब्ध ही नहीं कराईगई थी उसमें उल्लिखित शर्तों से परिवादी बाध्य नहीं है अन्यथा भी जब मोबाइल सैट खोला ही नहीं गया और उसे पानी में डुबाया ही नहीं गया था तो उसके अन्दर पानी घुस जाने का कोई अवसर नहीं था। विपक्षी सं0-2 के प्रतिवाद पत्र के पैरा सं0-4 में उल्लिखित इन कथनों से परिवादी ने इन्कार किया है कि काल ड्राप होने/ मोबाइल हैंग होने और इसके गर्म हो जाने सम्बन्धी शिकायतों के लिए परिवादी ने विपक्षी सं0-2 के मेरठ सिथत सर्विस सेन्टर पर सम्पर्क किया था जहॉं मोबाइल की रिपेयर की गई थी। कदाचित विपक्षी सं0-2 यह दर्शाना चाहता है कि जब दिनांक 19/05/2014 को पानी में फर्श पर गिर जाने के बाद परिवादी मोबाइल सैट की शिकायत लेकर विपक्षी सं0-3 के पास आया था तब तक मोबाइल सैट मेरठ सिथत विपक्षी सं0-2 के सर्विस सेन्टर पर खोला जा चुका था, किन्तु अपने इस प्रयास में विपक्षी सं0-2 सफल नहीं हो पाये हैं क्योकि परिवादी का मेरठ स्थित सर्विस सेन्टर पर मोबाइल की शिकायते लेकर जाना और कथित रूप से वहां परिवादी का मोबाइल रिपेयर किया जाना विपक्षी सं0-2 किसी अभिलेखीय साक्ष्य से प्रमाणित नहीं कर पाया है। यदि मेरठ स्थित सर्विस सेन्टर पर मोबाइल रिपेयर हुआ होता तो स्वाभाविक रूप से उसका जॉब कार्ड बना होगा, किन्तु विपक्षी की ओर से किसी जॉब कार्ड की नकल पत्रावली में दाखिल में नहीं की गई है। अत: फर्श पर मोबाइल गिरने से पूर्व मोबाइल सैट खोला जा चुका था यह तथ्य प्रमाणित नहीं होता। यदि तर्क के तौर पर विपक्षी सं0-2 के प्रतिवाद पत्र के पैरा सं0-4 में उल्लिखित यह तथ्य कि मेरठ स्थित सर्विस सेन्टर में मोबाइल की रिपेयर हुई थी सही मान लिया जाऐ तो उससे यह प्रमाणित है कि मोबाइल में काल ड्राप, फोन हैग होने तथा फोन के गर्म हो जाने की तकनीकी समस्याऐं पहले से मौजूद थी। इससे परिवादी के इस कथन को बल मिलता है कि मोबाइल सैट में शुरू से ही निर्माण सम्बन्धी दोष थे।
- उपरोक्त विवेचना के आधार पर हम इस निष्कर्ष पर पहुँचे हैं कि विपक्षी सं0-2 ने मोबाइल सैट रिपेयर न करके अथवा उसे बदलने से इंकार करके अनुचित व्यापार पद्धति अपनाई और परिवादी को सेवाऐं देने में कमी की। हमारे अभिमत में विपक्षी सं0-2 को मोबाइल की कीमत ब्याज सहित परिवादी को वापिस करने हेतु निर्देशित किया जाना नयायोचित दिखाई देता है। उक्त के अतिरिक्त विपक्षी सं0-2 से परिवादी को 2,500/- (दो हजार पॉंच सौ रूपये) परिवाद व्यय और एकमुश्त 5,000/- रूपया क्षतिपूर्ति भी अतिरिक्त दिलाया जाना न्यायोचित होगा। परिवाद तदानुसार निर्णीत होने योग्य है।
- आदेश
- विपक्षी सं0-2 को आदेशित किया जाता है कि परिवाद में अवस्थित रिटेल इनवायस कागज सं0-3/9 में उल्लिखित मोबाइल के बदले परिवादी को वे 46,000/- (छियालीस हजार रूपये मात्र) 9प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित आज की तिथि से एक माह के भीतर अदा करें। ब्याज की यह धनराशि परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वास्तविक वसूली की तिथि तक की अवधि हेतु देय होगी। उक्त के अतिरिक्त परिवादी विपक्षी सं0-2 से परिवाद व्यय के रूप में 2,500/- (दो हजार पॉंच सौ रूपये) और क्षतिपूर्ति के रूप में एकमुश्त 5,000/- रूपये अतिरिक्त पाने का अधिकारी होगा। यदि मोबाइल सैट परिवादी के पास है तो भुगतान प्राप्त करने से पूर्व उसे मोबाइल सैट वापिस करना होगा।
(श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सामान्य सदस्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
23.01.2016 23.01.2016 23.01.2016 हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 23.01.2016 को खुले फोरम में हस्ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सामान्य सदस्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
23.01.2016 23.01.2016 23.01.2016 | |